ओम प्रकाश श्रीवास्तव 107 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओम प्रकाश श्रीवास्तव 12 Oct 2024 · 1 min read विजयदशमी विजयदशमी अधिक अहम घातक बहुत,कितना भी हो ज्ञान। सोच दशानन की दशा,समझो सकल विधान।। रावण ज्ञानी था बहुत,उचित बना था साज। भाव अहम कारण बना, छिने प्राण अरु ताज।। अहम... 37 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 8 Oct 2024 · 1 min read जय कालरात्रि माता जय कालरात्रि माता नवरात्री दिन सातवां, कालरात्रि के नाम। सच्ची श्रद्धा रख हृदय,करिए इन्हें प्रणाम।। काल रात्रि का रूप यह,देता मधु संदेश। सत्य मार्ग पालन करो,तजकर उर का क्लेश।। गर्दभ... Quote Writer 35 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Sep 2024 · 1 min read बेटी लक्ष्मी रूप है बेटी लक्ष्मी रूप है,ईश्वर का वरदान। पालें इनको प्रेम से,कहता सकल विधान।। बेटी करती त्याग बहु,समझे सकल समाज। दो कुल को है जोड़ती,करती पावन काज।। बेटी बनती है बहू, बहू... Hindi 1 35 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 26 Aug 2024 · 1 min read कृष्ण कन्हैया घर में आए कृष्ण कन्हैया घर में आए। खुशियाँ देखो भर के लाए।। बजे बधाई हर इक घर में। गूँजे बाजे गाँव शहर में।। कृष्णा आया सारे कहते। प्रेम भाव में बहते रहते।।... Hindi 58 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 25 Aug 2024 · 1 min read कृष्ण मुरारी आओ कृष्ण मुरारी मम गृह आओ। सकल कृपा प्रभुवर बरसाओ।। उचित सोच पनपे जीवन में। प्रेम भाव हो मेरे मन में।। दया धर्म का रहे बसेरा। कर्म पंथ हो उज्ज्वल मेरा।।... Hindi 49 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 9 Aug 2024 · 1 min read नाग पंचमी आज भोले का है प्रिय दिवस,नाग पंचमी आज। पूजन होता नाग का, सुफलित होते काज। सुफलित होते काज,मिले धन यश अरु माया। हरते भोले कष्ट,मिटे दुख का साया। कहता कविवर ओम,जयति... Hindi 1 51 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 15 Apr 2024 · 1 min read माँ महागौरी है नमन मातु महागौरी नमन,दिवस अष्टमी आज। स्वीकारो मम भक्ति को,जैसा भी है साज।। भाव पुष्प स्वीकार कर, चखिए पावन भोग। दया दृष्टि ऐसी रखो,शुभता से हो योग।। धर्म कर्म में मन... Hindi · दोहा 1 104 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 15 Apr 2024 · 1 min read माता रानी दर्श का माता रानी दर्श का,बनता जब संयोग। दिक्कत सारी खुद मिटे,मिटते सारे रोग। मिटते सारे रोग,अर्थ भी समुचित आए। उमड़े उर अनुराग,भक्ति का पथ ही भाए। कहता कविवर ओम,मातु हैं सब... Hindi · कुण्डलिया 1 109 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 14 Apr 2024 · 1 min read मातु काल रात्रि मातु काल रात्रि माता कालरात्रि तुम आओ। भय संशय सब दूर भगाओ।। शक्ति सातवीं तुम हो माता। श्याम वर्ण है तुमको भाता।। बुरी शक्ति को आप मिटातीं। भक्ति शक्ति को... Quote Writer 1 120 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 14 Apr 2024 · 1 min read जय जय दुर्गा माता जय जय दुर्गा माता दुर्गा माँ के नाम का,करें जाप जो भक्त। कष्ट मिटें उनके सभी,सुखमय बीते वक्त।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Quote Writer 1 156 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 24 Mar 2024 · 1 min read आया होली पर्व आया प्यारा होली पर्व। प्रेम रंग से रँगना सर्व।। राग द्वेष से रहना दूर। हर्ष उठाना तुम भरपूर।। पापड़ गुझिया अरु नमकीन। होली व्यंजन पावन तीन।। अपने प्रियजन को ले... Hindi · बाल कविता 149 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Mar 2024 · 1 min read मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि परिवार और समाज को भी खोखला करती है।