डॉ.सीमा अग्रवाल 524 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बादलों पर घर बनाया है किसी ने... बादलों पर घर बनाया है किसी ने। चाँद को फिर घर बुलाया है किसी ने। भावना के द्वार जो गुमसुम खड़ा था, गीत वो फिर गुनगुनाया है किसी ने। आँधियों... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 85 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read आज जब वाद सब सुलझने लगे... आज जब वाद सब सुलझने लगे। बेवजह आप क्यों उलझने लगे ? शाख भी फिर लचक टूटने लगी, फूल भी जो खिले मुरझने लगे। था हमें भी कभी शौक ये... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 84 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read सूर्य तम दलकर रहेगा... सूर्य तम दलकर रहेगा। हिम जमा गलकर रहेगा। ज्ञान से अज्ञान हरने, दीप इक जल कर रहेगा। लिप्त जो मिथ्याचरण में, हाथ वो मल कर रहेगा। कुलबुलाता नित नयन में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 72 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read पढ़ो लिखो आगे बढ़ो... पढ़ो लिखो आगे बढ़ो... पढ़ो लिखो आगे बढ़ो। सोपान प्रगति के चढ़ो। कमजोरियों के अपनी, दोष न औरों पर मढ़ो। घुस रीढ़ में समाज की, डस रहीं जो कुरीतियाँ। उन्हें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 104 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read मनु-पुत्रः मनु के वंशज... मनु के वंशज ! आदि पुरुष सृष्टि के, अनंत शक्ति के स्रोत तुम हो। इकाई हो तुम पूर्ण, स्वयंभू, सक्षम सब विध, रहो न पराश्रित। समाहित हैं तुममें, समग्र शक्तियाँ,... Poetry Writing Challenge-3 · छंदमुक्त 1 100 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read मुक्तक... देह ये अवदान उसका, पुण्य जो तुमने किए हैं। पाप बढ़ता देखकर भी,होंठ क्यों तुमने सिए हैं ? चाँद तारे सूर्य नभ सर, भू नदी पर्वत घटाएँ, हैं अलौकिक नेमतें... Poetry Writing Challenge-3 · मुक्तक 1 82 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 May 2024 · 1 min read फिर सुखद संसार होगा... दूर हर अँधियार होगा। फिर सुखद संसार होगा। हर खुशी निर्बाध होगी। पूर्ण मन की साध होगी। भूलवश गलती किसी से, हुई यदि एकाध होगी। शोध सारी खामियों को, मूल... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 3 121 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read देख तुम्हें जीती थीं अँखियाँ.... देख तुम्हें जीतीं थीं अँखियाँ, रोएँ अब दिन-रैन। खटते-खटते बीती उमरिया, मिला न मन को चैन। जब से तुमसे लगन लगी थी। प्यास हृदय में जगन लगी थी। फेर लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 86 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 May 2024 · 1 min read रास्ता तुमने दिखाया... जब थका तन हारता मन, हौसला तब-तब बढ़ाया। लक्ष्य पर नित बढ़ रही मैं, रास्ता तुमने दिखाया। बेबसी के उस प्रहर में, ढा रहा था जग कहर जब। सुर सधी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 123 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 3 May 2024 · 1 min read मातु शारदे करो कल्याण.... वरदा सुखदा गुणों की खान। मातु शारदे करो कल्यान। कमल आसिनी हंसवाहिनी। ज्ञानदायिनी शक्तिदायिनी। मातु शरण रह नित्य तुम्हारी, करूँ तुम्हारा धवल यशगान। सुखदायिनी माँ वरदायिनी, दे दो अपनी दया... Poetry Writing Challenge-3 2 103 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 May 2024 · 1 min read बची रहे संवेदना... सुख-दुख सबके एक हों, रहे न जरा दुराव। बची रहे संवेदना, बना रहे सद्भाव।। हित औरों का सोचना, अपनी इच्छा मार। बने यही संवेदना, जीवन का आधार।। © सीमा अग्रवाल... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · दोहे 2 102 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Apr 2024 · 1 min read बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन। बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन। पलभर भी फिरते नहीं, इधर तुम्हारे नैन।। चंदा तारों में रमा, तकती राह चकोर। फेर मुँह एक बार तो, देखे उसकी ओर।। © सीमा... Hindi · Quote Writer · दोहे 1 105 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Apr 2024 · 1 min read संवेदन-शून्य हुआ हर इन्सां... सहमी सी है आज कलम, शब्द उदास हैं खोए-खोए ! जग में कितनी पीड़ाएँ हैं, आखिर कोई कितना रोए ! मानव ही जब मानव की, व्यथा समझ न पाता है।... