Minal Aggarwal Language: Hindi 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Minal Aggarwal 9 Jan 2023 · 1 min read एक फूल की हत्या बहारों पर हक है केवल बागों का न कि तुम्हारे घर की चारदीवारी, कोनों और कमरों का कैसे कैसे बेहूदे शौक पाल रखे हैं तुम पढ़े लिखे और सभ्य लोगों... Hindi 371 Share Minal Aggarwal 6 Jan 2023 · 1 min read मेरा तुमसे क्या रिश्ता है मेरा तुमसे क्या रिश्ता है यह निर्भर करेगा इस बात पर कि मैं उसे दिल से स्वीकार करती हूं कि नहीं मैं किसी रिश्ते को जो कोई नाम दूं या... Hindi 1 179 Share Minal Aggarwal 6 Jan 2023 · 1 min read किसी पत्ते सा ही जीवन रहते या मृत्यु के पश्चात किसी भी जीव का अस्तित्व तो अवश्य है रूप चाहे फिर कोई भी धारण किए हो यह एक जल के प्रवाह पर तैरते किसी... Hindi 170 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2023 · 1 min read प्यार मुझे नहीं चाहिए प्यार की मुझे कमी नहीं लेकिन प्यार मुझे नहीं चाहिए मैं तुम्हें भुला न सकी किसी और को अपना बना न सकी प्यार किया था मैंने सच्चे दिल से तुम्हारे... Hindi 172 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2023 · 1 min read यथार्थ में मृत्यु को तुम्हारे ही दिल का टुकड़ा हूं तुम्हारे लिए मैं एक चांद की चांदनी फूल सा सुंदर ही कोई मुखड़ा हूं तुम्हारे प्रीत की एक रागिनी हूं मैं तुम्हारे ही तन... Hindi 144 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2023 · 1 min read मेरी आंखें तुम्हें ही मेरी आंखें तुम्हें ही तलाशती हैं तुम अपने घर का पता बता दो तो मेरा यह काम कुछ तो आसान हो जाये। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज... Hindi 114 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2023 · 1 min read जिन्दगी जब मौत को जिन्दगी जब मौत को गले लगाती होगी तो रूह जिस्म से निकलती होगी कुछ पाती होगी लेकिन बहुत कुछ अपने पीछे छोड़ती हुई। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग... Hindi 99 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2023 · 1 min read चुनर हमेशा हमेशा भारी भरकम शब्दों के अर्थ नहीं कभी कभी कम और हल्के शब्दों के भावार्थ भी समझ लीजिए चुनर हमेशा सुनहरी गोटे की किनारी वाली सजी सलमा सितारों से झिलमिलाती... Hindi 159 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2023 · 1 min read तन्हाई कहां बुरी है मैं तन्हा हूं यह ख्याल ही मन में नहीं आना चाहिए जरा सोचकर देखो कि एक दिन गर छोड़ दिया जाये किसी दरिंदे के साथ तो क्या होगा कल्पना मात्र... Hindi 246 Share Minal Aggarwal 5 Jan 2023 · 1 min read कुछ तो करो कुछ न करने से तो बेहतर है कि थोड़ा कम सही पर कुछ तो करो जितनी क्षमता है जितना समय है जितना सामर्थ्य है जितना खुद पर भरोसा है कुछ... Hindi 216 Share Minal Aggarwal 1 Jan 2023 · 1 min read शून्य से शतक कभी कभी ऐसा महसूस होता है कि मैं शून्य हूं और नीचे की तरफ लुढ़कती हुई गर्त में जा रही हूं इस समय इस मुश्किल राह में मैं नितांत अकेली... Hindi 2 1 224 Share Minal Aggarwal 27 Nov 2022 · 1 min read हवाओं अपना रुख मोड़ दो हवाओं अपना रुख मोड़ दो अपने घर की बंद खिड़कियों के कमरे में घुटकर बिना हवा पानी के अब मुझे तुम मर जाने दो। