sushil sarna 1178 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 22 Next sushil sarna 11 Jan 2024 · 1 min read स्वप्न .... स्वप्न .... चोट लगते ही छैनी की शिला से आह निकली। जान होती है पत्थर में भी ये अहसास हुआ आज। छीलता रहा पत्थर को निकालना था एक स्वप्न बुत... 199 Share sushil sarna 11 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक 2122 2122 2122 2122 दर्द सीने में दफन कब तक करोगे । कब तलक यूँ गर्द से आखिर डरोगे । हर कदम अपमान की ज्वाला जली है - जख्म ये... 107 Share sushil sarna 11 Jan 2024 · 1 min read हिम बसंत. . . . हिम बसंत ... प्रथम प्रणय का प्रथम पंथ हो हिय व्यथा का तुम ही अंत हो शिशिर ऋतु का शिशिरांशु हो विरह पलों का शिशिरांत हो शीत पलों की मधुर... 131 Share sushil sarna 10 Jan 2024 · 1 min read विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :..... विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे : हिन्दी हिन्दुस्तान के,माथे का सरताज। जन-जन की ये आत्मा,हर मन की आवाज।।१ अपने मन की कीजिये, निज भाषा में बात। सहज सरल प्यारी... 164 Share sushil sarna 10 Jan 2024 · 1 min read तुम न समझ पाओगे ..... तुम न समझ पाओगे ..... तुम न समझ पाओगे मुहब्बत की ज़मीन पर कतरा कतरा बिखरते रूमानी अहसासों के सायों का दर्द तुम तो बुत हो सिर्फ बुत जिसपर कोई... 168 Share sushil sarna 10 Jan 2024 · 1 min read जाने क्यूँ .... जाने क्यूँ आज मुझे मेरी परछाईं में दर्द की लहर नज़र आई पहचान गई वो शायद मेरी हंसी के झूठ को सुशील सरना / 1 127 Share sushil sarna 10 Jan 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . शीत दोहा त्रयी. . . मौसम आया पोष का, लगे भयंकर शीत । मुख से निकले प्रीत के, कंपित सुर में गीत ।। लो धरती पर हो गया , शीत धुंध... 1 147 Share sushil sarna 9 Jan 2024 · 1 min read दोहे - नारी नारी ..... नारी तेरे भाग्य में, सुख का सदा अभाव । जग जन्ती तू कोख से, जग ही देता घाव ।। नारी तूने कर दिया, नर पर तन मन वार... 151 Share sushil sarna 9 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक इच्छाओं की दामिनी, नृत्य करे दिन रात । मदन मेघ सब जानते, चातक मन की बात । रखे अंक में ज्योत्सना, अपने मन का चाँद - विभावरी की ओट से... 40 Share sushil sarna 9 Jan 2024 · 1 min read तुम्हारे इंतिज़ार में ........ तुम्हारे इंतिज़ार में ........ देखो न कितने सितारे भर लिए हैं मैंने इन आँखों के क्षितिजहीन आसमान में तुम्हारे इन्तज़ार में । गिनती रहती हूँ इनको बार- बार सौ बार... 137 Share sushil sarna 9 Jan 2024 · 1 min read क्षणिका क्षणिका कब टूटा है आसमान से चाँद टूटते तो तारे हैं अतृप्त अभिलाषाओं के दिल के आसमान से सुशील सरना /9-1-24 228 Share sushil sarna 9 Jan 2024 · 1 min read दोहा होते हैं दिखते नहीं, शब्द शरों के घाव । उठती है जब वेदना, होते अविरल स्राव ।। सुशील सरना / 9-1-24 81 Share sushil sarna 8 Jan 2024 · 1 min read कौन है वो ..... कौन है वो ...... उनींदीं आँखें बिखरे बाल पेशानी पर सलवटें अजब सी तिश्नगी लिए चलता रहता है मेरे साथ मुझ सा ही कोई मेरी परछांईं बनकर कौन है वो... 2 125 Share sushil sarna 8 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक आधार छंद हंसगति (11,9 ) प्रीतम तेरी प्रीत , बड़ी हरजाई । विगत पलों की याद, बनी दुखदाई । निष्ठुर तेरा प्यार , बहुत तड़पाता - तन्हाई में आज,... 128 Share sushil sarna 8 Jan 2024 · 1 min read आँखों को .... आँखों को ... आँखों को कुछ तो कहने दो । चन्द कतरे दर्द के बहने दो । जिन यादों से हों .ज़ख्म हरे - अब वो अफ़साने रहने दो ।... 2 69 Share sushil sarna 6 Jan 2024 · 1 min read शीत की शब में ..... शीत की शब् में ... वो इतने कोहरे में भी साफ़ नज़र आती है दो ज़िस्मों की तपिश का अहसास नज़र आती है शीत की ठिठुरन मदहोशी की चिलमन आरज़ूओं... 