Satish Sharma Tag: कविता 130 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Satish Sharma 23 May 2020 · 1 min read जितना हल्का होता है जो जितना हल्का होता है उतना ही ऊंचा उड़ता है भारी होता जो जमीन से वह उतना ही जुड़ता है नदी किनारे के पेड़ों को अक्सर बह जाते देखा है... Hindi · कविता 1 216 Share Satish Sharma 22 May 2020 · 1 min read धूल का फूल धूल का जो फूल है सुख उसे प्रतिकूल है प्रेम की परवाह नहीं सुखों की भी चाह नहीं नाता है संघर्ष से स्वयं के उत्कर्ष से बाजुओं पर है भरोसा... Hindi · कविता 1 520 Share Satish Sharma 18 May 2020 · 1 min read सिद्धि मन में थोड़ी सी लगन , पूर्ण पर विस्वास हो । शक्ति हो संघर्ष की और, सीखने की आस हो ।। पथ प्रदर्शक साथ में , और सतत अभ्यास हो... Hindi · कविता 2 1 247 Share Satish Sharma 16 May 2020 · 1 min read समय के साथ जो समय के साथ थे , आगे बढ़े । उन्नति की सीढ़ियां , वो ही चढ़े ।। जो प्रतीक्षा समय की , करते रहे । वो समय के साथ ही... Hindi · कविता 1 205 Share Satish Sharma 15 May 2020 · 1 min read देख लेना एक दिन देख लेना एक दिन मरुभूमि में पौधे उगेंगे । सप्त रंगी पादपों में कुसुम कंचन से खिलेंगे ।। वसुंधरा भी ओढ़ लेगी हरित चादर मखमली सी । शुष्क निर्झर एक... Hindi · कविता 2 2 342 Share Satish Sharma 14 May 2020 · 1 min read कहानियाँ कहानियाँ बच्चों के मन को खूब भाती हैं । उन्हें कल्पना लोक की सैर कराती हैं ।। उनके बौद्धिक विकास के लिये इनसे अच्छा कुछ नहीं हैं । इसलिए तो... Hindi · कविता 2 183 Share Satish Sharma 13 May 2020 · 1 min read कहाँ कमी रह जाती है बार बार गर असफलता ही आती है । तो सोचो कि कहाँ कमी रह जाती है ।। सदअभ्यास निरंतर त्रुटियां दूर करे । तब ही मेहनत सदा सफलत लाती है... Hindi · कविता 1 2 271 Share Satish Sharma 12 May 2020 · 1 min read नारी का हर रूप महान सृजन शीलता जिसका गुण है । जो है आदर्शों की खान ।। जिसके है कई रूप जगत में । नारी का हर रूप महान ।। अपने सारे कष्ट भुलाकर ।... Hindi · कविता 2 2 342 Share Satish Sharma 11 May 2020 · 1 min read गर्मी के मेघ उमड़ घुमड़ कर मेघ गरजते रहते हैं । जाने कौन कि वो हमसे क्या कहते हैं ।। भूल गए क्या यह गर्मी का मौसम है । इसमें पानी नहीं ,... Hindi · कविता 2 294 Share Satish Sharma 9 May 2020 · 1 min read अपने अंदर डूबकर अपने अंदर डूबकर , अन्तः जगत निहार । क्या अच्छा क्या बुरा है मन में करो विचार ।। पंछी है आकाश में भले उड़े दिन रैन । मानव जो उड़ता... Hindi · कविता 162 Share Satish Sharma 7 May 2020 · 1 min read कम में गुजारा कम में गुजारा करना सीखो । अति संग्रह से डरना सीखो ।। पहले से ही चाह असीमित । नई नई पैदा होती नित ।। इनका कभी दास मत बनना ।... Hindi · कविता 2 1 198 Share Satish Sharma 6 May 2020 · 1 min read अथकित चलते जिनके पाँव अथकित चलते जिनके पाँव । सिर पर बोझा है लदा हुआ , बाजू में दो बच्चे लेकर । अहसान जताते है अमीर , दो सूखी सी रोटी देकर ।। सौ... Hindi · कविता 1 240 Share Satish Sharma 5 May 2020 · 1 min read नीड़ । तिनका तिनका जोड़ जोड़ कर , फिर बुलबुल ने नीड़ बनाया । अपने अद्भुत रचना कौशल , से उसने परिचय करवाया ।। कौन कवि, वर्णित कर सकता , है उसकी... Hindi · कविता 3 1 196 Share Satish Sharma 4 May 2020 · 1 min read पत्र तुम न रह सकोगे । पत्र ! तुम न रह सकोगे सदा तरु की डाल पर । एक दिन तुमको यहां से टूटना तो पड़ेगा ।। विटप के इस मोह बंधन से बँधे हो आज... Hindi · कविता 2 2 500 Share Satish Sharma 3 May 2020 · 1 min read समायोजन समायोजन के भाव से अद्भुत सौंदर्य निखरता है । इसके अभाव में जीवन का हर रंग , बेरंग विखरता