Language: Hindi
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मीलों का सफर तय किया है हमने
कवि दीपक बवेजा
उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा
कवि दीपक बवेजा
संघर्षों के राहों में हम
कवि दीपक बवेजा
मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
मैं लोगों से कहता रहता था उसके बारे में..
कवि दीपक बवेजा
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
एक दिन यह समय भी बदलेगा
कवि दीपक बवेजा
सरल मिज़ाज से किसी से मिलो तो चढ़ जाने पर होते हैं अमादा....
कवि दीपक बवेजा
सरकारी नौकरी
कवि दीपक बवेजा
माँ
कवि दीपक बवेजा
पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
कवि दीपक बवेजा
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कवि दीपक बवेजा
बहुत सस्ती दर से कीमत लगाई उसने
कवि दीपक बवेजा
इतना तराशेंगे खुद को
कवि दीपक बवेजा
"Teri kaamyaabi par tareef, tere koshish par taana hoga,
कवि दीपक बवेजा
बेरोजगारों का वैलेंटाइन
कवि दीपक बवेजा
ऐसे ही कोई चलते फिरते राहों में मिल जाता है
कवि दीपक बवेजा
अब कुछ उम्मीदों का टूट जाना जरूरी है
कवि दीपक बवेजा
ऐसी चकाचौंध में मेरा यह नसीब हुआ .....!
कवि दीपक बवेजा
अजीब लोगों ने सब अजीब बना रखा है
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी है कि उधेड़बुन में गुजर जाएगी
कवि दीपक बवेजा
यह कौन सा शौक
कवि दीपक बवेजा
रोक दो साजिशे तुम्हारी
कवि दीपक बवेजा
मेरा मोन अच्छा है
कवि दीपक बवेजा
हमारे खिलाफ साजिश हो कई
कवि दीपक बवेजा
कुछ कसक दिल में
कवि दीपक बवेजा
उम्मीदों का उगता सूरज
कवि दीपक बवेजा
प्यार व्यार सब धोखा
कवि दीपक बवेजा
मैंने जब मैंने मां लिखा
कवि दीपक बवेजा
माँ
कवि दीपक बवेजा
अगर कोई पापा की परी 👼स्थिर है ( scientific poetry)
कवि दीपक बवेजा
सुराख पर इल्जाम गलत लगाते हैं
कवि दीपक बवेजा
रुमाल को तिजोरी में रखा हुआ है
कवि दीपक बवेजा
अपनी खुशी को कुरबा किया जाता है
कवि दीपक बवेजा
फूलों ने मिलने की इच्छा जारी की,
कवि दीपक बवेजा
जब से गया है वह कोहिनूर सा
कवि दीपक बवेजा
जमाना हस रहा है मेरी हार पर
कवि दीपक बवेजा
मैंने उस पर ताजी गजलें लिखी है
कवि दीपक बवेजा
कई मौसमों के बाद मैं ,
कवि दीपक बवेजा
बड़ा पछताओगे बड़ा पछताओगे
कवि दीपक बवेजा
मेरी कलम क्यों उदास है
कवि दीपक बवेजा
सपनों को हकीकत में बदलने वाले
कवि दीपक बवेजा
किस कलम की पुकार से पुकार लिखूंगा
कवि दीपक बवेजा
नहीं आया था वो रास उसको ,
कवि दीपक बवेजा
दर्दे दिल में कई रिश्ते पाल रखे हैं
कवि दीपक बवेजा
यह शर्म ए हया, इश्क ,मोहब्बत कुछ तो है
कवि दीपक बवेजा
कौन है जिसको बिछड़ जाने पर गिला नहीं है
कवि दीपक बवेजा
दिल मेरा किसी और से मोहब्बत करेगा नहीं
कवि दीपक बवेजा
तब जाकर के ये आजादी आई है
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
कवि दीपक बवेजा