AMRESH KUMAR VERMA 185 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 AMRESH KUMAR VERMA 12 Mar 2022 · 1 min read पैसों की भूख पैसों की बुभुक्षा लगी सबकों इन्हीं के लिए आज खलक में होती लूट - पाट, मार - काट पैसों का भूखा संप्रति मानुज । उभय ही सब कुछ जग में... Hindi · कविता 2 957 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Mar 2022 · 1 min read सुनसान राह हम राही सुनसान पथ के अविराम बढ़ते जाते -आगे त्रुटि पंथ को छोड़ चले हम कर्म पंथ के पथ पे चल पड़े । हम राही सुनसान पथ के आघात खा... Hindi · कविता 524 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Mar 2022 · 1 min read होली रंग बिरंगो की त्योहार होली आई होली आई इस त्योहार में हम सब डालते एक दूसरे पे रंग प्रचुर हर्षित हो जाते हम । होली का त्योहार विलक्षण यह त्योहार... Hindi · कविता 251 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Mar 2022 · 1 min read महिला काव्य महिला ही इस खलक की सदा से ही है जगत जननी कामिनी के बिन यह संसार ना बढ़ सकता अग्र कभी । महिलाओं को पूर्ण रूप से सरकारें भी करती... Hindi · कविता 3 886 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Mar 2022 · 1 min read सपना सपना मनुजों की होती है चाहत हर एक मनुष्य की हर एक चाह होती जगत में अनुपम दिवास्वप्न किसी का कुछ तो किसी का कुछ । हर एक मनुष्य का... Hindi · कविता 336 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read कलम कलम हम विद्यार्थियों की होती कृपादृष्टि , उत्कंठा इन्हीं से करते लिखा-पढ़ी इनका दत्तांश बड़ा अलभ्य। यही हमे सबकुछ मँजवाती इस भगदड़ की जिंदगानी में हयात जीने से लेकर के... Hindi · कविता 782 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read पंछी हमारा मित्र सुबह - सुबह जो उठके सहजात अपव्यय करती चीं - चीं की आवाजों से एक तरह से हम सब का पंछी होता सहचर हमारा । पंछी शुचि करती कीटों को... Hindi · कविता 878 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read वक्त का खेल भास्कर बनने के लिए हमें तपना पड़ेगा प्रज्वलित में श्रम के पश्चात होती जय वक्त को तू मत कर स्तब्ध । जो पढ़ाई लिखाई के वक्त में न पढ़के करता... Hindi · कविता 1 394 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read पैसों का खेल ये अवधि पहले जैसा, असंदिग्ध भी न रहा पहले पैसों की गुरुता, ना थी इस खलक में आज दौलतों के लिए , हम सब मनुजों ने तो बेच बैठा अपना... Hindi · कविता 1 412 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read नारियां नारियों की इतिहास देख जिसे पढ़ने का ना था स्वत्व पढ़ने लिखने वाले मानवी को उसके साथ ससुर देते थे ताने । आज नारियों हम मनुजों से उत्कष जाती आगे... Hindi · कविता 1 651 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read स्वाधीनता हर एक मनुज की एक चाह होती बस स्वाधीनता हमारी कोई भी मनुष्य इस भुवन में रहना चाहता नहीं दासत्व में । जीव, जंतु हो या फिर मानुष रहना चाहता... Hindi · कविता 2 1 281 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read स्पर्धा भरी हयात इस हयात में हमें बार बार करना पड़ता आत्मश्लाघा संघर्ष के तत्पश्चात ही हमें मिलती ये धान्य ए-जिदगी । संघर्ष से हमें कभी भव में सकुचाना न चाहिए यदा इन्हीं... Hindi · कविता 349 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read चाह इंसानों की हम इंसानों की चाहत होती सिवा एक हमारी कितना भी निस्तार मिले फिर भी और चाहते हैं हम । हम इंसाने दिन-प्रतिदिन होते जा रहे ही ए-काहिल भव ने बहुत... Hindi · कविता 541 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read विचलित मन मानस होता चंचल हमारा कभी कुछ तो कभी कुछ हर लम्हें ये विचलित मन कुछ न कुछ ब्योरना रहता । कभी कभी ये मन हमारा खोया - खोया सा लगता... Hindi · कविता 435 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read अकेलापन जब होती है हमे अकेलापन मत लगता नहीं इधर - उधर चित्त में छाई रहती है हताशी विचलित मन लगता खोया सा । किसी को आने से राँध हमारे हम... Hindi · कविता 1 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 7 Feb 2022 · 1 min read बेजुवान मित्र कुत्ता, बिल्ली, हाथी हो या गौ हमें इनसबों के सहचारिता में करना नहीं चाहिए दुर्व्यवहार यह होते हमारे बेजुवान मित्र । हम मनुजों से तो विपुल वफादारी यह सब हमारे... Hindi · कविता 2 1 302 Share AMRESH KUMAR VERMA 7 Feb 2022 · 1 min read प्यारा भारत जहां की मिट्टी मिट्टी में उपजे हीरा और मोती जहां सालों भर मनाते कोई- ना- कोई त्योहार वही अपना प्यारा भारत । जहां पर रहते अनेकों धर्मो, अनेक जाति- पाती... Hindi · कविता 1 649 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Feb 2022 · 1 min read स्वर कोकिला जो शौकीन थे संगीत के जो तीस से ज्यादा भाषाएं, गैर भाषाओं