Amber Srivastava Language: Hindi 140 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Amber Srivastava 16 Jun 2020 · 1 min read मेरी डायरी। रोज़-रोज़ तो लिख नहीं पाता, पर दूर मैं तुमसे रह नहीं पाता, साझा करता तुमसे मैं, अपनी हर एक सोच, मानो जैसे हो जाता, हल्का दिल का बोझ, तुम तो... Hindi · कविता 3 2 372 Share Amber Srivastava 15 Jun 2020 · 1 min read ओझल। कलम उठती नहीं कुछ लिखने को, आज लिखने का फिर भी करता दिल, जीवन में थे कुछ लोग भी ऐसे, दिल कहता उनसे जाके मिल, कुछ तो अभी भी साथ... Hindi · कविता 5 7 500 Share Amber Srivastava 14 Jun 2020 · 3 min read माता-पिता-38 वर्ष शादी के। 14 जून 1982, मेरे माता-पिता परिणय सूत्र में बंधे, शादी एक संयोग है और इन दोनों की शादी इस बात का जीवंत उदाहरण है। मेरी माता जी सन् 1977 या... Hindi · लेख 4 6 647 Share Amber Srivastava 13 Jun 2020 · 1 min read सुबह का संदेश। सुबह का एक संदेश ही, अपने आप में सौगात है, नहीं तो आजकल कहां किसी से, हो पाती कोई बात है, दिल से आभारी हूं मैं उनका, जो मुझे भी... Hindi · कविता 5 4 422 Share Amber Srivastava 12 Jun 2020 · 1 min read प्रेम- एक अध्यात्म। किसी इंसान के प्रति निस्वार्थ प्रेम का भाव रखना भी तो अध्यात्म है,प्रेम जो एक या दो तरफा श्रेणी में नहीं आता,प्रेम जिसे ना तो पाने की आस है ना... Hindi · लेख 3 4 328 Share Amber Srivastava 11 Jun 2020 · 2 min read कहानी एक कविता की। 26 अप्रैल 2017, इस शाम को कुछ ऐसा घटित हुआ जिसका कहीं न कहीं मुझे कब से इंतज़ार था, बाइज़्ज़त एक महिला के लिए कविता के रूप में अपनी कुछ... Hindi · कहानी 6 1 398 Share Amber Srivastava 10 Jun 2020 · 1 min read उंगली। आठ उंगलियां हाथों में, किसी एक का कीजिये इस्तेमाल, उंगली करने की कला सीखिए, फिर देखिए इसका कमाल, सबके मामलों में उंगली कीजिये, ऊटपटांग पूछिए सवाल, दिखने में उंगली छोटी... Hindi · कविता 7 10 362 Share Amber Srivastava 8 Jun 2020 · 1 min read सादगी। दूं तुम्हें मैं नाम कोई, या कहूँ सुन्दरता की मूरत, कशमश में है दिल, कि देखूं तुम्हारी सादगी, या देखू तुम्हारी सुरत, न तुम्हारे जैसी सादगी कहीं, न तुम्हारे जैसा... Hindi · कविता 5 8 408 Share Amber Srivastava 7 Jun 2020 · 1 min read ज़िंदगी अभी बाकी है। नयी उम्मीद के रूप में, नयी सुबह फिर जागी है , आखों का खुलना इशारा है, कि ज़िंदगी अभी बाकी है, पूरे करने हैं जो , कई अरमान अभी बाकी... Hindi · कविता 5 2 482 Share Amber Srivastava 6 Jun 2020 · 1 min read यादों का किस्सा। कब कहा मैंने कि आप मेरे, जीवन भर का हिस्सा बनिए, जब तक हो सके संपर्क में रहिए, फिर ख़ूबसूरत यादों का किस्सा बनिए । यूं ही ना जुड़ता कोई... Hindi · कविता 4 2 403 Share Amber Srivastava 6 Jun 2020 · 1 min read वर्तमान। ना जान सकें ना बदल सकें, क्या भविष्य क्या अतीत है, रह सकें तो वर्तमान में रहें, इसी में जीवन की जीत है, एक कल अभी आया नहीं, और एक... Hindi · कविता 3 2 559 Share Amber Srivastava 4 Jun 2020 · 1 min read एक प्रेम सूफियाना सा। ना दर्जा देना प्रेमिका का, ना करना आपसे विवाह है, आपके प्रति चंद अल्फ़ाज़ मेरे, इस अनकहे प्रेम की राह है, ना बंधन है कोई नाम का, ना जग की... Hindi · कविता 4 4 372 Share Amber Srivastava 3 Jun 2020 · 1 min read डोर। ना सुनाई देती है आहट कोई, ना होता है कोई शोर, कभी-कभी इस जीवन में यूँ ही, बंध जाती हैं कुछ डोर, बेनाम रिश्तों का दुनिया में, होता है अलग... Hindi · कविता 5 6 338 Share