AMRESH KUMAR VERMA 185 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next AMRESH KUMAR VERMA 26 May 2022 · 1 min read सुहावना मौसम जब मौसम होती सुहावनी मन रहता सहृदय हमारा कोई भी कार्य करने में हमें प्रचुर मिलता मोद -आह्राद । दक्ष मौसम में चलती सुहावनी पवने इस परिप्रेक्ष्य, धूम्राभ में मानस... Hindi · कविता 1 632 Share AMRESH KUMAR VERMA 25 May 2022 · 1 min read कर्म पथ कर्म पथ के निर्वाह पर सदा हमें चलना होगा चाहे क्षोभ आए हजार इस जगत, संसार में हमें प्रत्यक्षत: भी ना ढहना, सहमना यहां कई बार हमें विश्व में शिसिक्त... Hindi · कविता 444 Share AMRESH KUMAR VERMA 25 May 2022 · 1 min read मां धरती जिसके बिन निश्रेणी संवित्ति इस भोली-भाली सी सृष्टि में जिसके बिना कुलीन भरना गमन धावना बड़ा दुस्साध्य। धरती अगर भू, धरा पर न रही तो लगेगी खाधन्न की किल्लत जिस... Hindi · कविता 1 245 Share AMRESH KUMAR VERMA 25 May 2022 · 1 min read अहंकार अपने इस विचित्र हयात में कभी भी अहंकार को कर नहीं करन उड़ेलना चाहना इस भव, भूमंडलीय जग में। अहंकृति जब होता इंसा में तो इंसान - इंसान न होता... Hindi · कविता 3 341 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 May 2022 · 1 min read घातक शत्रु किसी का कोई उकवाँ-कारीबी जो उसका साथ देता हमेशा रहता हर वक्त हर पल सदा वैमत्य - कलह होने पर वो बन जाता हमारा एक वह बड़ा ही घातक प्रतिद्वंदी... Hindi · कविता 2 1 293 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 May 2022 · 1 min read वसंत वसंत का जब होता आमद हमारे आसपास के द्रुम पर नए-नए हरे-भरे पल्लव का हो जाता आगमन- पदार्पण । मृदुल वसंत के आय-पैठ से जीव -जंतु सभी प्राणियों के साथ-... Hindi · कविता 1 801 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 May 2022 · 1 min read नव सूर्योदय हर अह्न होता नव सूर्योदय याम में जितनी होती वार्ता चाहे उत्तम हो या अधम निकृष्ट वार्ता को छोड़ के नव सूर्योदय आगत में उत्तम कार्यों का प्रतीक। नव सूर्योदय... Hindi · कविता 433 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 May 2022 · 1 min read न्याय का पथ न्याय की पथ हमसबों को देश को आगे लाना होगा दुनिया में अपना अस्तित्व पहले जैसा बनाना होगा। न्याय की पगडंडी होती बड़ी कठोर इस जहां में इस परिपाटी पर... Hindi · कविता 1 542 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read जोशवान मनुष्य कुछ करने वाले मनुष्यों का होता कुछ अलग ही जोश जो कुछ करने आया यहां इस भू ,जग, संसार,सृष्टि में वो सबसे हटके करता काम उनका जोश बड़ा ही उत्तम।... Hindi · कविता 2 261 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read सुधारने का वक्त हर चीज का होता वक्त खेलकूद -पढ़ाई -लिखाई निकृष्ट होने का होता वक्त जब हम बन जाते हैं निकृष्ट कोई भी ना चाहता बुरा बने उत्तम-अधम माहौल ही हमें बनाता... Hindi · कविता 1 392 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read शिखर छुऊंगा एक दिन बड़ी राह का अंजान मुसाफिर चल पड़ा सच्चाई के कर्म पथ पे लाखों मुश्किलें आएगी प्रचर में फिर भी हम शिखर को छुऊंगा मैं। बड़ी दौड़ का छोटा पथिक शिखर... Hindi · कविता 1 298 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read अत्याचार जब होता किसी पर अत्याचार कहर होता निष्ठुर स्वभाव का जिस पर होता है ये जियादती दमन होता जिस नर - नारी पर वो आखिर कैसे अनागत होगा ? अच्छा... Hindi · कविता 1 647 