Sûrëkhâ Language: Hindi 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read बदलती फितरत हर लहज़ा, हर फितरत और हर क़िरदार देखा है भरी दुनिया में लोंगो का बदलता व्यवहार देखा है!! लोग मिलते हैं आपसे आपकी हैसियत देखकर! रिश्तों का हमनें भी एक... Poetry Writing Challenge-3 · इंसानियत अभी जिंदा है · कविता · बदलती फितरत · व्यवहार 114 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read मन का समंदर मन का समंदर समंदर की लहरें कब हवा हो जाती है पता ही नहीं चलता कब धुआं हो जाती है ओस की बुंदों की तरह कुछ पल को दिखतीं हैं... Poetry Writing Challenge-3 · तमन्ना · बात मेरे मन की · मन का समंदर · मन की बात 87 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 2 min read चलो बनाएं चलो बनाएं लोकल को वोकल बनाये चलो आज कुछ नया बनाये दुसरो के साये में खुद को न सजाकर आज फिर खुद से जद्दोजहद कर कोशिश नयी कुछ हटकर बनाये... Poetry Writing Challenge-3 · आज़ादी का गीत · कविता · देश भक्ति कविता · स्वतंत्रता और सीमाएँ 81 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read किताब किताब अरे हस्ती!किताबें ज्ञान का दीप होती हैं जिसकी रोशनी में रह रह कर…. इंसानियत खुद के अतीत को पढ़कर…. जान पाता है कुछ खोये हुए अछूत को… .जिनसे वो... Poetry Writing Challenge-3 · आधुनिक यंत्र · आधुनिक शिक्षा · आनलाइन · किताब 86 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read ईष्र्या ईर्ष्या आज भी ईर्ष्या तू ना गई मेरे मन से आज भी पास होकर तुम इतराती हो या फिर दूर रहकर यूं मुझसे विद्वेष रखतीं हो… अक्सर कई बार पढ़ा... Poetry Writing Challenge-3 · अच्छाई-और-बुराई · ईष्र्या · कविता · मानसिक कष्ट 1 105 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read मन मन विचारों का अथाह सागर है मन! विस्मृत भुली यादों का तरंग है मन! झक्रंत होती बातों का ज्वार है मन! भावविभोर से उमड़ती लहर है मन!….. घटा बन छाने... Poetry Writing Challenge-3 · ख़ाली मन · खुशियां · मन का गीत · मन का समंदर 1 83 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read निकाल देते हैं निकाल देते हैं रिश्तों का संतुलित अनुपात निकाल देते थे। प्यार से नफ़रत की औकात निकाल देते थे।। जिस तरह निकाल देते हैं दालों से पत्थर- पुराने लोग बिगड़ी हुई... Poetry Writing Challenge-3 · मन का तूफान · रिश्ते - कुछ झूठे कुछ सच्चे · रिश्ते नाते · समय का चक्र 1 84 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 2 min read चलो दो हाथ एक कर ले चलो दो हाथ एक कर ले आज फिर किसी का साथ कर ले मुनासिब नही की वो साथ चल पायेगा!मगर जरा सी तुम पहल कर दो शुरू ;शायद! वो चला... Poetry Writing Challenge-3 · इंसानियत · तुम-मेरा-साथ-दो · साथ और प्यार · साथी 1 87 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read कभी कभी कभी कभी कभी कभी खुद से भी हस्ती!सवालात कर लिया करो वजुद में हम कहाँ बैठे हैं हुजुर जरा!पुछ लिया करो हर आखं का इशारा अपना नहीं!ये भी जान लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कभी कभी · खुद के सवाल · विश्वास की डोर · विश्वासघात 100 Share Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read गुस्सा गुस्सा हां देखो! मैने अभी अभी गुस्से को यूं आते देखा है “नाक “पे ज़रा अपनी “नाक” को यूं चढ़ाते देखा है है जो तैश में ताव, वो उबाल यहां... