Suryakant Dwivedi Language: Hindi 265 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Suryakant Dwivedi 24 Nov 2024 · 1 min read अर्चना की वेदियां अर्चना की वेदियां हैं और निमंत्रण हजारों जाऊं कहाँ न जाऊं प्रश्न हैं सब बिखरे पड़े।। रस्मी सभी तो हो गये मण्डप, दूल्हा, बाराती शगुन का लिफाफा है बस परंपरा... Hindi · कविता 8 Share Suryakant Dwivedi 18 Nov 2024 · 1 min read लैपटॉप उम्मीदों के लैपटॉप पर जब उंगलियां नाचती हैं सामने होती है तहरीर और आँखों में तस्वीर। कौन कहता है, हम नहीं नाचते छोटा सा शब्द हमको भी नचा देता है... Hindi · कविता 20 Share Suryakant Dwivedi 1 Nov 2024 · 4 min read कहां गई वो दीवाली और श्रीलक्ष्मी पूजन कहां गई वो दीवाली और श्रीलक्ष्मी पूजन सूर्यकांत द्विवेदी श्रीलक्ष्मी एक हैं। लेकिन इनका स्वरूप बदलता रहता है। यह कभी एक जगह रहती ही नहीं। परिवर्तनशील हैं। मुद्रा का स्वभाव... Hindi · लेख 30 Share Suryakant Dwivedi 23 Oct 2024 · 1 min read आओ फिर गीत गंध के गाएं प्रण के उपवन में आओ फिर गीत गंध के गाएं। श्वासों का संगीत सुनें फिर प्राणों को बहलाएं।। रूठा है क्यों?, आज समर्पण आत्म भाव के पथ पर सहमा सहमा... Hindi · गीत 38 Share Suryakant Dwivedi 20 Oct 2024 · 1 min read हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ) हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ) चंदा से चकोर गाल, भूख प्यास से बेहाल आई करवा चौथ तो, लगी पुचकारने सोलह श्रृंगार करे, अंखियों से वार करे बूँद बूँद जल की... Hindi · हास्य 28 Share Suryakant Dwivedi 20 Oct 2024 · 1 min read करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य) करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य) बैठी बैठी खोई खोई, अपनी तो राज रानी सोच रही पल पल, चांद कब आएगा देखे मुख बार बार, इतराए बार बार आया नहीं, आया... Hindi · हास्य 34 Share Suryakant Dwivedi 16 Oct 2024 · 1 min read कुंडलियां लिखने वाले क्यों पढ़ें, कोई तेरा गीत। जब कवियों की बज्म में, सबका निज संगीत सबका निज संगीत, अजब है पाठक माया कर देते हैं वाह, देखकर कंचन काया कहे... Hindi · कुण्डलिया 28 Share Suryakant Dwivedi 23 Sep 2024 · 1 min read बेटी का बाप हूँ न बेटी का बाप हूँ न क्या कहूँ तुझको बेटी क्या उपमा दूँ मैं बेटी तुझे बेटी कहूँ दुलारी कहूँ.. लाड़ली कहूँ जो कहूँ, शब्द निःशब्द हैं तू प्यार की वो... Hindi · कविता 41 Share Suryakant Dwivedi 22 Sep 2024 · 1 min read जीवन हो गए गीत तेरे अधरों पर जब, मैंने वंदन लिखा प्यार के वही पल तो, जीवन हो गए संग संग हम चले साज सरगम सजे आया इक पपिहा और प्यास बन गए... Hindi · गीत 46 Share Suryakant Dwivedi 22 Sep 2024 · 1 min read रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत) गीत (बंगाल पर) रात रात भर रजनी जागे सहमी भोर दुलारी जब आंखें मूंदे जमघट हो क्या कहती बेचारी दिल भी रीता, आँखें सूखी शोर न करती वाणी सन्नाटे को... Hindi · गीत 49 Share Suryakant Dwivedi 22 Aug 2024 · 1 min read अपने वही तराने गीत मन करता है मैं भी गाऊं, अपने वही तराने। जिन पर मेरा बचपन झूमा,पर-पर परी बहाने।। धीरे-धीरे, हौले-हौले अपनी सजी सवारी नजर बचावे टीका मां का पुच-पुच कर पुचकारी... Hindi · गीत 75 Share Suryakant Dwivedi 19 Aug 2024 · 1 min read विदाई गीत विदाई गीत -------- इक दिन ऐसा भी आएगा साथ न देंगे तेरे अपने तन मन से फिर घायल