Johnny Ahmed 'क़ैस' Language: Hindi 173 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Johnny Ahmed 'क़ैस' 15 Sep 2022 · 1 min read नाचनेवालियाँ अब हमें ज़िन्दगी की ख़बर मिल रही मौत से जब हमारी नज़र मिल रही। ज़ीस्त उस रोज़ से बे-असर लग रही मौत जब से हमे बन सँवर मिल रही। जनवरी... Hindi · Ghazal · Johnny Ahmed · Kavita 1 240 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 10 Sep 2022 · 1 min read जनता किसी गुस्ताख़ चींटी की तरह जूती तले मसल दी जाएगी। ताकि जनता माँग न सके अपने हक़ का कुछ भी। एक वेश्या के बदन से जैसे ग्राहक कपड़े नोचता है,... Hindi 1 173 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 7 Sep 2022 · 1 min read मैं नहीं मगर मैं नहीं मगर बरामदे पे रखे गेरुवे फूलदान पूछ रहे थे उन पर अपने अल्फ़ाज़ का पानी कब डालोगी। घर की हवादार खिड़कियाँ पूछ रही थी तुम उन्हें नए पर्दों... Hindi · Johnny Ahmed · Kavita · Love 1 137 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Aug 2022 · 1 min read हाँ तुझे बस ये बताना चाहता हूँ हाँ तुझे बस ये बताना चाहता हूँ अब तुझे मैं भूल जाना चाहता हूँ। नाँव बनवाकर तेरे झूठें ख़तों की एक नाली में बहाना चाहता हूँ। ख़ूब ख़र्चे कर दिए... Hindi · Ghazal · Johnny Ahmed 2 319 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Jul 2022 · 1 min read अँगड़ाई हम ज़िन्दगी से ऊबकर मर ही गए होते मगर हमने किसी इक सुब्ह उसकी अँगड़ाई देख ली -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · Johnny Ahmed · Love · शेर 2 368 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 10 Jun 2022 · 1 min read अम्मी आकर कहा फ़रिश्तों ने " तुझको हर एक ख़ुशी मिलेगी। मौत के बाद जन्नत भी मिलेगी। "' हँसते हुए बस इतना पूछा " क्या जन्नत में अम्मी मिलेगी......? " -जॉनी... Hindi · Johnny Ahmed · कविता 3 1 374 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 29 May 2022 · 1 min read पी गहरी क्या है ? पी की आँखें मीठी क्या है ? पी की बातें सरगम क्या है ? पी के पायल बादल क्या है ? पी का आँचल पी की... Hindi · कविता 1 1 193 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 29 May 2022 · 1 min read तेरे लिए मुझे फ़क़त उतना करना है तेरे लिए बहार जितना करता है फूलों के लिए -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · शेर 1 220 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 May 2022 · 1 min read ख़्वाहिश यूँ तो अज़ल से लम्स मेरा याद है तुझको फिर भी मिरी ख़्वाहिश कि तुझको चूमके देखूँ -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · शेर 1 124 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 May 2022 · 1 min read ग़ुस्लख़ाना वो ग़ुस्लख़ाना मिरा सबसे बड़ा दुश्मन है तू रोज़ जिसमें नहाती है बिला कपड़ों के -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · शेर 1 306 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 10 May 2022 · 1 min read दिल हमारा टूटने पर क्या किसी को ग़म हुआ दिल हमारा टूटने पर क्या किसी को ग़म हुआ कौन रोया साथ अपने कौन कब मरहम हुआ। हम बिना सुर-ताल ही हर राग को गाते रहे रूह ने जब तार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 450 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 29 Apr 2022 · 1 min read तुम मुझे भुला दोगी शायद तुम मुझे भुला दोगी शायद पर मैं नहीं भूल पाउँगा। न तुम्हारी आँखे, जिनसे चाँद रोशनी लेता था। न तुम्हारी बातें, जो शक्कर से भी मीठी थी। न तुम्हारे दाए... Hindi · कविता 2 286 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Apr 2022 · 1 min read हमें जिनसे मोहब्बत है वही हमसे ख़फ़ा क्यूँ है हमें जिनसे मोहब्बत है वही हमसे ख़फ़ा क्यूँ है बड़ी जिसकी ज़रूरत है वही हमसे खफ़ा क्यूँ है हमें तो बात भी करनी नहीं आती किसी से पर करे जिनसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 214 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2022 · 1 min read गर किसी मोड़ पर हम कभी फिर मिले गर किसी मोड़ पर हम कभी फिर मिले देख कर हम खुशी से गले फिर मिले बैठ कर फिर बहुत देर तक यूँ रहे जिस तरह से सफ़र में मुसाफ़िर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 161 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2022 · 1 min read राजा और पपीहा हीरों से जड़े एक पिंजरे में जो था सोने से बना राजा ने डाल पपीहे को बोला एक गीत सुना। पपीहे के मुँह से आह के जैसी एक आवाज़ निकली... Hindi · कविता 2 2 317 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Apr 2022 · 1 min read तिरी बारहा याद आए मुझे तिरी बारहा याद आए मुझे तिरी याद हर पल सताए मुझे। हमेशा तिरी बात करते हुए पुराना ज़माना रुलाए मुझे। सभी को पता है मिरे हाल का ज़रा कोई अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 151 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 18 Apr 2022 · 1 min read हिन्दोस्ताँ हमारा हमारे मुल्क़ की मिट्टी से आती ख़ुशबू है कहीं गंगा कहीं जमुना तो कहीं सरयू हैं। हमारा मुल्क़ तो त्योहारों का जादू हैं कहीं लोहड़ी कहीं पोला तो कहीं बिहू... Hindi · कविता 165 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Apr 2022 · 1 min read बाद तेरे इतनी कोशिश की हमने पर हमें हासिल न हुआ वो सफ़र बनके रह गया कभी मंज़िल न हुआ। हमने इस दिल को बना डाला बसेरा-ए-खिज़ा बाद तेरे कोई इसमें कभी... Hindi · शेर 145 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Apr 2022 · 1 min read शेर कुछ गहरे सागर में भी देखो डूब नहीं पाते कुछ इंसाँ है कि चुल्लू भर पानी में डूब जाते -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · शेर 1 132 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Mar 2022 · 1 min read उसे आज हम से मोहब्बत नहीं है उसे आज हम से मोहब्बत नहीं है उसे आज अपनी ज़रूरत नहीं है। यकीं सब हमारे बिखरने लगे है मगर मेरे होंठों पे तोहमत नहीं है मुझे ग़म भी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 165 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 13 Mar 2022 · 1 min read हमेशा तुम्हारी भूली बिसरी यादें और यादों का एक तहख़ाना, तहख़ाने के कोने में उन यादों की एक अलमारी। अलमारी के दरवाज़े पे ग़म का एक मोटा ताला, और अलमारी के कोने... Hindi · कविता 172 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 26 Feb 2022 · 1 min read वो रातें वो ख़ूबसूरत रातें, वो बे-हद हसीन, काजल सी काली रातें, जिनमें चाँद सूरज सा चमकता है। वो उल्फ़त की रातें, जिनमें चमेली की खुशबू हवा में तैरती है। हाँ वहीं... Hindi · कविता 188 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Feb 2022 · 1 min read ख़्वाब काश ख़्वाबों को हैसियत पता होती देखनेवाले की न दिल टूटने की झंझट होती न अश्क़ बहने का मसअला। हर कोई अपनी औक़ात के दायरे में रहता तालाब में समंदर... Hindi · कविता 2 356 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Feb 2022 · 1 min read अचानक तुम बदल गए हमें इस तरह छोड़कर तुम्हें जाना नहीं था पर यकायक वक़्त यूँ बदला अचानक तुम बदल गए। अधूरे ख़्वाब थे शायद जो तुमकों भारी लगते थे कुचलकर ख़्वाब पैरों से... Hindi · कविता 203 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 30 Jan 2022 · 1 min read कितना बदल गया हूँ मैं कहते हैं लोग सब कितना बदल गया हूँ मैं कहते हैं लोग सब कितनों ने मुझे बदला मतलब बिना मतलब। पैरों के महंगे जूतें दिखते हैं अब सभी को थे नंगें मेरे पाँव जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 506 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 20 Jan 2022 · 1 min read दुनियावाली जिसको अपनी दुनिया समझा वो तो दुनियावाली निकली। उसका हर एक वादा झूठा उसकी बातें जाली निकली। चेहरा उसका चाँद से गौरा नज़रें लेकिन काली निकली। उसका मेरे दिल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 366 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 7 Jan 2022 · 1 min read खिलौने सिर्फ़ और सिर्फ़ खिलौने उसके हर तरफ़ खिलौने ही खिलौने किताबें नहीं, बस खिलौने। वो स्कूल नहीं जाता था पढ़ाई-लिखाई नहीं करता था। वो गाड़ियों के पीछे दौड़ता था हँसते... Hindi · कविता 376 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 30 Dec 2021 · 1 min read सच सच , जिसका अर्थ हर किसी के लिए अलग होता है, किसी के लिए सच काला होता है किसी-किसी का सच काला होता है और किसी के लिए नीम सा... Hindi · कविता 381 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Nov 2021 · 1 min read गुमान सर पे जब भी किसीके बड़ी पगड़ियाँ दिखी ज़माने को उनकी ख़ामियों में खूबियाँ दिखी l फ़लक-बोस इमारतों के शहर से जब गुज़रा हर गली के मोड़ पर टूटी हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 508 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 Oct 2021 · 1 min read पगली प्रेम की वर्षा में क्या भीगी सौंप दिया तोहे तन मन बिरहन कमली जोगन पगली कहत है अब तो सब जन। तोहरे संग क्या प्रीत रचाई व्यथा में कटे है... Hindi · कविता 2 4 305 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Sep 2021 · 1 min read मैं आम आदमी हूँ सड़क किनारे पे खड़ा हुआ मैं एक सवाल हूँ मैं मुल्क की आवाम का ख़ामोश सा ख़्याल हूँ मैं चुप रहूँ तो ठीक हूँ मैं कुछ कहूँ बवाल हूँ मलाल... Hindi · कविता 2 246 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 8 Sep 2021 · 1 min read अकेला पेड़ अकेला पेड़ कभी भी अकेला नहीं होता वो दिखने में तन्हां सा पेड़ तन्हां नहीं होता। गुज़रते मुसाफ़िरों को बारिश-धूप से बचाता है वो तन्हां पेड़ सदियों की कहानी