'अशांत' शेखर Language: Hindi 534 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid 'अशांत' शेखर 24 Nov 2023 · 3 min read खेल और राजनीती ये बहुत ही अफसोस की बात है हम विश्वकप क्रिकेट का अंतिम मैच नही जीत पाए शुरू में कमजोर लगनेवाली ऑस्ट्रेलिया टीम से हार गए। आखिर खेल है इसमें हार... Hindi · लेख 2 303 Share 'अशांत' शेखर 20 Oct 2023 · 1 min read उनके जख्म मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है मेरी खिलापत में ही हजारो मशहूर हो गए। ऊंचाइयों को छूने पे नजाने कितनी बंदिशें.. उनके जलते जख्म देखो कैसे नासूर हो... Hindi · ग़ज़ल 1 203 Share 'अशांत' शेखर 1 Jun 2023 · 1 min read प्यार,इश्क ही इँसा की रौनक है उस दिवार के बीच इक मोहब्बत कायम है,रहने दो चाँद सितारों की रोशनी से रात में चमक है,रहने दो इस रोशन आफ़ताब पे कोई कैसे हक़ जमा सकता इन्ही रोशनी... Poetry Writing Challenge · Ashantshekhar · ग़ज़ल 1 186 Share 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read ना आप.. ना मैं... कई अर्से तक अपने आप को टालते रहा.. अपने आप से छुपते रहा मैं... और एक दिन आईने से मुलाक़ात हो गयी मेरी... अब मैं अपने आपको जानने लगा हूँ... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 3 2 310 Share 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read वो इँसा... वो इँसा लहलहाती कड़ी धूप को पीठ पे लादकर नंगे पाँव निकलता है अपने बच्चो के लिए घर में जरासा शाम का उजाला लाने के वास्ते..! वो इँसा सभी मौसम... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 1 269 Share 'अशांत' शेखर 15 May 2023 · 1 min read हमेशा..!! तस्वीरें बोलती तो है जरूर.. मगर वो अपनी कमियां नही बताती.. तस्वीरों में हम सब कभी ना कभी क़ैद हो जाते है... तस्वीरों को गौर से देखने पर कोई किसी... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 260 Share 'अशांत' शेखर 14 May 2023 · 1 min read वो भी तन्हा रहता है मैं एक दरिया सा बहता रहा किसीं असीमित विशाल समुंदर की आस में मगर समुंदर भी तन्हा था रात में बिलकुल अकेला.. कोई नहीं था पास में महान व्यक्तित्व के... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 184 Share 'अशांत' शेखर 18 Mar 2023 · 1 min read जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में तब रास्तों को परखना भी बहुत जरुरी होता है उलझी हुई कुछ डोरियों को कोई सुलझाने लगे तब उन इरादों का... Hindi · Quote Writer 610 Share 'अशांत' शेखर 13 Feb 2023 · 1 min read फिर वो मेरी शख़्सियत को तराशने लगे है फिर वो मेरी शख़्सियत को तराशने लगे है हां शायद मेरे कुछ गुनाह को भुलाने लगे है वक़्त को भी जरासा वक़्त लगता है ए दोस्त कुछ गहरे ज़ख्म अब... Hindi · Quote Writer 1 445 Share 'अशांत' शेखर 13 Feb 2023 · 1 min read वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही वो बीते हर लम्हें याद रखना जरुरी नही अतीत के पलों में ही जीना मज़बूरी नही हालातो से यकीनन उभर जाते है वो लोग जिनके हौसलों ने कभी उम्मीद हारी... Hindi · Quote Writer 3 2 190 Share 'अशांत' शेखर 7 Feb 2023 · 1 min read छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है छू लेगा बुलंदी को, तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है इन मुश्किलों से क्या डरना वक़्त तो एक परिंदा है ⚪️ 'अशांत' शेखर 07/02/2023 Hindi · Quote Writer 1 370 Share 'अशांत' शेखर 6 Feb 2023 · 1 min read ⚪️ रास्तो को जरासा तू सुलझा भीतर है मेरे एक घना अँधेरा कुँवा शायद मेरी ही कमी से वो गहरा हुँवा रोजाना कुछ रोशनी खिंच लाता हूँ चार दिवारी में थोड़ी सी बाँट लेता हूँ कभी... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 222 Share 'अशांत' शेखर 12 Jan 2023 · 1 min read ✍️खाली और भरी जेबे... जिनकी जेबे खाली की खाली रह गयी वो मुझे बुरा कहते है और जिनकी जेबे भर गयी थी वो सिर्फ उनके तसल्ली के लिए मुझे बुरा समझते है हाँ मैं... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 3 319 Share 'अशांत' शेखर 10 Jan 2023 · 1 min read ✍️ इंसान सिखता जरूर है...! असंभव तो वो है जिसकी हमने कभी कल्पना नही की है...! संभव तो वो सभी है जिसकी हमने बगैर पर्वा किये शुरुवात की है...! बाकि अच्छा हो या बुरा अनुभव... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 8 175 Share 'अशांत' शेखर 31 Dec 2022 · 1 min read ✍️ हर बदलते साल की तरह...! तारीखे साल दर साल उम्र के पन्ने पलटते रहती है माह हर माह जीवन के आंकडो की श्रृंखला बदलते रहती है दिन प्रति दिन समय के साँसों की घडी टिक... Hindi · Ashantlekhani · कविता 2 3 233 Share 'अशांत' शेखर 17 Dec 2022 · 1 min read ✍️सियासत का है कारोबार इस कायनात में कई रंग है हजार चंद रंगों के लिए ये कौन है बेज़ार..? धर्म के नाम पर रंगों का ये बाज़ार और जेहन में सियासत का है कारोबार... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 4 209 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️विश्वरत्न बाबासाहब को कोटि कोटि प्रणाम न किसी जंग से न तीर न तलवार से न गोलियों की बौछार से न बंदूक न किसी हथियार से इस वतन में इंसानियत को सुकून मिला है तो सिर्फ... Hindi · कविता 1 1 146 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️महामानव को कोटि कोटि प्रणाम खुद बुलंदी भी उनको छुना पायी वो शख़्स इस सरजमी का था आसमान कमाल का बेमिसाल होगा वो अज़ीम जिनकी कलम से निर्माण हुवा ये संविधान ………………………………………………………………// ©✍️ - 'अशांत'... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 1 187 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️क्रांतिउर्जा के क्रांतिसूर्य सदियों के घने अंधरो की सख़्त दीवारों को फाड़कर निकला था उसकी आँखों से आफ़ताब की रोशनी का एक बवंडर.. कफ़स में पड़े मुर्दा ज़िस्म उठकर खड़े हुए मानो साँस... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 1 444 Share 'अशांत' शेखर 1 Dec 2022 · 1 min read ✍️रवीश जी के लिए... कल तुम्हारे अल्फाज़ो के ज़खीरे को आखिर सौदागर ने लुट लिया.. वो नकाबपोश बहुत ताकतवर है (?) चलो जनता का ये वहम तो टूट गया.. …………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/12/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 219 Share 'अशांत' शेखर 29 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ दबी अनकही सी बात कुछ थी बातें मैं धीरे धीरे मोम सा पिघल गया उस अँधेरे में रोशनी के लिए शमा सा जल गया रोज मिलते रहे शहर में शहद की जुबाँ के लोग... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 1 1 460 Share 'अशांत' शेखर 28 Nov 2022 · 1 min read ✍️यादों के पलाश में .. मुद्दते गुजरी है मुझे मेरी ही तलाश में मैं कही जिंदा तो नही हूँ मेरी लाश में? जेहन में तो सवालो पर सवाल खड़े है यूँ जवाब लड़खड़ा रहे है... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 214 Share 'अशांत' शेखर 23 Nov 2022 · 1 min read ✍️साहस उठने से ज्यादा तकलीफ़देह है गिरना और भी मुश्किल है गिरते हुए को संभालना उठ नही पाया तो वह जिंदा रह सकता है गिरनेवाला बच जाये ये उसकी किस्मत है... Hindi · Ashantlekhani · कविता 2 2 281 Share 'अशांत' शेखर 22 Nov 2022 · 1 min read ✍️ 'कामयाबी' के लिए... 'कामयाबी' के लिए... 'आत्मविश्वास' की जरुरत होती है आत्मविश्वास के लिए 'सच्चाई' की जरुरत होती है सच्चाई के लिए 'निडरता' की जरुरत होती है निडरता के लिए 'शिक्षा तथा ज्ञान'... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 254 Share 'अशांत' शेखर 19 Nov 2022 · 1 min read ✍️गहरी साजिशें कभी मेरे कंधों पर चढ़कर वो छूना चाहते थे आसमाँ को.. ये साजिशें देखो उनकी गहरी मुझे ही गिरा रहे है मेरी ज़मी पे.. ………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 19/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 200 Share 'अशांत' शेखर 19 Nov 2022 · 1 min read ✍️फिर वही आ गये... सफर में हम रास्तों से धोखा खा गये शुरू जहाँ से हुए थे फिर वही आ गये इस कदर मंझिलो से राहें भटक गयी.. चले जो कदम लौटकर वापस आ... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 303 Share 'अशांत' शेखर 17 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : घर चार दीवारे और एक छत का मतलब घर नही होता आप पूछ सकते हो माँ पिता से जिनकी उम्र घट जाती है ईंट पत्थर इकट्ठा करने में... जिनकी खुशियाँ मिट... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 4 263 Share 'अशांत' शेखर 16 Nov 2022 · 1 min read ✍️वास्तव.... आप ढूँढ रहे हो आसमाँ में दूसरी परजीवी दुनिया को और यहाँ आदमी की नस्ल को बाँट रखा है धर्म,जाती,भाषा और प्रांतो में..! हमने सुना था आपकी कल्पनाओं की लाखो... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 277 Share 'अशांत' शेखर 16 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : समय समय चलता है साथ साथ जब आप उसके अनुकूल रास्तो पर चलते रहते है मगर आपका कोई कदम समय के विपरीत रास्तो पर पड़ जाये तो वो भी तुरंत अपना... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 3 260 Share 'अशांत' शेखर 13 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : सम्मान जब व्यक्तित्व से आपका कर्तुत्व बड़ा बन जाता है तब आपके सम्मान में दुनिया का सर झुक जाता है जब आपका हाथ किसी के दुःख दर्द का साथ निभाता है... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 4 2 212 Share 'अशांत' शेखर 12 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : जल कुदरत की अनमोल देन जल है वो महान थे जिन्होंने विश्व में पहली जलक्रांति के विचार को छेड़ा के हर जिव पशु पक्षी और मानव का जल पर समान अधिकार... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 6 2 328 Share 'अशांत' शेखर 11 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : कला जिंदगी के रंगमंच पर इंसान अपनी विविध कलाओ से तो जिंदा है... इंसान ने अज़ीब सी कलाओ में महारत हासिल की है... जानवरो के स्वभाव की कलाओ का भी इंसान... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 3 2 265 Share 'अशांत' शेखर 10 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge: त्याग मानव के इंसानियत का परमोच्च शिखर है त्याग... असीम प्रेम को त्यागकर खुद पुर्णता बिखर जाना... और किसी दूसरे को सँवार लेना... ये मानवता की सर्वोच्च मिसाल है त्याग ही... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · त्याग 2 2 297 Share 'अशांत' शेखर 9 Nov 2022 · 1 min read #Daily Writing Challenge : आरंभ आरंभ ही अंत तक पहुँचने का प्रारंभ है यदि आरंभ कठिन तो अंत और भी कठिन अगर आरंभ सरल तो अंत और भी सरल जिंदगी के आरंभ से जिंदगी के... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 8 4 193 Share 'अशांत' शेखर 7 Nov 2022 · 1 min read कल्पना ही कविता का सृजन है... कल्पना से सूंदर कविता है... ऐसा वो कहती है.. कल्पना जेहन को विचारों से सहेजती है... और कविता शब्दो का साज शृंगार करती है... मैंने कहाँ मगर कल्पना ही तो... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 374 Share 'अशांत' शेखर 3 Nov 2022 · 1 min read ✍️क्या ये सच नही..? राजा के ऊँगली का रंगीन पत्थर एक बेशकीमती नगीना कहलाता है मगर पत्थर के मकान में रहनेवाली प्रजा को मुश्किलो में जीना पड़ता है ……………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 03/11/2021 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 4 301 Share 'अशांत' शेखर 3 Nov 2022 · 1 min read ✍️एक ख़्वाब आँखों से गिरा... एक ख़्वाब आँखों से गिरा और उठाने को वो भीड़ उमड़ पड़ी थी मगर साँसे चलती रही ख्वाईशो की और कोशिशें फिर से खड़ी थी मैं दरबदर खुद की तलाश... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 3 4 219 Share 'अशांत' शेखर 2 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ ख्वाइशें और एक ख़्वाब... ख़ुदकुशी के लिए ख्वाइशों को क़ुर्बान कर ख़ामोशी से जीते रहना ही काफी है...! जिंदगी जीने के लिए बस छोटा सा इक ख़्वाब आँखों में जिंदा रहना ही पर्याप्त है...!... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 4 193 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब... गर दिल मोहब्बत से भरा है तो इश्क़ फरमाइये जनाब नफ़रतों का नजरियां बदलकर चश्म में उठाइये ख़्वाब …………………………………………………………………....…// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 209 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ नही मिलता मुफ्त में.. ये जिंदगी यूँही मुफ़्त में किस को क्या बख्शती है नन्ही चिड़िया भी घोंसलों के लिए तिनके उठाती है …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 4 241 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️सोच तिलिस्मी तालों में बंद है... क्या असर होगा नस्लो पर सिर्फ मुर्दा ज़िस्म आझाद है और आपका दिल दिमाग दखियानुसी रिवाज़ो में क़ैद है दुनियां आसमाँ के चाँद सितारे छूने की होड़ में लगी है... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 226 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️दुनियां को यार फिदा कर... इन कुम्हलाते जेहन में एक नई सोच तू जिंदा कर ये मन के स्याह अँधेरे है इसमें नई रोशनी पैदा कर गुमराह करते है वो रास्ते जहाँ संगमिल ना लगा... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 323 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ दर्द खास होने चाहिये यादो में भी बसें कुछ दर्द खास होने चाहिये हम जिंदा है इसके कुछ एहसास होने चाहिये ………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 234 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️आदमी ने बनाये है फ़ासले… दोस्त इस कायनात में सब कुदरत के है फैसले जन्नत और जहन्नुम में आदमी ने बनाये है फ़ासले ………………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 210 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️हौसले भी कहाँ कम मिलते है इस जिंदगी में थोड़ी ख़ुशी पाने के चाहत में कई ज्यादा गम मिलते है मगर जिंदा इँसान में जीने के बूलंद हौसले भी कहाँ कम मिलते है …………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 482 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️दिल चाहता... हर दर्द हर ख़ुशी को ये आँखों के अश्क़ ही बयां करते है पर दिल चाहता पुराने ग़मो को भूलाकर कुछ नया करते है ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 278 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️कर्म से ही वजूद… तेरे कर्म की कहानी ही तेरे वजूद की निशानी है ये अच्छा बुरा वक़्त ही हर इंसान की जुबानी है ………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 392 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️जब रिक्त हथेलियाँ... जब रिक्त हथेलियाँ खाली पेट कड़ी धुप निगलकर ज़िस्म के पसीने से अश्क़ पीकर मेहनताने की तलाश में भूखी भटकती है हताश... सहनशीलता के अंत में वे आखिर मुट्ठियां बन... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 240 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह की जुबानी चलो इक फ़क़ीर के प्यार की वाणी बन जाये कोई एक इश्क़ की सूफ़ियाना कहानी बन जाये मैं कबीर के दोहे बनु तू मीरा के गीत बन जा... आओ इँसानियत... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 235 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️उम्मीदों की गहरी तड़प आखिर समंदर को पता है लहरें साहिल से टकराकर लौटेगी जरूर..! तु सागर के भाँति अपने हृदय में आशाओं का एक विशाल स्त्रोत निर्माण कर..! ये सच है उम्मीदों की... Hindi · Ashantlekhani · कविता 4 4 201 Share Page 1 Next