होगा कांच कांच से टूटे सपने। संन्यासी जब सांसें हों जा भंग... Hindi · गीत 1 56 Share Suryakant Dwivedi 9 Aug 2024 · 1 min read पश्चातापों की वेदी पर गीत पश्चातापों की वेदी पर लेकर अपने पाप बढ़े जब भी तोली, कीमत अपनी मोल हमारे आप बढ़े ली चांद ने अंगड़ाई तो सूरज ने तरुणाई ली घर अपना ही... Hindi · गीत 72 Share Suryakant Dwivedi 5 Aug 2024 · 1 min read रातें सारी तकते बीतीं पहली ग़ज़ल दिल का दिल पर असर नहीं है जो भी कह लो, सबर नहीं है रातें सारी तकतें बीती फिर भी उनको खबर नहीं है गर ना होती दिल... Hindi · कविता · ग़ज़ल 68 Share Suryakant Dwivedi 31 Jul 2024 · 1 min read दीवारों के कान में दीवारों के कानों में ये, क्या किसने कह दिया दूर हो गये घर के अपने, बस मालिक रह गया खोज रहा है घर दोबारा, दफन हुए जो सपने आते जाते... Hindi · कविता 67 Share Suryakant Dwivedi 30 Jul 2024 · 1 min read परिवार हमारा गीत शब्द शब्द आकाश किरण परिवार हमारा आंखों आंखों ढूंढ रहा हूं प्यार तुम्हारा।। किस्मत के अभिलेखों से अंजान रहा हूं जान बूझ कर भी कितना नादान रहा हूं परम... Hindi · गीत 66 Share Suryakant Dwivedi 22 Jul 2024 · 1 min read मोहल्ला की चीनी मुहल्ले जब से कॉलोनी हुए हैं पता ही नहीं चलता पड़ोसी के घर क्या पका है। पहले कटोरी ले चीनी मांगते थे आये दिन चीनी खत्म हो जाती पड़ोस में... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 86 Share Suryakant Dwivedi 9 Jul 2024 · 1 min read बदरी बदरी..! तुम वही तो हो जो कल भी आई थीं मिटा दिया था तुमने खुद को प्रेम में.. उफ़न पड़ी थीं नदियाँ बह गये थे टापू/ शहर एक कपास से... Hindi · कविता 79 Share Suryakant Dwivedi 3 Jul 2024 · 1 min read दोहे दिल से दिल की बात सुन, दिल से कर विश्वास। दिल से बड़ा न बावरा, दिल से बड़ी न आस।। 2 माना मुद्दा है बड़ा, अफवाहें भी तेज़। दिल थामे... Hindi · दोहा 51 Share Suryakant Dwivedi 26 Jun 2024 · 1 min read दोहा धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज। मन अपना आकाश हो, सागर जैसी सेज।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer · दोहा 48 Share Suryakant Dwivedi 24 Jun 2024 · 1 min read दोहे करते सच से सामना, दिल में रखते चोर। देखे अपने पांव को, रोवे आंगन मोर।। 2 कह न सके निज भाव को, बड़े-बड़े उस्ताद। लेते रहे वो उम्र भर, पर... Hindi · दोहा 105 Share Suryakant Dwivedi 23 Jun 2024 · 1 min read अब न रूप न रंग अब न रूप रहा न रंग धन न दौलत रिश्ते न नाते प्यार न यार शोहरत न नाम कितना बदल गया हूँ न मैं... खूँटी पर टँगे कपड़े कब से... Hindi · कविता 68 Share Suryakant Dwivedi 23 Jun 2024 · 1 min read राजनीतिक योग राजनीतिक योग गहरी साँस लीजिये तीन उंगली आंख पर लगाइये अंगूठे से कान बन्द कीजिये आँख ऐसे बन्द कीजिये कि बाहर का कुछ दिखाई न दे दोनों कान भी इस... Hindi · Satire · हास्य-व्यंग्य 48 Share Suryakant Dwivedi 18 Jun 2024 · 1 min read अगर ये न होते अगर आँखों में आँसू न होते जी शिकवा होता न न महबूब रोते रोने से यूँ भी प्रिये फ़र्क क्या पड़ता है बस थोड़ा शायरी में वजन बढ़ जाता है।।... Hindi · कविता 104 Share Suryakant Dwivedi 17 Jun 2024 · 4 min read कारण अकारण व्यंग्य कारण के आगे कारण कारण के पीछे कारण कारण के आगे भी कारण होते हैं। कारण के पीछे भी कारण होते हैं। कारण कभी कारण नहीं होता। कारण कभी... Hindi · लेख · हास्य-व्यंग्य 57 Share Suryakant Dwivedi 14 Jun 2024 · 1 min read कटु दोहे कटु दोहे 1 करते हैं खुद फैसले, ये ‘बच्चे’ नादान। आहत मन किससे कहे, तात-मात महमान।। 