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन... Hindi 249 Share Minal Aggarwal 25 Nov 2022 · 1 min read जिंदगी क्या है कभी ऐसे समझ आती है कभी वैसे समझ आती है सच तो मगर यह है कि जिंदगी बीत जाती है पर जिंदगी भर जिंदगी क्या है यह बात किसी को... Hindi 203 Share Minal Aggarwal 7 Oct 2022 · 1 min read तुम एक बूंद बनने का तुम एक बूंद बनने का साहस तो करो फिर देखो कैसे मैं तुम्हारे लिए बाहें फैलाये तुम्हारा आलिंगन करने तुम्हें प्यार से अपने आगोश में भरने के लिए एक प्रेम... Hindi 251 Share Minal Aggarwal 27 Sep 2022 · 1 min read कुछ लोग हमेशा कुछ लोग हमेशा सर्प ही रहते हैं उनसे जितना अधिक प्रेम करो वह उतना ही विष उगलते हैं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड... Hindi 1 202 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2022 · 1 min read घृणा प्यार छोड़ो वह घृणा के काबिल भी नहीं क्या कुछ गलत घटित नहीं हुआ होगा उसके साथ कि इतना प्यार करने वाला इंसान भी घृणा जैसे भाव रखे और उनका... Hindi 187 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2022 · 1 min read जो जितना अच्छा होता है जो जितना अच्छा होता है उससे उतना ही बुरा व्यवहार क्यों करते हैं लोग वह आपसे कुछ मांग भी नहीं रहा आपका कुछ ले भी नहीं रहा आपका कुछ बिगाड़... Hindi 201 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2022 · 1 min read कठोर से कठोर कभी कंचों से खेलती हूं कभी ओस की बूंदों से कठोर से कठोर वस्तुयें कठोर से कठोर वाणी कठोर से कठोर वचन अब मेरा दिल नहीं तोड़ते कोई समझ नहीं... Hindi 2 1 185 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2022 · 1 min read वक्त थोड़ा थम जाओ वक्त थोड़ा थम जाओ मुझे तुम्हारी तरह से तेज दौड़ना नहीं आता तुम हमेशा मुझसे कई कदम आगे ही रहते हो मैं कितने भी तेज कदम उठाऊं पर तुम्हें पकड़... Hindi 1 2 204 Share Minal Aggarwal 26 Sep 2022 · 1 min read जीवन क्या है जीवन क्या है मुझे तो समझ नहीं आता क्या कोई मुझे इसके बारे में समझायेगा जीवन मिला हुआ है जीवन जी रहे हैं तीन समय का भोजन जुटाने के लिए... Hindi 1 1 179 Share Minal Aggarwal 21 Sep 2022 · 1 min read कोई नहीं है रो नहीं सकती क्योंकि मुझे चुप कराने वाला कोई नहीं है हंस नहीं सकती क्योंकि मेरी हंसी सुनने वाला कोई नहीं है अपना सुख दुख किसी से बांट नहीं सकती... Hindi 136 Share Minal Aggarwal 21 Sep 2022 · 1 min read समझ जब तक कुछ समझ नहीं आता था सब कुछ समझ आता था अब जब सब कुछ समझ आता है तब कुछ भी समझ नहीं आता। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार... Hindi 83 Share Minal Aggarwal 21 Sep 2022 · 1 min read कविता क्या है जीवन को समझना जैसे मुश्किल है वैसे ही कविता क्या है इस भेद को समझना भी नामुमकिन सा ही प्रतीत होता है शब्दों में पिरोना भी कठिन है और फिर... Hindi 139 Share Minal Aggarwal 19 Sep 2022 · 1 min read एक परिंदे सी फड़फड़ाती हूं मैं एक परिंदे सी फड़फड़ाती हूं मैं जब सुनती हूं किसी की भी व्यथा दिल निकल आता है मेरा बाहर कलेजा फट जाता है यूं ही मर जाऊंगी मैं एक दिन... Hindi 271 Share Minal Aggarwal 