मनोज शर्मा Language: Hindi 107 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 मनोज शर्मा 21 Sep 2020 · 1 min read पथ तुम आते कितनी बार रोज़ बस यौंही लौट जाते हो मेरा परिचय इतिहास नहीं आज भी तुम संग है पूर्ववत मेरे शून्य मंदिर में आज भी तुम गूंजते हो तुम्ही... Hindi · कविता 1 387 Share मनोज शर्मा 21 Sep 2020 · 2 min read मूल्यांकन पसंद चयन और वरीयता तीन ऐसे शब्द है जो एक दूसरे से संबद्ध है प्राय हमें जो पसंद होता है उसे चयन करना अपना ध्येय मानते हैं पर जीवन में... Hindi · लेख 1 2 559 Share मनोज शर्मा 21 Sep 2020 · 1 min read सुई दिन बदल गये जीवन नहीं बदला आज भी वही सुई है जो कल थी पर आज उसकी महत्ता बदल गई आज घर के सिले कपड़े कौन पहनता है आधुनिक सभ्य... Hindi · कविता 1 515 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read शब्द कितने ही निरर्थक शब्द जीवन शैली में अभिन्न रूप से जुड़ने लगते हैं कुछ और कब पता ही नहीं चलता।ऐसे बेअदबी शब्द जिनके कोई मायने नहीं होते फिर भी सुनकर... Hindi · लेख 2 727 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read स्टेटस तुम मुझे उतना ही जानते है जितना मैं तुम्हें शायद उसी तरह जैसे तुम मेरे रोज़ के स्टेट्स को पढ़ लेते हो और चूंकि मेरा परिचय अब आपके मोबाइल में... Hindi · लेख 1 310 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read मोहन राकेश की डायरी से हवा में वासंती स्पर्श है-समय अच्छा-अच्छा लगता है।ऐसे में अनायास मन होता है कि हल्के-हल्के स्वर में किसी से बात करें।अपने चारों ओर घर की मिठास,घर की उष्णता हो।किसी के... Hindi · लेख 1 365 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read उर्दू की मिठास कितने मुख्तलिफ़ चेहरों से ग़ुफ़्तगू होती है कुछ दिले ख़ास होते हैं तो कुछ निहायत बद दिमाग।उर्दू ज़ुबान में 'बा'और 'बे' का यकीनन् बेहतरीन प्रयोग है।जैसे बाअदब मतलब अच्छे से... Hindi · लेख 2 334 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read Wish Ohh my sweetest wish Come fast Come fast Please hold me tight In your Lovely hand My eyes always Looks your path My lips Always follow Your words I search... Hindi · कविता 1 661 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read वक़्त वक्त साथ है अभिव्यक्त नहीं होता कभी योंही तुम साथ रहो पूर्ववत लगता है तुम हो तुम ही हो पर साथ क्यों नहीं होते तुम कभी कभी साथ थे पहले... Hindi · कविता 1 632 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read सबेरे सबेरे डेढ़ महीने से कमरों में था घर के अहाते या ड्योढ़ी तक चलना निकलना बस इतना ही या एक आध बार अत्यधिक ज़रूरी काज से घर के आसपास तक ही... Hindi · लेख 1 390 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read मां मां संग होती है रोज़ उम्रभर हर पल हर क्षण पर दिखती है एक बार 'मदर्स डे' पर व्हट्सअप्प फेसबुक पर फोटुओं में जैसे कोई नया खिलौना आता हो घर... Hindi · कविता 1 522 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 2 min read मेरी किताब खिड़की के शीशों पर गर्द जम चुकी है ओस की बूंदों से वो और भी घनी हो गई है बाहर झांकने के लिए खिड़की की तरफ देखा पर वहां अब... Hindi · लेख 1 636 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read किताब आज मैं मिलूंगा एक बार फिर स्वयं से कभी हरी घास पर कभी बादलों में कभी मखमली बिस्तर की झीनी चादर पर पैर पसारकर उन्मुक्त उच्छृंखल पूर्ववत हाथों के मध्य... Hindi · कविता 1 419 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read सिगरेट जी चाहता है तुम्हें अपने होठों से छूं लूं तुम मेरा पहला प्रेम हो।जानती हो तुम्हे मैं उन दिनों से चाहता हूं जब मैं स्कूल जाया करता था पर तुम्हे... Hindi · लेख 1 330 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read मेरा चश्मा मेरा चश्मा रोज देखता एक सुनहरा सपना कभी इठलाता कभी सहम जाता नज़र बचाता आंख उठाता यौंही बादलों में घिर जाता घने कोहरे सा नित् आता मेरा जीवन उजियारा कर... Hindi · कविता 3 744 Share मनोज शर्मा 20 Sep 2020 · 1 min read मोहन राकेश वो आने वाला है एक बार फिर बस दो रोज़ में उसकी गहरी आंखों पर मोटा काला चश्मा है सिर पर उलझे बालों का पफ उसके गोल चेहरे की परीधि... Hindi · लेख 2 2 861 Share मनोज शर्मा 15 Feb 2017 · 3 min read काव्य का मानवीकरण काव्य तुम क्या हो शायद तुम नहीं जानते हो और न समझ सकते हो एक विशुद्ध साहित्य से,सह्रदय से ,एक सुखद आलिंग्न की भांति एक ऐसी अनुभूति और एक असहज... Hindi · लेख 1 975 Share Previous Page 4