2 राज़ी जब बीवी मियां क़ाज़ी का क्या काम। मंदिर, वेदी, शादियां, सपने सभी... Hindi · दोहा 98 Share Suryakant Dwivedi 11 Jun 2024 · 1 min read मुक्तक बार बार मुख अपना धोते दर्पण देखें फिर वो रोते भूल हुई है जो सदियों में बारी बारी सबसे कहते।। संतानों का दोष नहीं है यूं ही तो संतोष नहीं... Hindi · मुक्तक 107 Share Suryakant Dwivedi 10 Jun 2024 · 1 min read चार मुक्तक मुक्तक ऐसी कोई चाह नहीं है जिसकी कोई राह नहीं है शिलालेख पर लिखने वाले तेरी कोई थाह नहीं है।। 2 मर्यादा ने चादर छोड़ी हमने भी तो कसमें तोड़ी... Hindi · मुक्तक 82 Share Suryakant Dwivedi 8 Jun 2024 · 1 min read यह जिंदगी मेरी है लेकिन.. यह जिंदगी मेरी है लेकिन..... रोता हूं तो वो संभाल लेती है हँसता हूं तो दुनिया संभाल लेती है इस हँसने और रोने के बीच एक जिंदगी है जिसे मैं... Hindi · कविता 2 88 Share Suryakant Dwivedi 4 Jun 2024 · 1 min read क्षणिकाएं क्षणिकाएं 1. अंतिम छोर से गेंदबाजी हो रही है आखिरी ओवर है.... बॉलर बैटिंंग कर रहे हैं।। 2. पवेलियन में कोई नहीं है.... दर्शक दीर्घा खाली है कमेंटेटर कमेंट्री कर... Hindi · कविता 1 92 Share Suryakant Dwivedi 1 Jun 2024 · 1 min read जंजालों की जिंदगी जंजालों की जिंदगी जंजालों की है जिंदगी जरूरतें बड़ी-बड़ी मैंने खुद सजाया इनको पल-पल घड़ी-घड़ी बच्चे मांगे एक रुपैया मैं थमाता दस बस इतनी सी बात रही सांझ ढले बेबस... Hindi · कविता 1 106 Share Suryakant Dwivedi 1 Jun 2024 · 1 min read शब्द रोज शब्द आत्महत्या करते हैं और रोज जिंदगी पाते हैं उम्मीद ही तो है जो तेरे-मेरे दरम्यान है... साँस है...! उम्मीद है चलेगी..? भोर होगी रात होगी तारे चमकेंगे ये... Hindi · कविता 1 80 Share Suryakant Dwivedi 1 Jun 2024 · 1 min read आलोचना के द्वार आलोचना के द्वार आलोचनाओं के द्वार पर हम सब खड़े कद सभी के बौने मगर हम बड़े-बड़े हर लहर की साँसें प्यासी हर उम्र हाँफती रही सोचते रहे हम सारे... Hindi · कविता 1 106 Share Suryakant Dwivedi 28 May 2024 · 1 min read वाह वाह....मिल गई कवि खुश, वाह वाह मिल गई... लेखक खुश, किताब छप गई... नेता खुश, मंत्री बन गया... बच्चा खुश- नौकरी मिल गई... मां-बाप खुश - एडमिशन हो गया.. ये मौसम, ये... Hindi · कविता 73 Share Suryakant Dwivedi 20 May 2024 · 1 min read लिखूंगा तो...? लिखूंगा तो कहोगे क्या लिख दिया नहीं लिखा तो कहोगे लिखते क्यों नहीं ..? अजीब कश्मकश है दिल कहता है, लिखो शब्द बेजुबाँ पड़े हैं।। शब्दकोश से निकल सब बाजार... Hindi · कविता 51 Share Suryakant Dwivedi 17 May 2024 · 1 min read कभी-कभी ऐसा लगता है गीत कभी-कभी ऐसा लगता है कभी-कभी वैसा लगता है संशय, भय, दुविधा के मारे बोलें क्या, कैसा लगता है।। दरवाजे पर भोर सुहासी चौखट चौखट ज्यों हों दासी पंछी का... Hindi · कविता · गीत 1 98 Share Suryakant Dwivedi 13 May 2024 · 3 min read मां के शब्द चित्र मां आओ मां का चित्र बनाते हैं एहसासों में रंग भरते हैं याद करो, वह दिन जब तुम कोख में थे कितनी पीड़ा में थी मां जैसे काट लिया हो... Hindi · कविता 108 Share Suryakant Dwivedi 12 May 2024 · 1 min read मां को नहीं देखा माँ बहुत सी कविताएँ लिखी बहुत सी कहानियां पढ़ी माँ को नहीं पढ़ा फूल देखे, सितारे देखे गागर देखे, सागर