सुनाता... Hindi · कविता 1 409 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 31 Aug 2021 · 1 min read तबीयत- वसीयत बाप तबीयत-तबीयत कहता रहा बेटा वसीयत-वसीयत सुनता रहा -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · शेर 1 312 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Aug 2021 · 1 min read अनपढ़ ज़मीन मेरे गाँव की अनपढ़ ज़मीन को शहर की बातें समझ नहीं आती जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 2 2 307 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 20 Aug 2021 · 1 min read कितना आज़ाद है वो शख़्स कितना आज़ाद है वो शख़्स जिसको लालच की ज़ंजीर ने कभी जकड़ा नहीं जिसका डर उसके भरोसों से बड़ा नहीं जो इस जहां में झूठ के संग हुआ खड़ा नहीं... Hindi · कविता 223 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 4 Aug 2021 · 1 min read बचपन इससे पहले की इस जहाँ का सच समझ जाए आओ बचपन की कहानी में कहीं खो जाए हमको फिर से वो चँदा लगने लगे मामा सा वो लोग थे जो... Hindi · कविता 695 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 1 Aug 2021 · 1 min read मलाल-गुलाल-कमाल मेरे मलाल का हाल भी उसके गुलाल से लाल है ये बात एक ही बार में समझ लेना भी कमाल है -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 454 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Jul 2021 · 1 min read पाज़ेब उसने पैरों से क्या उतारे पाज़ेब बेसुरे से लगने लगे जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 396 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 Jul 2021 · 1 min read कश्ती झूठ के काग़ज़ से कश्ती बनाई थी सच के दरिया में लम्हों में डूब गई -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 1 2 288 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 7 Jul 2021 · 1 min read महसूस किया करना मेरे आग़ोश की गर्मी को महसूस किया करना तुम मेरी तरफ़ से अपने होंठ चूम लिया करना। हवा के झोंकों पे मैं हाल-ए-दिल लिखूँगा तुम्हें तुम अपनी साँसों से मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 386 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Jun 2021 · 1 min read जंग बारूद की महक अब भी हवा में बाकी थी दुश्मन के पास अब भी कई बम बाकी थे वो बस थोड़ी देर के लिए रुके हुए थे ऐसा भी नहीं... Hindi · कविता 242 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Jun 2021 · 1 min read लाश चौराहे पर पड़ी एक ताज़ा लाश चौराहे पर पड़े-पड़े बासी हो गई -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 1 243 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Jun 2021 · 1 min read निंदक लेप चढ़ जाने से रौप्य बनता नहीं कनक होता नहीं है सर्वदा, शत्रु कोई निंदक। -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 556 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Jun 2021 · 1 min read विडंबना महिला उदास - मदद आस-पास पुरुष उदास - सबको आये हास -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 269 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 18 Jun 2021 · 1 min read प्यारे फूल एक पल में मन को मोहित, करते हैं प्यारे फूल धरती के हर छोटे-बड़े को, लगते हैं प्यारे फूल। विविध रंगों से रंगें हुए हैं, रंग-बिरंगे प्यारे फूल कई तरह... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 294 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 18 Jun 2021 · 1 min read घड़ी जब भी मिले है उनसे घड़ी उतारकर मिले है -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 2 2 252 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 8 Jun 2021 · 1 min read पत्रकार मकड़ियों से भी जल्दी जाल बना लेते हैं ये पत्रकार हैं रोज़ नया मुद्दा बना लेते हैं -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 1 268 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 7 Jun 2021 · 1 min read पुष्प मैं रूप का वो कोष हूँ जो रिक्त नहीं होता शब्दों से मेरा सौंदर्य व्यक्त नहीं होता। वसुंधरा के मुखड़े की शोभा हूँ मैं बढ़ाती भ्रमर को मीठे रस का... Hindi · कविता 326 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 7 Jun 2021 · 1 min read चुनावी वादा हमारा इश्क़ एक पक्का इरादा था तुम्हारी मोहब्बत चुनावी वादा था। मुझ मामूली से वो कैसे इश्क़ करती उसकी नज़र में कोई शहज़ादा था। -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · शेर 1 2 327 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 31 May 2021 · 1 min read आधे अधूरे सवाल ज़िन्दगी क्या है? कभी सोचा है तुमने? मैंने? हाँ, मैंने तो सोचा है। मुझे तो आधे-अधूरे सवालों की कहानी लगती है। एक उलझी हुई सी बे-हद अज़ीब कहानी जिसके हर... Hindi · कविता 1 327 Share Previous Page 2 Next