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Quote Writer 1 149 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 9 Mar 2024 · 1 min read उन्नति का जन्मदिन गणपति बाबा है नमन,करो विनय स्वीकार। निधि मनीष हर्षित रहें,बरसे कृपा अपार।। उन्नति का है जन्म दिन,नवल मार्च को आज। शिव जी की हो अति कृपा,शोभित हो सब साज।। ज्ञान... Hindi · दोहा 132 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 8 Mar 2024 · 1 min read महिला दिवस विशेष दोहे मिशन शक्ति की धूम है,सुंदर है परिवेश। चर्चा नारी की बढ़ी,अपने प्यारे देश।। पढ़े बालिका खूब अरु,पाए समुचित स्थान। तभी शक्ति उसकी बढ़े,समझो अगर विधान।। उच्च सोच अरु ज्ञान से,मिलता... Hindi · दोहा 2 111 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 7 Mar 2024 · 1 min read नारी है नारायणी नारी है नारायणी,दुर्गा काली रूप। मर्यादा इसकी रखें,जनता हो या भूप। जनता हो या भूप,ध्यान सबका हीं रखतीं। करके अतिशय त्याग,सर्वहित उर से लखतीं। कहता कविवर ओम,सृष्टि रचना यह प्यारी।... Hindi · कुण्डलिया · महिला दिवस 1 157 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 4 Mar 2024 · 1 min read आफत की बारिश असमय वर्षा जो गिरी,विस्मित है संसार। फसलें हैं बर्बाद अब,मुश्किल में परिवार। मुश्किल में परिवार, फसल गेहूँ मुरझाई। लेकर वर्षा रूप,जगत आफत सी आई। डरते सभी किसान,देख नभ फिर बदरामय।... Hindi · कुण्डलिया 1 132 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 4 Mar 2024 · 1 min read भारत को निपुण बनाओ प्रेम भाव से मिलकर सब जन, शिक्षा का नव दीप जलाओ। आंगनवाड़ी शिक्षक साथी, निज भारत को निपुण बनाओ।। माना मुश्किल पथ है अतिशय, नहीं कभी पर तुम घबराना। कंटक... Hindi · गीत 2 1 122 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 3 Mar 2024 · 1 min read शिव स्तुति महत्व शिव की स्तुति सबजन कीजिए। जीवन में खुशियाँ भर लीजिए।। Hindi · कोटेशन 1 111 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 3 Mar 2024 · 1 min read शिव स्तुति दोहा:- *भोले बाबा है नमन,करो विनय स्वीकार।* *बरसाकर प्रभु सत कृपा,करिए जग उद्धार।।* *भक्ति भाव उर में जगे,उमड़े उर में प्यार।* *सत्य कर्म करता रहूं,रख शीतल व्यवहार।।* चौपाई:- शिव महिमा... Hindi · दोहा 2 1 147 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 28 Feb 2024 · 1 min read मछली रानी मछली रानी मछली रानी। पीती रहती दिनभर पानी।। प्राण वायु भी जल से लेती। अति जल को बाहर कर देती।। नौका सम रखती अपना तन। बच्चों समझो मछली जीवन ।।... Hindi · बाल कविता 1 133 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 27 Feb 2024 · 1 min read नैतिक वचन काया या माया का जब हो अति दर्प। मानव विचरे बन जहरीला सर्प।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Hindi · कोटेशन 201 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 27 Feb 2024 · 1 min read आवश्यक मतदान है आवश्यक मतदान है,रखो सभी यह ध्यान। मत की ताकत से सजे,सारा राज विधान।। समझो मत के मूल्य को, करो सभी मतदान। एक एक मत से बढ़े,लोक तंत्र की शान।। कैसा... Hindi · दोहा 106 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 25 Feb 2024 · 1 min read मां शारदे कृपा बरसाओ हे जग जननी मातु शारदे, कृपा दृष्टि जग पर बरसाओ। द्वेष दर्प का तम जग छाया, सत्य ज्ञान दे इसे मिटाओ। माया मोहित होकर मानव, सत पथ से है रखता... Hindi · गीत 1 100 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 24 Feb 2024 · 1 min read मानवता के पथ पर मानवता के पावन पथ पर, मदद भाव है उर में जगता। धर्म जाति का भेद भाव सब, दूर हृदय से है अति भगता। ईश्वर हर इक ही मानव को, ज्ञान... Hindi · गीत 84 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 23 Feb 2024 · 1 min read अन्नदाता किसान अतिशय करता नित्य श्रम,रख मौसम का ध्यान। पालक दूजा वह जगत, कहते जिसे किसान। कहते