manjula chauhan 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid manjula chauhan 28 Oct 2024 · 1 min read रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है; रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है; दिवाली बस एक त्यौहार नहीं, एहसासों भरा सार है। Quote Writer 34 Share manjula chauhan 23 Oct 2024 · 1 min read वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर, वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर, चलती घड़ी में सफ़र सबका ज़ारी है। Quote Writer 2 24 Share manjula chauhan 24 Sep 2024 · 1 min read रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी... रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी... बेख़बर रहगुज़ार को हवाओं का रूख ही काफी है। Quote Writer 1 38 Share manjula chauhan 2 Sep 2024 · 1 min read व्यर्थ है कल्पना व्यर्थ है कल्पना युग-युगों, ब्रम्हांड की, जिसका ना आधार-विचार हो तुम। सत्य स्वरुप को खोजती ज्ञानता में, निरंकार को आकार हो तुम। मृगतृष्णा की माया से जब, आत्मा भी विचलित... Hindi 1 63 Share manjula chauhan 24 Aug 2024 · 1 min read शोर शराबे की हर एक यहां मौजूद, पर हर एक इससे अनजान। सन्नाटे से है बेखबर, शोर शराबे का इंसान। रास्तों की भीड़ से ये बयां होता है, ज़माने की दौड़ का,... 1 38 Share manjula chauhan 23 Aug 2024 · 1 min read एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में, एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में, अब तो वक्त से ही वक्त मांगा है हमने.... Quote Writer 1 62 Share manjula chauhan 8 Aug 2024 · 1 min read अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है, अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है, तो उत्कृष्ट मे होना या रहने दोनो कि ही चेष्टा करना व्यर्थ है। Quote Writer 1 71 Share manjula chauhan 26 Jul 2024 · 1 min read ख्वाबों को आसमां कि रहमत रहें, ख्वाबों को आसमां कि रहमत रहें, पंख लगते ही बस तुम तैयार रहना। Quote Writer 1 73 Share manjula chauhan 26 Jul 2024 · 1 min read गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें? गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें? बनों कुछ ऐसे कि; जिंदगी भी तुम्हारी मिसाल करें। Quote Writer 1 81 Share manjula chauhan 23 May 2024 · 1 min read जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये। जब ज्ञान स्वयं संपूर्णता से परिपूर्ण हो गया तो बुद्ध बन गये। Quote Writer 2 88 Share manjula chauhan 1 May 2024 · 1 min read धरती ईश्वर की एक अद्भुत रचना, बिना जिसके जीवन बस एक सपना । विलक्षण स्वरूप, सुन्दरता अकाट्य, पर हारी अपनो से ही प्रेम से जिनके बाध्य। ममता का प्रेममयी रूप-अनूप, रहते... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 99 Share manjula chauhan 24 Apr 2024 · 1 min read नहीं पाए किसी भी राह ठहरकर कभी चल नहीं पाए, अपने सपनों को हकीकत में बदल नहीं पाए। मैदान-ए-जंग में औरों की जरूरत क्या? जब खुद से जंग अपनी जीत नहीं पाए।... Hindi 2 67 Share manjula chauhan 3 Apr 2024 · 1 min read जब दिल से दिल ही मिला नहीं, ख़ैर जब दिल से ही दिल मिला नहीं, फिर तो कोई शिकवा नहीं गिला नहीं। उनकी फितरत का पैमाना ही रंज था, पर नादानी में कुछ पता चला नहीं। नए... 2 142 Share manjula chauhan 30 Mar 2024 · 1 min read खुद पर यकीन, खुद पर यकीन, जिंदगी की तस्दीक है। और गैरों पर यकीन, खुद से बेईमानी। Quote Writer 1 202 Share manjula chauhan 19 Mar 2024 · 1 min read जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया, जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया, फिर भी न जाने क्यों ये हमसे बस खफा ही रहती है? Quote Writer 1 148 Share manjula chauhan 14 Mar 2024 · 1 min read लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें, लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें, ये ज़िम्मेदारी भी बड़ी गम्भीर है। Quote Writer 1 174 Share manjula chauhan 5 Mar 2024 · 1 min read सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो, सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो, न जाने किससे वफ़ा कर रहा है वो। किस मिट्टी का बना है ये हमें भी पता नहीं, कांटों भरा दामन... Quote Writer 1 138 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read ख्वाहिशें के पूरा होने की जद में उम्र-एं-रवां है, ख्वाहिशें के पूरा होने की जद में उम्र-एं-रवां है, सपनों की दुनिया का कुछ हिस्सा हमारा भी है। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 3 1 90 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read टूटते तारे से यही गुजारिश थी, टूटते तारे से यही गुजारिश थी, की सपना जहां होता कैसा है। Poetry Writing Challenge-2 2 108 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read रूप श्रंगार रूप श्रंगार मे उसके सब अलंकृत, कजरारे नैन जैसे श्यामलता घोर। केशविन्यास करे जब जब, लगे की कही बरसे घटा घनघोर। अक्षर खिले उत्पल रूपी, मन चंचल जैसे कोई चितचोर।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 89 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पढ़ते हो ग़ज़ल पढ़ते हो क्या बात है, लगता प्रियसी आसपास है। तुम भी गज़ब खुमारी में पड़े हो, लगता है ली तुमने भी खुराक है। अगर जज़्बात असली है, तो फिर... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 2 102 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए। दिन गुनगुनाए जब, तो रात झिलमिलाए। आहटे अब मन की, कौन ही बताए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 54 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती, उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती, एक मां ही है जो कभी थकती नहीं। Poetry Writing Challenge-2 · कोटेशन 1 75 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read प्रण होते है प्रण होते है जब अटल तो, हर चुनौती विजयी किया करते है। सूरज की तपिश से क्या ही होता है? वे सूरज से आग उधार लिया करते है। स्वर्णिम रेख... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 57 Share manjula chauhan 21 Feb 2024 · 1 min read आईने की सदाकत से पता चला, आईने की सदाकत से पता चला, कुछ है जो बनावटी बहुत है। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 1 79 Share manjula chauhan 19 Feb 2024 · 1 min read गिरें क्या जरा सा! गिरें क्या जरा सा! उठकर चलना क्यों भूल गए? याद रहे, ज़माना दम का है; बेदम का नहीं। Poetry Writing Challenge-2 1 156 Share manjula chauhan 19 Feb 2024 · 1 min read कहते है ये कहते है ये वो रास्ता है जो सच की तरफ बढ़ता है, पर शायद ही अब कोई इस रास्ते पर चलता है। मिलावटी दूध दाल है, बड़ा बुरा हाल है,... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य-व्यंग्य 1 100 Share manjula chauhan 19 Feb 2024 · 1 min read खामोशियों खामोशियों की सदा जब भी हमको आती है, तो इत्मीनान से हम भी सुन लेते है। ये दिल की वो आवाज़ है जिसे, जल्दी अनसुना किया नहीं करते। Poetry Writing Challenge-2 · कोटेशन 1 103 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read शाम के ढलते शाम के ढलते ही एक दौड़ सी खत्म हुई, शहर के शोर शराबे की सदा सी खत्म हुई। ढूंढ रहे थे हम भी सपनों को इन आंखों में, पर उससे... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 150 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read तपकर तपकर लोहा बन गए जब, तो सोने मे ढलने की चाहत नहीं। जीवन संघर्ष बना रहे तो ही सही है, मधुबन मे रहने की अब चाहत नहीं। Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 1 63 Share manjula chauhan 17 Feb 2024 · 1 min read नदियां सदियों का प्रयास है नदियां, पहाड़ो को काटकर रास्ते बनाए; तो पत्थरो को चीरकर बहना सीखा। न जाने कितनी सभ्यताएं बनी, तो न जाने कितनी बिगड़ी। पर जो अनंत है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 128 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read भोले प्रीत करे जब भोले की, मोह माया फिर न होए। वन पहाड़ विचरण करे, और रहे श्मशान मे खोए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 118 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read दोहे बड़े काम की है लेखनी, बड़े काम के है लेख। लिखे तो मन निर्मल करे, पढ़े तो आपहउ होए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 57 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read शायरी न जाने कैसी खुदगर्जी का दौर है, जी भी रहे है तो बस मरने के लिए। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 1 96 Share manjula chauhan 16 Feb 2024 · 1 min read दोहे सकल काज की बाते, जग जाहिर न की जाए। जब तक न हो पूरी, तब तक रखो जग से छुपाए। Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 61 Share manjula chauhan 14 Feb 2024 · 1 min read बसंत पतझड़ को करके विदा, बसंत ने दी दस्तक है। महकी-महकी फिजाएं, खुशनुमा बयार है। आकाश निर्मल है, पक्षियों के नव-गायन है; नए साल का आगमन है। खेतों मे फसलें तैयार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 201 Share manjula chauhan 14 Feb 2024 · 1 min read पत्थर पत्थर के शहर है, तो कांच से दिल है। पुख़्तगी तो छोड़िए जनाब! थोड़ी सी लग़्ज़िश से भी, ये टूट जाते है। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 1 122 Share manjula chauhan 14 Feb 2024 · 1 min read सबक सबक है जिंदगी, जो समझ जाएंगे! वो संवर जाएंगे। जो नहीं समझेंगे, वो भंवर हो जाएंगे। Poetry Writing Challenge-2 · कोटेशन 2 1 200 Share manjula chauhan 12 Feb 2024 · 1 min read फूलों ने कली फूलों ने कली से कहा इस गुल-ए-बहार का राज़ क्या है? तबस्सुम में फैली इस महक में नया अंदाज सा क्या है? कलियों ने फूलों से कहा…. शायद किसी महरूम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 98 Share manjula chauhan 11 Feb 2024 · 1 min read गुलें-ए-चमन कैसा गुलें-ए-चमन है, कैसी सओख़ बहार है। जिंदगी पर रहते है सितम, ख़ैर जिंदगी से ही प्यार है। मुद्दतें लाख कोशिशें कि है, अब किस्मत से! या तो आर है... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 112 Share manjula chauhan 9 Feb 2024 · 1 min read कैसी कैसी उल्फतों के जाल है ताउम्र लगता है यही हाल है। जिधर देखो उधर हुस्न के मेले है, फिर भी खुश है कि हम अकेले है। मैखानो पर भीड़ से... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 134 Share manjula chauhan 9 Feb 2024 · 1 min read जमाने में जमाने में दिल का सार कोई नहीं बताता, मारते हैं कितने ही खंजर पीठ पर; कायर कभी अपना वार नहीं बताता। होते है घायल कितने ही पर पंछी ऊंचे आकाश... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 145 Share manjula chauhan 8 Feb 2024 · 1 min read मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी, मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी, भाग दौड़ भरी जिंदगी भी अब खुद को ही तलाशती है। Quote Writer 2 229 Share manjula chauhan 5 Feb 2024 · 1 min read दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें, दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें, झड़ गए फूल पत्ते भी अब तो साख से। यादों के गलियारों में सन्नाटे कि आजमाइश है, प्यार भरे गीत अब हम लिखें... Quote Writer 1 212 Share manjula chauhan 21 Jan 2024 · 1 min read जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो। घर मंदिर दर शिवाले यही नाम हो, जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो। आकाश निर्मल है, धरती ने भी अद्भुत स्वरूप पाया है; पक्षी विग्रह ने भी जय गुणगान गाया है।... English 1 199 Share manjula chauhan 31 Dec 2023 · 1 min read कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है, कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है, शहर भी अब खुद को इस भीड़ से बचाता है। रहते थे जो पंछी कभी उस दरख़्त की डाल पर, अब... Quote Writer 1 1 290 Share manjula chauhan 29 Dec 2023 · 1 min read कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है, कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है, और कहते भी हैं वो जिन्हें खुद का पता नहीं है। आंखों में ख्वाहिश रखते है जिसकी वो, गुज़रता है जब... Quote Writer 1 269 Share manjula chauhan 27 Dec 2023 · 1 min read तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती, तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती, चांद भी सुबह की राह तकता है। सूरज को भी लगती थोड़ी हरारत है, सर्दी का असर लगता है; सबको ही पता चलता... Quote Writer 1 337 Share manjula chauhan 24 Dec 2023 · 1 min read प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है। प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है। जब भी डूबता ज़माना है, किनारा सच्चे ही बन जाते है। Quote Writer 1 248 Share manjula chauhan 20 Dec 2023 · 1 min read मुसीबतों को भी खुद पर नाज था, मुसीबतों को भी खुद पर नाज था, पर आसुओं के समन्दर को भला; कौन ही सूखा सका है? Quote Writer 1 190 Share Page 1 Next