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गुस्सा एक शारीरिक हानि · गुस्से का अपहरण · गुस्से का गुब्बारा 96 Share Sûrëkhâ 15 May 2024 · 1 min read आईना आईना कभी कभी खुद से भी बात कर लिया करो आइने में रहकर खुद आइनें से बात कर लिया करों है कहाँ शक्ल!वो शक्ल कहाँ खो गयी जरा देखा करों... Poetry Writing Challenge-3 · आईना एक सच · आईना खुद की परछाई · जिंदगी का सच · सच 141 Share Sûrëkhâ 15 May 2024 · 1 min read प्रकृति प्रकृति जिसका हमनें पतन किया आज वो कल से हमारे सजृन दाता रहे हैं जिन्हें हम अपने स्वार्थ के लिए काटते रहे कल वो ही हमारे आज फिर से प्राणदाता... Poetry Writing Challenge-3 · प्रकृति · प्रकृति प्रेमी कवि · प्राकृतिक संरक्षण · हमारी प्रकृति हमारा जीवन 72 Share Sûrëkhâ 15 May 2024 · 1 min read शब्द शब्द कभी कभी शब्दों से भी मार पड़ जाती है कभी कभी शब्दों से भी राड बढ़ जाती है कभी कभी शब्दों से भी बाढ़ बन जाती है कभी कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · शब्द · शब्द और भाव · शब्दों की चुभन 109 Share Sûrëkhâ 14 May 2024 · 1 min read कैसी लगी है होड़ कैसी लगी है होड़ खुद को बेहतर साबित करने की कैसी लगी ये होड़। आंखें सुंदर सबकी है फिर क्यों अंधों सी दौड़ खुद को बेहतर साबित करने की कैसी... Poetry Writing Challenge-3 · आज के जीवन की भागदौड़ · आपसी होड़ · जिंदगी का सच · जीवन के उतार-चढ़ाव की सोच 1 68 Share Sûrëkhâ 14 May 2024 · 1 min read बात मेरे मन की बात मेरे मन की बात मेरे मन की है बीत गया है, बचपन मेरा, चली गई जवानी है पर बात मेरे मन की ना किसी ने जानी है । मैं... Poetry Writing Challenge-3 · खुद से बातें · दुनियां · मन का गीत · मन की बात 75 Share Sûrëkhâ 14 May 2024 · 1 min read सोच सोच सोच आती है तो कभी जाती है, कभी अच्छी तो कभी बुरी , कभी वैज्ञानिक , तो कभी दार्शनिक कभी संकीर्ण, तो कभी विराट ….। सोच कभी लेकर आती... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · अच्छी बुरी सोच · एक सोच · जीवन के उतार-चढ़ाव की सोच 2 81 Share Sûrëkhâ 14 May 2024 · 2 min read मां मां कौन है दुनिया में भला मां से बढ़कर एहसान करती है नौ महीने तुम्हें कोख में रखकर यहीं से एक पवित्र रिश्ते की शुरुआत होती है। करवट लेता है... Poetry Writing Challenge-3 · प्यारी मां · मां का संघर्ष · मां की अभिलाषा · मेरी मां 1 90 Share Sûrëkhâ 14 May 2024 · 1 min read क्या रखा है??? क्या रखा है??? जी भर कर जी लो बचपन में बचपन फिर ना आएगा क्या रखा है फोन में जीवन तुम्हारा खो जाएगा। अभी सुन लो दादी अम्मा से सबकी... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · परिवार · माता-पिता की भावना · रिश्ते नाते 2 73 Share Sûrëkhâ 13 May 2024 · 1 min read चाहत चाहत युधिष्ठिर ने एक सच्चाई बताई थी मरना सभी को है लेकिन मरना कोई नहीं चाहता। आज परिस्थिति और भी गलत है भोजन सभी को चाहिए लेकिन खेती करना कोई... Poetry Writing Challenge-3 · आलस्य · कविता · चाहत · प्रेरित 1 86 Share Sûrëkhâ 10 May 2024 · 1 min read जिंदगी के कुछ कड़वे सच जिंदगी के कुछ कड़वे सच जिंदगी में कभी भी किसी को बेकार मत समझो क्योंकि बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है । किसी की बुराई... Poetry Writing Challenge-3 · इंसानियत · कविता · कुछ कड़वे कुछ मीठे पल · जिंदगी का सच 1 122 Share Sûrëkhâ 8 May 2024 · 1 min read तो क्या हुआ तो क्या हुआ तो क्या हुआ अगर वह मुझे लोरी गाकर नहीं सुनाते । मां डांटे कभी तो वही तो मेरे पक्ष