सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 27 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jan 2021 · 1 min read गणतंत्र दिवस ******* गंणतंत्र दिवस******** ************************** गणतंत्र देश किया गया था घोषित, जन गण मन का गणतंत्र दिवस है। तैयार संविधान कर दिया था लागू, भारत देश का संविधान दिवस है। राष्ट्रपति... Hindi · कविता 1 254 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jan 2021 · 1 min read महफिल में रंग आया है *महफिल में रंग आया है* ******************** महफिल में रंग आया है, मन फूला ना समाया है। माथे पर है लटें तेरी, जुल्फों का घोर साया है। खिलता है रोम रूहों... Hindi · कविता 2 231 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jan 2021 · 1 min read बिगड़ा भाईचारा ******* बिगड़ा भाईचारा ******** ***************************** भाईचारे ने बिगाड़ा काम सारा, अपनी अपनी डफली बजे राग न्यारा। टांग अड़ाने की हो ती है लत पुरानी, हर कोई चाहे हो जाए बंटवारा।... Hindi · कविता 1 1 364 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jan 2021 · 1 min read अजनबी रात भर याद आता रहा **अजनबी रात भर याद आता रहा** ***************************** अजनबी रात भर याद आता रहा, बात बातों में कुछ बात कहता रहा। बीत गई हर शाम सुनी सी तुम बिन, ख्वाब में... Hindi · कविता 1 187 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jan 2021 · 1 min read बात करते थे कभी ईशारो में बात करते थे कभी ईशारों में *********************** बात करते थे कभी ईशारो में, जब कभी मिलते थे बाजारों में। देखा करते थे छुप कर भीड़ में, नजर आती थी हसीं... Hindi · कविता 1 292 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jan 2021 · 1 min read दर को खुला के रखिए *दर को खुला के रखिए ****************** नजरें टिका के रखिए, मन में बसा के रखिए। दिल थाम के तुम रहना, बातें बचा के रखिए। आने वाला है यहाँ, दर को... Hindi · कविता 2 1 217 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jan 2021 · 1 min read जख़्म अभी हरे हैं ***जख़्म अभी हरे है** ******************* मेरे जख़्म अभी हरे हैं, अभी तक नहीं भरे हैं। चोट दी है अपनों ने ही, कहते फिरते हम खरे है। पीछे लौट कर तो... Hindi · कविता 1 257 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jan 2021 · 1 min read एक और एक ग्यारह ***एक और एक ग्यारह** ********************* बचपन से ही सुनते आए हैं, चिर परिचित सी कहावत है, एक और एक होते हैं ग्यारह, बाजुएं हो जाती जैसे बारह, लेकिन तभी होती... Hindi · कविता 1 222 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jan 2021 · 1 min read मां जैसा रिश्ता कोई भी नहीं **मां जैसा रिश्ता कोई भी नहीं** ************************** काफिया-ई , रदीफ-भी नहीं ************************* मां जैसा रिश्ता कोई भी नही, सो जाए शिशु,खुद सोई भी नहीं। सुख दुख सह के वो घबराती... Hindi · कविता 1 426 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jan 2021 · 1 min read लौट जाओ तुम ***** लौट जाओ तुम ****** *********************** काफिया-आ, रदीफ़-कुछ नहीं *********************** लौट जाओ तुम,रहा कुछ नहीं लूट ली बस्ती बचा कुछ नहीं मौसमी तूफान आया जहाँ अस्त व्यस्त है,खड़ा कुछ नहीं... Hindi · कविता 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jan 2021 · 1 min read पता पहले से था ********* पता होने से पहले था ************ ************************************** किया संभल के उनसे प्यार पग पग पर नहीं होगा मिलेगा राह में साथी आपसा होने से पहले था जुदाई में नहीं... Hindi · कविता 1 391 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jan 2021 · 1 min read ख्यालों में मदहोश हूँ ** ख्यालों में मदहोश हूँ ** ********************* तेरे ख्यालों में मदहोश हूँ जब से देखा मैं बेहोश हूँ हाल ए दिल गर्दिशों में हुआ रहूँ जुबां से मैं खामोश हूँ... Hindi · कविता 2 427 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jan 2021 · 1 min read चाँद से चेहरे का मुरीद हो गया **चाँद से