VINOD CHAUHAN Tag: कविता 184 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 VINOD CHAUHAN 14 May 2022 · 1 min read सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं सागर की लहरें रूक सी गई हैं काली घटाएं झुक सी गई हैं जबसे आए हो तुम पास हमारे सारी फिजाएं छुप सी गई हैं सागर की लहरें...... जाग उठी... Hindi · कविता 3 2 753 Share VINOD CHAUHAN 13 May 2022 · 1 min read सच ही तो है हर आंसू में एक कहानी है सच ही तो है हर आंसू में एक कहानी है इसी का नाम तो जिंदगानी है लोग सुनते हैं बहुत गौर से दास्तां सबकी यही तो बस उनकी मेहरबानी है... Hindi · कविता 2 333 Share VINOD CHAUHAN 10 May 2022 · 1 min read दादी मां की बहुत याद आई सपने में दी आज दिखलाई दादी मां की बहुत याद आई सपनों में जब कभी आती है जैसे रूबरु दादी हो जाती है बहुत देर मुझसे बतियाती है फिर खो... Hindi · कविता 5 6 959 Share VINOD CHAUHAN 9 May 2022 · 1 min read मैं परछाइयों की भी कद्र करता हूं अरे अपनों की तो बात ही क्या मैं गैरों से मोहब्बत करता हूं सच कहता हूं इंसान तो क्या परछाइयों की भी कद्र करता हूं जग से नहीं कुछ ले... Hindi · कविता 2 2 351 Share VINOD CHAUHAN 9 May 2022 · 1 min read तेरी आरज़ू, तेरी वफ़ा सब लोग मुझसे पूछते एक ही सवाल है तेरी आरज़ू तेरी वफ़ा का कैसा हाल है वो छेड़ते हैं ले-लेकर के सब नाम तुम्हारा कहते हैं तेरी दिलरूबा बड़ी बेमिसाल... Hindi · कविता 2 403 Share VINOD CHAUHAN 9 May 2022 · 1 min read हमने प्यार को छोड़ दिया है जबसे दिल तुने तोड़ दिया है हमने प्यार को छोड़ दिया है जब तक तुमने प्रीत निभाई मैंने भी हर पल रीत निभाई जब तुने दामन छोड़ दिया है हमने... Hindi · कविता 1 309 Share VINOD CHAUHAN 8 May 2022 · 1 min read आंचल में मां के जिंदगी महफूज होती है मां बड़ी ममतामई बहुत मासूम होती है होता है दुख संतान को तो मां भी रोती है मानो हमेशा बात उनकी बात ना टालो आंचल में मां के जिंदगी महफूज... Hindi · कविता 3 2 775 Share VINOD CHAUHAN 8 May 2022 · 1 min read कोई मंझधार में पड़ा हैं कोई तुफान में घिरा है तो कोई मंझधार में पड़ा है आदमी-आदमी से जाने कौनसी तकरार में पड़ा है खुद में खो गए हैं अब सबकी अपनी ही दुनिया है... Hindi · कविता 7 2 579 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2022 · 1 min read जेब में सरकार लिए फिरते हैं लोग जुबां पे इश्क और हाथ में प्यार लिए फिरते हैं चुरा के गुलाब कहते हैं हम गुलज़ार लिए फिरते हैं हैरान हूं बहुत देखकर ये फितरत जहां में लोगों... Hindi · कविता 3 4 545 Share VINOD CHAUHAN 7 May 2022 · 1 min read रिश्तों की कसौटी रिश्तों की कसौटी पर जो खरा उतर जाए । जिंदगी उसकी खुदबखुद सुनो संवर जाए ।। जो नहीं करता हैं फिक्र या कद्र रिश्तों की ! उसकी जिंदगी बेबस लहर... Hindi · कविता 2 931 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2022 · 1 min read मेरा गुरूर है पिता सुनो मेरा हर्ष,मेरा गर्व और मेरा गुरुर है पिता । मेरी सजल इन अंखियों का कोहिनूर है पिता ।। मेरे पिता को है फक्र मुझपे और फ़िक्र है मेरी ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 47 96 1k