में बोल कर उन्हें समझाते । तो क्या... Poetry Writing Challenge-3 · अनकही बातें · जिम्मेदारी · पिता का प्रेम · बाप बेटा 2 114 Share Sûrëkhâ 8 May 2024 · 1 min read अधूरा प्रयास अधूरा प्रयास चलता रहेगा कारवां रोको नहीं कदम… उम्मीद होगी ज्यादा ना ख्वाहिशें होगी कम… कितनी मुसीबतें, तुम्हारी राह में आए… फिर भी कभी ना तुम्हारी चाह में आए… लड़कर... Poetry Writing Challenge-3 · उम्मीद · कविता · प्रयास · हिम्मत 1 103 Share Sûrëkhâ 8 May 2024 · 1 min read सुख दुख सुख दुख सुख दुख तो आते जाते हैं जीवन में… फर्क पड़ता है तो बस इतना कुछ दुख देते हैं दर्द कुछ पल का और कुछ दुखों को पड़ता है... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · जीवन के दो पहलू · फर्क · सुख दुख 1 89 Share Sûrëkhâ 8 May 2024 · 1 min read बूढ़ी मां बूढ़ी मां जब सांसे मेरी चलती थी तो तेरा रवैया कुछ और था एक रोटी के टुकड़े के खातिर तूने दिया मुझे झंझोड़ था। एक गिलास पानी पिलाने के कारण... Poetry Writing Challenge-3 · ओ माँ · कविता · बुढ़ापा · समय का चक्र 1 115 Share Sûrëkhâ 8 May 2024 · 1 min read चुप रहो चुप रहो मां हमेशा झड़कती थी…चुप रहो बच्ची ज्यादा नहीं बोलते। थोड़ी सी बड़ी हुई तो… थोड़ी सी बड़ी हुई तो मां फटकार लगाती चुप रहो बड़ी हो रही हो... Poetry Writing Challenge-3 · उम्र का पहिया · कविता · महिला सशक्तिकरण · महिलाओं की स्थिति 1 130 Share Sûrëkhâ 13 Jul 2023 · 1 min read विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर | जीवन भर चुनाव ही करते | हर चीजें हम चुनकर लेते || दोस्त चुनें , हमसफर चुनें | जीवन की हर डगर चुनें || चुनना है इन्सान की फितरत |... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · काव्य के शब्द चुनाव पर। · देश · फितरत · भारतीय समाज · साहित्यपीडिया 7 1 455 Share Sûrëkhâ 13 Jul 2023 · 1 min read बदलती फितरत हर लहज़ा, हर फितरत और हर क़िरदार देखा है भरी दुनिया में लोंगो का बदलता व्यवहार देखा है!! लोग मिलते हैं आपसे आपकी हैसियत देखकर! रिश्तों का हमनें भी एक... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · फितरत · बदलती फितरत · व्यवहार · साहित्यपीडिया 8 2 345 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *मन का समंदर* *मन का समंदर* समंदर की लहरें कब हवा हो जाती है पता ही नहीं चलता कब धुआं हो जाती है ओस की बुंदों की तरह कुछ पल को दिखतीं हैं... Poetry Writing Challenge · कविता · मन का तूफान · मन का समंदर · मन की बात · साहित्यपीडिया 7 8 429 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 2 min read चलो बनाएं *चलो बनाएं* लोकल को वोकल बनाये चलो आज कुछ नया बनाये दुसरो के साये में खुद को न सजाकर आज फिर खुद से जद्दोजहद कर कोशिश नयी कुछ हटकर बनाये... Poetry Writing Challenge · अखंड भारत · आजादी · एकता · कविता · भारत 8 7 309 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read किताब *किताब* अरे हस्ती!किताबें ज्ञान का दीप होती हैं जिसकी रोशनी में रह रह कर.... इंसानियत खुद के अतीत को पढ़कर.... जान पाता है कुछ खोये हुए अछूत को... .