डॉ०प्रदीप कुमार दीप Language: Hindi 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Feb 2017 · 1 min read देवी " देवी " """"""""""""""""" एक जमाना था दादी-नानी के वर्चस्व का ! जब देवियों की भरमार थी | जैसे.......... हरकोरी देवी ! बूजी देवी ! सन्तोष देवी ! बरजी देवी... Hindi · कविता 216 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Feb 2017 · 1 min read दूध सी सफेदी "दूध सी सफेदी" (सत्य लघुकथा) """""""""""""""""""" मैं नित्य की तरह ब्रह्ममुहूर्त में रसोईघर में दूध गर्म करके उसमें कॉफी मिलाई और पी ली तथा शेष दूध पतीले में ही रोज... Hindi · लघु कथा 419 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Feb 2017 · 1 min read कल्याणी " कल्याणी " """"""""""""""""""" तू आदि शक्ति ! विधाता की और बहिन बनी , तुम भ्राता की | साध्य बनती ! तू साधक की और ध्येय बनी तू ध्याता की... Hindi · कविता 287 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Feb 2017 · 1 min read झलकारी बाई "झलकारी बाई" झलकारी की झलक देखकर , वो बुन्देले भी हाँफ गये...... जब उतरी वो समरभूमि में , गौरे भी थर-थर काँप गये || जमुना-कोख से पैदा हुई ,... Hindi · कविता 5 4 4k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 4 min read कर्तव्य " कर्तव्य " साठ बसंत देख चुकी 'कमली' को देखकर अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह जीवन के छह दशक पूरे कर चुकी है | वह घर के सारे... Hindi · लघु कथा 373 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 1 min read मजदूर हूँ " मजदूर हूँ " मजदूर हूँ मजबूर नहीं मन से मजदूरी करता हूँ | मैल नहीं मन में कोई माथे को सिंदूरी करता हूँ | मजहब मेरा मजदूरी है मैं... Hindi · कविता 356 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 1 min read पद्मिनी की मर्यादा " पद्मिनी की मर्यादा " """"""""""""""""""""""""""""""""""""" उस जौहर व्रत की अग्नि में , पद्मा ने खुद को हवन किया | वो नारी थी ,वो सबला थी , शक्ति को जिसने... Hindi · कविता 650 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Feb 2017 · 1 min read नव-बसंत " नव-बसंत " """"""""""""""""" गाती है धरा , फूलों से सजा ! सब हरा-भरा ! मन-भावन है || कितना प्यारा , कितना सुन्दर ! नव-सृष्टि सा मौसम है ! हर्षित... Hindi · कविता 532 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 31 Jan 2017 · 1 min read मुझे खराब नहीं होना "मुझे खराब नहीं होना" (लघुकथा) ओजस्वदीप ,मूक-श्रोता और मूक-दृष्टा तो है ,पर ! कब समझदार हो गया ? ये पता ही नहीं चला | मैं सोचता था , कि ये... Hindi · कहानी 265 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 31 Jan 2017 · 1 min read बेवा का दर्द """""""""""""""""" "बेवा का दर्द" """""""""""""""""" सूना जीवन, बेदर्द बन गया ! दिखलाऊँ मैं ,किसको आज ? सूनी माँग ! मन मेरा सूना ! जीऊँ या मर जाऊँ आज ?? हिम्मत... Hindi · कविता 340 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 30 Jan 2017 · 1 min read परिवर्तन " परिवर्तन " """"""""""""""""" परिवर्तन प्रकृति का नियम है ! यह नित्य है ! शाश्वत है ! अद्भुत है ! क्षणिक है ! नवीनता है ! मानवीय सोच और कृत्यों... Hindi · कविता 301 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Jan 2017 · 1 min read दर्द- ए- दवा "दर्द-ए-दवा" """"""""" दर्द में दर्द को दवा क्या दूँ ? दिल में दबी हैं जो दुआ वो क्या दूँ ? दहशत दाहक-सी है दगा क्या दूँ ? दौड़ती है दरिया-दिमाग... Hindi · कविता 311 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Jan 2017 · 3 min read माँ भारती की व्यथा " माँ भारती की व्यथा " सदियों से संस्कार, संस्कृति और सभ्यता का अनूठा संगम लिए "माँ भारती" तिरंगे से बनी उज्ज्वल साड़ी में अपने बहुआयामी सौन्दर्य की अनुपमता के... Hindi · कहानी 386 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Jan 2017 · 1 min read दीप-परम्परा " दीप-परम्परा " """"""""""""""""'"'"""" सदियों पूर्व तात्कालिक परिस्थितियों में बने थे कुछ.... नियंत्रक नियम ! कुछ आवश्यक कार्यों का नित्य पालन बना था ! परम्परा का आधार !! तब परम्पराऐं......... Hindi · कविता 477 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read बेटी की व्यथा "बेटी की व्यथा " """"""""""""""""""""" माँ ! तेरी इन बाहों में....... तेरी स्नेहिल निगाहों में , तेरे आँचल की पनाहों में , एक बार तो ! ले ले तू मुझको... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 750 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read नारी व्यथा " नारी-व्यथा " """""""""""""""""" कैसी निर्बल ? कैसी निशक्त ? क्यों अबला मैं बन बैठी ?? क्यों मेरा अपमान हुआ ? क्यों मेरा चीर-हरण हुआ ? क्यों बाजारों में बेची... Hindi · कविता 522 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Jan 2017 · 1 min read कर्ज कभी ना उतरेगा "कर्ज कभी ना उतरेगा" """"""""""""""""""""""""""""" पहन बसंती चोले को, सीने पर खाई गोलियाँ , अपने वीर शहीदों ने, खेली खून की होलियाँ | आजादी को गले लगाने ,निकली उनकी टोलियाँ,... Hindi · कविता 249 Share Previous Page 3