Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2023 · 1 min read

शब्द वाणी

वाणी,शब्द

कभी आग की अंगारा लगती हो,
तो कभी शीतल पानी ।
कौंआ की कर्कश बोलीं
तो कभी कोयल सी मीठी
वाणी ।।
मौनव्रत में हे वाणी ,माटी की तुरंत लगती हो।
कभी पराया अनजाना,तो कभी अपना स लगती हो।।
आम की अमराई है,या बरगद की छाया।
काठ की कठपुतली है,या धातु की काया।।
निद्रा वस्था में रहती है,या चकमा देकर भाती है,।
कभी पराया अनजाना,तो कभी अपना सा लगती हो।।
ग्रिष्म की अंगारा हो या वर्षा की पानी।
शीतल की शीतलता हो या,बसंत की रानी,
तुम्हीं बताओ कौहो तुम,एक माया ही लगती हो।
कभी पराया अनजाना, तो कभी अपना सा लगती हो
शब्द जाल में मुझे फंसाकर,क्यों रूप बदलकर आती हो।
कवि हृदय के धड़कन में,क्यों लेखनी बनकर तड़पाती हो
उलझ गया हूं शब्द जाल में,लेखनी भी रूकती है।
क्रोधाग्नि की महाज्वाला, मेरे नजरों में झुलती है।।
साहित्य के इस महासागर में ब्याकरण बनकर रहती हो।।
कभी पराया अनजाना तो कभी अपना सा लगती हो।।
नौ रस में तुम समाकर,दिल में आनन्द भर्ती हो।
साहित्य मंच में हे देवी,देव अपस्सर से जचती हो।
कभी पराया अनजाना तो कभी अपना सा लगती हो।।
रस छंद अलंकार सजाकर,दोहा सोरठा चौपाई की रानी,।
बहुत सुन्दर लगती हो,ताल ,धमाल, कव्वाल की वाणी।।
कभी सिंह की दहाड़,तो कभी तोते की बोली बनती हो।।
कभी पराया अनजाना तो कभी अपना सा लगती हो।।।

Language: Hindi
3 Likes · 915 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हे प्रभू !
हे प्रभू !
Shivkumar Bilagrami
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
शहीद -ए -आजम भगत सिंह
Rj Anand Prajapati
कितना भी  कर लो जतन
कितना भी कर लो जतन
Paras Nath Jha
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
"मैं-मैं का शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
💐प्रेम कौतुक-277💐
💐प्रेम कौतुक-277💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
!! एक ख्याल !!
!! एक ख्याल !!
Swara Kumari arya
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ शायद...?
■ शायद...?
*Author प्रणय प्रभात*
कन्यादान
कन्यादान
Mukesh Kumar Sonkar
गर्म हवाओं ने सैकड़ों का खून किया है
गर्म हवाओं ने सैकड़ों का खून किया है
Anil Mishra Prahari
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
श्याम सिंह बिष्ट
एक रूपक ज़िन्दगी का,
एक रूपक ज़िन्दगी का,
Radha shukla
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए
पूर्वार्थ
अश्रुऔ की धारा बह रही
अश्रुऔ की धारा बह रही
Harminder Kaur
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
Er. Sanjay Shrivastava
गीतिका-
गीतिका-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भुला ना सका
भुला ना सका
Dr. Mulla Adam Ali
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
Ranjeet kumar patre
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
*मगर चलने में अपने पैर से ही चाल आती है (मुक्तक)*
*मगर चलने में अपने पैर से ही चाल आती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नींद आती है......
नींद आती है......
Kavita Chouhan
बालगीत :- चाँद के चर्चे
बालगीत :- चाँद के चर्चे
Kanchan Khanna
थोड़ा थोड़ा
थोड़ा थोड़ा
Satish Srijan
नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी
नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
Loading...