Ambarish Srivastava 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read हिन्दी दिवस : दोहे हिन्दी में धड़के हृदय, हों जब नैना चार. 'आई लव यू' छोड़कर, हिन्दी में हो प्यार.. 'स्वीटी' 'डार्लिंग' 'कर्णप्रिय', अप्रिय बहनजी शब्द. 'मैडम' 'मिस' मन मोहते, 'अम्बरीष' निःशब्द.. डैडी जी... Hindi · दोहा 1k Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read शहीदों के लहू का वो ...: गीत कारगिल के शहीद कैप्टेन मनोज कुमार पाण्डेय को समर्पित... (जन्म : 25 जून 1975, सीतापुर, उत्तर प्रदेश -- वीरगति: 3 जुलाई 1999, कश्मीर) शहीदों के लहू का वो फुहारा याद... Hindi · गीत 1k Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 2 min read वीर जवानों को समर्पित वीर छंद (आल्हा)... क़त्ल जवानों का क्यों करते? छोड़ो राजनीति का राग, नीति-नियंता अब तो जागो, लगी हुई है घर में आग. सेक्युलरों सॅंग बने मदारी, खेल रहे जो मारक खेल, सैनिक बन... Hindi · कविता 838 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read हरिगीतिका छंद: ॐ श्री विश्वकर्मणे नमः स्तुति... ऋषि धर्मवंशी भृगु सुधन्वा अंगिरा कुल शोभितं| हरिचक्र पुष्पक शिवत्रिशूलं आयुधं अभिकल्पितं| शुचि स्वर्ग लंका द्वारिका पुरइन्द्रप्रस्थं निर्मितं, विधु विश्वकर्मा, विधिविराटं पञ्चमुख प्रभुपूजितं|| (भावार्थ: समय-समय... Hindi · कविता 1 1 751 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 9 min read एक अनुभव : टाइप-२ डायबिटीज पर विजय डायबिटीज का एक मंत्र है .......... ‘ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम् | उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||’ अर्थात : हे गज के सिर वाले, सभी... Hindi · लेख 742 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read छंद: मनहरण घनाक्षरी किंचित न अभिमान, रखते सभी का ध्यान, राग-द्वेष कटुता से, रीते रहें मोदीजी. देश से ही करें प्यार, माटी चूमें बार-बार, स्नेह प्रेम रसधार, पीते रहें मोदीजी. सिंह सी सुनें... Hindi · कविता 727 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read बंधु जानिये मर्म...दोहे अतिशय धन की लालसा, बनी कोढ़ में खाज. भौतिकता में बह रहा, 'हिन्दू' राज समाज.. धर्ममार्ग या पंथ की. पल में हो पहचान. धर्म उसे ही जानिये, जिसमें हो विज्ञान..... Hindi · दोहा 657 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read चुनावी कुण्डलिया छंद चुनावी कुण्डलिया छंद : _________________________________ (१) पंजा थामे साइकिल, सधी कमल की चाल. इंजन सीटी दे रहा, हाथी करे धमाल. हाथी करे धमाल, दौड़ता आगे-आगे. ले अंकुश वह देख, महावत... Hindi · कुण्डलिया 668 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read भाभी बोलीं बाय-बाय...: हास्य घनाक्षरी रोज रोज आते जाते, भाभीजी को छेड़ें भैया, बाय-बाय चार बच्चों, वाली अम्मा गोरी हो . भैया रोज लेते मौज, भाभी होतीं परेशान. अच्छी नहीं खींचतान, ना ही जोराजोरी हो... Hindi · कविता 632 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read सरस्वती वंदना : ग़ज़ल (बह्र मजारे मुसम्मन अखरब मक्फूफ़ महजूफ अर्क़ान: मफऊलु फाइलातु मफाईलु फाइलुन वज्न: 221 2121 1221 212 काफ़िया: 'आन', रदीफ़: 'कर') वंदित प्रथम गणेश हैं उनका ही मान कर. देवी सरस्वती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 644 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आग लगा जो स्वार्थी, रहे रोटियां सेंक ...: दोहे समसामयिक दोहे: गर्म खून को देखकर, रक्त हो गया गर्म. आग बना जो दें हवा, वे कितने बेशर्म.. मारपीट अति क्रूरता, अच्छा नहीं जूनून. न्याय व्यवस्था है अभी, कायम है... Hindi · दोहा 601 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read असहनीय है कृत्य.... खुलेआम है खेलता, पैशाचिक जो खेल। बने एकजुट रामपुर, उस पर कसे नकेल। उस पर कसे नकेल, सबक ऐसा सिखलाये। नहीं दुशासन क्रूर जन्म फिर से ले पाए। असहनीय है... Hindi · कुण्डलिया 576 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 