महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 1060 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 22 महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Jan 2017 · 1 min read कुण्डलिया के छंद में कुण्डलिया के छंद में, कहता हूँ मैं बात अंत समय तक ही चले, यह प्यारी सौगात यह प्यारी सौगात, छंद यह सबसे न्यारा दोहा-रोला एक, मिलाकर बनता प्यारा महावीर कविराय,... Hindi · कुण्डलिया 1 406 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 24 Jan 2017 · 2 min read मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे ग़ज़ल कहूँ तो मैं 'असद', मुझमे बसते 'मीर' दोहा जब कहने लगूँ, मुझमे संत 'कबीर' // 1. // युग बदले, राजा गए, गए अनेकों वीर अजर-अमर है आज भी, लेकिन... Hindi · दोहा 5 3 5k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 34 min read मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी) कथाकार : महावीर उत्तरांचली "मोहन जी," ठीक मेरे पीछे से पुकारे गए किसी स्त्री स्वर ने मेरी तंद्रा भंग की। मैं पनवाड़ी की... Hindi · कहानी 1 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 16 min read नस्लें (प्रतिनिधि कहानी) "अरे भाई ये किसकी लाश है? हमारे बरामदे में क्यों रख रहे हो? हामिदा रोको इन्हें!" बुड्ढ़े गुलमुहम्मद ने अनजान बनते हुए कहा। हालाँकि कल रात को तार (Telegram) मिलने... Hindi · कहानी 1 568 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read मकड़ी-सा जाला बुनता है मकड़ी-सा जाला बुनता है ये इश्क़ तुम्हारा कैसा है ऐसे तो न थे हालात कभी क्यों ग़म से कलेजा फटता है मैं शुक्रगुज़ार तुम्हारा हूँ मेरा दर्द तुम्हें भी दिखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 221 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read यह प्रकृति का चित्र अति उत्तम बना है यह प्रकृति का चित्र अति उत्तम बना है "मत कहो आकाश में कुहरा घना है" प्रतिदिवस ही सूर्य उगता और ढलता चार पल ही ज़िन्दगी की कल्पना है लक्ष्य पाया मैंने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 885 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read बाण वाणी के यहाँ हैं विष बुझे बाण वाणी के यहाँ हैं विष बुझे है उचित हर आदमी अच्छा कहे भूले से विश्वास मत तोड़ो कभी ध्यान हर इक आदमी इसका धरे रोटियाँ ईमान को झकझोरती मुफ़लिसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 402 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read पँख टूटे हैं तो क्या परवाज़ करते पँख टूटे हैं तो क्या परवाज़ करते पोच है तक़दीर तो क्या नाज़ करते बेच आये अपने ही जब दिल हमारा फिर भला हम क्या उन्हें नाराज़ करते किस तरह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read कहूँ दर्द अपना मैं कैसे किसी से कहूँ दर्द अपना मैं कैसे किसी से कि लगता है डर मुझको अपनी ख़ुदी से समन्दर न जाने है क़तरे की क़ीमत कि बनता है आख़िर समन्दर इसी से न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 486 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Jan 2017 · 1 min read चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका चाँदनी खिलने लगी, मुस्कुराना आपका देखकर खुश हैं सभी, दिल लुभाना आपका है वो क़िस्मत का धनी, आपका जो हो गया चाँद भी चाहे यहाँ, साथ पाना आपका ख़ूब ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share Previous Page 22