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read जुल्म जुल्मों से भरी इस मुल्क में छल, कप्टी, पापी, अन्यायी इन सबों से भरी है ये सृष्टि अच्छे को भी बुरा दिखा देती । इस दुनिया में जुल्मों का ही,... Hindi · कविता 1 2 440 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read पढ़ाई-लिखाई एक बोझ आप हम विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई - लिखाई लगती गुत्थी चित्त करता पढ़ने को ना हमें पढ़ाई - लिखाई लगता जवाल । पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी पाना ज्यादातर जनक के... Hindi · कविता 3 1 629 Share AMRESH KUMAR VERMA 21 May 2022 · 1 min read जगत के स्वामी शिव की आराध्य भक्त जो करे तन मन से पूजा उसकी हर एक मन्नत होती पूर्ण इस जगत में । तीनों लोकों के स्वामी शिव ही हैं इस जग में... Hindi · कविता 2 357 Share AMRESH KUMAR VERMA 21 May 2022 · 1 min read अन्याय का साथी अन्याय का संगी दुनिया में एक दो - ना हजार - लाख इसकी संख्या इस मुल्क में होते अन्नगिनत के सामान । अन्याय करने वाला जग में अशक्तों पर करता... Hindi · कविता 2 2 355 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read फास्ट फूड जिस खाना को खाने में हमे आता है बहुत ही बड़ा मजा जो हमसब मनुष्यों के लिए होता है बड़ा ही हानिकारक उसी का नाम फास्ट फूड... जिसे तैयार करने,... Hindi · कविता 5 6 588 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read दुखो की नैया ये जग सुख- दुख के उभय से है भरा हुआ जब कोई स्वजन हमें देती है हमें मक्कारी तब होती उद्गत, निर्गत दुखों की नैया जग में । खलक में... Hindi · कविता 1 523 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read बुरी आदत बुरी आदत शाश्वत से करती हमारा है ह्रास निकृष्ट लत करके तुष्टि अधम नर बन जाते हम नित्य कर उत्सर्ग इनका । यमुना लत के विविध रीति किसी भी असिता... Hindi · कविता 1 2 801 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read परिस्थिति परिस्थितियां आती रहती सदा हर एक मनुज को इस भव में अवस्था में जो बांधके हौसला करता रहता है निरंतर संघर्ष होती उसकी विजय जगत में । परिप्रेक्ष्य न रहती... Hindi · कविता 568 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read बुजुर्गो की बात बड़े बुजुर्गों की बातों का सदा करें हम सब सम्मान इनकी बोली हुई हर बात सदा से होती आई यथार्थ। मोबाइलों से निकल कर हम बड़े बुजुर्गों के साथ -... Hindi · कविता 793 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read भारतवर्ष भारतवर्ष की अनमोल कहानी जहां के सम्राट कई हृदयेश्वर पृथ्वीराज, अशोक, महाराणा वही अपना प्यारा भारतवर्ष। भारतवर्ष ही ऐसा देश हमारा जहां अनेकों जातियों धर्मों के व्यक्ति रहते सुखचैन, सुकून... Hindi · कविता 1 670 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read मृत्यु जिनकी गबन से आज आतंकित होते सबलोग वहीं अंत यथार्थ हमारा मृत्यु ही पदांत्य हमारा। इंतकाल से हर एक मनुज निगूहन चाहता इस भव में अजेय से सर्वपूर्व वो सगोत्र... Hindi · कविता 5 1 487 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read आया जो,वो आएगा जिसका पदार्पण हो भव में आज न कल वो जाएगा ही कोई न उच्छिष्ट इस जग में चाहे मनुज हो या यातुधान । हर चीज का इतिश्री जहां में कीट-... Hindi · कविता 2 1 283 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read आकाश आकाश दिनांत को देखने में लगता कितना