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Tag: कविता
184 posts
Page 4
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
सारी फिज़ाएं छुप सी गई हैं
VINOD CHAUHAN
सच ही तो है हर आंसू में एक कहानी है
सच ही तो है हर आंसू में एक कहानी है
VINOD CHAUHAN
दादी मां की बहुत याद आई
दादी मां की बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
मैं परछाइयों की भी कद्र करता हूं
मैं परछाइयों की भी कद्र करता हूं
VINOD CHAUHAN
तेरी आरज़ू, तेरी वफ़ा
तेरी आरज़ू, तेरी वफ़ा
VINOD CHAUHAN
हमने प्यार को छोड़ दिया है
हमने प्यार को छोड़ दिया है
VINOD CHAUHAN
आंचल में मां के जिंदगी महफूज होती है
आंचल में मां के जिंदगी महफूज होती है
VINOD CHAUHAN
कोई मंझधार में पड़ा हैं
कोई मंझधार में पड़ा हैं
VINOD CHAUHAN
जेब में सरकार लिए फिरते हैं
जेब में सरकार लिए फिरते हैं
VINOD CHAUHAN
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
-:फूल:-
-:फूल:-
VINOD CHAUHAN
ये जिंदगी एक उलझी पहेली
ये जिंदगी एक उलझी पहेली
VINOD CHAUHAN
मां का आंचल
मां का आंचल
VINOD CHAUHAN
ना कर गुरुर जिंदगी पर इतना भी
ना कर गुरुर जिंदगी पर इतना भी
VINOD CHAUHAN
तितली सी उड़ान है
तितली सी उड़ान है
VINOD CHAUHAN
ना वो हवा ना वो पानी है अब
ना वो हवा ना वो पानी है अब
VINOD CHAUHAN
कहां चला अरे उड़ कर पंछी
कहां चला अरे उड़ कर पंछी
VINOD CHAUHAN
कांटों पर उगना सीखो
कांटों पर उगना सीखो
VINOD CHAUHAN
चलो वक्त से दो चार हो जाए
चलो वक्त से दो चार हो जाए
VINOD CHAUHAN
मैं भी साथ चला करता था
मैं भी साथ चला करता था
VINOD CHAUHAN
तुझको मैं पहचान रहा हूं
तुझको मैं पहचान रहा हूं
VINOD CHAUHAN
संस्कारों को भूल रहे हैं
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
सुनो सुनाऊं अनसुनी कहानी
VINOD CHAUHAN
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
जीवन से भागा फिरता है
जीवन से भागा फिरता है
VINOD CHAUHAN
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
मैं तेरे प्यार में ऊब रहा हूं
मैं तेरे प्यार में ऊब रहा हूं
VINOD CHAUHAN
लो फिर गर्मी लौट आई है
लो फिर गर्मी लौट आई है
VINOD CHAUHAN
देखो कैसा रंग भर दिया
देखो कैसा रंग भर दिया
VINOD CHAUHAN
जिंदगी समंदर सी बन गई मेरी
जिंदगी समंदर सी बन गई मेरी
VINOD CHAUHAN
तभी तो जनाजा खुद ही सजाके चलता हूं
तभी तो जनाजा खुद ही सजाके चलता हूं
VINOD CHAUHAN
रखो इंसानियत यही नेक कमाई है
रखो इंसानियत यही नेक कमाई है
VINOD CHAUHAN
जगत पराया प्रीत पराई
जगत पराया प्रीत पराई
VINOD CHAUHAN
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