2 min read महाकवि तुलसी-महिमा दन्त पंक्ति पट खोल, मुख तेहिं बोला राम जब| सुत उपजा अनमोल, हुलसी हुलसी, जग चकित|| (सोरठा) राजापुर शुभ रत्न समाना| उपजा जहँ तुलसी विद्वाना|| छंद शिरोमणि बाबा तुलसी| पिता... Hindi · कविता 554 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पर पंक्षी के पंख नोचता...:मुक्तक जेठ मास में भीषण गर्मी लू घातक बीमारी है. सूखे ताल-तलैया बोरिंग जलसंकट अब भारी है. खाली खेत बाग़-वन गायब नदियाँ नाला बनीं हुई, पर पंक्षी के पंख नोचता ए०... Hindi · मुक्तक 593 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 3 min read पुस्तक समीक्षा : 'कथा अंजलि' -लेखक डॉ० प्रवीण कुमार : पुस्तक समीक्षा : कथा अंजलि : डॉ० प्रवीण कुमार प्रकाशक: साहित्यपीडिया पब्लिकेशन्स समीक्षक : इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' पेशे से एक सरकारी डाक्टर, डॉ० प्रवीण कुमार द्वारा लिखित कथा संग्रह... Hindi · लेख 526 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read लें अचूक हथियार.....: दोहे आतंकी कश्मीर का, बना फिर रहा बाप. हूर बहत्तर बाँटता, असह्य 'पाक' का ताप.. वार करे छिप कर सदा, आतंकी यह देश. शातिर पाकिस्तान को, समझाना क्यों शेष?? बीसों घायल... Hindi · दोहा 546 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पति ने पटका देखकर....:हास्य 'कुण्डलिया' पत्नी घूमे यार सँग, करे प्रेम व्यवहार. पति ने पटका देखकर, प्रेमी को दो बार. प्रेमी को दो बार पटक, शाबासी पायी. मार, घुमाता परनारी को, वह चिल्लाई, चढ़ा प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 579 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read गणेश वंदना. हे गजबदन गणेश गजानन गणनायक गुरु स्वामी हो. प्रथम पूज्यवर पार्वती-सुत गणपति अन्तर्यामी हो. विकट विनायक विघ्नेश्वर शुचि विद्यावारिधि सिद्धिप्रियः, कपिल कवीष कृषापिंगाक्षा सत्पथ के अनुगामी हो.. शत-शत वंदन करते... Hindi · मुक्तक 593 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read जागृत करें विवेक ... :छंद कुंडलिया (१) दानवता के दौर की महिमा बहुत विचित्र, आतंकी ट्रक आ रहा, हटें बचें ऐ मित्र. बचें हटें ऐ मित्र, मानवों का भक्षक है. रौंद रहा जो धर्म, दानवों का... Hindi · कुण्डलिया 585 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read नववर्ष व नवरात्रि शुभकामना मुक्तक... प्रीति की भावना स्नेह उत्कर्ष यह रूप शिशुवत धरे मातृ को हर्ष यह आज उल्लास की बह रही धार है, हो सनातन सुखद मित्र नववर्ष यह, --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’ Hindi · मुक्तक 549 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read डॉ० विश्वनाथ मिश्र के प्रति ... स्नेहभाव पूरित हृदय, सरल सौम्य व्यवहार. विश्वनाथजी नित्यप्रति, बरसाते थे प्यार.. शुचि संस्कारित शुद्ध मन, त्याग समर्पण भाव. अति विनम्र गंभीरता, मोहक मृदुल स्वभाव.. हमें छोड़ कर जा बसे, उस... Hindi · दोहा 505 Share Ambarish Srivastava 19 Apr 2018 · 1 min read सरसी/सुमंदर या कबीर छंद की परिभाषा व रचनाक्रम: इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' सरसी/सुमंदर या कबीर छंद (चार चरण, प्रत्येक में १६-११ मात्रा अर्थात १६ पर यति, चरणान्त में गुरु-लघु) 'सरसी' छंद लगे अति सुंदर, नाम 'सुमंदर' धीर . नाक्षत्रिक मात्रा सत्ताइस ,... Hindi · कविता 482 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read उत्तराखंड त्रासदी २०१६ पर मुक्तक: दिनांक ०२-०७-२०१६ आपदा का हो प्रबंधन, यदि उचित सरकार से, राहतें फ़ौरन मिलें औ दर्द कम हो प्यार से. साधनों की है कमी पर हौसले तो कम नहीं, जिंदगी को... Hindi · मुक्तक 475 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read बांस के झुरमुटों से बजें सीटियाँ.. कुछ मुक्तक आवरण त्यागकर भंगिमा नेक लें, प्राकृतिक ही रहें भाव भी एक लें, काँपता शीत है सूर्य के सामने, गुनगुनी-कुनकुनी धूप को सेक लें.. गंध चन्दन भली रंग टेसू... Hindi · मुक्तक 532 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 