जिनसे वो... Poetry Writing Challenge · ओनलाइन · कविता · किताब · पुस्तकालय · बदलती शिक्षा व्यवस्था 6 7 217 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read ईर्ष्या *ईर्ष्या* आज भी ईर्ष्या तू ना गई मेरे मन से आज भी पास होकर तुम इतराती हो या फिर दूर रहकर यूं मुझसे विद्वेष रखतीं हो... अक्सर कई बार पढ़ा... Poetry Writing Challenge · ईर्ष्या · ईर्ष्यालु · कविता · मानसिक कष्ट · साहित्यपीडिया 8 5 380 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read मन *मन* विचारों का अथाह सागर है मन! विस्मृत भुली यादों का तरंग है मन! झक्रंत होती बातों का ज्वार है मन! भावविभोर से उमड़ती लहर है मन!..... घटा बन छाने... Poetry Writing Challenge · कविता · खुशी के पल · मन · मन का मौसम · मन की तरंग 6 3 267 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read निकाल देते हैं *निकाल देते हैं* रिश्तों का संतुलित अनुपात निकाल देते थे। प्यार से नफ़रत की औकात निकाल देते थे।। जिस तरह निकाल देते हैं दालों से पत्थर- पुराने लोग बिगड़ी हुई... Poetry Writing Challenge · इंसानियत · कविता · प्रेम में अखरना · रिश्तो में उदारता · साहित्यपीडिया 6 2 178 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 2 min read चलो दो हाथ एक कर ले *चलो दो हाथ एक कर ले* आज फिर किसी का साथ कर ले मुनासिब नही की वो साथ चल पायेगा!मगर जरा सी तुम पहल कर दो शुरू ;शायद! वो चला... Poetry Writing Challenge · उम्मीद · कविता · कविता प्रेमाची · कोशिश · साथी 5 3 446 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read कभी-कभी *कभी कभी* कभी कभी खुद से भी हस्ती!सवालात कर लिया करो वजुद में हम कहाँ बैठे हैं हुजुर जरा!पुछ लिया करो हर आखं का इशारा अपना नहीं!ये भी जान लिया... Poetry Writing Challenge · कविता · खुद के सवाल · विश्वास की डोर · विश्वासघात · साहित्यपीडिया 5 2 205 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *बदलना और मिटना* *बदलना और मिटना* दो शब्द! एक मै और मै, वो बदलना चाहिए निकले जो भाव अनर्थ के वो सार मिटना चाहिए एक सूरत वक्त की वो करवट बदलना चाहिए जो... Poetry Writing Challenge · कविता · बदलता इंसान · बदलना और मिटना · भेदभाव · साहित्यपीडिया 4 2 566 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read गुस्सा *गुस्सा* हां देखो! मैने अभी अभी गुस्से को यूं आते देखा है "नाक "पे ज़रा अपनी "नाक" को यूं चढ़ाते देखा है है जो तैश में ताव, वो उबाल यहां... Poetry Writing Challenge · कविता · गुस्सा · गुस्सा एक शारीरिक हानि · गुस्से का गुब्बारा · साहित्यपीडिया 4 2 292 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read आईना *आईना* कभी कभी खुद से भी बात कर लिया करो आइने में रहकर खुद आइनें से बात कर लिया करों है कहाँ शक्ल!वो शक्ल कहाँ खो गयी जरा देखा करों... Poetry Writing Challenge · आईना · आईना एक सच · कविता · खुद की पहचान · साहित्यपीडिया 3 1 597 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read प्रकृति *प्रकृति* जिसका हमनें पतन किया आज वो कल से हमारे सजृन दाता रहे हैं जिन्हें हम अपने स्वार्थ के लिए काटते रहे कल वो ही हमारे आज फिर से प्राणदाता... Poetry Writing Challenge · कविता · पर्यावरण संरक्षण · प्रकृति · साहित्यपीडिया · हमारी प्रकृति हमारा जीवन 3 1 184 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *शब्द* *शब्द* कभी कभी शब्दों से भी मार पड़ जाती है कभी कभी शब्दों से भी राड बढ़ जाती है कभी कभी शब्दों से भी बाढ़ बन जाती है कभी कभी... Poetry Writing Challenge · कविता · शब्द · शब्दचित्र · शब्दांजलि · शब्दों का जीवन में जाल 3 1 272 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read कैसी लगी है होड़ *कैसी लगी है होड़* खुद को बेहतर साबित करने की