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188 posts
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इन्सान अपनी बात रखने में खुद को सही साबित करने में उन बातो क
इन्सान अपनी बात रखने में खुद को सही साबित करने में उन बातो क
Ashwini sharma
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
Ashwini sharma
काश की रात रात ही रह जाए
काश की रात रात ही रह जाए
Ashwini sharma
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Ashwini sharma
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
Ashwini sharma
मैं पत्थर की मूरत में  भगवान देखता हूँ ।
मैं पत्थर की मूरत में भगवान देखता हूँ ।
Ashwini sharma
मुझे मेरी
मुझे मेरी ""औकात ""बताने वालों का शुक्रिया ।
Ashwini sharma
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
Ashwini sharma
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
Ashwini sharma
कोई शक्स किताब सा मिलता ।
कोई शक्स किताब सा मिलता ।
Ashwini sharma
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
Ashwini sharma
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
Ashwini sharma
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
Ashwini sharma
तुम कहती हो की मुझसे बात नही करना।
तुम कहती हो की मुझसे बात नही करना।
Ashwini sharma
मैने यह कब कहा की मेरी ही सुन।
मैने यह कब कहा की मेरी ही सुन।
Ashwini sharma
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
Ashwini sharma
क्या हुआ की हम हार गए ।
क्या हुआ की हम हार गए ।
Ashwini sharma
मैं अकेला नही हूँ ।
मैं अकेला नही हूँ ।
Ashwini sharma
मैने सूरज की किरणों को कुछ देर के लिये रोका है ।
मैने सूरज की किरणों को कुछ देर के लिये रोका है ।
Ashwini sharma
खुद से जंग जीतना है ।
खुद से जंग जीतना है ।
Ashwini sharma
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
जुर्म तुमने किया दोषी मैं हो गया।
Ashwini sharma
गर गुनहगार मै हूँ तो गुनहगार तुम भी हो।
गर गुनहगार मै हूँ तो गुनहगार तुम भी हो।
Ashwini sharma
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
Ashwini sharma
गर तुम मिलने आओ तो तारो की छाँव ले आऊ।
गर तुम मिलने आओ तो तारो की छाँव ले आऊ।
Ashwini sharma
जिन्दगी ने आज फिर रास्ता दिखाया है ।
जिन्दगी ने आज फिर रास्ता दिखाया है ।
Ashwini sharma
सावन आने को है लेकिन दिल को लगता है पतझड़ की आहट है ।
सावन आने को है लेकिन दिल को लगता है पतझड़ की आहट है ।
Ashwini sharma
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
Ashwini sharma
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
Ashwini sharma
क्या हूनर क्या  गजब अदाकारी है ।
क्या हूनर क्या गजब अदाकारी है ।
Ashwini sharma
जमीर पर पत्थर रख हर जगह हाथ जोड़े जा रहे है ।
जमीर पर पत्थर रख हर जगह हाथ जोड़े जा रहे है ।
Ashwini sharma
दिल के किसी कोने में अधुरी ख्वाइशों का जमघट हैं ।
दिल के किसी कोने में अधुरी ख्वाइशों का जमघट हैं ।
Ashwini sharma
मेरे जीवन का सार हो तुम।
मेरे जीवन का सार हो तुम।
Ashwini sharma
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
*आज बड़े अरसे बाद खुद से मुलाकात हुई हैं ।
Ashwini sharma
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
Ashwini sharma
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
Ashwini sharma
कभी कभी लगता है की मैं भी मेरे साथ नही हू।हमेशा दिल और दिमाग
कभी कभी लगता है की मैं भी मेरे साथ नही हू।हमेशा दिल और दिमाग
Ashwini sharma
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
Ashwini sharma
अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
Ashwini sharma
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
समस्याओं से तो वैसे भी दो चार होना है ।
Ashwini sharma
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
Ashwini sharma
एक छोटी सी तमन्ना है जीन्दगी से।
एक छोटी सी तमन्ना है जीन्दगी से।
Ashwini sharma
मैने थोडी देर कर दी,तब तक खुदा ने कायनात बाँट दी।
मैने थोडी देर कर दी,तब तक खुदा ने कायनात बाँट दी।
Ashwini sharma
क्या बुरा है जिन्दगी में,चल तो रही हैं ।
क्या बुरा है जिन्दगी में,चल तो रही हैं ।
Ashwini sharma
उसकी फितरत थी दगा देने की।
उसकी फितरत थी दगा देने की।
Ashwini sharma
वह समझ लेती है मेरी अनकहीं बातो को।
वह समझ लेती है मेरी अनकहीं बातो को।
Ashwini sharma
ईरादा
ईरादा
Ashwini sharma
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