19 Sep 2022 · 1 min read दिल ही तो है देखा जाये तो आखिर में हमारा अपना जो है वह हमारा दिल ही तो है चाहो तो इसके उपवन में हजारों फूल खिलाकर इसे सुगंधित बना लो यह न चाहो... Hindi 95 Share Minal Aggarwal 10 Sep 2022 · 1 min read मेरी कविता मेरी कविता आज के युग में हर किसी के दिल में बहती दर्द की नदी में एक रूहानी सुकून देती राहत की बारिश करेगी लोगों के सूरज की गर्मी से... Hindi 133 Share Minal Aggarwal 8 Sep 2022 · 1 min read अश्क बहाने से अश्क बहाने से कुछ भी हासिल नहीं होता पहले दुनिया साथ छोड़ती है फिर अपने साये भी अपना भीगा दामन भी बढ़कर आंख से बहते आंसू नहीं पोंछता पत्थर की... Hindi 222 Share Minal Aggarwal 8 Sep 2022 · 1 min read आजकल की संतान गर तेरे माता पिता न होते तो तेरा जन्म नहीं होता तू इस दुनिया में नहीं हो सकता था तेरा कोई अस्तित्व नहीं होता तेरा कोई वजूद नहीं होता तेरा... Hindi 221 Share Minal Aggarwal 8 Sep 2022 · 1 min read किसी पक्षी के जोड़े को जब भी किसी पक्षी के जोड़े को खिड़की से बाहर कहीं अपने आसपास फुदकते देखती हूं मुझे लगता है कि शायद यह मेरे मां बाप हैं जो इस रूप में... Hindi 194 Share Minal Aggarwal 8 Sep 2022 · 1 min read किसी जिस्म से निकलकर रूह किसी जिस्म से निकलकर रूह नये जिस्म में आशियाना न पाकर ठीक ऐसे भटकती होगी जैसे किसी शायर के दिल में ख्यालों का सैलाब उमड़ रहा हो और उन्हें उतारने... Hindi 145 Share Minal Aggarwal 6 Aug 2022 · 1 min read नाउम्मीदी पेड़ के नीचे यह सोचकर बैठी थी कि पल दो पल आराम से इसकी छाया में बैठूंगी जैसे ही बैठने को हुई वह मुझ पर खुद को गिराने को मुझे... Hindi 177 Share Minal Aggarwal 6 Aug 2022 · 1 min read एक टायर हवा से पूरा भरा आजकल जिसे देखो वह भरा बैठा है बिना बात झगड़ा करने पर मारने पर तुला हुआ है एक टायर हवा से पूरा भरा जैसे हाथ लगाते ही फटने को तैयार... Hindi 191 Share Minal Aggarwal 6 Aug 2022 · 1 min read प्यार करने वालों की जिंदगी में एक तो वैसे ही प्यार करने वालों की कमी है फिर उस प्यार को भी कोई न समझे तो यह एक सबसे बड़ी विडंबना है त्रासदी है अफसोसजनक... Hindi 1 2 130 Share Minal Aggarwal 6 Aug 2022 · 1 min read मुझे मेरी हदों में रहने दो मुझे मेरी हदों में रहने दो उस परिधि से बाहर निकली तो मैं बिखर जाऊंगी बिखर जाऊंगी तो मैं निखर जाऊंगी निखर जाऊंगी तो मैं खिल जाऊंगी खिल जाऊंगी तो... Hindi 270 Share Minal Aggarwal 4 Aug 2022 · 1 min read गिलहरियों को मैं तो अपने गुसलखाने की खिड़की से दिन भर में न जाने कितनी बार झांक आती हूं वहां से दिखती बाहर समीप ही एक मोटे पाइप पर बैठी अंदर बाहर... Hindi 137 Share Minal Aggarwal 4 Aug 2022 · 1 min read मेरे सपनों में आकर परेशान क्यों होते हो मेरे सपनों में आकर अक्सर तुम क्यों रोते हो जीवन से कहते हो कि तुम हार गये कंधे पर मेरे अपना सिर रखकर फूट-फूटकर रोते हो... Hindi 223 Share Minal Aggarwal 16 Jul 2022 · 1 min read शून्य कई बार यह महसूस होता है कि मैं एक शून्य हूं लेकिन शून्य का अर्थ कई बार महज निरर्थक होना नहीं होता बल्कि इसका मतलब होता है कि खुद में... Hindi 1 2 129 Share Minal Aggarwal 20 Jun 2022 · 1 min read मेरा