चेहरे का मुरीद हो गया** *************************** काली जुल्फों में दिल कैद हो गया चाँद से चेहरे का मुरीद हो गया सर्प सी बल खा रही पतली कमर गोरे... Hindi · कविता 2 183 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jan 2021 · 1 min read जन्मदिन *********जन्मदिन********* ************************* जन्मदिन की शुभ बेला है आई हर्षित मन से हो हार्दिक बधाई कुदरत बख्शे सुख,शांति,समृद्धि धन ,वैभव में हो निरन्तर वॄद्धि चाँद सितारों की कतार शरमाई हर्षित मन... Hindi · कविता 1 2 232 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jan 2021 · 1 min read दिन रात **********दिन-रात (रोला)********** ******************************** 1 दिन ****** आया है झूम कर,खुशी भरा दिन सुहाना। भूलो बीती बात, बीत गया वो जमाना।। भूली बिसरी याद,यादों युक्त अफसाना। कबूल हुई फरियाद,मिला हसीन नजराना।।... Hindi · कविता 375 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jan 2021 · 1 min read तुम्हारी नजरों में हमने देखा *तुम्हारी नजरो में हमने देखा* *********************** अनोखी मस्ती है अनूठा उन्माद तुम्हारी नजरो में हमने देखा झुकाया जिस ने सदैव पैरों में झुकते कदमों में हमने देखा कसूरवार को था... Hindi · कविता 206 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jan 2021 · 1 min read दाम्पत्य प्रेम ************ कुंडलिया ************* *************दाम्पत्य प्रेम*********** 1 जीवन पथ पर है मिले, तरह तरह के फूल। प्रेम तकरार में कटे, स्नेह तो कभी शूल।। स्नेह तो कभी शूल, हसीं होती दिन... Hindi · कविता 2 289 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jan 2021 · 1 min read कोरोना का रोना *********कोरोना का रोना******* ***************************** कोरोना वायरस का खुमार तो देखिए गांव गांव शहर शहर असर तो देखिए हर कोई दिखता शहर में बीमार सा तनिक जनाब,कोरोना हश्र तो देखिए मच... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 9 545 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jan 2021 · 1 min read सफरनामा ***सफरनामा*** ************** सफर में जन्मा हूँ,। सफर में पला हूँ सफर कर रहा हूँ, सफर में पड़ा हूँ। सफर में चला था, सफर जी रहा हूँ। सफर जिन्दगी है, जिंदगी... Hindi · कविता 466 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jan 2021 · 1 min read पिंजरें में कैद परिंदा *सोने के पिंजरें में कैद परिंदा* ************************ मानव को पंछी मानता है दरिंदा सोने के पिंजरे में कैद परिंदा हसरत खग की उड़ता ही जाऊँ अवनि से अंबर तक घूम... Hindi · कविता 276 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jan 2021 · 1 min read दोहावली ************ दोहावली ************* ********************************* 1. प्रेम ****** कूट कूट कर है भरा,देश प्रेम का भाव। वतन वास्ते निसार दे,जान बिन मन मुटाव।। 2.भारत ******** रंग बिरंगे रंग से , रंगा... Hindi · कविता 1 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jan 2021 · 1 min read शबरी दोहावली ********* शबरी दोहावली ************ ********************************** रामायण के पाठ में, है शबरी का नाम। भील समुदाय जाति से,किये स्वर्णिम काम।। श्रमणा अस्ल नाम था,जिससे सब अंजान। शबर जाति से था पड़ा,शबरी... Hindi · कविता 1 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jan 2021 · 1 min read हिंदी दिवस **मनहरण घनाक्षरी** *** विषय-हिन्दी *** ***************** हिन्दी हिन्दू हिंदुस्तान, हिन्द देश की है शान। स्वाभिमान अभिमान, भारत का मान है। अंग्रेजी का बोलबाला, हिन्दी बेचारी है बाला। बेगानी सी लगे... Hindi · घनाक्षरी 344 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jan 2021 · 1 min read रोया रात भर *********** रोया रात भर ********* ******************************* तुम से बिछुड़ कर मैं रोया रात भर इक पल भी बिस्तर पर न सोया रात भर दिल बेचैन न ही रूह को आराम... Hindi · कविता 1 315 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jan 2021 · 1 min read चलती का नाम गाडी **चलती का नाम