Sanjay ' शून्य' Language: Hindi 209 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay ' शून्य' 19 Nov 2024 · 1 min read यात्रा प्रेम, प्रेम हम भी समझते हैं, मां का, बाप का, भाई का, बहन का,बीबी का, अपनो का। गला कैसे घोंट दूं मिट्टी का, परिवार का, समाज का, देश का, बच्चों... Hindi 1 16 Share Sanjay ' शून्य' 14 Nov 2024 · 1 min read अडिग रहिए मत डरना कीट पतंगों से, मानव समाज के नंगों से। होता नव निर्माण सहज, मौलिकता वादी जंगो से।। बस एक दिया दिवाली की, जब अपने लौ पर आती है। वर्षा... Hindi 1 19 Share Sanjay ' शून्य' 10 Nov 2024 · 1 min read भारतीय समाज मुफ्त की रोटी मुफ्त का ज्ञान, स्वास्थ्य सुरक्षा न्याय विधान। मुफ्तखोर नागरिक बनाकार, चिल्लाओ भारत देश महान।। बाप तोड़ता परिवारों को, देश को तोड़े अब्बू जान। फादर करते जिस्म का... Hindi 1 24 Share Sanjay ' शून्य' 3 Nov 2024 · 1 min read देश आपका जिम्मेदारी आपकी संविधान के दिए सभी अधिकार बताए जा रहें है। यह विधान जिस देश का उसको छुपाए जा रहें है।। व्यक्तिगत अधिकार को जो ऊंचा बताया जा रहा है। कुछ इस... Hindi 1 31 Share Sanjay ' शून्य' 29 Oct 2024 · 1 min read लेखन सागर नदियां झील तालाब, कब कहते हैं मत लो आब। कल दो लोटे बहस कर रहे, कर लो दस बूंदों का हिसाब।। बाल्मीकि, तुलसी, सूर और लिखे ग्रंथ बहु वेद... Hindi 1 36 Share Sanjay ' शून्य' 29 Oct 2024 · 1 min read राम बनो, साकार बनो अंधेरा है! जला दो दीप तुम उत्साह भर दो। अगर हो सूर्य के वंशज तो आभावान कर दो।। दिवाली राम गाथा है, स्वागत सूर्य वीरकुल का है। है गाथा हनु... Hindi 1 33 Share Sanjay ' शून्य' 26 Oct 2024 · 1 min read धैर्य क्यों करना है जान गए तो, क्या करना आ जाएगा। मंजिल भी तब साफ दिखेगी, चलना भी आ जाएगा।। राह तुम्हे खुद दिखलाएगी, कांटे कंकड़ पत्थर फूल। अंधियारे पथ पर... Hindi 1 27 Share Sanjay ' शून्य' 23 Oct 2024 · 1 min read देश आपका मेरा सब कुछ था, हां सब कुछ मेरा था। मेरी ही काली रातें,बिन सूरज मेरा सबेरा था।। दुश्वारी लाचारी मेरी थी, सर्द दर्द दुख मेरा था। मेरी आंखों ने जो... Hindi 1 40 Share Sanjay ' शून्य' 15 Oct 2024 · 1 min read कुछ असली कुछ नकली अस्पतालों से ज्यादा बीमार बाहर हैं, कुछ असली कुछ नकली। जेलों से अधिक अपराधी बाहर हैं, कुछ असली कुछ नकली। परिवारों से अधिक बाप बाहर हैं, कुछ असली कुछ नकली।... Hindi 1 29 Share Sanjay ' शून्य' 8 Oct 2024 · 1 min read हरियाणा चुनाव जलवा रहा किसानों का, मुंह बंद हुआ बेईमानों का। ऐसी वैसी है को ना, ये माटी स हरियाणे का।। किसान, जवान, पहलवान! हरियाणा देश की शान! बधाई हो देश प्रेमी... Hindi 1 26 Share Sanjay ' शून्य' 25 Sep 2024 · 1 min read इंसान टोकरी फल की बढ़ा दी मैंने इक मजलूम को, भूख तो इतनी लगी थी पत्ते तक खा जाता मैं। दर्द उसका था, तो था सहना उसी को, मैंने उसके साथ... Hindi 1 36 Share Sanjay ' शून्य' 24 Sep 2024 · 1 min read खाने में थूक! छी थूक मूत सब जायज हुआ है जमाने में। खुले आम अब करें मिलावट खाने में।। बेशर्मी से नेता करें बचाव ऐसे कुकर्मो का। आप बताएं क्या करें जनता इन बेशर्मों... Hindi 1 23 Share Sanjay ' शून्य' 21 Sep 2024 · 1 min read