2 min read याद बहुत आते है गुल्ली-डण्डों वाले दिन.... कवि प्रमोद तिवारी व कवि के० डी० शर्मा ‘हाहाकारी’ की पावन स्मृति में ..... ____________________________________ याद बहुत आते है गुल्ली-डण्डों वाले दिन. चुपड़ी रोटी, खो-खो, शाखा, झण्डों वाले दिन.... एक... Hindi · गीत 502 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read मगर मेरे भाई न शादी रचाना.... मगर मेरे भाई न शादी रचाना. अगर तुमको आये न खाना पकाना पड़े भूख से आये दिन बिलबिलाना बटन चेन गायब कभी मत लजाना सो बेचारगी में पड़े पिनपिनाना भले... Hindi · कविता 535 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read घनाक्षरी छंद: सब को भूकंपरोधी, ज्ञान देना चाहिए.... _______________________________ गहरी हो चार फीट नीव यदि मंजिल दो, बीम बाँधे नीव सारी, ध्यान देना चाहिए. आर० सी० सी० बैंड बांधे कुर्सी व लिंटल को, दो दो सरिया कोनों पे,... Hindi · घनाक्षरी 496 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read मित्र के प्रति : मुक्तक कवि मित्र डॉ० मनोज दीक्षित के प्रति.... प्यारे भ्राता पिंगल ज्ञाता कोमल कविता साधक हो. उड़ते मुक्त जहाँ चंचल मन उन राहों में बाधक हो. मित्र नमन उस पावनता को... Hindi · मुक्तक 488 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read पीर हिन्दी की.... हिन्दी मुक्तिका ___________ मित्र उर्दू सुपोषित हरित हो गयी, कामना स्वार्थपरता फलित हो गयी, आज हिन्दी दिवस आ गया साथियों, मातृभाषा पुनः अब व्यथित हो गयी. आज इंग्लिश में अवसर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहा मीन -मेख भारी पड़ा, झेल रही दुःख त्रास. व्यथित स्वार्थी भावना,भावुक हुआ उदास.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · दोहा 470 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read कसम तुम्हें नेता सुभाष की....गीत. आओ बच्चों सुनो कहानी, अपने हिन्दुस्तान की. नित प्रति होती यहाँ आरती आरक्षण भगवान की. एससी०, एसटी०, ओबीसी० सब, सरकारी दामाद यहाँ और बचें जो जनरल वाले, वे पाते अवसाद... Hindi · गीत 1 1 479 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read लघुकथा: नकल जिंदाबाद.. "आज का पेपर कैसा हुआ बेटी?" चाय का प्याला हाथ में लेते हुए गजेन्द्र ने निकिता से पूछा | “गज़ब का पापा", निकिता ने खुश होते हुए कहा..... आश्चर्यचकित होते... Hindi · लघु कथा 433 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read आया है नववर्ष यह.... मंगलमय हो वर्ष यह, जुड़ें तार से तार | अपनापन बढ़ता रहे, उपजाए यह प्यार || गुरु हैं अपने देवगुरु, अति पावन है वेश। गुरु ब्रह्मा हैं विष्णु गुरु, गुरु... Hindi · दोहा 475 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read मौन हो चुप ही रहें! आस छूटी बिन मदद असहाय हाथों को मला| प्रियतमा का संक्रमित शव धार कांधे ले चला| लोग फोटो खींचते थे, किन्तु वह चलता रहा, प्यार ऐसा आज तक हमने नहीं... Hindi · मुक्तक 484 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई...: छंद कुण्डलिया आजादी का यह दिवस, इस पर हमको नाज. मिलें हाथ में हाथ जब, उन्नत बने समाज.. उन्नत बने समाज, कार्य हों ऐसे अपने. करें सृजन नव नित्य, इसी के देखें... Hindi · कुण्डलिया 475 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल १ बह्र: बहरे हजज़ मुसद्दस महजूफ अल अर्कान: मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलन वज्न:1222 1222 122 ___________________________ अदब तहजीब औ सादा कहन है सलीका शायरी में मन मगन है ये फैशन हाय रे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 423 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read मगर मेरे भाई तू कवि बन न जाना. अजी चाहे जब गीत औरों के गाना चहकना बहकना व सीटी बजाना गुसलखाने में मस्त हो गुनगुनाना मगर मेरे भाई तू कवि बन न जाना कविता बहुत से सुनाते मिलेंगें... Hindi · गीत 465 Share Ambarish Srivastava 19 Apr 2018 · 2 min read छंद 'दोहा' व