जिसे किसान,कर्म जग हित है करता। उपजा कर के अन्न ,पेट जग का है भरता।... Hindi · कुण्डलिया 2 128 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read माया के मधुपाश माया के मधु पाश में, फंसते जो भी लोग। तजकर जीवन लक्ष्य सत,करें गलत उपयोग। करें गलत उपयोग,दर्प में फूले रहते। लेकर खोखल नाव,झूठ की धारा बहते। जीवन कर बेकार,बचाते... Poetry Writing Challenge-2 2 151 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अतिशय इच्छा अर्थ की अतिशय इच्छा अर्थ की, लाती हृदय विकार। मानव पकड़े पथ गलत,करता नहीं विचार। करता नहीं विचार,अर्थ लख बढ़ता जाता। त्याग प्रेम का भाव,दर्प उर को है भाता। पकड़े रहते झूठ,सत्यता... Poetry Writing Challenge-2 1 85 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रखकर माता सत कृपा,रखना सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read भारत जनता उर बसे भ भारत जनता उर बसे,महाबली हनुमान। रक्षित भारत मम रहे,रचते उचित विधान। रचते उचित विधान,वीरता उर में भरते। लख के जिसको शत्रु,हृदय में अतिशय डरते। नहीं कभी बर्दाश्त,किसी की यहाँ... Poetry Writing Challenge-2 1 51 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read हठधर्मिता से रखिए दूरी प्राणी हठ धर्मी बनकर के, कष्ट बहुत है जग में पाता। सोच नियत तब उसकी होती, भाव धैर्य का है घट जाता।। हर इक प्राणी को ब्रह्मा ने, सोच समझ... Poetry Writing Challenge-2 1 51 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read देख परीक्षा पास में देख परीक्षा पास में,अचरज में कुछ बाल। अब ऐसा मैं क्या करूं,बने उचित मम ढाल।। कठिन परीक्षा लग रही,कैसे हो यह पार। रखकर पुस्तक सामने,करता करुण पुकार।। शिक्षण का था... Poetry Writing Challenge-2 1 58 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अतिशय माया के चक्कर में अतिशय माया के चक्कर में, व्यर्थ कर्म में सब डट गए। बातों के ही जमा खर्च में, जीवन के पन्ने पलट गए। सोच समझ कर ब्रह्मा जी ने, मानव रचना... Poetry Writing Challenge-2 1 131 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read ज्ञान दायिनी ज्ञान दायिनी पाप नाशिनी भक्तों की हो भाग्य विधाता। जग जननी अरु जग की पालक नाम शारदे तेरा माता।। तुम हो स्वर की देवी माता, संगीत सदा तुझमें बसता। तेरी... Poetry Writing Challenge-2 1 70 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read पावन अपने गांव की पावन अपने गांव हैं, रखें प्रदूषण दूर। सीमित साधन हों भले,प्राण वायु भरपूर।। बरगद पीपल नीम अरु,हरे भरे सब वृक्ष। प्राण वायु देते सुखद,जग हित का यह पक्ष।। उत्तम औषधि... Poetry Writing Challenge-2 1 77 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मीठी वाणी मीठी वाणी रिश्ते जोड़े। कर्कश वाणी रिश्ते तोड़े।। मीठी वाणी प्रेम बढ़ाती। कर्कश वाणी क्रोध दिलाती।। मीठी वाणी सुख की दाता। मानव सब कुछ इससे पाता।। कर्कश वाणी कष्ट बढ़ाए।... Poetry Writing Challenge-2 1 180 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read अनुपम पल्लव प्रेम का अनुपम पल्लव प्रेम का, बसता हिय दरबार। समझे मानव सार जब,बदले निज व्यवहार। बदले निज व्यवहार,करे जीवों की सेवा। लखकर ऐसे भाव,रहें हर्षित सब देवा। प्रेम हृदय का साज, कुटिलता... Poetry Writing Challenge-2 1 62 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read मानव जीवन लक्ष्य क्या मानव जीवन लक्ष्य क्या, आओ समझें आज। दान पुण्य अरु ज्ञान सत,जीवन का मधु साज। जीवन का मधु साज,अहिंसा को हम मानें। दया भावना संग, कर्म नीति को पहचानें। द्वेष... Poetry Writing Challenge-2 1 76 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read प्यार लुटाती प्रेमिका प्यार लुटाती प्रेमिका,करती मधु व्यवहार। कुछ तो करतीं प्यार सत,कुछ मांगे गल हार।। प्रेमी से प्यारा लगे,स्वर्ण धातु का हार। मिलता यदि नहि हार तो, करती हैं दुत्कार।। कलियुग की... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read बदला मौसम मान बदला मौसम मान है,रखें सभी हम ध्यान। सोच समझ त्यागें सदा,सर्दी के परिधान।। गर्म वस्त्र के त्याग में,करिए सोच विचार। स्थिति मौसम लखकर सदा,करो उचित व्यवहार।। जल्दी होती है बुरी,लाती... Poetry Writing Challenge-2 1 67 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read पावन हो नव वर्ष पावन हो नववर्ष यह,सुंदर हो सब साज। हर्षित हो सारा जगत, सुफलित हो हर काज। सुफलित हो हर काज,रहे रक्षित हर काया। सत श्रद्धा भर भाव, सुशोभित हो मानव मन।... Poetry Writing Challenge-2 1 104 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read भोले बाबा है नमन भोले बाबा है नमन,करिए कृपा अपार। नवल वर्ष के क्षण सभी,मिले आपका प्यार। मिले आपका प्यार,बहे खुशियों की गंगा। हर उर हो अनुराग,रहे तन मन जग चंगा। विनय करे नित... Poetry Writing Challenge-2 1 78 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read राम नाम की गूंज से राम नाम की गूंज से,छाया अतिशय हर्ष। धर्म सनातन कह रहा,जय जय भारत वर्ष।। धर्म सनातन सीख मधु,रहे मनुज उर हर्ष। उत्तम करते कर्म जो,होता तत उत्कर्ष।। धर्म सनातन संग... Poetry Writing Challenge-2 1 58 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read रूप मनोहर श्री राम का रूप मनोहर राम का,करिए सभी प्रणाम। जीवन में हो प्रभु कृपा, सुफलित हो हर काम।। घर घर आए राम हैं,सुंदर बना विधान। सत्य कर्म करते रहो,यही राम सम्मान।। कलियुग का... Poetry Writing Challenge-2 1 101 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read आए निज घर श्री राम आए निज घर रघुवर राजा। करने को सब सुंदर काजा।। राम राज फिर से आएगा। द्वेष दर्प जग मिट जायेगा।। धर्म सनातन फिर छाएगा। उचित पंथ मानव पाएगा।। लोभ अर्थ... Poetry Writing Challenge-2 1 80 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read केवट और श्री राम केवट बोला भक्ति से,सुनिए श्रीवर राम। धन्य हुआ मम जन्म अब, आए श्री मम धाम।। आए श्री मम धाम, पार गंगा को करने। जाना वन को आज,कष्ट भक्तों के हरने।... Poetry Writing Challenge-2 1 65 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read हठ धर्मी बनाना हठ धर्मी बनना मनुज, समझो एक विकार। कुंठित होती सोच है,उपजे कटु व्यवहार।। मानव तजकर सत्य को,करता बहु अभिमान। कर्म स्वयं के सत समझ,तोड़े उचित विधान।। राम चरित मानस लिखा,... Poetry Writing Challenge-2 1 87 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सूप नखा का लंका पहुंचना रावण बहना भाग कर,पहुंची भ्राता पास। नाक हमारी कट गई,करो भ्रात विश्वास।। दशरथ नंदन राम से, माँगा था कुछ प्यार। गरिमा मेरी चीर कर,किया राम इनकार।। बोले मुझसे प्रेम से,जाओ... Poetry Writing Challenge-2 1 94 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सीता की खोज सीता की सत खोज में,चले वीर हनुमान। शक्ति पुंज के साथ ही,अतिशय जो विद्वान।। राम नाम को ध्यान कर, पहुँचे सागर पार। विप्र रूप में वह गए, दैत्य विभीषण द्वार।।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 124 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read कैसा कलियुग आ गया कैसा कलियुग आ गया, बदला आज समाज। रिश्ते बनते अर्थ लख, तजकर सारी लाज। तजकर सारी लाज,मनुज कारज कटु करता। उपजा उर में बैर,हृदय में कटुता भरता। कहता सबसे ओम,जगत... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 1 52 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे वंदना मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रहती माता की कृपा,रहता सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 2 156 Share Page 1 Next