Umesh उमेश शुक्ल Shukla Language: Hindi 220 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umesh उमेश शुक्ल Shukla 6 Feb 2022 · 1 min read लताजी को नमन जिनके स्वरों के मुरीद रहे पूरे भारत के नर औ नारी संगीत क्षेत्र में रहा जिनका स्थान सदा औरों पर भारी माँ सरस्वती की कृपा उन पर रही सदा सर्वदा... Hindi · कविता 2 2 170 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Apr 2022 · 1 min read खिले रहने का ही संदेश रंग बिखेरते फूल जग को सुख देते चहुंओर फिर भी उनके धर्म में विघ्न के कांटे पुरजोर खुशी के मौकों पर इंसां उनका साथ लेते भरपूर जश्न निपटते ही हर... Hindi · कविता 2 262 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 4 Jun 2022 · 1 min read व्यक्तिवाद की अजीब बीमारी... देश औ समाज को लग चुकी है व्यक्तिवाद की अजीब बीमारी ऐसे में भला कोई कैसे ग्रहण कर सकता है सचमुच में जिम्मेदारी लोकतंत्र से अरसे से गायब है जिम्मेदारी... Hindi · कविता 2 1 214 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 19 Jul 2022 · 1 min read अजब रिकार्ड सत्तासीनों की उदासीनता का बन रहा है अजब रिकार्ड पर उन चेहरों पर फर्क नहीं जो समझते खुद को लार्ड महंगाई नित बढ़ रही है सुरसा के मुख की भांति... Hindi 2 1 263 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 14 Sep 2022 · 1 min read राष्ट्रभाषा का सवाल खूब धूमधाम से मना चुके आजादी का अमृत काल फिर भी हम हल नहीं कर पाए राष्ट्रभाषा का सवाल राजनीतिकों के द्वंद्व फंद में उलझे हैं देश के लोग मातृभाषा... Hindi 2 1 345 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Oct 2023 · 1 min read करते रहिए भूमिकाओं का निर्वाह रास्ते सबके लिए खुले रहें दिन रात आते जाते लोग पर जुदा सबके जज्बात कोई रोटी की फ़िक्र ले पग से नापे हर रोज कोई वाहनों पे सवार हो करे... Hindi 2 209 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 24 Oct 2023 · 1 min read मन से हरो दर्प औ अभिमान पग पग पर रावण खड़ा करता विकट अट्टहास प्रभु श्रीराम भी चकित हैं सृष्टि का कैसा ये विकास भौतिक संसाधनों के पीछे दीवाने पूरे भारत के लोग धन संग्रहण के... Hindi 2 85 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 13 Nov 2023 · 1 min read सच समझने में चूका तंत्र सारा सवालों में छिपे रहते आम इंसानों के दर्द इन्हें हल करके बढ़ाता इंसान विकास की हद मुश्किलें तभी सुलझें जब सवाल हों शीशे से साफ अन्यथा समाधान खोजने में इंसान... Hindi 2 188 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 16 Nov 2023 · 1 min read अधिकांश होते हैं गुमराह आत्मा अजर अमर बतलाते सभी पुराण वो नित्य, निरंतर ईश वश रहती है गतिमान विधि के आदेश पर वो धरे वसुधा पर कोई देह नियत समय के बाद ही वो... Hindi 2 183 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Mar 2022 · 1 min read लेखनी से न्याय औरों को जो दे सके कुछ सार्थक संदेश गाने में भी आसान हो रस कुछ मिले विशेष मानव मन को कुरेद दें पीड़ा से कराएं साक्षात्कार अंतर्वेदना को शब्दों में... Hindi · कविता 1 2 285 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 31 Mar 2022 · 1 min read सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार ! सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार! अब महंगाई है अपरंपार रोटी.दाल औ सब्जी सब पर महंगाई का भूत सवार डीजल.