Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2022 · 1 min read

आंचल में मां के जिंदगी महफूज होती है

मां बड़ी ममतामई बहुत मासूम होती है
होता है दुख संतान को तो मां भी रोती है
मानो हमेशा बात उनकी बात ना टालो
आंचल में मां के जिंदगी महफूज होती है

मां हमें देती खुशी मां ही भाग्य बनाए
मां करे दुलार हमको और लोरी सुनाए
मां रहे भूखी मगर बच्चों को खिलाएं
मां ही अपने बच्चों की तकदीर बनाए
मां नहीं होती बुरी वो बस अच्छी होती है
आंचल में मां के जिंदगी………..
रुठी है अगर मां तो तुम मां को मना लो
पहले पुकारो प्यार से फिर गले लगा लो
मां ही तो सिखाती है हमको जिंदगी जीना
ये जिंदगी अधूरी है सुनो सब मां के बिना
मां से पूछो क्या-क्या वो सपने संजोती है
आंचल में मां के जिंदगी……….
सोचा है क्या होता है अगर मां नहीं होती
मां नहीं होती तो सोचो दुनिया कहां होती
मां के बिना सोचिए कौन चलना सिखाता
मां नहीं होती तो कौन तुम्हे राह दिखाता
क्यों भूलते हो मां तो पहला स्कूल होती है
आंचल में मां के जिंदगी……….
मां हमें देती जन्म और मां पालती हमको
जिंदगी के रंगों में वो सुनो है ढालती हमको
मत भूलो मां ने ही हमको चलना सिखाया
नौ माह रखा गर्भ फिर अपना दूध पिलाया
भूलो ना अपना फर्ज वो नहीं बोझ होती है
आंचल में मां के जिंदगी……….

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 743 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
सत्य ही शिव
सत्य ही शिव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
यादों का बसेरा है
यादों का बसेरा है
Shriyansh Gupta
"प्रेमको साथी" (Premko Sathi) "Companion of Love"
Sidhartha Mishra
💐प्रेम कौतुक-162💐
💐प्रेम कौतुक-162💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
3123.*पूर्णिका*
3123.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
निराशा हाथ जब आए, गुरू बन आस आ जाए।
निराशा हाथ जब आए, गुरू बन आस आ जाए।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जुदाई का एहसास
जुदाई का एहसास
प्रदीप कुमार गुप्ता
परोपकारी धर्म
परोपकारी धर्म
Shekhar Chandra Mitra
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
काव्य की आत्मा और सात्विक बुद्धि +रमेशराज
कवि रमेशराज
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
साहित्य सृजन .....
साहित्य सृजन .....
Awadhesh Kumar Singh
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
gurudeenverma198
मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा
Mukesh Kumar Sonkar
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
दोहा
दोहा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
Ravi Prakash
****हमारे मोदी****
****हमारे मोदी****
Kavita Chouhan
//  जनक छन्द  //
// जनक छन्द //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रक्त संबंध
रक्त संबंध
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्रयोग
प्रयोग
Dr fauzia Naseem shad
? ,,,,,,,,?
? ,,,,,,,,?
शेखर सिंह
#लघुकथा / कॉलेज का आख़िरी दिन
#लघुकथा / कॉलेज का आख़िरी दिन
*Author प्रणय प्रभात*
मुझे अधूरा ही रहने दो....
मुझे अधूरा ही रहने दो....
Santosh Soni
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
Ravi Yadav
अपने दिल की कोई जरा,
अपने दिल की कोई जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
क्यूँ ना करूँ शुक्र खुदा का
shabina. Naaz
चम-चम चमके चाँदनी
चम-चम चमके चाँदनी
Vedha Singh
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
Loading...