Santosh Shrivastava 757 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Santosh Shrivastava 17 Sep 2020 · 1 min read अपने अपनों का है मेरी इच्छा शहर के शौर-गुल से दूर गाँव के बीच बसे मेरी दादी के खपरैल और माटी की सुगंध से भरपूर घर जाने की है वहाँ इन्सानियत मानवता और... Hindi · कविता 1 1 244 Share Santosh Shrivastava 14 Sep 2020 · 1 min read हिन्दी महान हिन्द हिन्दी है मेरी शान है मुझको तूझ पर अभिमान जन जन की है भाषा हिन्दी बांधे एकता सूत्र में हिन्दी कश्मीर से कन्याकुमारी तक बुलंद है हिन्दी होगा जितना... Hindi · कविता 2 3 492 Share Santosh Shrivastava 12 Sep 2020 · 1 min read ज़िंदगी पड़ो मत पहेली के झमेले में दोस्तों है जिन्दगी लम्बी खींचती है ज्यो रस्सी आये जब जो पहेली पहले हल करो उसे जिन्दगी में है पहेली बिन जिन्दगी सूनी कभी... Hindi · कविता 1 232 Share Santosh Shrivastava 10 Sep 2020 · 1 min read यादें जीवन की याद आते हैं बचपन के वो दृश्य ठंड के दिन में चूल्हे के पास बैठ कर हाथ सेंकते हुए माँ के हाथ की गरमागरम रोटी खाना याद आता है वो... Hindi · कविता 1 3 389 Share Santosh Shrivastava 6 Sep 2020 · 1 min read मंजिल दुनियाँ इक फ़साना है है भटकाव राहों में एक ही मंजिल तलक पहुँचना है सब को जहाँ से वापस नहीं आना है स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 2 275 Share Santosh Shrivastava 5 Sep 2020 · 1 min read शिक्षक भूले नहीं भूलाये जाते ये फरिश्ते तराशते हैं देते हैं मूरत रूप ये जन्म देती माँ पिता दिखाता है दुनियाँ भविष्य बनाते हैं ये शिक्षक हैं आर्दश मार्गदर्शक हमारे हैं... Hindi · कविता 1 2 272 Share Santosh Shrivastava 4 Sep 2020 · 1 min read सज्जा (पिरामिड विधा) 1 दे सज्जा ओणम दिपावली है खुशहाली स्वास्थ्य प्रकाश शुभ मंगलकारी 2 ऐ रात अंधेरा समेटना शुभ उदय है आनन्दमय सज्जा ईश प्रार्थना स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 184 Share Santosh Shrivastava 3 Sep 2020 · 1 min read सम्मान ? दे कर प्यार, जो हमें विदा हुए संसार से, आओ करें स्वागत उनका हम। वो हुए पुरखो में शामिल जो कभी थे साथ हमारे आज सादर नमन उन्हें मन... Hindi · कविता 1 419 Share Santosh Shrivastava 3 Sep 2020 · 1 min read चिरैया है सूनी सूनी सी बगिया नहीं सुनाई दे चिं चिं चिं चिं चिरैया की आवाज सुबह सुबह है सूना सूना घर परिवार सुनाई नही दें आवाजे नन्ही बिटिया की बनाओ... Hindi · कविता 1 245 Share Santosh Shrivastava 1 Sep 2020 · 1 min read जीवन में है जीवन क्षणभंगुर कर्म प्रधान बनों जीवन में है सीमित जीवनधारा लक्ष्य पाओ जीवन में करों सेवा बेसहारों की बनों सहारा बुजुर्गों के है पूंजी उनका आशीर्वाद ही जीवन में... Hindi · कविता 1 274 Share Santosh Shrivastava 31 Aug 2020 · 1 min read रंगोली 1 मन झूमता मकान है सुन्दर प्रिय रंगोली 2 घर संस्कार भगवान मंदिर शुभ रंगोली 3 सूना त्यौहार बिन बने रंगोली जय गणेश स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · हाइकु 1 342 Share Santosh Shrivastava 27 Aug 2020 · 1 min read भटकाव निकला था मंजिल के लिए दोस्त मिले और बिछुड़ते गये आया जब चौराहा भटकाव आया जिन्दगी में बनते थे अपने गायब हो गये किधर है मंजिल नहीं बताया किसी ने... Hindi · कविता 2 526 Share Santosh Shrivastava 25 Aug 