पेट्रोल के मूल्य कर रहे हैं सबका जीना दुश्वार दीनदयाल की कसम तुम्हें... Hindi · कविता 1 2 146 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 25 Apr 2022 · 1 min read पूंजीवाद में ही... पूंजीवाद में ही रम गए हैं सत्ता में बैठे सभी लोग महंगाई का तोहफा दे रहे उनके समस्त नए प्रयोग आम आदमी अब ठगा सा कर रहा है सोच विचार... Hindi · कविता 1 2 362 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 11 May 2022 · 1 min read इंतजार का.... जब कोई तन. मन. धन लगा भी लक्ष्य से रह जाता है दूर तब वह शख्स इंतजार करने के लिए हो जाता है मजबूर बहुधा लोगों को इंतजार का मिलता... Hindi · कविता 1 292 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 29 Jun 2022 · 1 min read विधि के दो वरदान विधि के दो वरदान हैं प्रेम और संगीत कई जन्मों के कर्म फल से होते प्रणीत ईश्वर सोच समझकर कुछ को देता वरदान प्रेम और संगीत के बल पर जो... Hindi 1 191 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 2 Jul 2022 · 1 min read विधाता दुनिया के इस रंग मंच का निर्देशक है विधाता उसकी मर्जी से ही हरेक शय अपना रोल निभाता उसकी इच्छा से निर्मित हुए इस ब्रह्मांड के सभी सितारे दिन और... Hindi 1 191 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 3 Jul 2022 · 1 min read दे सहयोग पुरजोर हर घर घरौंदों के निर्माण में होता रेत का योगदान सीमेंट की संगति पाकर यह हो जाता है बलवान यद्यपि इसे जग के लोग सब मानते हैं कमजोर फिर भी... Hindi 1 198 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Jul 2022 · 1 min read छलिया जैसा मेघों का व्यवहार न जाने क्यों छलिया जैसा हो गया मेघों का व्यवहार बार बार गहराते मगर कुछ पल में हो जाते तार तार हवा भी उनके रुख को कर देती है बार... Hindi 1 1 252 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 10 Aug 2022 · 1 min read महंगाई.... महंगाई पर जनता की चीख को वे ही बता रहे हैं व्यर्थ जनता ने मत देकर जिन्हें बनाया सत्ता के लिए समर्थ सत्ता शीर्ष पर बैठकर भूले वेे लोकतंत्र के... Hindi 1 1 136 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 2 Oct 2022 · 1 min read अद्भुत सितारा सत्य और अहिंसा की ताकत से जिसने अंग्रेज़ों को छकाया जगह जगह आंदोलन करके आजादी की ललक बढ़ाया पूरे देश को जिसने पढ़ाया एकजुटता का अनूठा पाठ सविनय अवज्ञा आंदोलन... Hindi 1 184 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 16 Nov 2022 · 1 min read छल प्रपंच का जाल हर तरफ पसरा हुआ है अब छल प्रपंच का जाल ऐसे में हर आदमी दिख रहा मन से ही बदहाल अविश्वास की रेखाएं घनी हो रही इत उत चहुंओर फिर... Hindi 1 2 233 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 31 Dec 2022 · 1 min read आने वाला वर्ष भी दे हमें भरपूर उत्साह कुछ घंटों में विदा हो जाएगा सन 2022 का ये मौजूदा साल कुछ को खुशियां और कुछ उपलब्धि दे कर गया निहाल कुछ खट्टी और कुछ मीठी यादों का भी... Hindi 1 196 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 6 Mar 2023 · 1 min read महंगाई का दंश रंग, अबीर और गुलाल सब पर महंगाई का दंश जनता में दिखता नहीं कहीं होली पर्व का खास उमंग गुझिया और नमकीन के भी काफी ऊंचे हो गए हैं दाम... Hindi 1 1 211 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 31 Mar 2023 · 1 min read शातिरपने की गुत्थियां अनकहे शब्द किसी व्यक्ति समूह पर पड़ते बहुत भारी भाव भंगिमा ही खोल देती शातिरपने की गुत्थियां सारी भाव ही बताया करते हरेक गतिविधि का सदैव रंग रूप जैसे मनुष्य... Hindi 1 194 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 5 Apr 2023 · 1 min read फीसों का शूल : उमेश शुक्ल के हाइकु कान्वेंट स्कूलों में प्रवेश चालू् अभिभावक धन खिंचे जैसे नदी से बालू बच्चे करते हठ बनेंगे भालू वो दुखी जिनके बच्चे तीन खर्चों का इंतजाम करने को बने मशीन स्कूल... Hindi 1 192 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 30 Apr 2023 · 1 min read धड़कन धड़कन ( गीत ) धड़कन धड़कन में बस नाम है तेरा मन मानस में बस एक अक्स है तेरा तुमसे रोशन शामें तुमसे शुभ्र सबेरा तेरी परछाई के पीछे डाले मन