कैसी लगी ये होड़। आंखें सुंदर सबकी है फिर क्यों अंधों सी दौड़ खुद को बेहतर साबित करने की कैसी... Poetry Writing Challenge · आज के जीवन की भागदौड़ · आपसी होड़ · कविता · भविष्य बनाने की दौड़ · साहित्यपीडिया 3 1 178 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read बात मेरे मन की *बात मेरे मन की* बात मेरे मन की है बीत गया है, बचपन मेरा, चली गई जवानी है पर बात मेरे मन की ना किसी ने जानी है । मैं... Poetry Writing Challenge · कविता · ना जीवन जीना छोड़ · बातें मंकी · मन की तरंग · साहित्यपीडिया 3 1 577 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read सोच *सोच* सोच आती है तो कभी जाती है, कभी अच्छी तो कभी बुरी , कभी वैज्ञानिक , तो कभी दार्शनिक कभी संकीर्ण, तो कभी विराट ....। सोच कभी लेकर आती... Poetry Writing Challenge · अच्छी बुरी सोच · एक सोच · कविता · जिंदगी एक पहेली · जीवन के उतार-चढ़ाव की सोच 3 1 277 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 2 min read मां *मां* कौन है दुनिया में भला मां से बढ़कर एहसान करती है नौ महीने तुम्हें कोख में रखकर यहीं से एक पवित्र रिश्ते की शुरुआत होती है। करवट लेता है... Poetry Writing Challenge · कविता · दुनिया के हर माँ को मेरा नमन। · मां का अनोखा प्यार · मां का संघर्ष · मां की अभिलाषा 3 1 190 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read क्या रखा है??? *क्या रखा है???* जी भर कर जी लो बचपन में बचपन फिर ना आएगा क्या रखा है फोन में जीवन तुम्हारा खो जाएगा। अभी सुन लो दादी अम्मा से सबकी... Poetry Writing Challenge · कविता · बचपन · माता पिता · मोबाइल · रिश्ते नाते 3 1 208 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read चाहत *चाहत* युधिष्ठिर ने एक सच्चाई बताई थी मरना सभी को है लेकिन मरना कोई नहीं चाहता। आज परिस्थिति और भी गलत है भोजन सभी को चाहिए लेकिन खेती करना कोई... Poetry Writing Challenge · Procrastination · आलस्य · कविता · चाहत · प्रेरित 3 1 428 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *जिंदगी के कुछ कड़वे सच* *जिंदगी के कुछ कड़वे सच* जिंदगी में कभी भी किसी को बेकार मत समझो क्योंकि बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है । किसी की बुराई... Poetry Writing Challenge · इंसानियत · कविता · जिंदगी का सच · जिंदगी-दो-पल-की · ये जिंदगी 5 1 695 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read तो क्या हुआ *तो क्या हुआ* तो क्या हुआ अगर वह मुझे लोरी गाकर नहीं सुनाते । मां डांटे कभी तो वही तो मेरे पक्ष में बोल कर उन्हें समझाते । तो क्या... Poetry Writing Challenge · कविता · जिम्मेदारी · पिता · पिता का अदृश्य प्रेम · माता पिता 3 1 335 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read अधूरा प्रयास *अधूरा प्रयास* चलता रहेगा कारवां रोको नहीं कदम... उम्मीद होगी ज्यादा ना ख्वाहिशें होगी कम... कितनी मुसीबतें, तुम्हारी राह में आए... फिर भी कभी ना तुम्हारी चाह में आए... लड़कर... Poetry Writing Challenge · उम्मीद · कविता · प्रयास · प्रेरित · संघर्ष 3 1 397 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read सुख दुख *सुख दुख* सुख दुख तो आते जाते हैं जीवन में... फर्क पड़ता है तो बस इतना कुछ दुख देते हैं दर्द कुछ पल का और कुछ दुखों को पड़ता है... Hindi · उम्मीद · कविता · जीवन एक सुंदर सपना · जीवन सार · सुख दुख 6 2 533 Share Page 1 Next