Amber Srivastava 30 May 2020 · 1 min read एक धागा मित्रता का। जिस जगह से नहीं लगाव कोई, उस जगह की ओर मैं मुड़ने लगा, बस यूं ही अचानक मैं मिला था तुझसे, फिर तुझसे मैं जुड़ने लगा, बातों के साथ मुलाकातें... Hindi · कविता 6 2 468 Share Amber Srivastava 23 May 2020 · 1 min read झलक। एक ऐसी शख़्स थीं जीवन में, जो अक्सर नज़र आ जाती थीं, कुछ तो ऐसी बात थी उनमे, जो एक झलक से ही भा जाती थीं, ना बात कोई ना... Hindi · कविता 3 1 728 Share Amber Srivastava 20 May 2020 · 1 min read अनाम। हर रिश्ता इस दुनिया में अगर, बस नाम से जाना जाता, तो अनाम रिश्ता और निस्वार्थ भाव, कभी ना माना जाता, जो अल्फाज़ से परे हो, वो बयान कैसे हो... Hindi · कविता 4 1 554 Share Amber Srivastava 15 May 2020 · 1 min read अकारण। किसी के प्रति सम्मान की भावना अकारण हो , तो कारण जानने का प्रयास मत कीजिए, कुछ भावनाओं का अकारण होना ही उनकी सुंदरता है। -अंबर श्रीवास्तव Hindi · मुक्तक 4 1 447 Share Amber Srivastava 14 May 2020 · 1 min read चुप। बीत गया अब तो काफी वक़्त, कि अब आप भी चुप, और मैं भी चुप, दे चुका हूं सारी दुआएं मैं शायद, कि अब कलम भी चुप, और शब्द भी... Hindi · कविता 5 1 397 Share Amber Srivastava 13 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल क्या कहें? कुछ ऐसा मेरे दिल पे है, आपके रूप का असर, जी चाहता है कि रच दूं मैं, आप पे कोई ग़ज़ल, उठती-झुकती पलकों पे मैं, कह जाऊं कोई ग़ज़ल, सादगी... Hindi · कविता 3 1 429 Share Amber Srivastava 12 May 2020 · 1 min read कहिएगा ज़रूर। कुछ मेरी सुनिएगा , कुछ अपनी सुनाइएगा, ज़िदगी एक जश्न है दोस्त, इसे दिल खोलकर मनाइएगा, हो जो कोई नई ताज़ी, तो मुझे भी बताइएगा, छोटी-छोटी बातों को, दिल से... Hindi · कविता 4 2 417 Share Amber Srivastava 9 May 2020 · 1 min read शराब। क्या कसूर है इसमें इसका, जो दुनिया में मौजूद शराब है, ख़ुद के बस में रहता ना इंसान, और शराब को कहता ख़राब है, ज़रा झांकिए इतिहास के तहख़ानों में,... Hindi · कविता 3 2 565 Share Amber Srivastava 9 May 2020 · 1 min read फिर मिलेंगे। जो बिछड़े हैं आज, तो कल फिर मिलेंगे, जो नज़र न आए आस-पास, तो दूर कहीं ख़्यालों में मिलेंगे, कभी जवाबों मे मिलेंगे, तो कभी सवालों में मिलेंगे, कभी सुनी-अनसुनी... Hindi · कविता 3 2 563 Share Amber Srivastava 8 May 2020 · 1 min read आप। आपने उस दिन कहा था मुझसे, क्या “मुझ पर आप लिख सकते हैं”, सबसे पहले धन्यवाद आपका, कि मुझ पर हक आप समझते हैं, बहुत ज़्यादा तो आपको जाना नहीं,... Hindi · कविता 3 542 Share Amber Srivastava 5 May 2020 · 1 min read देहरादून। जीवन भर ये शहर मुझे, आता रहेगा याद, कितनी जल्दी बीत गया, ये सात वर्षों का साथ, अपने में मस्त रहता था मैं, गर्मी बरसात और जाड़ों में, ना मिलता... Hindi · कविता 4 1 371 Share Amber Srivastava 2 May 2020 · 1 min read क्यों? स्थाई इस दुनिया में, कुछ भी रह पाता नहीं, बहुत कुछ रह जाता है, जो इंसान कह पाता नहीं, मन ही मन क्यों घुटता है, क्यों वास्तविकता अपनी बता पाता... Hindi · कविता 4 4 620 Share Amber Srivastava 30 Apr 2020 · 1 min read प्रेम। पसंद कभी भी बदल सकती है, प्रेम आजीवन रहता, प्रेम तो एक आधार है ऐसा, कि जीवन संजीवन रहता, कितना कुछ है कहा गया, कितना कुछ है लिखा गया, विस्तार... Hindi · कविता 2 1 299 Share Amber Srivastava 29 Apr 2020 · 1 min read थोड़ी सी नादानी। कभी किसी को सुना सके जो, दिल में कोई ऐसी कहानी रखिए, वक्त बना देता