देखे मां को नहीं देखा होम किये, अनुष्ठान किये पूजा... Hindi · कविता 100 Share Suryakant Dwivedi 5 May 2024 · 1 min read एक हमारे मन के भीतर गीत एक हमारे मन के भीतर मन रहता है बोलो बोलो कुछ भी बोलो सच कहता है कितना पानी, कितना सागर सब जाने है डूबे हम तुम कहां कहां पर... Hindi · गीत 1 90 Share Suryakant Dwivedi 3 May 2024 · 1 min read कहने की कोई बात नहीं है कहने की कोई बात नहीं है सहने की कोई रात नहीं है बोल रहा यहां, चांद से सूरज कर लो कितना, सौगात नहीं है।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer 103 Share Suryakant Dwivedi 14 Apr 2024 · 1 min read तकते थे हम चांद सितारे तकते थे हम चांद सितारे सोते थे जब छत पर सप्त ऋषि का मंडल देखें तारों में ध्रुव अंबर इक डोर से बंधे थे रिश्ते खटिया पर सब बिस्तर पास... Hindi · कविता · गीत 80 Share Suryakant Dwivedi 7 Apr 2024 · 1 min read दोेहे अपनी-अपनी साधना,अपना-अपना धाम। सारे तीरथ हैं यहां, घर है जिसका नाम।। 2 सीता सम हों बेटियां, बेटा राजा राम। गुणकारी हो साधना, तब है मंगल धाम।। 3 एकाकी जीवन हुआ,... Hindi · दोहा 102 Share Suryakant Dwivedi 7 Apr 2024 · 1 min read जीवन है आँखों की पूंजी जीवन है आँखों की पूंजी बस, जीवन है आँखों की पूँजी दृश्य, अदृश्य, परिदृश्य समूची बार-बार कहना है क्या लुप्त हुए लोक से क्या बार बार दर्शन करना है बार... Hindi · कविता 103 Share Suryakant Dwivedi 16 Mar 2024 · 1 min read आधुनिक दोहे 1. बच्चों को हम क्या कहें, हम सब भी नादान फुर्सत किसको है कहां, जो देखे संतान ।। 2. इच्छा रही न वंश की, शादी भी अब "खोज"। मानो सूरज... Hindi · दोहा 97 Share Suryakant Dwivedi 16 Mar 2024 · 1 min read सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। तारों की बारात में, कौन किसी के साथ। बोला अंबर, देख ले, दाग लगी तस्वीर तन्हा तन्हा रात है, तके चाँद तकदीर।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer · मुक्तक 131 Share Suryakant Dwivedi 12 Mar 2024 · 1 min read वो खुश है वो खुश हैं वाह वाह मिली पूछो ज़रा उनसे कहाँ से निकली। पूरी उम्र वो इसी मुगालते में रहे आई जो हक़ीक़त आह आह निकली।। न जाने वो क्या क्या... Hindi · कविता 52 Share Suryakant Dwivedi 8 Mar 2024 · 1 min read महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब शहर उफ ! मैं तो थक गई कहां-कहां सम्मान.. बिस्तर पर स्मृति चिह्न सपनों में महिला दिवस। इसका मैसेज, उसकी कॉल कहाँ जाऊं, सबकी कॉल... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 187 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2024 · 1 min read प्रार्थना के स्वर गीत प्रार्थना के स्वर अकिंचन , आत्मा से आ मिले। दर्द का दुख भूल कर हम, शब्द सुधि जैसे खिले। मौन अंतस छू गया जब हृदय व्याकुल हो गया, आस्था... Hindi · गीत 183 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2024 · 1 min read मान तुम प्रतिमान तुम गीत मान तुम, प्रतिमान तुम, मेरे जीवन की दशा कहते घुँघरू पाँव के, भूल जाओ अवदशा नसीब में जो था नहीं, है मिला मुझको यहाँ करीब वो जो थे नहीं,... Hindi · गीत 96 Share Suryakant Dwivedi 7 Mar 2024 · 1 min read *कैसे हार मान लूं *कैसे हार मान लूं* मैं जीवन की अभिलाषा हूँ कैसे मैं मझधार मान लूँ मैं राही हूँ पगडंडी का पथ से कैसे हार मान लूँ झंझावातों की बस्ती में बदले... Hindi · गीत 103 Share Page 1 Next