Mahendra Narayan 118 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Mahendra Narayan 23 Jul 2022 · 1 min read मिटाने लगें हैं लोग मिटने लगे हैं लोग मिटाने लगें हैं लोग औकातअपनी ज़िद की दिखाने लगें हैं लोग साँसों के सियासत की बहस हो रही ऐसे अब झूठ को ही सच से बचाने... Hindi 1 219 Share Mahendra Narayan 22 Jul 2022 · 1 min read कविता मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 1 1 333 Share Mahendra Narayan 13 Jul 2022 · 1 min read ग़ज़ल ख़ुद में ख़ुद की तलाश करता हूँ ख़ुद को जब भी मैं खास करता हूँ मुझे अक्सर वहीं खुश करतें हैं जिन्हे हर पल उदास करता हूँ दूर मुझसे वो... Hindi 4 1 264 Share Mahendra Narayan 8 Jul 2022 · 1 min read कविता - नई परिभाषा मेरे जैसा दिन भी टूटा शाम हुई ज्यों धुँधली आशा गढ़ता रहा नई परिभाषा स्वयं स्वयं के मन की कोई धूम्र में जैसे धँसी निराशा लगा आईना हाथ से छूटा... Hindi 3 1 269 Share Mahendra Narayan 28 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल मैं हूँ शीशा मुझे पत्थर से बचाते रहिए। आईने की निगाह मुझको दिखाते राहिए। कौन कहता है कि काँटे ख़राब होतें हैं। फूल का उनको बस एहसास दिलाते रहिए। रात... Hindi 1 223 Share Mahendra Narayan 14 Jun 2022 · 1 min read चलना ही पड़ेगा ये ज़िन्दगी सफर है तो चलना ही पड़ेगा ग़र है वफाई आग तो जलना ही पड़ेगा कितने रुके थके नज़रअंदाज उसे कर आगे सफर में हमको निकलना ही पड़ेगा वाकिफ़... Hindi 3 1 583 Share Mahendra Narayan 12 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल - आँखों का भी मौसम रोज बदलता है देख ज़माना इक दूजे को चलता है बंजर कही, कहीं हरियाली होती है मन का बादल जैसे जहाँ पिघलता है लोग आईना एक... Hindi · ग़ज़ल 1 320 Share Mahendra Narayan 7 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल आना जाना सब का चलता रहता है मंजिल से पथ सदा यही तो कहता है सबका मन၊ तिनके के जैसे होता है हवा जिधर की होती उधर ही बहता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 275 Share Mahendra Narayan 5 Jun 2022 · 1 min read नवगीत विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ - गुलदस्ता नहीं बाग बनाओ जीवन को चह- चह करती चिड़िया जिसमें प्रातःखिलती कलियाँ उसमें एक नया फिर राग बनाओ जीवन को सर्दी के... Hindi · कविता 2 281 Share Mahendra Narayan 1 Jun 2022 · 1 min read गीत - आज जब जाने लगी, घर धूप बनकर छाँव.. याद फिर आने लगे, पुरवाईयों के गाँव .. खो गयी है भीड़ में , गाँव की वो मस्तियाँ I भोर को भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 435 Share Mahendra Narayan 27 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल - प्रीत ,पानी , पराग हौ रिश्ता फूँक दे घर उ आग हौ रिश्ता जोतले खेतवा कै उ लगै माटी कभ्भो जामल स साग हौ रिश्ता साथ रहला पै पाँख बगुला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 310 Share Mahendra Narayan 20 May 2022 · 1 min read जीवन साँसों का संसार है जीवन इक दूजे से प्यार है जीवन जो इंसा से इंसा बाँटें वो तो इक दीवार है जीवन दुख आये तो लोग कहें ये मेरा तो... Hindi · कविता 3 361 Share Mahendra Narayan 15 May 2022 · 1 min read नवगीत - चेहरा साँसे चंचल आँखें चमड़ी पर इठलाना मत बाहर से है चिकना जितना खुरदरा भद्दा अन्दर उतना छैल छबीली चाल नशीली सुन्दरता पर जाना मत हड्डी चर्बी रक्त माँस सभी... Hindi · कविता 2 1 313 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल माँ मेरी जब उदास होती है वो मेरे दिल के पास होती है भूख को अपने बाँटती सबसे खा लो कहती है ख़ास होती है रात भर नीद से वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 309 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read ग़ज़ल कभ्भो पत्थर भी फूल हो जाला .. प्यार से जब कुबूल हो जाला जेकरा काँटा भरल ह मनवा में फूल ओकरा फिज़ूल हो जाला. जब चले मन में तीन कै... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 2 353 Share Mahendra Narayan 13 May 2022 · 1 min read गीत - याद तुम्हारी सोनजुही सी याद तुम्हारी आती है जब जब मन की बगिया एहसासों की महक उठे तब तब मुस्कानों की याद से काटूँ दुख की सारी रात सुबह होठ की लाली... Hindi · कविता 3 459 Share Mahendra Narayan 17 Apr 2022 · 1 min read ग़ज़ल आज ग़ज़ल से बात हुई अनजाने में । गाने लगा हूँ उसको मैं अफसाने में । अपने ग़म की ओढ़ काफिया रहती है। और रदीफ़ लगा है खुशी निभाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 304 Share Mahendra Narayan 14 Jan 2021 · 1 min read कैसी विकट घड़ी आई है - कैसी विकट घड़ी आई है,हर मानव भयभीत हैं... पूछ रही है अब मानवता, हे प्रभु ! कैसी प्रीत है... किसने छेड़ा है सूरज को,तन में ताप जगाये। किसने छेड़ा है... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 12 361 Share Previous Page 3