प्रिय प्रीतिपात्र अपने दृगेंद्रिय से देख इन्हें हम हो जाते अत्यंत हर्षित सुखप्रद । उर्ध्वलोक का नजारा देखकर विलोचन उसे देखते रह जाता... Hindi · कविता 475 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read न झुकेगे हम हम सच्चाई के पथ पर निरंतर अग्र उद्वर्धन रहेंगे चाहे कितनी भी दुश्वार आ जायेगी इस पंथ में हम बिल्कुल ना झुकेंगे ... इस निर्व्याज के पथ पे चलने में... Hindi · कविता 548 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read खेल-कूद खेल -कूद हम सबो को गरज पड़ती है अनवरत स्वस्थ रहने के लिए हमें नित्य रूप से खेल -कूद। शारीरिक रुप से खेल -कूद होता जोर, मुगदर के समान इससे... Hindi · कविता 1 312 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read पढ़ाई - लिखाई पढ़ाई - लिखाई की अपेक्षित पड़ती है हर एक मनुष्य को पढ़ाई- लिखाई हम सबों को पहुंचाते गम्य, गंतव्य पर हमे । पढ़ाई- लिखाई की दौड़ में आज जो अनपढ़... Hindi · कविता 617 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read धन-दौलत आज मनुष्य भूखा, अशना इस स्वर्ण, धन दौलतो का इन्हीं कंचन के लिए ही नर आपस में करता मार-काट। आज मनुष्यों की पहचान होती ना निज पहचानो से धन दौलत... Hindi · कविता 823 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read मातृभाषा हिंदी मातृभाषा हमारी है हिंदी सदा करे इनका सम्मान इक्कीस फरवरी को हम मनाते मातृभाषा दिवस। भले दूसरे भाषा में हम सब कितना भी हो जाए निपुण अपनी मातृभाषा हिंदी को... Hindi · कविता 1 927 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read मेहनत मेहनत हर हालिया में हमें करते रहना ही इस भव में कर्मठता के बाद ही हमें मिलती सिद्धि -सफलता । आज जो करता रियाज़त उसका फल उसे हमेशा मिलती है... Hindi · कविता 1 470 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read पराधीन पक्षी की सोच पराधीन जब होती पक्षी केज में हमेशा रहती कैद खलक की सैर करना भी चाहती रहती हर पल वो। पराधीनता की दास्ता में बंधी रहती हर वक्त यह उसकी भी... Hindi · कविता 488 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read घड़ी ये घड़ी हर हमेशा हमको देती रहती समय का ज्ञान ये टिक टिक करती रहती दिन हो या रात, हर पल। आज -काल के लोग सब करते घड़ी देखकर काम... Hindi · कविता 1 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read माहौल का प्रभाव जिनका जैसा होता माहौल लोग वैसे बन जाते जग में हमारे इस जीवन में उत्तम माहौल का होना अनुपेक्ष्य । जैसा परिवेश में रहते हम अच्छा- बुरा कैसा भी हो... Hindi · कविता 690 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read वक्त वक्त वक्त की बात जग में कभी दुःख तो कभी खुश कभी कोई गरीब तो अमीर बदलते रहता वक्त सर्वथा । वक्त वक्त का खेल है आज जो करता जितना... Hindi · कविता 358 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read लोभ का जमाना आज लोभ का जमाना पदार्पण कर चुका कब ! कांक्षा के कारण ही हमें करता कोई हमें अवलंब । आज के इस जहान में तृषा की संख्या बढ़ गई अपनी... Hindi · कविता 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read ईमानदारी ईमानदारी सबसे बड़ी इन से से बड़ा न कोय जो करता कभी न चक्र उनके जैसा कोई नहीं। हम पथिक ईमानदारी के निरंतर आगे बढ़ते जाते जिनसे मिलता हमसबों को... Hindi · कविता 2 628 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read नियमित दिनचर्या हमारी इस