डॉ विजय कुमार कन्नौजे Language: Hindi 161 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 डॉ विजय कुमार कन्नौजे 23 Mar 2023 · 1 min read संत गाडगे संदेश संत गाडगे संदेश 2 नशा पान में चूर हो ,करते हैं अंदेख । अकाट्य वचन गाडगे का ,पाल्य है संदेश।। पाल्य है संदेश बाबा का ,स्वच्छता कार्य अनमोल साफ सफाई... Hindi · कविता 1 537 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 21 Mar 2023 · 1 min read उम्र का लिहाज उम्र का लिहाज आया बहुत, गया बहुत , मैं भी जाने वाला हूं। गृहस्थ जीवन का है अनुभव तू भी नारी वाला है।। दर्द समझो बेटी बेटा का , गृहस्थी... Hindi · कविता 3 1 346 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 21 Mar 2023 · 1 min read ~रेत की आत्मकथा ~ रेत की आत्मकथा मैं पत्थर पहाड़ की बेटी हूं, मैं पत्थर पहाड़ की बेटी हूं।। किस्मत की मारी, दुखियारीन, महानदी की रेती हूं। मैं पत्थर पहाड़ की बेटी हूं।। उद्गम... Hindi · कविता 1 503 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 21 Mar 2023 · 1 min read कुडा/ करकट का संदेश कुडा/ करकट का संदेश मत रोको राह मेरा, मै कुड़ा दान मैं जाऊंगा। करो सफाई,घर द्वार, मै रूप बदलकर आऊंगा।। हाड़ मांस करूं चमड़ी, किया तुमको अर्पण। इसके बदले कर... Hindi · कविता 1 313 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 21 Mar 2023 · 1 min read शब्द वाणी वाणी,शब्द कभी आग की अंगारा लगती हो, तो कभी शीतल पानी । कौंआ की कर्कश बोलीं तो कभी कोयल सी मीठी वाणी ।। मौनव्रत में हे वाणी ,माटी की तुरंत... Hindi · कविता 3 1k Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 21 Mar 2023 · 1 min read मौसम खराब है मौसम खराब है मौसम खराब है तो लोग मौसम बनाते हैं। कोई इंग्लिश कोई देसी तो कोई ठर्रा चढ़ाते हैं बन गया मौसम फिर मजा ही मजा है माली है... Hindi · कविता 2 194 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 20 Mar 2023 · 1 min read पत्ता की आत्मकथा पल्लव/पत्ते की आत्मकथा चाहत बने थे लोग बाग, जब मुझमें भरी जवानी थी। नव पल्लव में मनमोहक, जवानी मेरी हरियाली थी।। पीली होकर पतित हुईं, अंत समय ललामी थी। सृष्टि... Hindi · कविता 3 1 181 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 20 Mar 2023 · 1 min read नशा मुक्ति नशा मुक्ति अभियान लगाकर वृक्ष हरा भरा,जो जड़ जलाते हैं। पता नहीं ऐसा मानव,इस धरती पर क्यों आते हैं।। परवाह नहीं फल फुल का,तना भी रोती हैं। सर पकड़ कर... Hindi · कविता 3 106 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 20 Mar 2023 · 1 min read मैं कवि नहीं मैं कवि नहीं,लेखक नहीं, दिल की आवाजें लिखता हूं। देख हालत वक्त की, अश्रुनीर से भिंगता हू।। कभी हास्य कभी करुण कभी क्रोधाग्नि में जलता हूं। रौद्र रस में बहकर... Hindi · Poem 4 121 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 20 Mar 2023 · 1 min read गाडगे जी खोल, इतिहास,देख पुराना, दबंगों का अत्याचार। दलितों को पैर से रौंदा, मचा हुआ था हाहाकार।। दबंग तो दबंग निकलें, त्रस्त हुए दलित समुदाय देख हालत वक्त की, डिबु निकले छोड़... Hindi · कविता 1 135 Share डॉ विजय कुमार कन्नौजे 20 Mar 2023 · 1 min read शिक्षा गाडगे महराज देख दशा द्रवित हुआ, फक्कड़ संत फकीर । दीन दुखी का हालत पे, लिया खींच लकीर।। लिया खींच लकीर फकीर ने, बन बैठा संन्यासी। घट घट में राम बिराजे, निर्गुण... Hindi · कविता 2 260 Share Previous Page 4