2020 · 1 min read याद याद आया वो बीता ज़माना कभी ठिठोली कभी आँख मिचौली कभी चिचौरी कभी चौरी कभी मस्ती खुशियों की बस्ती थी एक हस्ती ढूँढते हैं लोरी प्यार की डोरी वो अपना... Hindi · कविता 2 1 231 Share Santosh Shrivastava 23 Aug 2020 · 1 min read ईरादे हो जाते दफ़न, हम नफ़रत, इतनी तो की होती होते ईरादे साफ तो मुहब्बत, बदनाम नहीं होती स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · शेर 2 291 Share Santosh Shrivastava 21 Aug 2020 · 1 min read करीब (सत्य वचन ) एक बुरा वक्त ही ऐसा होता है, जो इन्सान को भगवान के करीब ला देता है । जय श्री कृष्णा राधे राधे Hindi · मुक्तक 1 1 428 Share Santosh Shrivastava 18 Aug 2020 · 1 min read तृष्णा मन की बात दिल में आस होती नहीं पूरी कभी तृष्णा इन्सान की भटकाती है जिन्दगी को रखती है खाली हाथ इन्सान को तृष्णा होती नहीं पूरी लो शिक्षा जीवन... Hindi · कविता 1 222 Share Santosh Shrivastava 17 Aug 2020 · 1 min read फूल गुलाब का काटों भरा है इनका शरीर, सुगंध, मुस्कान से हैं भरपूर है आदर्श ये गुलाब फूल हमारे दुःख में भी मुस्काय मन हमारे स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 3 1 530 Share Santosh Shrivastava 16 Aug 2020 · 1 min read इन्सानियत स्वतंत्रता दिवस पर झंडा वन्दन के लिए मयंक तैयार हो कर आफिस जा रहा था । वह संचालक था , इसलिए झंडा वन्दन उसे ही करना था । मयंक अभी... Hindi · लघु कथा 2 590 Share Santosh Shrivastava 14 Aug 2020 · 1 min read तराना छेड़ो तुम कोई तराना मुझे गुनगुनाना है गाओ मंगल गान आज देशभक्ति का है दिन मुझे गुनगुनाना है है माँ को सादर नमन माँ की लोरी आज मुझे गुनगुनाना है... Hindi · कविता 3 406 Share Santosh Shrivastava 14 Aug 2020 · 1 min read देशप्रेमी होती सबसे प्यारी सबसे न्यारी माँ हमारी चलाती हाथ पकड़ वो सुनाती लोरी खिलाती हलुआ पूरी वो बजा है आज डंका स्वदेशी का है मौका कर्ज उतारने का अपनाना है... Hindi · कविता 1 1 266 Share Santosh Shrivastava 11 Aug 2020 · 1 min read किस्मत ढूँढते रहे ता जिन्दगी किनारे हम कभी मंझधार तो कभी तूफान सा मिला मंजर कहाँ है किनारा हम भटकते रहे होते हैं वो किस्मत वाले मिलती जिन्हें पतवार खैते रहे... Hindi · कविता 242 Share Santosh Shrivastava 8 Aug 2020 · 1 min read माँ का चूल्हा जोड़ता है चूल्हा परिवार को सुग॔ध रोटी की गोल गोल रोटी माँ का प्यार बैठे साथ बाबू जी भाई और बहन करता सब की चिंता माँ का चूल्हा है चौका... Hindi · कविता 1 702 Share Santosh Shrivastava 2 Aug 2020 · 1 min read मित्र है सूर बिन, गीत अधूरा अपनों बिन, परिवार अधूरा मित्र बिन, संसार अधूरा स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल (मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं) Hindi · मुक्तक 1 1 559 Share Santosh Shrivastava 2 Aug 2020 · 1 min read अहसास होती नहीं सहन अब उनकी खामोशियां महकी हैं फ़िजा में ख़ुशबू बाबजूद ख़ामोशियों के अहसास हो रहा सांसों का उनकी स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 434 Share Santosh Shrivastava 31 Jul 2020 · 1 min read जीवन चक्र जमीन में गिरी बूँद बीज को सींचती है , वृक्ष बनता है और बादलो सा घुमड़ घुमड़ कर बारिश कराता है फिर नयी बूँद जमीं पर गिरती है नया बीज... Hindi · कविता 2 1 