है ।। प्रकृति का यही परम् संदेश । बना सद्ग्रन्थों का... Hindi · कविता 419 Share Satish Sharma 2 May 2020 · 1 min read सृजन सृजन की अद्भुत शक्ति है । बार बार एक नन्हे पौधे को काट रहा हूँ । दूसरी सुबह फिर से , नव अंकुर सीना ताने निकल आता है । कहा... Hindi · कविता 1 2 187 Share Satish Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read कृष्ण का संदेश है यह कर्म से मुंह मोड़ लेना , ये गलत आदत पड़ी है । बताओ किस देवता की , इबादत इससे बड़ी है ।। कृष्ण का संदेश है यह , तुलसी का... Hindi · कविता 1 467 Share Satish Sharma 24 Apr 2020 · 1 min read श्रम साधना ऊंची नीची पग डंडी पर , बोझ उठाकर चलने वाले । निठुर ठंड में ठिठुर कभी , और कड़ी धूप में जलने वाले ।। जिनका लहू पसीना बनकर , गिरे... Hindi · कविता 346 Share Satish Sharma 23 Apr 2020 · 1 min read बदल रही है प्रकृति बदल रही है प्रकृति अपना रूप पुराना । नव यौवन सा लौट रहा है आज सुहाना ।। साफ हुआ आकाश वायु भी शुद्ध हो रही । छेड़ रहे है खग... Hindi · कविता 194 Share Satish Sharma 22 Apr 2020 · 1 min read मन मौसम सा जिसका मन मौसम सा बदले । उस पर कभी विश्वास न करना ।। जो न बात की कीमत समझे । उससे कभी कुछ आस न करना ।। जिसका स्वयं पर... Hindi · कविता 1 205 Share Satish Sharma 21 Apr 2020 · 1 min read आग चकमक बनने से पहले , यह बात समझना जरूरी है । कि कौन व्यक्ति ? तुमको घिसकर , कहाँ आग लगाना चाहता है ।। Hindi · कविता 359 Share Satish Sharma 19 Apr 2020 · 1 min read आदत इस तरह पड़ गई आदत , उनकी अब घर में रहने की । कोई बाहर निकालता है , तो वो भीतर को जाते हैं । खाना भी इस तरह खाया... Hindi · कविता 257 Share Satish Sharma 13 Mar 2019 · 1 min read खेल बिगड़ जाता है ... पल में खेल बिगड़ जाता है .... हो सकते थे कभी जो पूरे । रह जाते हैं स्वप्न अधूरे ।। फूलों के खिलने से पहले, निष्ठुर पाला पड़ जाता है... Hindi · कविता 464 Share Satish Sharma 10 Mar 2019 · 1 min read अरे ! आदमी बदल रहा है.. अरे ! आदमी , बदल रहा है जो जैसा चाहे , चल रहा है फुर्सत नहीं है एक पल की वो व्यस्तताओं में पल रहा है मरीज होकर भी मर्ज... Hindi · कविता 1 188 Share Satish Sharma 5 Mar 2019 · 1 min read मन की पीर कुत्ता रोया रात भर , ले निज मन की पीर । अनहोनी का अर्थ दे, धमका गया फकीर ।। पत्ता गिरे बबूल से , घायल चीटी होय । ऊंट दहाड़ें... Hindi · कविता 357 Share Satish Sharma 15 Feb 2019 · 1 min read हो गए जो अमर जग में हो गए जो अमर जग में , उन सपूतों को नमन । प्राण आहुति दे जिनने , रक्त से सींचा चमन ।। धन्य है वे जननि जिनके, लाड़ले सुत सो... Hindi · कविता 184 Share Satish Sharma 19 Aug 2018 · 1 min read हो कितना भी दूर किनारा हो कितना भी दूर किनारा । यदि कोई मन से न हारा। प्रतिकूल धाराओं में भी , वह आगे बढ़ जाता है ..... नींद चैन को जिसने छोड़ा । संघर्षों... Hindi · कविता 588 Share Satish Sharma 18 Aug 2018 · 1 min read कुआ ढूंक के... कुआ ढूंक के देखें पानी । इनकी बुद्धि कहां हिरानी ।। पेड़ कटे सब मिट गए जंगल। वर्षा गई , बात ने जानी ।। सूख रहीं है नदियां सारी। तो... Hindi · कविता 239 Share Satish Sharma 16 Aug 2018 · 1 min read श्रद्धांजलि भारत मां का सच्चा सपूत, प्रस्थान कर गया स्वर्गलोक । जन- गण- मन स्तब्ध हुआ छा गया देश में महाशोक । सदियों सदियों में होता है पैदा महान व्यक्तित्व एक... Hindi · कविता 1 253 Share Satish Sharma 13 Aug 2018 · 1 min read आजादी का दिन आ गया आजादी का दिन , आओ हम तुम मिल मनाएं । कुछ रंगों को तुम मिला दो, और कुछ रंग हम मिलाएं । एक रंग से पेट भूखे का... Hindi · कविता 320 Share Previous Page 3