170 Share sushil sarna 6 Jan 2024 · 1 min read विलीन विलीन ... क्या मिटते ही काया के सब कुछ मिट जाता है शायद नहीं जीवित रहते हैं सृष्टि में चेतना के कण काया के मिट जाने के बाद भी मेरी... 170 Share sushil sarna 6 Jan 2024 · 1 min read दोहा आँसू लिखते गाल पर, अपनों के आघात । यादों की थमती नहीं, आँखों से बरसात ।। सुशील सरना / 6-1-24 95 Share sushil sarna 5 Jan 2024 · 1 min read इक शाम दे दो. . . . इक शाम दे दो ... तन्हाई के आलम में न जाने कौन मेरे अफ़सुर्दा से लम्हों को अपनी यादों की आंच से रोशन कर जाता है लम्हों के कारवाँ तेरी... 189 Share sushil sarna 5 Jan 2024 · 1 min read दोहा काले धन की लालसा, दे काले परिणाम । इसकी कालिख जिन्दगी, काली करे तमाम।। सुशील ने / 5-1-24 85 Share sushil sarna 5 Jan 2024 · 1 min read दोहा मीठी लगती सर्दियाँ, मीठे प्रणय अलाव । बाहुबंध मीठे लगें, घाव करे अलगाव ।। सुशील सरना / 5-1-24 61 Share sushil sarna 4 Jan 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . नारी दोहा पंचक. . . नारी नारी तेरे भाग्य में, सुख का सदा अभाव । जग जन्ती तू कोख से, जग ही देता घाव ।। नारी तूने कर दिया, नर पर... 207 Share sushil sarna 3 Jan 2024 · 1 min read मुक्तक - जिन्दगी पीपल बूढ़ा हो गया, पीत हुए सब पात । अपने ही देने लगे, घाव हीन आघात । ठहरी- ठहरी जिन्दगी, देखे बीते मोड़ - आँसू की संसार ने, दिल को... 195 Share sushil sarna 3 Jan 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . शीत दोहा त्रयी. . . . ठंड पोष की झेलना , मुश्किल है श्रीमान । उस पर ठंडी ओस में, थर - थर काँपे जान ।। सूरज को भी लग रही,... 149 Share sushil sarna 2 Jan 2024 · 1 min read माँ ....लघु कथा माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है । मम्मी को बेहोशी का फिट आ गया । अब नाश्ता वहीं कर लूँगा ।" "राहुल... 1 181 Share sushil sarna 2 Jan 2024 · 1 min read दोहा - शीत ठंड पोष की झेलना , मुश्किल है श्रीमान । उस पर ठंडी ओस में, थर - थर काँपे जान ।। सूरज को भी लग रही, इस मौसम में ठण्ड ।... 158 Share sushil sarna 1 Jan 2024 · 1 min read दो क्षणिकाएं दो क्षणिकाएं : सौ बार मरता है मरने से पहले जन्म दाता वृद्धाश्रम में अकेला ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, छोड़ देते हैं जब सपने अपनों का हाथ हो जाते हैं बूढ़े उस दिन... 117 Share sushil sarna 1 Jan 2024 · 1 min read सदा साथ चलता है. . . मंगलमय नव वर्ष हो, हर पल हो खुशहाल। प्रीत बढ़े नफरत मिटे, हर्ष भरा हो साल।। सुशील सरना/1-1-24 *** सदा साथ चलता है ..... कल कहाँ कभी गुजरता है हर... 63 Share sushil sarna 31 Dec 2023 · 1 min read उधार .... उधार ... लम्बे अंतराल के बाद मिले भी तो किसी अजनबी की तरह इक दूजे को देखा थोड़ा सा मुस्कुराए और चुका दिया उधार इंतज़ार का सुशील सरना/31-12-23 163 Share sushil sarna 31 Dec 2023 · 1 min read भोर होने से पहले ..... भोर होने से पहले ... वाह कितनी अज़ीब बात है सौदा हो गया महक का गुल खिलने से पहले सज गयी सेजें सौदागरों की आँखों में शब् घिरने से पहले... 3 223 Share sushil sarna 31 Dec 2023 · 1 min read शीत ..... दोहा त्रयी. . . . ओढ़ चदरिया ओस की, शीत मचाये शोर । स्वर्ण सुन्दरी सी लगे, भोली -भाली भोर ।। दर्शन दुर्लभ हो गए, कहीं गई रे धूप ।... 136 Share sushil sarna 31 Dec 2023 · 1 min read जिन्दगी .... ज़िन्दगी ... उलझनें बढ़ती गयी सुलझाने के फेर में एक मकड़ी से शर्मिन्दा हो गयी ज़िन्दगी सुशील सरना/31-12-23 172 Share sushil sarna 30 Dec 2023 · 1 min read दोहा पंचक. . . दोहा पंचक. . . अनुपम संध्या प्रीति की, अनुपम इसकी भोर । यौवन में थमता नहीं, मौन तृषा का शोर ।। आँसू, आहें, हिचकियाँ, उल्फ़त के अंजाम । तन्हा बीते... 