दोपाया सोचो ना दोपाए बहुपाया बनेंगे, दीन मजलूमों के हमसाया बनेंगे। जो खड़े न हो सके खुद पैर पर, वो दूसरों का वक्त भी जाया करेंगे।। पैर उनके पास है पर... Hindi 1 46 Share Sanjay ' शून्य' 17 Sep 2024 · 1 min read युवा आज़ाद था वो बागी, पर बागी जैसे, उसके तेवर ना थे। अंदर तूफान समेटे था, बाहर से वैसे कलेवर ना थे।। अपनी पीड़ा, पीड़ा ना थी, पीड़ा देश गुलामी का था।... Hindi 1 36 Share Sanjay ' शून्य' 15 Sep 2024 · 1 min read इश्क हमने तुमको छोड़ा पर, मिलने की गुंजाइश रखी, वरना तेरे दिए जख्मों को, वक्त कहां भर पायेगा। मैने तुमको इश्क किया शिद्दत से, तुम क्या जानों, वरना उन नाजुक लम्हों... Hindi 1 39 Share Sanjay ' शून्य' 11 Sep 2024 · 1 min read कलिपुरुष न अच्छा पुत्र, न अच्छा पति। लंपटराम बने जगपति।। न अच्छा भाई, न अच्छा बाप। झूठाराम बना अभिशाप।। न अच्छा पशु, न अच्छा मनुज। मायाराम बन गया दनुज।। बात में... Hindi 1 42 Share Sanjay ' शून्य' 6 Sep 2024 · 1 min read बड़ा कौन पहले ये तो समझो की तुम कहां खड़े हो। फिर जग को बतलाना किससे कहां बड़े हो।। कुछ तो धन बुद्धि कर्म धर्म में अंतर होगा। मानव जीवन में यह... Hindi 1 48 Share Sanjay ' शून्य' 1 Sep 2024 · 1 min read जागो, जगाओ नहीं कितना बुरा प्रारब्ध था, कुछ भी नहीं उपलब्ध था। झूठ के उस झुंड में, सत्य भी निः शब्द था।। कायरों का नीड़ था, पापियों का भीड़ था। वीर अभिमन्यु बधा... Hindi 1 1 55 Share Sanjay ' शून्य' 29 Aug 2024 · 1 min read बोलबाला हुए इक्कट्ठे पापी कायर, धर्मसत्य ही दुश्मन उनका। दुष्प्रचार है शस्त्र और झूठ शास्त्र है उनके मन का।। नहीं चलेंगे सही मार्ग पर, सत्यमार्ग को कहेंगे गंदा। चौबीस घंटे बस... Hindi 1 52 Share Sanjay ' शून्य' 27 Aug 2024 · 1 min read जनता खून पसीना आंसू सब बेमतलब है, उसको तो अपने कोठे से मतलब है। तेरी आहों चित्कारों से क्या लेना, उसको घुंघुरू की छम छम से मतलब है।। तेरी भूख का... Hindi 1 54 Share Sanjay ' शून्य' 24 Aug 2024 · 1 min read दौड़ पैसे की प्रेम गया पानी गया, गंगा रहे नहाय। पतित पतित के पाहुने, हाड़मांस मिलि खाय।। पैसा पैसा रट रहा, यह मानव की जात। घात घाट सब कर रहा, बिन देखे जात... Hindi 1 50 Share Sanjay ' शून्य' 4 Aug 2024 · 1 min read लड़ाई बड़ी है! आज़ादी किसके लिए, किसकी छिनी जमीन। सब कुछ उसका लुट गया, होता नहीं यकीन।। राजा अब नेता हुआ, बेच बेच कर खेत। लोक लाज के वास्ते, अब बेंच रहे हैं... Hindi 1 67 Share Sanjay ' शून्य' 2 Aug 2024 · 1 min read ईश्वर प्रेम पियासा ईश्वर ढूंढ रहे हो यारों पैसों में। देख रहा ईश अब कैसे कैसों में।। खुद को भूले कि मनुवतारी हो। सारे जीवों के तुम्हीं प्रभारी हो।। मायावश तुमने सबका व्यापार... Hindi 2 52 Share Sanjay ' शून्य' 25 Jul 2024 · 1 min read पन बदला प्रण बदलो रोटी अपनी कम करो, थोड़ी कर दो चाह। सहज सुखद हो जाएंगी, बुढ़ापे की राह।। हो जाए जब तन शिथिल, मन की खीचों डोर। मैं मेरा सब भूलकर, सौप दो... Hindi 1 69 Share Sanjay ' शून्य' 20 Jul 2024 · 1 min read वो वक्त ने तुमको दिया गर चोट तो मरहम भी देगा। गर मिली है बेवफाई तो वो कोई हमदम भी देगा।। वो तो सबका है सभी को देखता है एक नजर... Hindi · शेर 1 83 Share Sanjay ' शून्य' 14 Jul 2024 · 1 min read भोगी ताकना है झांकना है आंकना है कर्म को। बेंचना निर्लज्जता है, फांकना है शर्म को।। है निरा आज़ाद शारीरिक और वैचारिक भी। मन बिका तन बिका अब बेचते है धर्म... Hindi 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 9 Jul 2024 · 1 min read खानाबदोश कविता में गहराई और महफिल में तन्हाई ढूंढते हैं। बड़े नाकारा हैं वो लोग अपनों में बेवफाई ढूंढते हैं।। मामा में कंस और रावण में अपना वंश ढूढते हैं। ऐसे... Hindi 2 67 Share Sanjay ' शून्य' 30 Jun 2024 · 1 min read जन्मदिन पहले वो थे अब ये सब है, आगे अब किसकी बारी है। हां पिछले बावन वर्षो से अपना, संघर्ष निरंतर जारी है।। थीं चुनौतियों बहुत कठिन,तो नतमस्तक कर स्वीकार किया।... Hindi 1 1 67 Share Sanjay ' शून्य' 24 Jun 2024 · 1 min read मनुष्य बनिए स्वस्थ्य तन मन है नहीं, स्वस्थ्य जन कैसे सृजित हों। स्वस्थ्य जब भोजन नहीं, क्यों न मानव दिग्भ्रमित हो।। फिर रहे बाजार में, बड़के सौदाई बने। जो मनुज ही बन... Hindi 1 74 Share Sanjay ' शून्य' 23 Jun 2024 · 1 min read पथप्रदर्शक प्रभाव में रहना, प्रवाह में बहना अफवाहों की महफिल है मूर्खों का गहना। चुनते है खुद के रास्ते सच्ची नियति के साथ, संघर्ष के सफर पर चुनते है चलते रहना।।... Hindi 1 63 Share Sanjay ' शून्य' 16 Jun 2024 · 1 min read गलतफहमी दीवाना बना फिरता था मैं जिसके इश्क में, मासूमियत से उसने हसरत बता दिया। रखना खयाल मेरे बूढ़े अब्बू जान की, शौहर से मिला करके नफरत जता दिया। अब क्या... Hindi 1 71 Share Sanjay ' शून्य' 7 Jun 2024 · 1 min read बयार ये उल्टी बयार है, है ये खतरा बड़ा, दिखाने का नीचा, चलन चल पड़ा। चढ़ूंगा शिखर पर, दमन तेरा करके, नए युग का ज्वर, सर है सबके चढ़ा।। ये प्रतियोगी... Hindi 1 78 Share Sanjay ' शून्य' 19 May 2024 · 1 min read मनुष्य और प्रकृति मेरा किरदार समझने के लिए, खुद का सुख चैन गंवाना होगा। अपना सर्वस्व निछावर करके, खुशी से गालियां खाना होगा।। खुशी से दे सको अपने वस्त्र, और परसी सामने की... Hindi 1 80 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति मातृशक्ति एक नहीं अनंत भार, जीवन में लेकर चलती है। दुःख सागर में होठों पर, ले मुस्कान मचलती है।। वेद मंत्र सृजन का जो, जीवन को सिखलाती है। संबंधों का... Poetry Writing Challenge-3 1 81 Share Sanjay ' शून्य' 12 May 2024 · 1 min read मातृशक्ति एक नहीं अनंत भार, जीवन में लेकर चलती है। दुःख सागर में होठों पर, ले मुस्कान मचलती है।। वेद मंत्र सृजन का जो, जीवन को सिखलाती है। संबंधों का सूत्रधार... Hindi 1 91 Share Sanjay ' शून्य' 5 May 2024 · 1 min read दूरी जरूरी का करिहौ अवधेश, झूठ की हो गई शादी। मिली दुल्हनिया चोर, सुनो हो गई बर्बादी।। मां की ममता बनी रही, जो झूठ को पाला। पिता झूठ का बाप, जो तोड़ई... Hindi 1 105 Share Sanjay ' शून्य' 4 May 2024 · 1 min read प्रेम मिटना पड़ता सदा प्रेम में, अस्तित्व मिटाना पड़ता है। स्वादहीन पानी शर्बत हो, चीनी को मिटना पड़ता है।। मूल्यहीन जल दूध में मिलकर, खुद को दूध बना लेता है। भाग्य... Hindi 1 89 Share Sanjay ' शून्य' 3 May 2024 · 1 min read नेता