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Page 18
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
Dr fauzia Naseem shad
हम भी तो गुज़रते हैं,
हम भी तो गुज़रते हैं,
Dr fauzia Naseem shad
दो पल की ज़िन्दगी में,
दो पल की ज़िन्दगी में,
Dr fauzia Naseem shad
इस दुनिया में सबसे बड़ा और अच्छा इंसान वही है जो गरीब को गरी
इस दुनिया में सबसे बड़ा और अच्छा इंसान वही है जो गरीब को गरी
Ranjeet kumar patre
बड़ा इंसान वो है।
बड़ा इंसान वो है।
Ranjeet kumar patre
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
Dr fauzia Naseem shad
द्वन्द युद्ध
द्वन्द युद्ध
Chitra Bisht
वक़्त दे रहा है उम्र की दस्तक ,
वक़्त दे रहा है उम्र की दस्तक ,
Dr fauzia Naseem shad
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
Dhirendra Singh
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
Dhirendra Singh
काश, मैं मोबाइल होता
काश, मैं मोबाइल होता
अरशद रसूल बदायूंनी
क्यों जीना है दहशत में
क्यों जीना है दहशत में
Chitra Bisht
सु
सु
*प्रणय प्रभात*
रख अपने वास्ते
रख अपने वास्ते
Chitra Bisht
तन्हा
तन्हा
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जीवन...!!
जीवन...!!
पंकज परिंदा
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रीत पराई ,अपनों से लड़ाई ।
प्रीत पराई ,अपनों से लड़ाई ।
Dr.sima
जिंदगी गवाह हैं।
जिंदगी गवाह हैं।
Dr.sima
भूलने दें
भूलने दें
Dr.sima
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
फूल सी खुश्बू लुटातीं बेटियां
पंकज परिंदा
इश्क़ में  क्या अज़ाब है साहिब,
इश्क़ में क्या अज़ाब है साहिब,
पंकज परिंदा
4455.*पूर्णिका*
4455.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"वो लालबाग मैदान"
Dr. Kishan tandon kranti
4454.*पूर्णिका*
4454.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" लामनी "
Dr. Kishan tandon kranti
4453.*पूर्णिका*
4453.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हो जाता अहसास
हो जाता अहसास
surenderpal vaidya
4452.*पूर्णिका*
4452.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जागु न माँ हे काली
जागु न माँ हे काली
उमा झा
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
एक बिखरा ख़्वाब हूँ मैं, तू नींदों में दीदार ना कर,
Manisha Manjari
ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं..!
ज़ख्म फूलों से खा के बैठे हैं..!
पंकज परिंदा
मोहब्बत क्या है .......
मोहब्बत क्या है .......
sushil sarna
राधा/किशोर छंद...!
राधा/किशोर छंद...!
पंकज परिंदा
दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
Dr fauzia Naseem shad
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
मन्दिर, मस्ज़िद धूप छनी है..!
पंकज परिंदा
प्रेरक प्रसंग
प्रेरक प्रसंग
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जोर लगा के हइसा..!
जोर लगा के हइसा..!
पंकज परिंदा
4451.*पूर्णिका*
4451.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
DrLakshman Jha Parimal
बुजुर्ग को सुनाते हैं .....
बुजुर्ग को सुनाते हैं .....
sushil sarna
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बिन मौसम.., बरसे हम।
बिन मौसम.., बरसे हम।
पंकज परिंदा
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
नभ के चमकते तारे तो बन गए ! प्रकाश सभी तारों में विद्धमान है
DrLakshman Jha Parimal
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