अनिल मिश्र 105 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 अनिल मिश्र 26 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक लोग अपने ही मिले हर राह पर बन सके मेरे नहीं अपने कभी सब दूसरे मिलते रहे हर मोड़ पर साँस भी चलती रही और ज़िन्दगी बढ़ती रही। ***************************** तुम... Hindi · मुक्तक 464 Share अनिल मिश्र 26 Mar 2017 · 1 min read गीत मत ह्रदय से गीत गाओ आज तुम रहने भी दो मौन मन की बात मत दिल में जगाओ रहने भी दो उषा का साथ भी पल भर निशा के साथ... Hindi · कविता 291 Share अनिल मिश्र 28 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटी है आधार जगत का बेटी से है सार जगत का बेटी देवी,बेटी सीता बेटी बाइबल,कुरान और गीता। बेटी में संसार छिपा है जग का सारा सार छिपा है बेटी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 600 Share अनिल मिश्र 28 Jan 2017 · 1 min read दीप मुझको बना दो ना मुझको दीपक बना दो ना मैं तेरे अँधेरे कमरे में यूँ ही जलता रहूँ कुछ ना दिखे पर ताप से अपनें यूँ ही तपता रहूँ ज़िन्दगी के साँस को खोता... Hindi · कविता 250 Share अनिल मिश्र 27 Jan 2017 · 1 min read हाथ धर दो मौन मन में बात कुछ आती नहीं बस तुम मेरे हाथों में अपना हाथ धर दो। मौन बेला ना खलेगी ज़िन्दगी की प्रगति के शिखर पर कदम यूँ बढ़ते रहेंगे... Hindi · कविता 445 Share Previous Page 3