सोनू हंस Language: Hindi 114 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 सोनू हंस 21 Feb 2017 · 1 min read अरे ग्राम देवताओं शुभाशीष दो अविचल, अशेष, अवशेष से खडे़, निर्जन, श्मशान, क्षेत्रों में अडे़; जंगम, प्रस्तरों पर करे निवास, पीपर, आम तले हुआ अधिवास; तुम ही सर्वश्रेष्ठ अरु मनीष हो, अरे ग्राम देवताओं शुभाशीष... Hindi · कविता 314 Share सोनू हंस 13 Feb 2017 · 2 min read कृष्ण चालीसा मेरे प्रिय मित्रों और विद्वत जनों को सोनू हंस का प्रणाम। मैं आपके समक्ष अपने प्यारे कान्हा की स्वरचित #चालीसा# रख रहा हूँ। आपकी प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहेगी। हे माधव... Hindi · कविता 331 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read नववधु #हाइकु# पल में रोए उजाड़ सी होकर वो नववधु महकती थी बाबुल के आँगन विदा हो रही माँ की लाड़ली आँगन की चिड़िया है उड़ चली बापू की परी चुनरिया... Hindi · हाइकु 279 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read नफरत करते हो? नफरत करते हो? कोई बात नहीं! शौक से करो; मगर किससे? मैं बताता हूँ! घृणा से करो, प्रेम से नहीं! अश्लीलता से करो, शीलता से नहीं। क्रूरता से करो, दयता... Hindi · कविता 527 Share सोनू हंस 11 Feb 2017 · 1 min read देखा है कभी? देखा है कभी? दूर क्षितिज में उतरती डूबते रवि की रश्मियों को, लगता है जैसे जिंदगी उदास हो रही हो कोई कहीं अश्रुजल से दामन भिगो रही हो। लगता है... Hindi · कविता 268 Share सोनू हंस 10 Feb 2017 · 1 min read राधा का विरह #गीतिका छंद# गीतिका चार पदों का एक सम-मात्रिक छंद है. प्रति पंक्ति 26 मात्राएँ होती हैं तथा प्रत्येक पद 14-12 अथवा 12-14 मात्राओं की यति के अनुसार होता है, पदांत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 509 Share सोनू हंस 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियों को मारकर क्यूँ लिखते हो खून से तकदीर अपनी, देखना ये बेटियाँ ही एक दिन तेरे काम आएँगी। जब कोई बेटा तेरा दुत्कार कर घर से निकाल देगा, देने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 895 Share सोनू हंस 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियों को मारकर क्यूँ लिखते हो खून से तकदीर अपनी, देखना ये बेटियाँ ही एक दिन तेरे काम आएँगी। जब कोई बेटा तेरा दुत्कार कर घर से निकाल देगा, देने... Hindi · कविता 448 Share सोनू हंस 31 Dec 2016 · 1 min read मयखाना अब मुझे मयखाना भा गया है, यूँ ये 'हंस' मधुशाला आ गया है। देख मंजर इस हसीं शाम का, है छलकता यहाँ पैमाना जाम का। फिक्र नहीं अब मुझे पीना... Hindi · कविता 574 Share सोनू हंस 17 Dec 2016 · 1 min read भोर हुई अचल छंद मात्राएँ प्रति पद- 27, वर्ण- 18 चार चरण; दो-दो पद तुकांत 1 2 1 2 2 1 2 1 1 1 2 2 1 1 2 2 2... Hindi · कविता 448 Share सोनू हंस 17 Dec 2016 · 1 min read भोर हुई अचल छंद मात्राएँ प्रति पद- 27, वर्ण- 18 चार चरण; दो-दो पद तुकांत 2 2 1 2 2 1 2 1 1 1 2 2 1 1 2 2 2... Hindi · कविता 487 Share सोनू हंस 17 Dec 2016 · 4 min read वो 500 का नोट मिस्टर मेहता 500 व 1000 रुपयों की गड्डी लेकर बैंक की लाइन में खड़े थे। नवंबर 2016 की रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी ने 500 व 1000 के... Hindi · लघु कथा 456 Share सोनू हंस 16 Dec 2016 · 1 min read निर्भया 16 दिसंबर की ही वो सर्द रात जब एक लड़की के साथ अमानवीय खेल खेला गया था। परंतु ये वहशी खेल आज भी जारी है। कोई न कोई निर्भया यहाँ... Hindi · कविता 398 Share सोनू हंस 16 Dec 2016 · 1 min read एक मुक्तक- जीने की वजह हो एक तुम ही तो जीने की वजह हो, मिले हर गम को पीने की वजह हो, रहना हमेशा सनम साथ हमारे, तुम हर दर्द को सहने की वजह हो। सोनू... Hindi · मुक्तक 196 Share Previous Page 3