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 119 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 Mar 2024 · 1 min read आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ? आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ? जुड़ना भी चाहें अगर, जीरो रहे निचोड़।। हम खालिस जीरो सही, शून्य हमारा मान। जुड़ें दहाई आप बन, बढ़ जाए कुछ शान।।... Quote Writer 2 157 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Mar 2024 · 1 min read हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ। हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ। सिखलाती उनको सबक, कुदरत कान उमेठ।। © सीमा अग्रवाल Quote Writer 4 140 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Mar 2024 · 1 min read शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष। शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष। कृपा-मेघ बरसें सघन, भरे रिक्त मन-कोष।। आदिगुरू शिव को कहें, उपजा शिव से ज्ञान। शिव से जीवन-जोत है, शिव से ही कल्यान।। ©... Quote Writer 4 128 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 16 Feb 2024 · 1 min read चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत। चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत। टेसू-ढाक-पलाश ले, खेले फाग बसंत।। ठूँठ हुए हर वृक्ष पर, आए पल्लव-फूल। पीत बरन भू- सुंदरी, ओढ़े खड़ी दुकूल।। © सीमा अग्रवाल... Quote Writer 3 145 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 11 Feb 2024 · 1 min read बसंत का आगम क्या कहिए... बसंत का आगम क्या कहिए, दिन चमचम रात उजाली है। नत यौवन-भार से आज धरा, हुई मद में गजब मतवाली है। घाम ने अंगों को झुलसाया। शीत ने कैसा कहर... Hindi · गीत · बसंत 3 194 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 9 Feb 2024 · 1 min read रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध। रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध। लेखक लेकर लेखनी, लिखते ललित निबंध।। साथी मैन बसंत का, लगा रहा मन-घात। कोयल काली कूक कर, करे कुठाराघात।। © सीमा अग्रवाल Hindi · Quote Writer · दोहे 2 154 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 Feb 2024 · 1 min read कुछ कहमुकरियाँ.... १- जपूँ अहर्निश उसका नाम। बनाए वो बिगड़े सब काम। वही मुक्ति वही चारों धाम। क्या सखि साजन ? ना सखि राम। २- आगे पीछे मेरे डोले। कान में कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कहमुकरी 3 201 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Feb 2024 · 1 min read साजन तुम आ जाना... सावन के आने से पहले, साजन तुम आ जाना। बदरा घिर आने से पहले, साजन तुम आ जाना। जो ना तुम आए तो प्रियतम, आँसू आ जाएँगे। कजरा बह जाने... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 2 158 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 4 Feb 2024 · 1 min read काश तुम ये जान पाते... जान जाते जो तुम्हें हम, दिल न यूँ तुमसे लगाते। क्यों जगाते कामनाएँ, चाहतों को पर लगाते ? जानते जो बेवफाई, है तुम्हारी फ़ितरतों में, जिंदगी के राज अपने, क्यों... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 2 142 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Feb 2024 · 1 min read घनाक्षरी गीत... जीवन हुआ है भारी, लुटतीं खुशियाँ सारी, विरह-विदग्धा नारी, प्रिय को पुकारती। कहाँ गए तुम नाथ, क्यों छोड़ गए यूँ साथ, झुकाऊँ कहाँ ये माथ, सोच न मन पावे। रो-रोकर... Poetry Writing Challenge-2 1 167 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 2 Feb 2024 · 1 min read छंद घनाक्षरी... कृपाण घनाक्षरी-श्रीकृष्ण जन्म... मैया की पीन पुकार, सुनते थे बारंबार, करने पाप संहार, आए स्वयं इस बार। छुपी प्रलय वृष्टि में, हलचल थी सृष्टि में, दृश्य अद्भुत दृष्टि में, हुए... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 4 160 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Feb 2024 · 1 min read कृपाण घनाक्षरी.... १-हे प्रभु ले अवतार... अद्भुत यह संसार, समझ न आए पार, फँसी नाव मझधार, कर प्रभु बेड़ा पार। लेकर धर्म की आड़, करें सभी खिलवाड़, मेटे से मिटे न राड़,... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 3 171 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 1 Feb 2024 · 1 min read अब न तुमसे बात होगी... अब न तुमसे बात होगी। अनमनी हर रात होगी। अब न होंगे चाँद- तारे, ना रुपहली रात होगी। कुछ पलों की जिंदगानी, कुछ पलों में ढेर होगी। दो घड़ी भी... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 4 205 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 31 Jan 2024 · 1 min read हम करें तो... हम करें तो बेइमानी। वो करें तो बुद्धिमानी। सत्य पर उँगली उठाना, शौक उनका खानदानी। बीज बोकर नफरतों का, खेल खेलें आग-पानी। पाँव उनके चूमती है, संपदा हो नौकरानी। थोपते... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 138 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read इस तरह क्या दिन फिरेंगे.... जो छलेंगे, वो फलेंगे। इस तरह क्या दिन फिरेंगे ? डग न सीधे भर रहे जो, पर लगा नभ में उड़ेंगे। आज हम उस राह पर हैं, जिस राह बस... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 2 159 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 2 min read किस्मत भी न जाने क्यों... हमने तुमको दिल दिया, तुमने आँसू-भार। प्रेम-समर में पाँव रख, पायी हमने हार। बनते-बनते काम में, देती पलटी मार। किस्मत भी न जाने क्यों, खाए रहती खार। शब्द हृदय पर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा गीत 1 103 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 2 min read किन्नर व्यथा... हमें भी तो जना तुमने, पिता का खून थे हम भी। कलेजा क्यों किया पत्थर, सुनें तो माँ जरा हम भी। दिखा दो एक भी ऐसा, कमी कोई नहीं जिसमें,... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 3 146 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read माँ सच्ची संवेदना... माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास। मेरे जीवन-पुष्प में, माँ खुशबू का वास।। रंग भरे जीवन में जिसने, महकाया संसार। पाला पोसा जानोतन से, दिया सुघड़ आकार। खुश रहे जो... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा · मुक्तक 2 179 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read कर्मवीर भारत... भारत सदा से ही रहा है कर्मवीरों की थली। दम पे इन्हीं के सभ्यता अनुदिन यहाँ फूली फली। नित काम में रत हैं मगर फल की न करते कामना। सौ... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 2 137 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read पग न अब पीछे मुड़ेंगे... कस कमर जो चल पड़े हैं, पग न वे पीछे मुड़ेंगे। तुम जियो आजाद होकर, अब न तुम पर भार हूँ मैं। कर्म अपने साथ लेकर, जी रही अधिकार हूँ... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत 2 213 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jan 2024 · 1 min read दिन सुखद सुहाने आएंगे... बीतेंगी रातें गम की दिन, सुखद सुहाने आएंगे। आज नहीं तो कल वो तेरे, नाज उठाने आएंगे। कचरे पर जो बैठे अकड़े, कूड़ा तुझको समझ रहे। वही कभी जूड़े में... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 175 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक... हंसगति छन्द मुक्तक... छंद हंसगति मिले हार या जीत, नहीं कुछ जानूँ। जग में सच्चा मीत, तुम्हें ही मानूँ। जब प्रभु करूँ पुकार, विनय सुन लेना। देकर तनिक दुलार, कष्ट हर लेना।... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक · हंसगति छंद 2 176 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 29 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक... छंद हंसगति आज खुशी की रात, दिवाली आयी। सजी दीप की पाँत, छटा मन भायी।। देख सफल वनवास, देव हरषाए। हर्ष मगन रनिवास, सुवन घर आए।।१ रूप छटा घन श्याम, सहज मन... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक · हंसगति छंद 1 145 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक... छंद मनमोहन १- शीश झुकाकर करूँ नमन। करो प्रभो सब पाप शमन।। द्वेष-दंभ सब करें गमन। रहे देश में सदा अमन।। २- सर-सर सर-सर चले पवन। नर्तन करते धरा - गगन।। मन... Poetry Writing Challenge-2 2 237 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read दोहे एकादश... नैनों में प्रिय तुम बसे, अधर तुम्हारा नाम। एक इशारा तुम करो, चलूँ तुम्हारे धाम।।१।। धंधा करते झूठ का, दावे करते नेक। सिर्फ एक या दो नहीं, देखे यहाँ अनेक।।२।