जिंदगी को जीने के लिए हमें सदा चाहिए सौम्य दिनचर्या नियमित दिनचर्या से ही होती हमारी उत्तम लत । हमारी सौम्य हयात को जीने के लिए हमें सदा... Hindi · कविता 2 468 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read नई जिंदगानी भाग दौड़ की इस हयात में कभी न अख्तियार करे हम जीने के लिए त्रुटिपूर्ण प्रचर अक्सर आसान पंथ ही हमें करती नष्ट हयात स्वजन की । दो लम्हें की... Hindi · कविता 2 666 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read जग आये हो तो इस भव में कुछ करके ही जाओ यूं ही लाखों नर जग में आते तो जाते - रहते । कुछ खास न करने से कौन करेगा सँवर... Hindi · कविता 1 751 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read आदतें अच्छी-बुरी आदत होती हम सबों के अभ्यंतर में उत्तम प्रवृत्ति अपना कर, अधम लत को करे त्याग। अच्छी व्यसन ही हमें ले जाती है बुलंदी पर निकृष्ट लत हमसबों को... Hindi · कविता 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read अशक्त परिंदा मैं एक सहृदय, अनभिज्ञ तन्वी, कृशांगी सा परिंदा फस गया बंदी आलय मे कैसे बचू ? कैसे निकलू ? दुर्गति भारी इस कैद से। मै एक बालसुलभ सा अल्पवयस्क ही... Hindi · कविता 450 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read ज़िंदगी का हीरो इस अनमोल सी जिंदगी में वेदना का आना है विवेचित इसका जो डटकर किया टंटा वह आज उच्चशिखर पे बैठा । यातना इस हयात में एक नहीं, हजार - लाख,... Hindi · कविता 1 574 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read शांत वातावरण जब रहता शांत वातावरण मन रहता अहरणीय सदा किसी भी विद्याम्यासों को कम पढ़े फिर रहता याद शांत वातावरण ही हमको सिखाता शांत रहना हमें । हमे किसी बात का... Hindi · कविता 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read अनोखा रिश्ता दोस्ती का इस खुशहाल, सम्पन्न हयात में सहचर का होना होता जरूरी इनके बिन न लगता मन हमारा दोस्ती का रिश्ता बड़ा अनमोल । दोस्तों के संग पढ़ते - लिखते उन्हीं के... Hindi · कविता 1 481 Share AMRESH KUMAR VERMA 15 Mar 2022 · 1 min read विवश मनुष्य जब मनुष्य होता विवश रहता किसी के परवश चाह करके भी वो नर ना उठा सकता पदवी । किसी के साथ हमें कभी न होए विपुल निपट हितना ही हमें... Hindi · कविता 1 250 Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Mar 2022 · 1 min read मौसम मौसम का न कोय ठाँव कब कैसा पर्यय दे डालें ? हरघटी रज:स्राव यहां का रहता न एक जैसा हमेशा । अवधि बदलता रहता सदा इसमें ना कोई दुराय यहां... Hindi · कविता 3 319 Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Mar 2022 · 1 min read सुबह अरुणोदय जब दविज उठकर चीं - चीं की आहट से उठाती हम मानुज तब होते है जागृत प्रभात का नजारा बड़ा निराला । सुबह भास्कर से पहले उठके करने चले... Hindi · कविता 3 462 Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Mar 2022 · 1 min read गुरुवर गुरुवर ही इस सृष्टि, भव में होते हमारे कल्याण करता वो सदा चाहते नेकी हमारा उनका मानस होता निर्मल । जनक जननी तो हमारे महज सिखाते वचन निर्गत करना !... Hindi · कविता 2 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Mar 2022 · 1 min read तिरंगा मेरी जान तीन वर्णों को मिलने से बना है यह केतु, ध्वजा केसरिया, सफेद व हरा यही ध्वज की अलामत । भारत की गौरव तिरंगा यही भारत की प्रतिष्ठा इसकी भव्यता को... Hindi · कविता 678 Share Previous Page 3 Next