उसका रचनाक्रम : इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' दोहे के माध्यम से दोहे की परिभाषा :- (छंद दोहा : अर्धसम मात्रिक छंद, चार चरण, विषम चरण तेरह मात्रा, सम चरण ग्यारह मात्रा, अंत पताका अर्थात गुरु लघु से,... Hindi · लेख 425 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read रंग हरा यदि किन्तु....: छंद कुण्डलिया. केसरिया सविता उगे, केसरिया हो अस्त. हरियाली उस सूर्य से, जिसमें सारे मस्त. जिसमें सारे मस्त, हरा ही मन को भाये. सूरज से ही चाँद, चमकता कौन बताये? बनें सनातन... Hindi · कुण्डलिया 424 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read फले सनातन वृक्ष... सत्ता आयी राम की, हृदय हुआ गोविंद. भारत के अब राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद. रामनाथ कोविंद, रामनाइक मन भावन. दोनों में हैं राम, मगन शिव बरसे सावन. अभिसिंचित जड़ शाख, हरा... Hindi · कुण्डलिया 1 424 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read मुद्रा का अपमान.. सिक्के घर रख आइये, सबसे मिलता ज्ञान. बाजारों में हो रहा, मुद्रा का अपमान.. मुद्रा के अपमान से, सिक्का रोये एक. अब कोई लेता नहीं, कैसे हम दें फेक?? कहाँ... Hindi · दोहा 409 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल के प्रति .. भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल सिंह समान गर्जना स्वर में किन्तु हृदय अति कोमल था. आँधी जैसी चाल तुम्हारी, साथ तुम्हारे दल-बल था. मानचित्र था पल में बदला भारत... Hindi · मुक्तक 433 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहा समसामयिक दोहे: प्लाटिंग मौरंग उत्खनन, सभी गया जो छूट. आय बंद सो हो रहे, मर्डर रेप व लूट.. गुंडे कातिल माफिया, अतिशय सक्रिय आज. एकमात्र एनकाउन्टर, इनका उचित इलाज.. आत्मप्रशंसा... Hindi · दोहा 1 431 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read स्नेह और नीर …..:मुक्तक स्नेह से नीर मित्र भारी है किन्तु इनकी सदा से यारी है स्नेहवश नीर उपजे आँखों में जिसमें डूबी जमीन सारी है आज समवेत स्वर में गायें हम गीत में... Hindi · मुक्तक 430 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल को हार्दिक नमन .... सिंह समान गर्जना स्वर में किन्तु हृदय अति कोमल था. आँधी जैसी चाल तुम्हारी, साथ तुम्हारे दल-बल था. मानचित्र था पल में बदला भारत को गणराज्य बना, किया असंभव कार्य... Hindi · मुक्तक 390 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहे : अपना यह मंतव्य.... आपस में हम सब करें, न्यायोचित व्यवहार. दलित, दुखी, कमजोर पर, मत हो अत्याचार.. प्रेम त्याग करुणा क्षमा, मानवता के अंग. असुरवृत्ति से हो रही, सदा-सदा से जंग.. यद्यपि हैं... Hindi · दोहा 412 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक चुनावी कविता समसामयिक चुनावी कविता: _________________________________ खटखटाते द्वार पर घंटी बजाते लोग हैं आज दोनों हाथ जोड़ें मित्रता के योग हैं देखिये मुन्ना खड़ा है आपका ही लाल है आपके अनुसार ही... Hindi · कविता 1 454 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read 'मेघ बरसें बने तन ये चन्दन' : नवगीत राह तकती धरा आस में मन मेघ बरसें बने तन ये चन्दन आ चुका है असाढ़ी महीना चिपचिपी देह बहता पसीना हर कोई है उमस में ही व्याकुल चैन मिलता... Hindi · गीत 412 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read हमारे प्रिय पुत्र भूषण के जन्म दिवस पर ... मंगलमय हो जन्मदिवस यह, स्नेहपूर्ण रसधार मिले। गुरुजन का आशीष रहे, माँ सरस्वती से प्यार मिले।। जीवनपथ हो ज्ञान प्रकाशित हो विनम्र मुखमंडल शुचि, कर्मक्षेत्र में मिले सफलता, संस्कारित संसार... Hindi · मुक्तक 420 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read शिक्षक दिवस शिक्षक दिवस जिनके आशीषों से हम सब जीवन में रँग भरते हैं. वे शिक्षकगण गुरुवत निशिदिन कष्ट हमारे हरते हैं. संयम, कठिन परिश्रम, धीरज, अनुशासन जिनसे सीखा, उन सबके प्रति... Hindi · मुक्तक 392 Share Page 1 Next