243 Share Santosh Shrivastava 30 Jul 2020 · 1 min read चिट्ठी है बड़ा आत्मनीय शब्द खत दरवाजे पर खड़ी बाला इन्जार करती माँ खत नहीं तो दिखता नहीं कोई यहाँ वहाँ सुकड़ गया है आज संसार सुकड़ गये हैं आज संबंध... Hindi · कविता 1 586 Share Santosh Shrivastava 28 Jul 2020 · 1 min read झूला है जीवन झूला जैसा कभी ऊपर तो कभी नीचे जैसा है कभी चढ़ाव है जीवन में तो कभी है उतार जिन्दगी में देता है सबक झूला जीवन में कभी तेजी... Hindi · कविता 1 251 Share Santosh Shrivastava 23 Jul 2020 · 1 min read क्रान्ति है जरूरत हर युग में आजाद और आजादी की भाती नहीं पराधीनता न मानव न पंछी को झटपटाता है इन्सा आजादी के लिए पर भूल जाता है आजादी और आजाद... Hindi · कविता 2 1 378 Share Santosh Shrivastava 19 Jul 2020 · 1 min read संबंध करें मजबूत संबंध आपस में है नहीं भरोसा जिन्दगी का न करो बातें टूटने बिखरने की है मौला रखवाला सब का है फकीर समझाने वाला स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 3 1 425 Share Santosh Shrivastava 16 Jul 2020 · 1 min read जीवन-चक्र जमीन में गिरी बूँद फिर बीज को सींचती है , वृक्ष बनता है और बादलो को खींच कर बारिश कराता है फिर एक नयी बूँद जन्म लेती है नयी आशाओं... Hindi · मुक्तक 2 2 420 Share Santosh Shrivastava 7 Jul 2020 · 1 min read कसक जब अपने अपने न रहे तो उठती है कसक दिल में करते हैं वादे निभाने साथ का छोड़ जाते साथ बीच मंझधार में कसक उठती है दिल में हैं धोखेबाज... Hindi · कविता 1 537 Share Santosh Shrivastava 4 Jul 2020 · 1 min read जीवन का हैप्पी मंत्र रहना हर अवस्था में खुश है यही जिन्दगी का मूलमंत्र आते रहते सुख-दुःख चलता रहता जीवन अनन्त आती हैं जिन्दगी में अवस्था तीन बाल्य किशोर और वृद्ध बनों हर हाल... Hindi · कविता 1 336 Share Santosh Shrivastava 3 Jul 2020 · 1 min read उमर इतनी भी उमर मत दे मौला जब खुद ही नहीं अपने भी मरने की दुआ करने लगे Hindi · मुक्तक 1 377 Share Santosh Shrivastava 26 Jun 2020 · 1 min read शरारत दिल है कमजोर डर जाता है शरारत से करते हैं फूलों से शरारत भौंरे डर जाते है वो नादान लगती है अच्छी शरारत शैतानी बच्चों की टोकते नहीं माँ बाप... Hindi · कविता 2 539 Share Santosh Shrivastava 23 Jun 2020 · 1 min read दूर करो दवाइयां दिया प्रकृति ने शुद्ध वायु जल वातावरण अपने स्वार्थ इच्छा पूर्ति के लिये किया इन्सान ने इसे प्रदुषित काटे ज॔गल किया झील नदी तालाबों पर अतिक्रमण कांक्रीट के बनाये महल... Hindi · कविता 2 1 221 Share Santosh Shrivastava 6 Jun 2020 · 1 min read रिश्ते होते हैं बड़े नाजुक रिश्ते समेटो उन्हें दामन में सरक गयी अगर झोली बिखर जाते रेत से देता मौला मोहब्बत बेपनह समेट सको जितना समेटो पकड़ो झोली मजबूती से बिखर... Hindi · कविता 506 Share Santosh Shrivastava 3 Jun 2020 · 1 min read समसामयिक विश्लेषण कुछ तो गुस्ताखी हुई होगी दोस्तों महफिलें सुनसान हैं श्मशान आबाद हैं संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 234 Share Santosh Shrivastava 1 Jun 2020 · 3 min read बच्चे और संस्कार मानव जीवन में संस्कारों का बहुत महत्व है। संस्कारविहिन व्यक्ति देश समाज परिवार के लिए बोझ तुल्य होता है । जब बच्चा गर्भ में रहता है तभी से उसमें संस्कार... Hindi · लेख 2 2 1k Share Santosh