मयूर मेरा डेरा... Hindi 1 218 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 18 May 2023 · 1 min read गिरोहबंदी ... गिरोहबंदी हर तरफ हाबी आत्मश्लाघा भी बेशुमार लोभ के पाश में जकड़ा हर एक नामवर किरदार दूजे की सराहना होती है बिरले लोगों को हजम ऐसे में बहुत कम में... Hindi 1 180 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 27 May 2023 · 1 min read बेकारी का सवाल इंसानों ने अपनी सुविधाओं के लिए किया मशीनों का निर्माण फिर कुछ लोगों की नजर में कम होने लगता है इंसानों का सम्मान ज्यादा धनार्जन की चाह में करने लगते... Hindi 1 272 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 1 Jun 2023 · 1 min read मंगल मय हो यह वसुंधरा मंगल मय हो यह वसुंधरा सकल भारत भूमि समेत सब एक दूजे के मान के प्रति भी सतत रहें सचेत ज्ञान और विवेक की दृष्टि से जन जन हो अति... Hindi 1 314 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Jul 2023 · 1 min read मोहता है सबका मन पुष्पों का अधिपति माना जाता गुलाब रूप,गंध और स्वरूप में इसका नहीं जवाब बारहों मास खिलता मोहता है सबका मन पूजा,आराधन,स्वागत में उपयोग करें सब जन औषधीय गुणों से युक्त... Hindi 1 138 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 25 Jul 2023 · 1 min read आप हरते हो संताप संकट सारे दूर करो हे पवनपुत्र बलवान जीवन पथ पर शूल फेंक रहे कई शैतान कालनेमियों को वक्त पर दे दो प्रभु सही दंड मेरे लिए सकल सृष्टि में प्रभु... Hindi 1 201 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 4 Aug 2023 · 1 min read हर परिवार है तंग सूटकेस के चलन से घटी टिन के बाक्स की मांग तमाम कारीगरों के समक्ष उत्पन्न हुई बेकारी बेलगाम सूटकेस की तुलना में कई गुना होती है बाक्स की उम्र फिर... Hindi 1 126 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 7 Aug 2023 · 1 min read प्रभु के प्रति रहें कृतज्ञ सपना सच हो जाए तो प्रभु के प्रति रहें कृतज्ञ क्या होगी भवतव्यता बस केवल वही सुविज्ञ ईश्वर की कृपा से पूर्ण होते जीव के हर स्वप्न सन्मति औ सद्मार्ग... Hindi 1 162 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 30 Aug 2023 · 1 min read प्रेम पर बलिहारी जिंदगी बहुत खूबसूरत यह समझे ना हर कोय प्रभु जिस पर कृपा करें उसको यह अनुभव होय पग पग पर बदलें मंजर अहसासों में भी बदलाव जीवन सफर में दो... Hindi 1 132 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 30 Aug 2023 · 1 min read नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन वेब सीरीज अब बन गए खुराफातियों के हथियार पूंजीवादी ताकतें कर रही इनके जरिए बड़ा व्यापार सृजन के नाम पर ये कर रहे अश्लीलता का विस्तार हर निदेशक को बस... Hindi 1 175 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 1 Sep 2023 · 1 min read सब समझें पर्व का मर्म भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है रक्षाबंधन हर साल यह करता है प्रीति का पुनरावलोकन एक दूजे के लिए दोनों के मन में रहता खास लगाव राखी पर्व... Hindi 1 106 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 11 Sep 2023 · 1 min read कौन याद दिलाएगा शक्ति भविष्य को रचने के लिए दिन रात जुटे जी जान से अच्छे अंक हासिल करके मंजिल पानी उन्हें शान से मां बाप और अपने सपनों को करना है शीघ्र साकार... Hindi 1 135 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 20 Sep 2023 · 1 min read कायम रखें उत्साह जब मन को किसी प्रश्न का कभी नहीं मिलता कोई हल ऐसे में मन अधिकांश का हो जाया करता है विकल अत्यधिक सोच की दशा में मन में उत्पन्न होता... Hindi 1 94 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 24 Sep 2023 · 1 min read जन मन में हो उत्कट चाह जन मानस तक पहुंचे मेरे संदेशों का