Anis Shah Language: Hindi 172 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Anis Shah 9 Dec 2017 · 1 min read भावान्तरके भाव में उलझा किसान है मुसल्सल ग़ज़ल - (बह्र - मज़ारे मुसम्मन मक्फूफ़ मक्फूफ़ महज़ूफ) माता बना के तुझको बनाया महान है। धरती माँ देख कितना परेशां किसान है।। सूखे से जूझता कभी ओलों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 626 Share Anis Shah 2 Dec 2017 · 1 min read ईद मीलाद-उन नबी पर नात ए पाक दुनिया की अंगूठी में है नायाब नगीना। शहरो में शहर आला शहर शहरे-मदीना।। दिन रात बरसती हैं रहमतों की बदलियां। रहता है नेमतों से सराबोर मदीना।। महकी हुई है आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 384 Share Anis Shah 29 Nov 2017 · 1 min read रहवर ही लूटते हो जब रहजन बनकर तेरी जुदाई पड़ी पीछे दुश्मन बनकर। कुछ और मुझको प्यार दो साजन बनकर।। तुम साथ नही हो तो बेदम है जिंदगी। तुम दिल में धड़कते हो धड़कन बनकर।।।। ये और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share Anis Shah 4 Nov 2017 · 1 min read आतिशे इश्क से है गुजरना मुझे ग़ज़ल-(बहर्-मुतदारिक मुसम्मन सालिम) मापनी-212 212 212 212 #### आतिशे इश्क़ से है गुज़रना मुझे।। अब जो कुंदन सा भी तो निख़रना मुझे।। गेसुओं में ये गजरा सजा लीजिए। बन के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 545 Share Anis Shah 31 Oct 2017 · 1 min read *नज़्म* (श्रीमती इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथी पर ) जो गुल गुलशन की शोभा बढ़ा रहा है। अफ़सोस बागवां ही उसको लुटा रहा है।। वो दास्तान -ए- गुल भंवरे गा रहे है । वो गुल सारेजहां में "इंदिरा" कहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 415 Share Anis Shah 23 Oct 2017 · 1 min read प्रणय की निशानी है प्रणय बनाये रखना(जन्मदिन की शुभकामनाए) बह्र-मज़ारे मुसम्मन मक्फ़ूफ़ मक्फ़ूफ़ मुखन्नक मक़्सूर वज़्न - 221 2122 221 2122 ग़ज़ल अपने करम की या रब नजरें बनायें रखना। दुनियां की हर बला से इसको बचायें रखना।। बदली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 817 Share Anis Shah 16 Oct 2017 · 1 min read मैं हाथ मिलाने का दस्तूर न हो जाऊं ग़ज़ल इतनी नवाज़िसों से मग़रूर-हो न जाऊं। तेरे करम से मौला अब दूर हो न जाऊं।। खंजर लिये फिरेंगे ये दोस्त मेरे अपने । मुझको यही है डर अब मशहूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 602 Share Anis Shah 14 Oct 2017 · 1 min read प्यार का दीपक जलाना चाहता हूं ग़ज़ल-(बहर्-रमल मूसद्दस सालिम) वज्न-2122 2122 2122 (अरकान-फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन) ******* साजे़ दिल अपना सजाना चाहता हूं। गीत कोई गुनगुनाना चाहता हूं।। नफ़रतों की तीरगी गहरा गई है। प्यार का दीपक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 489 Share Anis Shah 13 Oct 2017 · 1 min read क़हक़हा बेबसी पर लगाना नहीं ग़ज़ल-(बहर-मुतदारिक मुसम्मन सालिम) वज्न-212 212 212 212 अरकान -फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन ##### क़हक़हा बेबसी पर लगाना नहीं। तुम तमाशा किसी का बनाना नहीं।। जलजला तेरी दुनिया में आ जायेगा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 711 Share Anis Shah 10 Oct 2017 · 1 min read तहरीर ये मेरे हाथों की जंजीर तेरी ना बन जायें ग़ज़ल-(बह्र - मुतदारिक मुसम्मन मख़बून मुस्सकिन मुज़ाइफ अरकान-फेलुन *7) (वज़्न - 22 22 22 22 22 22 22 22 जो ख्वाब सजाये थे हमने उन में तुम आग़ लगा देना।