दामन कभी मत छोड़ना मैं भटकी हुई नहीं विचलित नहीं घबराई हुई नहीं मुझे किसी का सहारा नहीं चाहिए हे मेरे ईश्वर मेरे परमात्मा बस तुम अपनी कृपा दृष्टि मुझ पर बनाये रखना अपने... Hindi 149 Share Minal Aggarwal 20 Jun 2022 · 1 min read भटक गई मैं एक जंगल में भटक गई मैं एक घने जंगल में तो क्या हुआ डरने की क्या बात है जीवन में कभी एक सुनहरा पल ऐसा भी आयेगा कि इस भयावह जगह से बाहर... Hindi 242 Share Minal Aggarwal 18 Jun 2022 · 1 min read सारी दुनिया के गम कभी खुश हूं कभी परेशान हूं यह किसके अधीन हो जाती हूं मैं मेरी भावनाओं पर किसका हो जाता है नियंत्रण बादशाह सी है मेरी फितरत फिर कभी कभी अपनी... Hindi 157 Share Minal Aggarwal 18 Jun 2022 · 1 min read सागर के मोती की तलाश है सागर के मोती की तलाश है सागर की नहीं पर क्या सागर में उतरे बिना सागर की गहराई नाप पाना संभव है सागर की तलहटी तक पहुंचे बिना क्या सागर... Hindi 153 Share Minal Aggarwal 17 Jun 2022 · 1 min read एक टूटी हुई चूड़ी को एक टूटी हुई चूड़ी को वह कहते हैं कि हाथ में पहन ले पहन ले फिर पहनकर जोड़ ले मैं हाथ से अपने चूड़ी पकड़ तो लूंगी पर न उसे... Hindi 1 1 162 Share Minal Aggarwal 17 Jun 2022 · 1 min read शांत दिल के सागर में एक बवंडर सा उठता है एक शोर सा होता है एक आंधी सी चलती है एक शोला सा लपकता है एक भंवर सा जलजला शांत दिल के सागर में कहीं... Hindi 1 1 142 Share Minal Aggarwal 16 Jun 2022 · 1 min read यह तृषाग्नि तो लो फिर एक नई सुबह हो गई आज फिर मैं रेत की हल्की गीली सतह पर एक नई कहानी लिखूंगी आंसुओं की धार से भी जो न धुले वह रवानी... Hindi 143 Share Minal Aggarwal 29 May 2022 · 1 min read जितना सबको अपना माना जितना सबको अपना माना उतनी ही खुद से गैर हुई मैं तन की मन से दूरी इतनी बढ़ गई कि उसे अब तो पाटना मुश्किल लग रहा दिल न जाने... Hindi · कविता 2 1 170 Share Minal Aggarwal 29 May 2022 · 1 min read राख बनना ही राख बनना ही मुकद्दर था मेरा यूं तो तमाम उम्र सोना बनकर चमकने की कोशिश बहुत करी। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड अलीगढ़... Hindi · कविता 178 Share Minal Aggarwal 21 May 2022 · 1 min read कोशिश मत करें मैं तो एक पत्थर हूं मुझे तराशने की कोशिश मत करें मैं भीतर से मोम भी हूं पिघलती रहती हर समय मुझे कभी तलाशने की कोशिश मत करें। मीनल सुपुत्री... Hindi · कविता 1 1 167 Share Minal Aggarwal 20 May 2022 · 1 min read मेरे साथ साथ ही अपना हाथ मेरे हाथों में दे दो तुम भी पीछे न रहो मेरे साथ साथ ही कदम बढ़ाते आगे बढ़ो। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट,... Hindi · कविता 149 Share Minal Aggarwal 20 May 2022 · 1 min read दूसरी मां मां के बाद किसी भाई या बहन के लिए उनकी दूसरी मां उनकी बड़ी बहन ही होती है। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड... Hindi · कविता 325 Share Minal Aggarwal 18 May 2022 · 1 min read योग अपनायें योग अपनायें तन को स्वस्थ, मन को प्रसन्न और जीवन को तनाव रहित व हर समस्या से मुक्त होकर जीने योग्य बनायें। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज... Hindi · कविता 198 Share Previous Page 3 Next