गाड़ी** ******************** चलती का नाम है गाड़ी जीवन गाड़ी चलती रहे बागों में खिलतें हैं फूल तितली उन पर उड़ती रहे खिली हुई है कली कली बगिया... Hindi · कविता 2 513 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jan 2021 · 1 min read बिन तोले मत बोल ***बिन तोले मत बोल*** ******************** मात्रा भार-16 आहिस्ता आहिस्ता बोलिए मधुर प्रेम भाषा तुम बोलिए शब्दों को मुंह में तुम तोलो तोल कर होठों से बोलिए वाणी मधुरिम हो मधु... Hindi · कविता 1 1 265 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jan 2021 · 1 min read संवेदना ******** संवेदना ******* ********************** फूल से दिल मे बहुत है वेदना खत्म होती जा रही है संवेदना सरेआम ईमान बिक रहा है चाहे ना कोई चक्रव्यूह भेदना वात्सल्य नजर कहीं... Hindi · कविता 1 3 222 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jan 2021 · 1 min read तुम आ जाओ एक बार *तुम आ जाओ एक बार* ******************** मात्रा भर=15 तुम आ जाओ न एक बार मिल कर बातें करें हजार साथ घूमूं बन परछाई बन जाओ तुम छायाकार तन मन में... Hindi · कविता 3 2 213 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2021 · 1 min read आजाद भारत की तसवीर *****आजाद भारत की तस्वीर****** ****************************** यह कैसी है आज़ाद भारत की तस्वीर बदल चुकी है अब सियासत की तासीर सड़कों पर डेरा डाले हुए किसान कृषकों के ठंड में कांपते... Hindi · कविता 1 394 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2021 · 2 min read हीर रांझा ****** ਹੀਰ ਰਾਂਝਾ ****** ******.हीर रांझा ****** ********************* ਤਖ਼ਤ ਹਜ਼ਾਰੇ ਪਿੰਡ ਦਾ ਰਾਂਝਾ ਰਾਂਝੇ ਗੋਤ ਦਾ ਗੱਭਰੂ ਸਰਦਾਰ तख्त हजारे पिंड दा रांझा रांझे गोत दा गभरु सरदार ਵੰਝਲੀ ਵਜਾਉਂਦਾ... Hindi · कविता 1 345 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2021 · 1 min read आज मन है बहुत उदास आज दिल है बहुत उदास ******************** मेरा साजन नहीं पास आज दिल है बहुत उदास तम छाया है जीवन में मेरा तनहा मन उदास भौरों ने चूस लिया रस बुझती... Hindi · कविता 3 238 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jan 2021 · 1 min read बेटी की बधाई ****बेटी की बधाई**** ******************* जब बेटी हो घर में आई दिल की गहराई से बधाई कोई समझे न सुता पराई माँ बाप की होती परछाई बेटा बेटी में न कोई... Hindi · कविता 1 1 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jan 2021 · 1 min read याद कर कर म6आँसू बहाता रहा **याद कर कर मैं आँसू बहाता रहा** ***************************** याद कर कर मैं आँसू बहाता रहा दर्द भरे गीत जुदाई में गाता रहा दिन कैसे भूलूँ मैं,बड़े थे प्यार भरे किस्से... Hindi · कविता 1 231 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2021 · 1 min read बादल गरजते है ****** बादल गरजते हैं ******* *************************** अंबर में काले बादल गरजते हैं बूँदों के रूप में खूब बरसते हैं सागर उफान पर भी शान्त रहता है चातक बूँद बूँद को... Hindi · कविता 1 2 212 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2021 · 1 min read प्रेम पर दोहे *********** प्रेम पर दोहे *********** ******************************** 1 पहला दोहा ************ गीत गाता हुआ चला,प्रेम नगर की डगर प्रीत मिली न प्रेम मिला,अधूरा रहा सफर 2 दूसरा दोहा *********** तुम बनो... Hindi · कविता 3 3 790 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jan 2021 · 1 min read तपती रेत सा प्यार **** तपती रेत सा प्यार **** ************************ तपती हुई रेत सा होता है प्यार फूलों से भी प्यारा होता है यार लगता है सब कुछ बहुत प्यारा जब हो जाती... Hindi · कविता 1 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jan 2021 · 1 min read काँटोंं भरी डगर *****काँटों.