कवि दीपक बवेजा Language: Hindi 174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे ज्यौं दीया जलाया हमने आंधियां चलने लगी.., आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे | हमारी हर मंजिल से आगे संघर्षों के बादल हैं, हौसला हुआ पश्त तो... Hindi · कविता 1 254 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read वह कहां शिखर पाएगा बह रहा जो श्रम नदी में , उसका किनारा आएगा | निकला ही नहीं घर से , वह कहां शिखर पाएगा || कर्म प्रधान की भूमि रे स्थान कहां यहां... Hindi · कविता 81 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read उड़ने दो परिंदों को पर खोल लिया है कई हस्तियों से हमने बैर मोल लिया है, उड़ने दो परिंदों को पर खोल लिया है | फतेह करके ही लौटेंगे अब शिखर को किसी और को नहीं खुद को... Hindi · कोटेशन · मुक्तक 1 149 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read हर परिंदे की उड़ान का मोल देता है हर परिंदे की उड़ान का मोल देता है , पूरा आसमान वह वो खोल देता है | कभी पढ़ो तो सही अपने सपनों के पीछे, सभी सपनों को हकीकत से... Hindi · कविता · कहानी · मुक्तक · शेर 132 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read सहजता से नहीं चढ़ती बुलंदी की सीडी इतनी सहजता से नहीं चढ़ती बुलंदी की सीढ़ि , इसको गढ़ने के लिए लग जाए चाहे कई पीढ़ी | बातें बनाना तो बहुत आसान काम है यारों , चौराहे पर... Hindi · कोटेशन · गीतिका · दोहा · मुक्तक 71 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read जिसको छूटे हुए अब जमाना हुआ उसके घर के आगे से निकल के आना हुआ.. , फिर ना उस गली से कभी आना जाना हुआ..... | आज फिर उसकी मोहब्बत की याद आई मुझे ...., जिसको... Hindi · कविता · कुण्डलिया · कोटेशन · ग़ज़ल · शेर 130 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read कभी खुद के दरमियान मे उतरे कभी खुद के दरमियान मे उतरे फिर और गिरेबान में क्या उतरे | मीलो चल करके मसलाह हुआ , यू गलत राहों पर क्यों निकले || ✍कवि दीपक सरल Hindi · Article · Book Review · Essay · Poem · Story 188 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read कई चेहरे पड़े गुनाहगार हमने शोहरतों का किया है खुमार हमने, मोहब्बतें कमाई है बेशुमार हमने | ठोकरें खाई यहां बरकरार हमने , कई चेहरे पड़े हैं, गुनाहगार हमने || ✍कवि दीपक सरल Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 47 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read ऐसी किसी को बदनसीबी ना मिले ऐसी किसी को बदनसीबी ना मिले कोई मिले पर इतना करीबी ना मिले ! बार-बार दिल हार जाने की ये दुनिया ऐसी किसी को यह गरीबी ना मिले !! ✍Kabhi... Hindi · मुक्तक 55 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read बड़ी खुशनुमा जिंदगी लिखा के लाया बड़ी खुशनुमा जिंदगी लिखा के लाया है नसीब उसका............ पर्दा भी उसका , लिवाज भी उसका मिलना भी उसका , बिछड़ना भी उसका || कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 153 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read इतनी खुशकिस्मती ... इतनी खुशकिस्मती ... किसी को नसीब ना मिले | कोई मिले और फिर ... इतना करीब ना मिले... || कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 83 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read यह चेहरे रहेंगे उदास कब तक यह चेहरे रहेंगे उदास कब तक हम होते रहेंगे शिकार कब तक. | कोशिश ये बरकरार कब तक कामयाबी रहेगी दूर कब तक ||१ आखिर होगी हार कब तक जीत... Hindi · कविता 208 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read संभाल के रखना यह शीशे का दिल संभाल के रखना यह शीशे का दिल तेरी मोहब्बत कि हम कदर करते हैं ! आसानी से कहां मिलती है मोहब्बत कुछ लोग मोहब्बत मैं ग़दर करते हैं ! कवि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 67 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read जो अंदर है , वह बाहर दिखता कहां है पहले से खत आशिक लिखता कहां है, जो अंदर है , वह बाहर दिखता कहां है पहले से खत आशिक लिखता कहां है, जिन कीमतों पर ठगे गए थे हम कभी उन कीमतों पर प्यार बिकता कहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 155 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read गम हो भले चेहरे पर हंसी रहने दो गम हो भले चेहरे पर हंसी रहने दो मोहब्बत को तुम पर्दा नशी रहने दो | कवि दीपक सरल Hindi 82 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read बता अपने हक में भी.... बता अपने हक में भी.... और भला क्या लिखूं ... | जिस पर लिखा हुआ है पहले से उस पर क्या लिखूं | कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 129 Share कवि दीपक बवेजा 15 Dec 2022 · 1 min read अपनों की खातिर कितनों से बैर मोल लिया है अपनों की खातिर कितनों से बैर मोल लिया है अब उड़ने दो परिंदे को , पिंजरा खोल दिया है ! फतेह कर - कर ही लौटेंगे मंजिलों को हम ,... Hindi · मुक्तक 1 170 Share कवि दीपक बवेजा 15 Dec 2022 · 1 min read गम हो भले चेहरे पर हंसी रहने दो गम हो भले चेहरे पर हंसी रहने दो मोहब्बत को तुम पर्दा नशी रहने दो !! ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 88 Share कवि दीपक बवेजा 15 Dec 2022 · 1 min read घर से निकले मगर दहलीज पार ना हुई घर से निकले मगर दहलीज पार ना हुई कई बार गिरे हम,लेकिन कभी हार न हुई| जंग -ए- मैदान में खड़े हैं, हम इस कदर अभी बाकी है , जिन्दगी... Hindi · मुक्तक 1 141 Share कवि दीपक बवेजा 29 Nov 2022 · 1 min read खुदा से एक सिफारिश लगवाऊंगा खुदा से एक सिफारिश लगवाऊंगा, समय को मोड़ने की घड़ी बनवाऊंगा ! पुरानी यादें ,पुराने लम्हे ,पुराने यारों को, एक बार फिर से मैं पुनः समेट पाऊंगा !! गुजरे पुराने... Hindi · कविता 2 2 141 Share कवि दीपक बवेजा 13 Oct 2022 · 1 min read एक सुबह की किरण एक सुबह की किरण कल-कल करती नदियां हैं , कोयल का राग सुनाना है ! आज आज की बात है .., कल का किसने जाना है!! तितली का चहकना, फूलों... Hindi · कविता 8 245 Share कवि दीपक बवेजा 13 Oct 2022 · 1 min read वक्त लगता है वक्त लगता है पुरानी दरख़्त हिलाने में वक्त लगता है सरल उबर के आने में वक्त लगता है ! खिलता नहीं है कमल गुलशन में कभी कांटो से साथ निभाने... Hindi · कविता 5 2 178 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read करके तो कुछ दिखला ना आना जाना आना जाना , करके तो कुछ दिखला ना संघर्षों के सागर में अब अपना परचम लहरा ना ! कई हार 'हार के' पहन भले जीत के अब है... Hindi · कविता 2 340 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read उसको भेजा हुआ खत उसको भेजा हुआ खत अब उसके पते पर नहीं जाता ! उसका कोई भी संदेशा अब मेरे तक क्यों नहीं आता !! ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 178 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read निभाना ना निभाना उसकी मर्जी साथ सात जन्म का यह है मेरी अर्जी , निभाना ना निभाना अब है उसकी मर्जी ! थोड़ी सी है खुशी थोड़ा सा है गम , कितने अजब है तुम... Hindi · कविता 3 246 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read अब रुक जाना कहां है फैसला किया चलने का अभी रुक जाना कहां है! क्या फर्क पड़ता है कि मंजिल अब कहां है !! रुकना मना है अब भरोसा है हौसलों पर ! स्वागत है... Hindi · कविता 3 4 1k Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read गरीबी .....................गरीबी....................... .............एक सितम है गहरा .............. .............उस पर भी होता है.............. ............लोगों का कड़ा पहरा ............ .......छोड़ जाने को हर कोई बेताब ....... .......किस कलम से लिखी किताब........ ....हर रास्ते... Hindi · कविता 1 223 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read भीगे भीगे मौसम में भीगे भीगे मौसम में ..... कुछ मस्त बहारें आती है ! कुछ याद बसर करती है कुछ अजब नजारे लाती हैं ! ! जब बादल गर्जन करता है कोयल भी... Hindi · कविता 2 294 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read जरूरी कहां कुल का दिया कुल को रोशन करें जरूरी कहां कुल - दिया कुल को रोशन करें , ऊचे कुल में होकर भी संगति मार देती है ! भंवरों जरा बगीचों से संभल कर निकलो, फूलों की सुगंध... Hindi · कविता 1 180 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read कभी गरीबी की गलियों से गुजरो कभी तुम गरीब - ई की गलियों से गुजरों फीके पड़ जाते हैं दोस्त वोस्त रिश्ते विश्ते सब ! किसी मजदूर से न पूछो दिहाड़ी कहां जाती है बाकी रह... Hindi · मुक्तक 2 318 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read जिसके दिल से निकाले गए जिसके दिल से निकाले गए थे हम कभी उन्हीं की आंखों में हम बसने लगे हैं ! जिसपे मिलने की ना होती फुर्सत कभी वह हमसे मिलने को तरसने लगे... Hindi · मुक्तक 3 1 402 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read मोहब्बत हो जाए मैं इश्क लिखूं और यह सार्थक हो जाए, मैं उस में खो जाऊं ,वह मुझ में खो जाए! खुदा की रहमत इस कदर बरसे मुझ पर, मुझे ऐसे - फरिश्ते... Hindi · मुक्तक 1 233 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read अभी अभी की बात है ये अभी-अभी की बात है, न जाने कभी की बात है ! वह ऐसे मिली थी मुझसे , लग रहा है मेरे साथ है !! कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 209 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read करीब आने नहीं देता करीब आने नहीं देता मुझे दूर जाने से भी डरता है ! यह कैसा महबूब है यार कैसी मोहब्बत करता है !! ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 196 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read कई सूर्य अस्त हो जाते हैं कई सूर्य अस्त हो जाते हैं , जब भोर निशा बन जाती है ! निशा से लड़ करके ही तो भोर सुबह - दिखलाती है !! संघर्ष - भरी यह... Hindi · मुक्तक 2 2 211 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read दिल की चाहत करीब जाने की दिल की चाहत है जिसके वह शख्स फिर इतना मुझसे दूर क्यों है ! किसी और के दिल में घर करके बैठा है , उसी से मिलने... Hindi · मुक्तक 2 229 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read सुबह की एक किरण सुबह की एक किरण, भोर का संदेशा लाई ! रात काली थी मगर , देखो अजब सवेरा लाई ! चिड़िया का पहचाना , कोयल- राग सुनाना ! कल-कल करती नदियां... Hindi · Poem 3 278 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read एक चेहरा मन को भाता है एक उजले उजले गीतों सा एक चेहरा मन को भाता है ! यूं चलती फिरती राहों में , कोई शख्स घर कर जाता है !! जब उनसे मिलन हो जाता... Hindi 3 1 571 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read कर कर के प्रयास अथक कर कर के प्रयास अथक करके बैठा प्रयास अथक वह ....कर एक प्रयास बस एक बार और.......... स्वप्न स्वप्न सब भूल गया अब उम्मीदों से हारा है वह ..... कर... Hindi · कविता 2 912 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read सफलता की दहलीज पर सफलता की दहलीज पर एक कदम हमारा होगा , अपनी ताकत पहचानो कोई न बेसहारा होगा। दिल में उठेगी नई उमंग हर्षित देश हमारा होगा, नाकारी की धुंध छटेगी कर्मठ... Hindi · कविता 3 1 392 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read ख्वाबों को हकीकत में बदल दिया ख्वाबों को हकीकत में बदल दिया जाए, जो थी अधूरी दास्तां पूरा कर दिया जाए । अब हवाएं बह रही है अंतर्मन के जुनून की, अभी शहर की हालत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 355 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read हकीकत से रूबरू ख्वाबों को हकीकत से रूबरू करने वाले चंद इक्के होते हैं बाजी को पलटने वाले । ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 466 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read मुकबल ख्वाब करने हैं...... मुकम्मल ख्वाब करने हैं, मुकम्मल बात करनी है । अधूरी रही जो कहानी , वो पूरी आज करनी है ।। अश्क जो बह रहे है अब, उन पर बरसात करनी... Hindi · कविता 1 884 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read हकीकत से रूबरू होता क्यों नहीं ख्वाबों में आने वाले ख्वाब हकीकत से रूबरू होता क्यों नहीं, स्वप्न में ही कट जाती है रात सरल रात भर सोता क्यों नहीं । कर्म के पायदान पर इस... Hindi · मुक्तक 1 465 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read इतना आसां कहां इतना आसां कहां सरल उभर के आना कई तपिश लगती है दूध को घी बनने में ❤️❤️ ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 2 494 Share कवि दीपक बवेजा 8 Jun 2021 · 1 min read साथ आया हो जो एक फरिश्ता बनकर साथ आया हो जो एक फरिश्ता बनकर , तो तुम्हें साथ चलना अच्छा लगेगा ।।१ लाखों डूबाने पर आमादा समुंदर में , अब किनारा तुम को सच्चा लगेगा।।२ मुफलिसी में... Hindi · कविता 4 851 Share कवि दीपक बवेजा 8 Jun 2021 · 1 min read सपनों की तुम बात करो काबू तुम जज्बात करो सपनों की तुम बात करो, जीवन रोशन करना है तो मेहनत तुम दिन रात करो, उम्मीदों के सूरज हो तुम अंधकार को तुम दूर करो, सर्व... Hindi · कविता 2 2 779 Share कवि दीपक बवेजा 8 Jun 2021 · 1 min read आईना किसी को बुरा नहीं बताता है आईना किसी को बुरा नहीं बताता है , आईना हर किसी को आईना दिखाता है। हर किसी को रूवानी बकसता है समंदर , मगर पार वही होता है जो डूब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 540 Share कवि दीपक बवेजा 8 Jun 2021 · 1 min read सच वह देखे तो पसीना आ जाए झूठ के पांव पर खड़े रहना ठीक लगे उसको सच मगर वह देखे , तो पसीना आ जाए । मेरे दाता हर किसी को ऐसी रोशनी बक्सों, कि, उसको मरने... Hindi · मुक्तक 1 343 Share कवि दीपक बवेजा 8 Jun 2021 · 1 min read कुछ तो ऐसा कर जाओ सर्व जगत की नजरें तुम पर, कुछ तो ऐसा कर जाओ! रणभूमि की शान बनो या , जीत का परचम लहराए!! परम पिता का हाथ है सर पर, तुम मत... Hindi · कविता 1 2 384 Share Previous Page 3 Next