169 Share sushil sarna 29 Dec 2023 · 1 min read सपना .... सपना ... गिर गया टूट कर जो तारे सा वो सपना था तोड़ गया जो सपन आँखों का कोई अपना था सुशील सरना/28-12-23 2 86 Share sushil sarna 28 Dec 2023 · 1 min read दोहा अद्भुत है ये वेदना, अद्भुत है ये प्यार। दृगजल जैसे प्रीत का, कोई मंत्रोच्चार।। सुशील सरना / 28-22-23 99 Share sushil sarna 27 Dec 2023 · 1 min read दोहा उल्फ़त की रुख़सार पर, अश्क लिखें तहरीर । दर्द भरी तन्हाइयाँ , इसकी है तासीर ।। आँसू, आहें, हिचकियाँ, उल्फ़त के अंजाम । तन्हा बीते दिन यहाँ, तन्हा बीते शाम... 1 81 Share sushil sarna 26 Dec 2023 · 1 min read मुक्तक दुर्लभ तो कुछ भी नहीं, गर मन हो विश्वास । पतझड़ जैसी जिंदगी, बन जाए मधुमास । मन के सारे खेल हैं, मन के सब संग्राम - मरु मन में... 141 Share sushil sarna 25 Dec 2023 · 1 min read मुक्तक सूझ-बूझ ईमान सब, कहने की है बात । रोटी के मोहताज हैं, जीवन के हालात । जब तक तन में श्वास है, चले क्षुधा की जंग - मुफलिस को हरदम... 167 Share sushil sarna 25 Dec 2023 · 1 min read इस दिल में ..... इस दिल में ... तमाम उम्र मैंने उसकी चौखट पर किसी ख्वाहिश के लिए बंदगी नहीं की मगर जब से तेरे लबों पे मेरे नाम की जुंबिश होने लगी है... 175 Share sushil sarna 25 Dec 2023 · 1 min read पीठ के नीचे. . . . पीठ के नीचे .. बेघरों के घर भी हुआ करते हैं वहां सोते हैं जहां शज़र हुआ करते हैं पीठ के नीचे अक्सर पत्थर हुआ करते हैं ज़िंदगी के रेंगते... 222 Share sushil sarna 24 Dec 2023 · 1 min read हाइकु .....चाय हाइकु : चाय अकेली चाय अधर की प्रतीक्षा कप में कैद तन्हा सा कप तन्हा तन्हा चाय टेबल पर घना कोहरा ठंडी चले बयार चाय से प्यार चाय की प्याली... 217 Share sushil sarna 24 Dec 2023 · 1 min read दोहा पंचक. . . क्रोध दोहा पंचक. . . क्रोध जितना संभव हो सके, वश में रखना क्रोध । घातक होते हैं बड़े, क्रोध जनित प्रतिरोध ।। देना अपने क्रोध को, पल भर का विश्राम... 166 Share sushil sarna 18 Dec 2023 · 1 min read दोहा त्रयी . . . . दोहा त्रयी. . . . नैनों की मनुहार को, नैन करें स्वीकार । मौन आग्रह शीत में, कौन करे इंकार ।। देह काँपती शीत में, मुख से निकले भाप ।... 217 Share sushil sarna 18 Dec 2023 · 1 min read बेनाम रिश्ते ..... बेनाम रिश्ते ...... किसको लिखता और क्या लिखता भीड़ थी अपनों की मगर कहीं अपनापन न था एक दूसरे को देखकर मुस्कुराभर देना ही अब शायद अपनेपन की सीमा थी... 181 Share sushil sarna 17 Dec 2023 · 1 min read दोहा पंचक. . . दोहा पंचक. . . . साथ श्वांस के रुक गया, जीवन का संघर्ष । आँचल अंक विषाद के, मौन हुआ हर हर्ष ।। जैसे-जैसे दिन ढले, लम्बी होती छाँव ।... 224 Share sushil sarna 30 Nov 2023 · 1 min read कुंडलिया छंद कुंडलिया छंद ..... मनमानी किसकी चली, उसके आगे मित्र । वो जीवन के खींचता, चलते फिरते चित्र । चलते फिरते चित्र ,समझ ना कुछ भी आया । उस दाता के... 260 Share sushil sarna 27 Nov 2023 · 1 min read उस रात ..... उस रात ....... उस रात वो बल्ब की पीली रोशनी देर तक काँपती रही जब तुम मेरी आँखों के दामन में मेरे ख्वाबों को रेज़ा-रेज़ा करके चले गए और मैं... 195 Share sushil sarna 26 Nov 2023 · 1 min read मुक्तक सहर होने से पहले चिराग़ बुझा देता हूँ । ..अक्स तेरा अपनी पलकों में छुपा लेता हूँ । .....हर कतरे से तेरी याद और भी बढ़ जाती है - ........बेबसी... 210 Share sushil sarna 24 Nov 2023 · 1 min read माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . . माँ को अर्पित कुछ दोहे : .......... कण - कण में है सृष्टि के , माँ के चारों धाम। बिन माँ के संसार में, कहीं नहीं विश्राम।। हौले -हौले गोद... 1 177 Share sushil sarna 23 Nov 2023 · 1 min read बे-आवाज़. . . . बे-आवाज़ ... छू लिया था फ़लक को मौन शमशान में एक तन्हा जलते हुए जिस्म के धुऐं ने रोने वाली कोई आँख साथ न थी शायद कोई लावारिस था या... 1 2 200 Share Previous Page 22 Next