Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Page 26
किस्मत से
किस्मत से
Chitra Bisht
4420.*पूर्णिका*
4420.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
Ajit Kumar "Karn"
शुभ रात्रि
शुभ रात्रि
*प्रणय प्रभात*
बीहनि कथा-
बीहनि कथा-"अंडरवियर"
मनोज कर्ण
अरे ओ हसीना तू
अरे ओ हसीना तू
gurudeenverma198
आज फिर
आज फिर
Chitra Bisht
मु
मु
*प्रणय प्रभात*
" घर "
Dr. Kishan tandon kranti
कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को
कलयुग में कुरुक्षेत्र लडों को
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
"लम्हा इंतजार का"
Dr. Kishan tandon kranti
" पैगाम "
Dr. Kishan tandon kranti
"उठो-जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
अब
अब
Rambali Mishra
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
VINOD CHAUHAN
कड़वाहट का आ गया,
कड़वाहट का आ गया,
sushil sarna
जरा- जरा सी बात पर,
जरा- जरा सी बात पर,
sushil sarna
पति-पत्नी के बीच में,
पति-पत्नी के बीच में,
sushil sarna
सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
VINOD CHAUHAN
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
Dr fauzia Naseem shad
😊सियासी अनुप्रास😊
😊सियासी अनुप्रास😊
*प्रणय प्रभात*
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
#विषय नैतिकता
#विषय नैतिकता
Radheshyam Khatik
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
🙅आज का ज्ञान🙅
🙅आज का ज्ञान🙅
*प्रणय प्रभात*
4419.*पूर्णिका*
4419.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
Harminder Kaur
अपने-अपने दम्भ की,
अपने-अपने दम्भ की,
sushil sarna
खूब तमाशा हो रहा,
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
संस्कारी बच्चा-   Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
संस्कारी बच्चा- Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
Shubham Pandey (S P)
अहम तोड़ता आजकल ,
अहम तोड़ता आजकल ,
sushil sarna
पति-पत्नी के मध्य क्यों ,
पति-पत्नी के मध्य क्यों ,
sushil sarna
बेटे की माॅं
बेटे की माॅं
Harminder Kaur
मुझे कुछ देर सोने दो
मुझे कुछ देर सोने दो
हिमांशु Kulshrestha
उम्र गुजर जाती है
उम्र गुजर जाती है
Chitra Bisht
बेटी का बाप हूँ न
बेटी का बाप हूँ न
Suryakant Dwivedi
दूरियां भी कभी कभी
दूरियां भी कभी कभी
Chitra Bisht
सर्वोतम धन प्रेम
सर्वोतम धन प्रेम
अवध किशोर 'अवधू'
4349.*पूर्णिका*
4349.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुशियाँ हल्की होती हैं,
खुशियाँ हल्की होती हैं,
Meera Thakur
4417.*पूर्णिका*
4417.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिन्दी भारत का उजियारा है
हिन्दी भारत का उजियारा है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हिन्दी सूरज नील गगन का
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भय
भय
Sidhant Sharma
हिन्दी मन की पावन गंगा
हिन्दी मन की पावन गंगा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
کچھ متفررق اشعار
کچھ متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
Ravi Prakash
असली
असली
*प्रणय प्रभात*
फिर बात करते हैं
फिर बात करते हैं
Jyoti Roshni
मरने पर भी दुष्ट व्यक्ति अपयश ही पाते
मरने पर भी दुष्ट व्यक्ति अपयश ही पाते
अवध किशोर 'अवधू'
Page 26
Loading...