निष्कर्ष उनके मन को करें वो सब शिद्दत से ही स्पर्श लोकतंत्र में कायम रहे जन जन का विश्वास नियम कानूनों के प्रति... Hindi 1 112 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 27 Sep 2023 · 1 min read हौसले से जग जीतता रहा हौसले से जग जीतता रहा है बार बार इंसान समूचे जग में प्रसिद्ध हैं ढेर सारे आख्यान हौसलों ने बदल दिया विविध देशों का भूगोल इतिहास चेताया करता सदा आंखें... Hindi 1 102 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 1 Oct 2023 · 1 min read दूसरों को देते हैं ज्ञान खुद पेंशन, भत्ता निगल दूसरों को देते हैं ज्ञान सचमुच देश के सांसद दुनिया में बड़े महान अपने लिए जायज है कोष से सभी निकासी दूसरों के सामने रखते बातें... Hindi 1 113 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 10 Oct 2023 · 1 min read लीजिए प्रेम का अवलंब जहां कहीं विश्वास का होता है प्रबल अभाव वहां पग पग पे षड्यंत्र का बढ़ता रहता प्रभाव खल और छल, छद्म का आवरण रहता चहुंओर एक दूजे को अरि सदृश... Hindi 1 136 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 15 Oct 2023 · 1 min read वहशीपन का शिकार होती मानवता जब तक रहे मानस शुद्ध तब तक नहीं कोई युद्ध जब मानस होता है कुंद तब पसरे शत्रुता की धुंध कत्ल ओ गारद वहशीपन का शिकार होती मानवता साज़िश, अविश्वास,... Hindi 1 74 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 21 Oct 2023 · 1 min read राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष लोकतंत्र में बहुत कठिन करना चोर की पहचान तरह तरह के लबादों में लिपटे सियासी श्रीमान एक दूसरे से अलहदा हैं सबके राजनीतिक लक्ष्य जनहित के दावे करते हैं सब... Hindi 1 119 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 26 Oct 2023 · 1 min read काम चलता रहता निर्द्वंद्व रात का डर कभी वहां नहीं जहां होता है भरपूर प्रकाश अंधेरा ही उड़ाया करता है हर शख्स का होशोहवास समुचित प्रकाश का जहां कहीं होता उपयुक्त प्रबंध वहां उपस्थित... Hindi 1 68 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 27 Oct 2023 · 1 min read राम जैसा मनोभाव पग पग संग एक डगर चलें बदल जाएगी ऋतु चहुंओर सामूहिक शक्ति से निपटेंगी जन समस्याएं भी बगैर शोर संगठन में शक्ति है ये बतला गए पुरखे और साधु सयाने... Hindi 1 102 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Nov 2023 · 1 min read छटपटाता रहता है आम इंसान भारत जैसे देश में रंगीन दिन की बात वैसे जैसे कोई छेड़ दे कोई जख्म अकस्मात राजधानी दिल्ली अभी प्रदूषण से रही हैं हांफ यमुना वर्षों से सरेआम उगल रही... Hindi 1 100 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 11 Nov 2023 · 1 min read वोट की खातिर पखारें कदम माल ए मुफ्त, दिल ए बेरहम वोट की खातिर पखारें कदम कोष की चाबी वोटरों के हाथ पर उनको ही रहे हैं ललचाय उन्हें इल्म है कि कुछ तोहफों से... Hindi 1 106 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 23 Jan 2024 · 1 min read बस नेक इंसान का नाम कोरा कागज हाथ लेके भव में उतरा हर इंसान बल, बुद्धि औ विवेक से वो उसमें भरे रंग तमाम ईश्वर कृपा से ही मनुष्य को मिलती है सही राह उस... Hindi 1 88 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 23 Apr 2022 · 1 min read किताब... दुनिया को समझने की देती सदा ताब ज्ञान वृद्धि कर हरेक का बढ़ा देती रुआब मित्र जैसे ही सदा वो दिखाए सबको सत्पथ सो किताब की महिमा गा गए रचनाकार... Hindi · कविता 321 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 15 May 2022 · 1 min read क्यों मौन हम अपने कूचे में मुद्दतों से क्यों मौन साधे पड़े हुए हैं कौन ऐसी बेबसी है कि लब पे ताले जड़े हुए हैं जुल्म और मनमानियां क्यों बन गई हैं... Hindi · मुक्तक 179 Share Page 1 Next