भरी डगर*** ******************** मंजिलें बहुत ही सुदूर हैं रास्ते बहुत ही काँटो भरे घनी घनघोर घटा चल रही पर होंसले तो हैं जोश भरे हर हाल ख्वाब लब्ध करने स्वप्न... Hindi · कविता 200 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2021 · 1 min read आईना टूट गया ***** आईना टूट गया ***** *********************** देखते देखते आईना छूट गया छूटते ही पड़ा आईना टूट गया फूल सा नाजुक दिल है हमारा फूल सा नाजुक दिल टूट गया दिल... Hindi · कविता 580 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2021 · 1 min read हिंदी घनाक्षरी हिन्दी (घनाक्षरी) ******************* सागर की सीमा जैसा, हिन्दी भाषा का विस्तार। भू से अंबर तक हो, हिन्दी का संज्ञान जी। हीरे सी चमके सदा, हिन्दी भाषा का स्वभाव। हर क्षण... Hindi · कविता 296 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2021 · 1 min read उन्मुक्त परिंदे ****** उन्मुक्त परिंदे ****** *********************** कितने दिखते हैं खुश परिंदे खुले आसमां में उन्मुक्त परिंदे लंबी- लंबी उड़ाने रहें भरते हैं जहाँ चाह उसी डगर चलते हैं मनचाही मन से... Hindi · कविता 3 1 317 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2021 · 1 min read बताने वाले बहुत है ** बताने वाले बहुत हैं *** ********************* तुम्हें चाहने वाले बहुत हैं हमे जानने वाले बहुत हैं तुम्हारे मन में कैसे अरमान हमे बताने वाले बहुत हैं हसरतों ने हमेशा... Hindi · कविता 2 211 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jan 2021 · 1 min read कभी रंग नही बदले ****** कभी रंग नहीं बदले ****** **************************** बदलते रहे साल पर हम नहीं बदले मौसम की तरह कभी रंग नही बदले पतझड़ में तरुवर के पल्लव झड गए विपदाओं से... Hindi · कविता 2 274 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Jan 2021 · 1 min read नूतन नवल नया नव वर्ष आया **नूतन नवल नया नव वर्ष आया** *************************** नूतन नवल नया नव वर्ष आया है पुलकित हर्षित हो सब ने मनाया है विगत वर्ष खोया तो नया पाया है खुशियों भरा... Hindi · कविता 2 2 372 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Dec 2020 · 1 min read नूतन वर्ष है आया ********** नूतन वर्ष है आया ********** *********************************** आओ मिल जुल के मनाएं नूतन वर्ष है आया तराने खुशियों के हम गाएं नूतन वर्ष है आया बीते साल की खट्टी मीठी... Hindi · कविता 2 2 217 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Dec 2020 · 1 min read अलविदा दो हजार बीस **** अलविदा दो हजार बीस **** **************************** अलविदा हुआ साल दो हजार बीस कोरोना की मन में छोड़ है गया टीस आगमन पर हर्षोल्लास से दी बधाई खुशियों भरा होगा... Hindi · कविता 1 172 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Dec 2020 · 1 min read मैं वापिस चला ****मैं वापिस चला ****** ********************** मैं तो हूँ यहाँ से वापिस चला जहाँ से आया मैं वापिस चला तेरा इंतजार ताउम्र करता रहा थक हार कर मैं वापिस चला कीमत... Hindi · कव्वाली 2 1 362 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Dec 2020 · 1 min read नव वर्ष पर दोहें ******* नव वर्ष पर दोहे ********* ***************************** नया साल ले आ गया ,सुंदर यह पैगाम सभी से प्रेम कीजिए ,मत कीजे अपमान बीती बाते भूल कर,दिल को रखिए साफ करनी... Hindi · कविता 1 3 594 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Dec 2020 · 1 min read तुम बिन नही गुजारा ******** तुम बिन नहीं गुजरा ******* ******************************* सुन लो यार मेरा तुम बिन नहीं गुजारा बेशक हो तुम हद से बेहद सही आवारा तेरी ऐसी ही आवारगी पर हम फ़िदा... Hindi · कविता 2 1 328 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Dec 2020 · 1 min read जल्दी मिलेंगे जल्दी मिलेंगे (हाइकु) ************ लो मैं आ गया मत हो परेशान मेरी याद में हो जाओ खड़े कब से खड़ा हूँ मैं इंतजार में ढूँढ लिया है तेरा जो खोया... Hindi · हाइकु 265 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Dec 2020 · 1 min read नग़मे प्यार के गाने लगे **नग़में प्यार के गाने लगे* ********************* फुर्सत में हम गुनगनाने लगे नगमेंप्यार के हम गाने लगे रंग ज़माने के रास न आए तराने तन्हाई के गाने लगे बेवफ़ाइयों में जब... Hindi · कविता 1 1 210 Share Previous Page 27 Next