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Page 19
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रीत पराई ,अपनों से लड़ाई ।
प्रीत पराई ,अपनों से लड़ाई ।
Dr.sima
जिंदगी गवाह हैं।
जिंदगी गवाह हैं।
Dr.sima
भूलने दें
भूलने दें
Dr.sima
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
पंकज परिंदा
इश्क़ में  क्या अज़ाब है साहिब,
इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब,
पंकज परिंदा
4455.*पूर्णिका*
4455.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वो लालबाग मैदान"
Dr. Kishan tandon kranti
4454.*पूर्णिका*
4454.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" लामनी "
Dr. Kishan tandon kranti
4453.*पूर्णिका*
4453.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हो जाता अहसास
हो जाता अहसास
surenderpal vaidya
4452.*पूर्णिका*
4452.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जागु न माँ हे काली
जागु न माँ हे काली
उमा झा
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
Manisha Manjari
ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं..!
ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं..!
पंकज परिंदा
मोहब्बत क्या है .......
मोहब्बत क्या है .......
sushil sarna
राधा/किशोर छंद...!
राधा/किशोर छंद...!
पंकज परिंदा
दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
Dr fauzia Naseem shad
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
पंकज परिंदा
प्रेरक प्रसंग
प्रेरक प्रसंग
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जोर लगा के हइसा..!
जोर लगा के हइसा..!
पंकज परिंदा
4451.*पूर्णिका*
4451.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
DrLakshman Jha Parimal
बुजुर्ग को सुनाते हैं .....
बुजुर्ग को सुनाते हैं .....
sushil sarna
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बिन मौसम.., बरसे हम।
बिन मौसम.., बरसे हम।
पंकज परिंदा
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
DrLakshman Jha Parimal
4450.*पूर्णिका*
4450.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फ़ायदा क्या है यूं वज़ाहत का,
फ़ायदा क्या है यूं वज़ाहत का,
Dr fauzia Naseem shad
अनोखे संसार की रचना का ताना बाना बुनने की परिक्रिया होने लगी
अनोखे संसार की रचना का ताना बाना बुनने की परिक्रिया होने लगी
DrLakshman Jha Parimal
लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!!
लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!!
पंकज परिंदा
त’आरूफ़ उसको
त’आरूफ़ उसको
Dr fauzia Naseem shad
4449.*पूर्णिका*
4449.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
' रहब हम मिथिलादेश में '
' रहब हम मिथिलादेश में '
मनोज कर्ण
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
*कंठ मधुर होता है तो, हर गाना प्यारा लगता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा
उनको अब हमसे प्यार नहीं रहा
Jyoti Roshni
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खिलते हरसिंगार
खिलते हरसिंगार
surenderpal vaidya
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
हर शख्स नहीं होता है तुम जैसा
Jyoti Roshni
प्रेम
प्रेम
Rambali Mishra
किवाङ की ओट से
किवाङ की ओट से
Chitra Bisht
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
सबके दिल में छाजाओगी तुम
सबके दिल में छाजाओगी तुम
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
मालती सेवैया
मालती सेवैया
Rambali Mishra
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
Ravikesh Jha
ग़ज़ल होती है
ग़ज़ल होती है
Anis Shah
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
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