जी मन के अंदर मैल भरा, आभा जिनका मटमैला है। मस्तक बड़ा और चमकदार, पर अंदर बैठा बैला है।। चोर चोर का शोर मचा, खुश हो लो उसको बुरा लगेगा। उसकी... Hindi 1 73 Share Sanjay ' शून्य' 24 Apr 2024 · 1 min read चुनाव 2024.... उम्मीदों पर खरे रहे हो, अभी कहां तुम पीछे हो। हर गहराई मात खा गई, तुम जो इतने नीचे हो।। था प्रयास की आ जाओगे, मानवीय पहुंच के पास कहीं।... Hindi 1 83 Share Sanjay ' शून्य' 12 Apr 2024 · 1 min read लक्ष्य मंत्रमुग्ध हो सुनो गालियां, व्रत पूरा हो जाने तक। धैर्य धरो यदि मिले तालियां, वचन पूर्ण हो जाने तक।। करो चक्र संधान धर्म हित, शिशुपाल अंत हो जाने तक। अपमान... Hindi 1 92 Share Sanjay ' शून्य' 9 Apr 2024 · 1 min read सीख मेरे हिस्से के पाप, भी उसने कर डाले। झूठ मूर्ति बन मुझको सत्य सीखा डाले।। आवारापन बन मुझको सही दिशा दे दी। नफरत ने उसके मुझको खूब दया दे दी।।... Hindi 1 82 Share Sanjay ' शून्य' 6 Apr 2024 · 1 min read शिकारी संस्कृति के राम को राम और खुदा को खुदा रहने दो। दोनो अलग संस्कृति है इन्हे जुदा रहने दो।। मत वृद्धि के खातिर इन्हे तुम मत मिलाओ। राम व खुदा को तुम... Hindi 1 86 Share Sanjay ' शून्य' 2 Apr 2024 · 1 min read जीयो हूं तो हूं, वरना तो मैं बिल्कुल नहीं हूं। मैं नहीं कहता कि मैं बिल्कुल सही हूं।। बाज़ है क्या वास करता दूसरों की नीड़ में। साधु चलता है अकेला... Hindi 1 1 90 Share Sanjay ' शून्य' 30 Mar 2024 · 1 min read बदलते रिश्ते प्रेम व्रेम इश्क विश्क यारी वारी, सब शब्दों की अय्यारी है। चांद सा मुखड़ा दिल का टुकड़ा, कवियों की मक्कारी है।। संपूर्ण समर्पण कर जिसने भी, हम सबको है सृजित... Hindi 1 1 161 Share Sanjay ' शून्य' 29 Mar 2024 · 1 min read माफिया जैसा कातिल है वैसी ही मौत की सजा। दरिंदे चीखपुकार रहे है, लोग ले रहे मजा। थे सरेआम लूटते घसीटते निचोड़ते समाज को। पापी, राजा बने हुए थे, वो तड़प... Hindi 1 1 125 Share Sanjay ' शून्य' 28 Mar 2024 · 1 min read रिश्ते रिश्ते जीयो गम पियो, कम खाओ गम खाओ। सत्य प्रेम करुणा से, अंदर का अहम खाओ।। रिश्ते नहीं खुद को संभालो, रिश्ते खुद सम्हल जायेंगे। खुल के रोओ और हंसो,... Hindi 1 102 Share Sanjay ' शून्य' 26 Mar 2024 · 1 min read कलियुग है उद्यम जिसका कर्ज हो, झूठ बनाए फर्ज। इनसे रहियो दूर जी, ये कलयुग के मर्ज।। मन रथ पर बैठा हुआ, जिह्वा जिसकी तीर। काम बसत जिनके नयन, हो कलयुग में... Hindi 1 1 107 Share Sanjay ' शून्य' 24 Mar 2024 · 1 min read केजरू अन्ना की अंगुली पकड़ चला एक किरदार। गला फाड़ कर के कहे सबमें भ्रष्टाचार।। आंदोलन की पीठ पर चढ़ बैठा बलवान। अनशन, भाषण , वचन से बनता रहा महान।। लोकपाल... Hindi 1 77 Share Sanjay ' शून्य' 14 Mar 2024 · 1 min read वाह नेता जी! चाटत चाटत घिस गया, नेता जी का जूत। नेता बिन पनही हुए, हम हो गए कपूत।। नेता जी का न बचा, पिछला कोई सबूत। हम भी घर बाहर हुए, पापा... Hindi 1 137 Share Sanjay ' शून्य' 12 Mar 2024 · 1 min read नहीं बदलते रोटी सच की खाते हैं, पर झूठ पोषते है। ऐसे नर पशु जीवन में, ईश्वर को कोसते हैं।। धर्म कथा कोई भी, इनके लिए व्यर्थ है। कर्मधर्म यह मोक्ष न... Hindi 1 120 Share Page 1 Next