में गाए गीत उस संगीत की सितारा को सलाम करती जगत सारी । जिन्होंने दो हजार बाईस को... Hindi · कविता 2 550 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Feb 2022 · 1 min read लता मंगेशकर जिन्हें गाना गाने का शौक था बचपन से जिन्हें हम सब जाने लता दीदी के नाम से जिनके पिताजी थे एक प्रसिद्ध रंगमंचीय गायक जिनकी बहनें थी चार ऊषा, आशा,... Hindi · कविता 4 1 331 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read मां शारदा विद्या की दाता, स्वरों की ज्ञाता जिन्हें हम जाने अनेकों नाम से वीणावादिनी, हंसवाहिनी, भारती सरस्वती, धनेश्वरी और मां शारदा । जो मनुष्य समाज को महानतम संपत्ति विद्याज्ञान करती हैं... Hindi · कविता 3 965 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read जीवनदाता वृक्ष आओ मिलकर लगाए वृक्ष संपूर्ण धरती बनाए हरित द्रुम स्वयं लेती विषैली गैस हमें देती प्राणदायिनी गैस तरु स्वजन तपती स्वेद में हमें देती छाया, शीतल, फल राही विटप की... Hindi · कविता 1 2 734 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read मंजिल की उड़ान मंजिल को प्राप्त करने में हजारों उद्विग्नता आएगी जो मात दिया विपत्ति को उसी को मिलती अभ्युदय मंजिल की इस उड़ान में । मंजिल को पाने की चाह ही आपको... Hindi · कविता 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read बारिश आकाश में छाए वारिधर चल रही हैं प्रताप बयारे क्षणप्रभा कड़क रही ... क्षितिज भी देखो गुर्रा रहें वृष्टि की बूंदे छोटी- छोटी गिरने लगी धराधर त्वरित पाँख को नर्तकप्रिय... Hindi · कविता 910 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read जिंदगी ये जिंदगी कुछ दिन बचपना के कुछ दिन जवानी में फिर बुढ़ापे में यूंही कट जाती हैं राहें ज़िन्दगी के छोटी किन्तु एक कशिश मिठास - सी । अनमोल भी,... Hindi · कविता 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read आजादी भारत जब था अंग्रेजों का भृत्य भारतीयों पर होता था नृशंसता तब भारतीयों ने आजादी हेतु खुलकल किया अंग्रेजों का टंटा । इस आजादी के लिए भारतीयों ने क्या से... Hindi · कविता 346 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read तुलसी घर घर की हर आंगन में होनी चाहिए ये तुलसी जो हमे नित - प्रतिदिन देती सदा ऑक्सीजन । ऑक्सीजन से ही हम सब रहते बिल्कुल औचित्यपूर्ण उस जीवनदायिनी पौधे... Hindi · कविता 2 1 912 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read पुस्तक पुस्तक पढ़ने से हमसबों को बढ़ता अधिक प्रबल विवेक सच्चा साथी, सच्चा सहारा बस अपना पुस्तक महाज्ञान । पुस्तक ने ही कैसो कैसो की सुधारी कईयों की जिदंगियाँ पुस्तके ही... Hindi · कविता 3 1 837 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read बचपन की यादें बचपन में दस्तावेज के पोत बनाकर उड़ाना उड़ाकर सानंद होना वो बचपन की यादें... बहुत याद आती है । बचपन में चौमासा होने पर नैया बनाकर वाः में डालना और... Hindi · कविता 1 1 900 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read जीतने की उम्मीद सफलता की गतिपथ पर मुसीबतें तो हजार आएगी लड़ा जो इन फ़ज़ीहतों से वही पाता अपनी मंजिल । संघर्ष में मानुज होता पृथक जय में दुनिया होती है साथ जिस... Hindi · कविता 2 740 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read समय समय होता बलवान इनसे बड़ा न कोय खलक में आदर मिले जो करे इनका सत्कार्य । जब समय रहती है तो समझदारी नहीं रहती जब वक्त नहीं रहती तब समझदारी... Hindi · कविता 3 1 620 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read हवा जब ठंडी के दिवा आते चलती ठंडी- ठंडी हवा कपते सबके हाथ - पैर इनसे बचने के लिए हम करते हम दव का प्रयोग । जब जब गर्मी है आती... Hindi · कविता 1 417 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read मां सरस्वती ज्ञानदायिनी, वीणावादिनी कला निधान सर्वेश्वरी वही संध्येश्वरी, ब्राह्मी, भारती वही मां सरस्वती । जिसकी चतुर्थ भुजाएं विराजे जिसमें पुस्तक, वीणा उस विधात्री, कवित्त शक्ति को झुकाते अपना शीश हे ।... Hindi · कविता 2 495 Share AMRESH KUMAR VERMA 1 Feb 2022 · 1 min read सैनिक ठंडी, गर्मी हो या बरसात रहते सीमा पर तैनात खुद अपनी नींदों को त्याग देते हमें चैन की नींद वही हमारे वीर सैनिक । जब- जब देश पर संकट छाते... Hindi · कविता 3 1 856 Share AMRESH KUMAR VERMA 30 Jan 2022 · 1 min read इंसानियत इंसानियत के राह पर हमें चलना होगा ठोकरे खा- खा कर हमें संभालना होगा । इंसान इंसानियत के बिन न होता है इंसान इंसान मानव मानवता से बड़ा कोई धर्म... Hindi · कविता 6 509 Share AMRESH KUMAR VERMA 28 Jan 2022 · 1 min read मंजिल मंजिल हमें एक दिवा में न मिल सकती हैं कभी सतत आगे बढ़ने से ही मिलती हमारी मंजिल है । हयातों में अक्सर जिन्हें मिलती न कोई अवलंब वे अपने... Hindi · कविता 5 462 Share Previous Page 4