पंकज पाण्डेय सावर्ण्य Language: Hindi 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 28 Dec 2018 · 1 min read बैठे-बैठे बैठे - बैठे सोच रहे पर्वत पे हनुमान जाति मेरी ढूंढ रहे कलयुग के इंसान कलयुग के इंसान की फितरत है बेमानी जिससे उनका हित सधे कहते वही कहानी मेरी... Hindi · कुण्डलिया 384 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 28 Dec 2018 · 1 min read असर अब निशा की नीरवता आधुनिकता की भव्यता को समर्पित होकर सादगी भरे जीवन को मार रही ठोकर पर चोट तो दिखती नही वह बाजारों की तरह बिकती नही वह तो... Hindi · कविता 1 211 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 28 Dec 2018 · 1 min read खुशियां नव वर्ष की न्यू ईयर नजदीक साल दो हजार उन्नीस बच्चे बूढे नौजवां पायें सभी आशीष । कि हंसी खुशी मे बीते साल रह जाये ना कोई मलाल सब की मुरादें पूरी हों... Hindi · गीत 1 439 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 25 Dec 2018 · 1 min read कवि हृदय जीवन की वो स्मृतियां जो अंकित होती हृदय पृष्ठ पर वही रंगोली चित्रित होती अंतर्मन के पत्रों पर । कवि की मुद्राएं अलग अलग वह कई तरह से लिखता है... Hindi · कविता 2 2 511 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 12 Dec 2018 · 1 min read मन की प्रार्थना दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी,पायें लक्ष्य महान पायें लक्ष्य महान,बन जायें बिगड़े काम दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान । पढ़ लिख... Hindi · गीत 1 248 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 25 Nov 2018 · 1 min read जंग आज मची हुई है हिन्दू बनने की जंग हिन्दू बनने मे रंग,धर्म कोई न बच पाये धर्म कोई न बच पाये वोट बने मजबूत सवर्ण बिन जुर्म के मुजरिम ठुंकी... Hindi · कुण्डलिया 6 2 470 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 25 Nov 2018 · 1 min read मन का मंदिर मंदिर मन की आस्था,देरी से दुःख होय राम पड़े पंडाल मे,सुधि लेता नहि कोय सुधि लेता नहि कोय कि राम को घर मिल जाये बड़े हृदय से काम करें जो... Hindi · कुण्डलिया 4 3 492 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 6 Nov 2018 · 1 min read !! मां !! मां तो मां ही है मां की छवि न्यारी है मां सृष्टि की अनुपम रचना दुनिया मां की आभारी है । मां सृष्टि की संचालक है वह सब जीवों की... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 331 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 1 Nov 2018 · 1 min read सलाह व्यथित हो चुका मन उन चंद गद्दारो से देशद्रोही विचारो से राष्ट्रवाद के लाचारो से । जो भारत मां की जय ना बोलें ना बोलें तो ना बोलें पर झूठे... Hindi · कविता 1 254 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 31 Oct 2018 · 1 min read स्वच्छ और स्वस्थ मन 1- चलते-चलते सड़क पर,जब देते हो थूक खाते-खाते बढ़ जाती है,जब खैनी की भूख जब खैनी की भूख सिर पर चढ़ जाए, देती रोग शरीर को जीवन बोझ बनाए जीवन... Hindi · कुण्डलिया 2 1 268 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 31 Oct 2018 · 1 min read गांव पैरा और पुवालों मे, दिखते गैया और ग्वलों मे लिपे पुते मकानो मे, तरुणियों की तरुणाई में वृद्धों के आशीषों मे युवाओं की मेहनत,माओं की फिकरत प्रातःवंदन,सायं क्रीडा मे गांव... Hindi · कविता 1 266 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 17 Oct 2018 · 2 min read धर्म का स्वरूप भारत ! भारत सभ्यता और संस्कृति का आधार स्तम्भ है ।इसके कण-कण में विद्यमान है अपार उर्जा का स्रोत,जो चरित्र में नित पावनता उत्पन्न कर कर्तब्यों का बोध कराते हुए... Hindi · लेख 1 618 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 12 Oct 2018 · 1 min read नवरात्रि में संकल्प? मातारानी का स्वागत ,करते हैं मन के आंगन में आशीर्वाद मिले ऐसा,दुर्गुण से दूर रहें जीवन में कृपा आपकी पाने को सहृदय आस्था रखते है, नवरात्रि आगमन पर सादर,अभिनंदन है... Hindi · गीत 1 295 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 11 Oct 2018 · 1 min read मैं फूल थी? मैं फूल थी जिसने मुझे देखा, मैं उसे अच्छी लगी जिसने मुझे पाया,उसे महक तो देनी ही थी महक से उसका जी भर गया ! मेरा दिन ठहर गया उसने... Hindi · कविता 1 243 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 11 Oct 2018 · 1 min read मनःस्थिति मुक्त छंद?? --------------------- था अंतर्नाद मन अंतस्थल में पीडा का भाव । समझा कौन? निःशब्द भावना का अंध प्रभाव । अब जीवन भावनाओं से बस प्रीति,लगाव । ???पंकज पाण्डेय....... Hindi · हाइकु 1 243 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 8 Oct 2018 · 1 min read भारत भारत सभ्यता और संस्कृति का आधार है, कण-कण में व्याप्त ऊर्जा का संचार है, यह काया की पवित्रता,कर्तव्य बोध कराता है; उच्च आदर्श स्थापित करने हेतु बहुत आभार है। आभार... Hindi · गीत 1 414 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 3 Oct 2018 · 1 min read ?नन्हे मुन्ने बच्चे हम? नन्हे मुन्ने बच्चे हैं हम प्रातः ही उठ जाते है मात पिता का वंदन कर हम स्कूल को जाते हैं । ?????????? प्रभु वंदना,गुरु वंदन कर कक्षा में हम जाते... Hindi · कविता · बाल कविता 1 307 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 2 Oct 2018 · 1 min read शास्त्री जी-जयन्ती विशेष ?जयन्ती विशेष? --------------------------------- शास्त्री जी को याद करें,अपने मन की गहराई से, मेहनत सिखलाया हर गरीब को,क्यों डरें मंहगई से जयजवान और जयकिसान में,जो सम्मान झलकता है; अब दुनिया में... Hindi · गीत 1 195 Share पंकज पाण्डेय सावर्ण्य 27 Sep 2018 · 1 min read ।।मङ्गल करती धरती।। हिमाद्रि तुङ्ग शृंग पर भानु की पहली किरण, पड़ते ही चमक उठी दुल्हन की विंदिया सी । सुन्दर कपोल लाल हो उठे प्रभाकर की दृष्टि पड़ते ही, चमक उठी आभा... Hindi · कविता 1 503 Share Previous Page 2