है समझदार सभी को, ज़िदा थोड़ी सी नादानी रखिए, जो ख़ास होने का एहसास दिला... Hindi · कविता 3 1 535 Share Amber Srivastava 27 Apr 2020 · 1 min read कुछ ख़्याल बस यूँ ही। अरसे बाद कुछ ख्यालों को, पन्ने पर रखने बैठा हूं, ऐ कलम मेरा हाथ बँटा , आज फिर मैं लिखने बैठा हूं, तेरी हर आज़माइश के, स्वाद को चखने बैठा... Hindi · कविता 4 2 386 Share Amber Srivastava 26 Apr 2020 · 1 min read कद्र। कलयुग की इस दुनिया में, पत्थर भी पिघल सकता है, यही तो ख़ासियत-ए-ज़िंदगी है दोस्त, कि इंसान खुद भी गिर के संभल सकता है, ना इतराइये ये सोच कर, कि... Hindi · शेर 3 665 Share Amber Srivastava 25 Apr 2020 · 1 min read ना पास ना दूर। हक़ समझते हों जो किसी पे, तो जताइए ज़रूर, हो जो दिल में बात कोई, तो बताइए ज़रूर, ना किसी को बहुत करीब रखिए, ना रखिए बहुत ही दूर, बातें... Hindi · कविता 3 736 Share Amber Srivastava 25 Apr 2020 · 1 min read दोस्ती ज़िंदगी से। जब जहाँ भी हो सके, जी भर के मस्ती कर लो, यही तो एक ज़िंदगी है दोस्त, हो सके तो इससे दोस्ती कर लो। -अंबर श्रीवास्तव। Hindi · शेर 2 1 303 Share Amber Srivastava 24 Apr 2020 · 1 min read एक किराए का कमरा। एक किराए का कमरा था, जो बना मेरा हमराज़, रिश्ता था उस कमरे से ऐसा, ताउम्र रहेगा नाज़, कमरे ने मेरी निराशा देखी, एक बोझिल दौर की हताशा देखी, कभी... Hindi · कविता 2 1 380 Share Amber Srivastava 24 Apr 2020 · 1 min read चाय। जब समझ ना आए कि, कौन सी बात कही जाए, तो फ़ुर्सत में चुपचाप बैठकर, एक कप चाय पी जाए, आइए साथ बैठ के, बातें चंद की जाएं, हाथों में... Hindi · कविता 2 1 389 Share Amber Srivastava 23 Apr 2020 · 1 min read रिश्ता चंद अल्फ़ाज़ का। यूं ही एक संबंध बना और, हुई संदेशों की शुरुआत, अहम बहुत वो अल्फ़ाज़ थे ऐसे, जैसे दिन और रात, एक हक था आपके लफ्ज़ों में भी, फिर कहाँ गई... Hindi · कविता 2 2 548 Share Amber Srivastava 23 Apr 2020 · 1 min read निर्मल प्रीत। ना बंधन कोई उम्र का, ना रिवाज़ ना रीत है, ना भय है खोने का, ना है लालसा पाने की, उदाहरण हैं रिश्तों के ऐसे भी, जिनमें नि:स्वार्थ-निर्मल प्रीत है।... Hindi · मुक्तक 2 1 297 Share Amber Srivastava 22 Apr 2020 · 1 min read फिर से। भूल के हर उलझन को फिर से, दिल में फूल खिलाया जाए, चल ऐ दिल एक बार फिर से, ख़ुद को ख़ुद से मिलाया जाए, कर के कोई मासूम कल्पना... Hindi · कविता 2 2 331 Share Amber Srivastava 14 Apr 2017 · 1 min read एक अंजानी,अपनी सी। है नहीं वो कोई मेरा, अक्सर देखूं एक मासूम चेहरा, कह न सकूंगा कुछ भी उस से, लगा मुझ पे मर्यादाओं का पहरा, लगता नहीं मै कोई उसका, वो भी... Hindi · कविता 3 2 317 Share Amber Srivastava 7 Apr 2017 · 1 min read आरज़ू ना इज़हार। अब तक तो कभी हुई ना मुझे, दुआ है की मोहब्बत हो जाये, जज़्बात जगे कोई दिल में ऐसा, किसी हसीन की सोहबत हो जाये, कोई मिले राहों में ऐसी,... Hindi · कविता 2 1k Share Amber Srivastava 4 Feb 2017 · 1 min read वक़्त। बेशुमार नाकामियों के बाद, जब कामयाबी का सूरज जगमगाता है, ज़िन्दगी हो जाती है तारो से सजी, हर दिन दिल को लुभाता है, बुरे दौर में लगता है ऐसे, जैसे... Hindi · कविता 2 367 Share Amber Srivastava 2 Feb 2017 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी। देखे तेरे कई नज़ारे, साथ तेरे कई पल है गुज़ारे, बिछड़ जाएगी तू भी एक दिन, चलता फिर भी मैं तेरे सहारे, कभी लगे तू शरबत सी मीठी, कभी लगे... Hindi · कविता 2 540 Share Previous Page 3