Shrivastava 28 May 2020 · 1 min read वक़्त है वक़्त बड़ा बलवान अविरल घुमता चक्र सुबह-ओ-शाम बनता राजा से रंक और रंक से राजा घुमती रहती जिन्दगी पहिये सी ठहरती नहीं जिन्दगी जब तक हैं प्राण इन्सान में... Hindi · कविता 1 1 645 Share Santosh Shrivastava 23 May 2020 · 1 min read जीवन एक पहेली (चिन्तन) लेता जन्म मानव कोरा कागज सा जीवन बढ़ती उम्र उकेरती जाती कभी लकीरे कभी भरते रंग नाम पाता पहचान बनाता कोरे कागज पर बनती जन्म कुंडली लिखता कोरे कागज पर... Hindi · कविता 1 429 Share Santosh Shrivastava 21 May 2020 · 1 min read लाकडाउन लाकडाउन हैं जरूरी चार आज घर सफाई मास्क डाक्टर हैं ये सबसे बड़े तीर्थ आज छाया है कोरोना संकट आज जीवन है दुर्लभ आज लापरवाही पड़ेगी मंहगी आज राम भी... Hindi · कविता 1 415 Share Santosh Shrivastava 19 May 2020 · 1 min read प्रवासी मैं पंखे कूलर में बैठा घर पर अनुमान लगा रहा था ताप का 40 नहीं 43 डिग्री है आज ताप कभी गिरता पर्दे तो कभी बंद करता खिड़की धूप की... Hindi · कविता 1 458 Share Santosh Shrivastava 10 May 2020 · 1 min read माँ ( मातृ दिवस ) दिनांक 10/5/20 कहा , चाँद ने "क्या निहरते हो तुम ? मुझ में प्रेमिका, मेहबूबा की शक्ल पाओगे हमेशा" कहा मैंने " आज तलाशता हूँ तुझ में बस माँ मेरी... Hindi · कविता 3 2 494 Share Santosh Shrivastava 30 Apr 2020 · 1 min read रूष्ठ धरा 1 नाराज धरा बेहाल है इन्सान माहौल शांत 2 फ़िजा उजाड़ खौफनाक कोरोना रूष्ठ प्रकृति 3 प्यार जीवों से जीतेगी मानवता रूष्ठे न जग स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · हाइकु 3 303 Share Santosh Shrivastava 25 Apr 2020 · 1 min read मानव आधार पुस्तकें है जन्मजमान्तर से पुस्तकों का मानव से नाता समाया है इनमें ज्ञान विज्ञान है अ ब स शब्दों के बिना जीवन अधूरा किताबों से पाया जीवन पूरा चारों वेद गीता... Hindi · कविता 1 267 Share Santosh Shrivastava 25 Apr 2020 · 1 min read आभार है आभार उन डाक्टर योद्धाओं का जो करोना संकट की घड़ी में दे रहे जीवनदान है नहीं कर रहे परवाहअपनी जिन्दगी की सुबह शाम रात डटे हैं जो मोर्चा पर... Hindi · कविता 3 1 227 Share Santosh Shrivastava 11 Apr 2020 · 1 min read लड़ो मत डरो आज है महत्ता सत्संग की लड़ रहा विश्व एक लड़ाई कोरोना है उसका नाम हैं जो संस्कारी सदाचारी मान रहे चिकित्सक विशेषज्ञों सरकार की बात रह रहे घरों में कर... Hindi · कविता 230 Share Santosh Shrivastava 9 Apr 2020 · 1 min read संस्कार (तांका विधा) एक है संस्कृति मानव पहचान दे संस्कार करे उन्नति वह सहायक हैं गुण दो है जरूरत संयम समझ की फैला कोरोना मच रहा कहर बचाये अच्छे गुण स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · कविता 458 Share Santosh Shrivastava 31 Mar 2020 · 1 min read चेतावनी बेरहम इन्सान प्रकृति से खिलवाड़ बढ़ता प्रदूषण घटता जल स्तर कांक्रीट के महल कटते वृक्ष घटते जंगल बिगड़ता पर्यावरण तबाही ही तबाही बिलखता इन्सान बैचैन वसुंधरा माँ का प्यार धरती... Hindi · कविता 1 484 Share Santosh Shrivastava 27 Mar 2020 · 1 min read सतर्कता गवाह है इतिहास पार की जब जब लक्ष्मण रेखा परेशानी में पड़ा मानव हैं प्राकृति की भी हदें स्वच्छ हो पर्यावरण दूर हो प्रदूषण रखें दूरी आपस में पर जुड़े... Hindi · कविता 446 Share Previous Page 3 Next