Ranjeet Kumar 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Ranjeet Kumar 27 Apr 2019 · 1 min read मुक्तक खुद जलते हो विरह वेदना में, हमें भी जलाते हो, रूठकर हमसे तुम भी अकेले में आंसू बहाते हो, मिलकर चलते हैं राही,मंजिल समान हो जिसमे, बेरुखी नाराजगी छोड़ो, हम... Hindi · मुक्तक 1 380 Share Ranjeet Kumar 27 Apr 2019 · 1 min read मुक्तक तुम्हारे लिए तो सब अपने हैं, तुम्हारा दिल भी सब के लिए, एक हम ही तुमसे मोहब्बत करके तुमसे दुश्मनी मोल ले ली!!! Hindi · कविता 1 536 Share Ranjeet Kumar 27 Apr 2019 · 1 min read अब बरसती नहीं आंखें। अब बरसती नहीं आंखें ना दिल रोता है, दर्द भरी शायरी ना मन को छूता है, हमने सीख लिया हुनर अपने गम छुपाने का, टूटे दिल के तार से नगमे... Hindi · कविता 1 708 Share Ranjeet Kumar 26 Apr 2019 · 1 min read बुड्ढा पीपल। मेरे गांव के बाहर एक पहरेदार खड़ा है, हर मौसम, हर समय बेपरवाह अडा है, कब से है न जानता कोई, शायद इसके उम्र का बचा न कोई, हर शक्स... Hindi · कविता 1 382 Share Ranjeet Kumar 26 Apr 2019 · 1 min read नदी के दो किनारे हम। नदी के दो किनारे हम, इस पार हम उस पार तुम, मुमकिन न अपना मेल पिया, अजब है किस्मत का खेल पिया, चलना है साथ में नदी के धार संग,... Hindi · कविता 1 367 Share Ranjeet Kumar 25 Apr 2019 · 1 min read कितने दिन हुए। कितने दिन हुए तुम्हे याद है क्या? जब हमने देखा था पहली बार एक दूसरे को, नज़रें मिली थी फिर दिल मिले, प्यार कब हुआ पता तक न चला, फिर... Hindi · कविता 1 396 Share Ranjeet Kumar 25 Apr 2019 · 1 min read गंगा का अपमान जो बहती थी पवित्रता लिए, अपने ही धुन में कल कल छल छल, जिसके पानी अमृत समान थे, जहां पवित्र होती थी आत्मा नहाकर, आज जहर लिए फिरती है, आगोश... Hindi · कविता 1 409 Share Ranjeet Kumar 24 Apr 2019 · 1 min read हाथों में विजयी की लकीरें हम हौसला रखते हैं उड़ने का, तलवार की धार पर रेस लगाने का, जमाने के विपरित तूफान लाने का, तकदीर का क्या है, हमें भरोसा है! हाथों में विजय की... Hindi · मुक्तक 1 488 Share Ranjeet Kumar 23 Apr 2019 · 1 min read कितनी देर लगती है। एक पल में लोग बदल जाते हैं, " आप " से " तुम " फिर " तुम कौन " तक चले जाते हैं, वक्त चलता है अपने हिसाब से, कितनी... Hindi · मुक्तक 2 1 444 Share Ranjeet Kumar 23 Apr 2019 · 1 min read अंधेरे को अपना दोस्त बना लिया मैंने अकेलापन को दोस्त मान लिया था, अंधेरे को जीने का सहारा बना लिया था, मै खास नहीं था फिर भी तूने खास बनाया, मोहब्बत को मेरे सांसो का अहसास... Hindi · कविता 1 491 Share Ranjeet Kumar 23 Apr 2019 · 1 min read दिल में उतर गई है रात दिल में उतर गई है रात, तभी तो हमेशा से रात का ही इंतजार होता है! दिन गुजर जाती है हंसते हंसाते, अंधेरे और अकेलापन का कहर जोरदार होता है!... Hindi · कविता 1 368 Share Ranjeet Kumar 23 Apr 2019 · 1 min read निंदिया एक गुजारिश है! निंदिया एक गुजारिश है तुमसे, चुपके से जाना उनके आंखो में, ख्वाब मीठे दिखाना उन्हें, बड़े प्यार से सुलाना उन्हें, मेरा हाल ऐ दिल बताना उन्हें, फिर सपने में मुझसे... Hindi · कविता 1 386 Share Ranjeet Kumar 23 Apr 2019 · 1 min read निंदिया एक गुजारिश है! निंदिया एक गुजारिश है तुमसे, चुपके से जाना उनके आंखो में, ख्वाब मीठे दिखाना उन्हें, बड़े प्यार से सुलाना उन्हें, मेरा हाल ऐ दिल बताना उन्हें, फिर सपने में मुझसे... Hindi · कविता 1 350 Share Ranjeet Kumar 23 Apr 2019 · 1 min read तुमसे वादा रहा तुम जो जुल्म ढाते हो, गरीब मजदूरों को सताते हो, गजब गजब का फरमान लाते हो, सवाल न पूछे कोई तुमसे, इसलिए जो दमन चलाते हो, तुमसे वादा रहा ए... Hindi · कविता 1 764 Share Previous Page 3