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 363 Share Anis Shah 7 Oct 2017 · 1 min read ओढ़ू तिरंगा का प्यारा कफन बहुत शान तेरी है प्यारे वतन। नमन तझको करता है,झुकके गगन।। यहां हिंदू मुस्लिम और सिख इसाई। लाल है तेरे मां सब भाई भाई।। सीखा है हमसे ,जग ने चलन।।... Hindi · गीत 649 Share Anis Shah 3 Oct 2017 · 1 min read अब वतन में भाईचारा यूं बढ़ाना चाहिए बह्र-रमल मुसम्मन महज़ूफ वज़न-2122 2122 2122 212 ग़ज़ल इन हवाओं का हमें रुख यूं बदलना चाहिए। हर सफ़ीना अब निकल तूफां से आना चाहिए।। बिछ गया है जाल फिर से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 338 Share Anis Shah 21 Sep 2017 · 1 min read तेरे तेवर की लरजिस से बह्र--हजज़ मुसम्मन सालिम वज्न-1222 1222 1222 1222 * ग़ज़ल* तेरी शोख़ी में कुदरत के ये सारे राज़ पलते है। अदा तेरी जो बदले तो नज़ारे ख़ुद बदलते है।। इसे ज़िद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share Anis Shah 14 Sep 2017 · 1 min read कफस में फड़फड़ाईं बेटियां वज्न-2212 2212 2212 2212 2212 अरकान-मुसतफ़इलुन्*4 बह्र-रजज़ मुसम्मन सालिम महका हुआ है मेरा आंगन जब से आईं बेटियां। जैसे चुरा के फूलों की खुशबू को लाईं बेटियां ।। घर का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 536 Share Anis Shah 13 Sep 2017 · 1 min read नूर भर दिया बह्र-मज़ारे अख़रव मकफूफ़ मकफूफ़ महजूफ़ रुक्न-मफऊल फाइलात मुफाईलु फाइलुन *ग़ज़ल* तुमने ही ज़िंदगी में मेरी नूर भर दिया। ऐसा तराशा मुझको कुहीनूर कर दिया।। तन्हा भटक रहा था मेरा हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 571 Share Anis Shah 11 Sep 2017 · 1 min read एहसास ग़ज़ल (बह्र - मुतदारिक मख़बून मुसक्किन महज़ूफ अरकान-फेलुन *7 फे) दिल में तेरी यादों का अब हरदम मेला लगता है। फिर भी जाने क्यों मेरा दिल खाली खाली रहता है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 354 Share Anis Shah 8 Sep 2017 · 1 min read परिंदों के लिए तो आशियाना चाहिए बह्र-रमल मुसम्मन महज़ूफ वज़्न - 2122 2122 2122 212 ग़ज़ल अब हमें अपना जनमदिन यूं मनाना चाहिए। कल्पतरू अभियान में पौधे लगाना चाहिए।। घुल गया कितना जहर आबो-हवा में दोस्तों।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 732 Share Anis Shah 4 Sep 2017 · 1 min read शिक्षक है शिक्षक ही जो दीपक तरह दिन रात जलता है मुसल्सल ग़ज़ल है शिक्षक ही जो दीपक की तरह दिन रात जलता है। न जाने कितने सीनों के अँधेरों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share Anis Shah 27 Aug 2017 · 1 min read यादों का झोका कभी...... जब उदासी के खन्डहर में कैद होता हूं मैं, तब पता नही कहा से आता है तेरी यादों का झोका। और बिखेर देता है तेरी सांसों की खुशबू फिजाओ... Hindi · कविता 1 890 Share Anis Shah 26 Aug 2017 · 1 min read जुनून-ए-इश्क़ ग़ज़ल बह्र-रजज मुसम्मन सालिम वज़्न-2212 2212 2212 2212 मेरे जुनूने इश्क ने,हमको तो बेकल कर दिया । तीरे-नज़र ने आपके, लगता है घायल कर दिया।। नजरें उठाना और झुकाना,ऐ हया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 363 Share Anis Shah 20 Aug 2017 · 1 min read गुऱूर -न दे वज्न-2122 1122 1212 112/22 ग़ज़ल मेरे मौला जो भी देना है दे गुरूर-न दे। मेरे अपनों से ज़ुदा करदे वो सुरूर-न दे।। तिश्नगी भी न मिटा पाए एक प्यासे की।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 582 Share Anis Shah 18 Aug 2017 · 1 min read इक पल जो उनसे मेरी मुलाकात हो गई ग़ज़ल इक पल जो उनसे मेरी मुलाकात हो गई। यादों की साथ देखिए बारात हो गई।। तुमने लगाई थी जो चमेली पड़ौस में। महका रही है घर मेरा सौगात हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 650 Share Previous Page 4