Share VINOD CHAUHAN 16 Apr 2022 · 1 min read -:फूल:- -:फूल:- सुंदर फूल बसंती फूल खिलते फूल अद्भुत फूल चुनिंदा फूल मदमस्त फूल महकते फूल मचलते फूल लहराते फूल मुस्कुराते फूल शराफ़त के फूल नजाकत के फूल प्रफुल्लित फूल सदाबहार... Hindi · कविता 3 4 573 Share VINOD CHAUHAN 14 Apr 2022 · 2 min read ये जिंदगी एक उलझी पहेली ये जिंदगी एक उलझी पहेली् कभी संगदिल कभी है सहेली ये जिंदगी एक उलझी पहेली कुछ भी करो पर सुलझती नहीं है जितनी भी समझो उलझती रही है किसी की... Hindi · कविता 3 605 Share VINOD CHAUHAN 13 Apr 2022 · 1 min read मां का आंचल हर संकट में ये मां का आंचल हर दुविधा में ये मां का आंचल सिर पर रहता है हरदम सबके हर पीड़ा में ये मां का आंचल आंधी आए ये... Hindi · कविता 5 2 966 Share VINOD CHAUHAN 12 Apr 2022 · 1 min read ना कर गुरुर जिंदगी पर इतना भी ना कर गुरुर जिंदगी पर इतना भी ये ऐन वक्त पर एक दिन दगा देगी तूं मांगेगा दो घड़ी सांस जिंदगी से ये किसी भी वक्त दामन छुड़ा लेगी ये... Hindi · कविता 4 889 Share VINOD CHAUHAN 12 Apr 2022 · 1 min read तितली सी उड़ान है तितली सी उड़ान है या दूध सा उफ़ान है दो पल का तुफान है ये जिंदगी तुम्हारी...... बचपन सी उमंग है यौवन सी तरंग है बुढ़ापे सा भुजंग है ये... Hindi · कविता 1 446 Share VINOD CHAUHAN 12 Apr 2022 · 1 min read ना वो हवा ना वो पानी है अब नित रोज़ नई कहानी है अब ना वो हवा ना वो पानी है अब लोग खो गए हैं भ्रम के सायों में ना वो बचपन ना वो जवानी है अब... Hindi · कविता 1 323 Share VINOD CHAUHAN 5 Apr 2022 · 1 min read कहां चला अरे उड़ कर पंछी कहां चला अरे उड़ कर पंछी मैं फिर होंगा हरा भरा लौट आएंगी फिर से बहारें फल फूलों से हरा भरा वक्त सभी में आता है पंछी कभी अच्छा कभी... Hindi · कविता 4 5 574 Share VINOD CHAUHAN 5 Apr 2022 · 1 min read कांटों पर उगना सीखो आज बगिया में था सम्मेलन फूलों का और कलियों का लिए शिकायत खड़े हुए थे सब अपनी मंडलियों का कमल सुने फूलों की दूविधा दूर खड़ा हो पानी में तितली... Hindi · कविता 4 501 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read चलो वक्त से दो चार हो जाए दुख पीड़ा सब पार हो जाए चलो वक्त से दो चार हो जाए सोच रहा क्या दिल ही दिल में जीवन कैसे गुलजार हो जाए चलो वक्त से दो चार... Hindi · कविता 1 157 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read मैं भी साथ चला करता था मैं भी साथ चला करता था अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था आज उन्हीं से दूरी देखो जिनके काम किए हैं मैने छोड़ के अपने काम सुनो... Hindi · कविता 1 131 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read तुझको मैं पहचान रहा हूं कुछ दिन मैं गुमनाम रहा हूं कुछ दिन मैं परेशान रहा हूं धीरे धीरे ही सही लेकिन तुझको मैं पहचान रहा हूं तुझसे प्रीत पड़ी मुझे भारी नहीं रही अब... Hindi · कविता 1 161 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read संस्कारों को भूल रहे हैं आडम्बर की होड़ लगी है संस्कारों को भूल रहे हैं गैरों की गलबहियां होकर मात-पिता को भूल रहे हैं संस्कारों को भूल रहे हैं मानवता का फ़र्ज़ निभाते औरों को... Hindi · कविता 1 116 Share VINOD CHAUHAN 3 Apr 2022 · 1 min read सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी ना कोई राजा है ना कोई रानी प्रकृति का यूं ह्रास हो रहा कम हुए खेत,पेड़ और पानी सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी विलुप्त हो रहे पेड़... Hindi · कविता 1 199 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read बचपन याद बहुत आता है बचपन याद बहुत आता है आज भी मन में मुस्काता है जब भी दिल में होती पीड़ा याद आके दिल बहलाता है नहीं रहे वो मिट्टी के खिलौने ढूंढ चुका... Hindi · कविता 1 228 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read जीवन से भागा फिरता है जीवन से भागा फिरता है मौत से क्यों ऐसे डरता है मन तेरा क्यूं भटक गया है यूं पल-पल जीता मरता है संकल्प तुझे ये लेना होगा तन को कष्ट... Hindi · कविता 3 2 130 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read जब दादा जी घर आते थे सबके दिल खिल जाते थे जब दादा जी घर आते थे छाता लेकर हाथ में जाते थैला लेकर हाथ में आते देखके हमको मुस्काते थे जब दादा जी घर आते... Hindi · कविता 2 117 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read मैं तेरे प्यार में ऊब रहा हूं मैं तेरे प्यार से ऊब रहा हूं करती हो नित रोज़ बहाना यूं वादा करके देर से आना पड़ता है हर रोज मनाना मैं तेरे प्यार में डूब रहा हूं... Hindi · कविता 1 89 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read लो फिर गर्मी लौट आई है लो फिर गर्मी लौट आई है मन में वो यादें घिर आई हैं हर घर में मटकों का पानी दलिया रबड़ी सबको खानी बड़े बुजुर्गो की बात सयानी आज फ्रिज... Hindi · कविता 2 150 Share VINOD CHAUHAN 2 Apr 2022 · 1 min read देखो कैसा रंग भर दिया देखो कैसा रंग भर दिया यहां कुदरत ने हर चीज में नीला अम्बर है जाने कैसे पानी को चाहे रंग लो जैसे हरे पात सबको हैं भाते रंग बिरंगे हैं... Hindi · कविता 1 98 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read जिंदगी समंदर सी बन गई मेरी जिंदगी समंदर सी बन गई मेरी चाहकर भी मैं निकल पाता नहीं या कोई अनबुझ पहेली हो जैसे सोचता हूं मगर समझ पाता नहीं रास्ते इसमें हैं कंटीले बिहड़ जैसे... Hindi · कविता 1 96 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read तभी तो जनाजा खुद ही सजाके चलता हूं मैं तो बस हमेशा मुस्कुराके चलता हूं हवा के साथ-साथ गुनगुनाते चलता हूं खयाल रखता हूं कोई खफा ना हो कभी इसलिए सबसे दिल मिलाके चलता हूं अश्क बहाने से... Hindi · कविता 1 324 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read रखो इंसानियत यही नेक कमाई है जिंदगी झूठ है और मौत सच्चाई है फिर भी जिंदगी से यूं प्रीत लगाई है यह दौलत तुम्हारी साथ ना जाएगी रखो इंसानियत यही नेक कमाई है वक्त नहीं है... Hindi · कविता 3 3 197 Share VINOD CHAUHAN 1 Apr 2022 · 1 min read जगत पराया प्रीत पराई लोग तुम्हारी हंसी उड़ाएं बिल्कुल भी घबराना ना वक्त अगर ना साथ दे तेरा पिछे कदम हटाना ना अच्छा मांझी नाव कभी बीच मझधार नहीं छोड़ेगा विकट समय में रख... Hindi · कविता 1 91 Share Previous Page 4