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहे 2 160 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read सजल...छंद शैलजा अच्छे बच्चे- छंद शैलजा... {२४ मात्राएँ .१६-८ पर यति,अंत- दीर्घ (गा)} रोज सवेरे शाला जाते, अच्छे बच्चे। सदा बड़ों को शीश नवाते, अच्छे बच्चे। पढ़ते-लिखते नाम कमाते, आगे जाते, मात-पिता... Poetry Writing Challenge-2 · सजल 2 144 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन १- ढूँढते हैं प्राण पागल, धूप में भी छाँव। चाँदनी नीचे बिछी पर, जल रहे हैं पाँव। शांत नीरव रात में भी, मचा मन में शोर। चाँद गुपचुप नैन खोले,... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 2 188 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक...छंद पद्मावती १- तुमसे ये जीवन... मन की सब बातें, रस-बरसातें, रात-दिवस हम करते थे। सुख-दुख भी आकर, बनते चाकर, कंटक मग के हरते थे। तुमसे ये जीवन, जैसे उपवन, हरा-भरा नित... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 1 189 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 Jan 2024 · 1 min read कुसुमित जग की डार... हंसगति छन्द... 1- गजानन श्री गणेश, सदा सुखकारी। शिव शंकर हैं तात, उमा महतारी। प्रथम पूज्य श्रीपाद, अमंगल हारी। चरण नवाऊँ माथ, हरो अघ भारी। 2- ये हैं गण के... Poetry Writing Challenge-2 · हंसगति छंद 2 200 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Jan 2024 · 1 min read राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस... कर रहे शुभकामना.... पर्व है गणतंत्र दिवस का, राष्ट्र की आराधना। अखंड भारत देश रहे ये, कर रहे शुभकामना। सबके सुख-दुख अपने सुख-सुख, भाव मन में पुष्ट हो। भेद-भाव की... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 2 125 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Jan 2024 · 1 min read चंद मुक्तक- छंद ताटंक... अपनी भाषा अपनी संस्कृति, किसे न मोहित करती है ? अपनी माँ या अपनी मासी, किसे न प्यारी लगती है ? पर अपना ये देश अनूठा, पर संस्कृति पर मरता... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 1 142 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 Jan 2024 · 1 min read बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं। बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं। प्रफुल्लित जन अहोभागी, दुखों के दैत्य भागे हैं। कहीं पर दुंदुभी बजती, कहीं बजते नगाड़े हैं। जनकपुर औ अयोध्या में,... Quote Writer 2 187 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 Jan 2024 · 1 min read सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं। सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं। गगनचुंबी इमारत हैं, तनी अद्भुत कनातें हैं। बड़ी शुभदा घड़ी पावन, विराजें राम आसन पर, पखारें पाँव प्रभुवर के, भरी जल की... Quote Writer 1 157 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 21 Jan 2024 · 1 min read लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर। लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर। बजें नगाड़े - दुंदुभी, गुंजित नभ के छोर।। पलक-पाँवड़े मग बिछा, खड़ा सज्ज हो द्वार। राम-दरश की कामना, करता हर परिवार।। ©... Quote Writer 1 127 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 20 Jan 2024 · 1 min read बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं। बनी दुलहन अवध नगरी, सियावर राम आए हैं। उठा नजरें जरा देखो, अलख सौगात लाए हैं। सरोरुह से नयन कोमल, सरल व्यौहार है इनका, सखी आओ चलें देखें, सुखों के... Quote Writer 1 207 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 15 Jan 2024 · 1 min read क्या यही संसार होगा... चरम पर व्यभिचार होगा। बढ़ रहा अँधियार होगा। सात्विकता क्षीण होगी, तमस का विस्तार होगा। गालियों से बात होगी, अस्मिता पर वार होगा। ध्वस्त होंगीं सभ्यताएँ, मूल्य मन पर भार... Hindi · गीतिका · सजल 3 182 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 8 Jan 2024 · 1 min read नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा। नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा। नमामि राम का संयम, नमामि राम की गरिमा। 🙏🙏 भावमगन जन अवध पुरी के, राजकुँवर घर आएँगे। सागर सुख के लहराएँगे, घट... Quote Writer 3 170 Share Previous Page 2 Next