DR.MDHU TRIVEDI 893 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 16 Next DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read दोहे राजनीति बाज बैठो, करत गरीब संहार । अपनो वजूद राखो , करत सहज प्रहार॥ राजनीति मधु प्याला, दुष्ट जन करत पान। धर्म अधर्म कोऊ नाहीं, जो पावै झूठी शान॥ बेरोजगारी... Hindi · दोहा 72 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read दोहे मेघा संदेशा तुम जा ,अलकापुरी कहना । तुमरे बिना कैसे हो, यक्ष का अब जीना ॥ देख ऊपर चढता , वर्षा ऋतु का बादल । करता है प्रिया दग्ध ,... Hindi · दोहा 70 535 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read दोहे दोहा दुखियारे घर घर बसे,कोउ न देखन जाय । देखन उनको जाये जो ,कोटिक आशिष पाय ॥ देख जगत की नीति मैं ,खडी -खडी बौराउँ। हेरफेर की रीति में ,... Hindi · दोहा 72 596 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read शरद पूर्णिमा आज रात को निकलेगा पूनम चाँद फिर से चारों दिशाएँ महक उठे तब सुधा रस से चाँद गगन में जो दिखाई देगा डॉ मधु त्रिवेदी देखूँगी जब छवि प्रिय की... Hindi · हाइकु 72 2 640 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read चुपके से कब वो चुपके से उतर हृदय की भूमि पर मन बंकर को अनायास ध्वस्त कर चला गया जतनों से जो पुष्प प्रेम उगाये थे कदाचित् मात्र एक ही स्ट्राइक से... Hindi · कविता 72 330 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read अतीत अतीत शब्द कह तूफान ला दिया उठती लहरों का सैलाव ला दिया कुछ पढ मन्द मुस्कराने लगी मैं कुछ पढ कर कोमा में चली गयी मैं किताब अतीत की यूँ... Hindi · कविता 73 474 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Oct 2016 · 1 min read क्या खोजती हो क्या खोजती है हमें भी बताओ. अधखुले अधरों से कुछ सुनाओ. फूल जो मैने दिया मतलब जानो. रक्तकिसलयता लावण्यता पुष्प. जैसी तुम्हारे हृदय मे समायी. अलौकिकता मन को खींच लायी... Hindi · कविता 72 339 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Oct 2016 · 1 min read सब तुझ पर बार दूँ अपना तन मन सब तुझ… सब तुझ पर बार दूँ अपना तन मन सब तुझ पर बार दू. अपनी ममता का आंचल पसार दू. प्यार की लोरी तुझको सुना दू. मधु का प्याला तुझपर उडेल... Hindi · कविता 72 490 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Oct 2016 · 4 min read शान्ति के सन्दर्भ में आध्यात्म प्रस्तावना- परिवर्तन संसार का नियम है। जैसे दिन के बाद रात, वैसे ही एक युग के बाद दूसरा युग आता है। इसी परिवर्तन में परमात्मा के आगमन एवं नई दुनियाँ... Hindi · लेख 70 452 Share DR.MDHU TRIVEDI 11 Oct 2016 · 2 min read बारिश वाली रात रवि को फिर वहीं रात याद आ गयी , मूसलाधार बरसात हो रही थी और साँझ ने यह कहते हुए "आओ , मेरे पास । बहुत भीग गये हो कुछ... Hindi · लघु कथा 73 563 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2016 · 1 min read जी का काव्य में प्रयोग तुम आवाज दे बुलाते सूनो जी मैं जबाब देती जी कहती बोलो जी कितना प्रिय लगता जी कहना हाँ जी में जी मिलाना फिर एक मौन मैं कहती कहो जी... Hindi · कविता 73 390 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2016 · 1 min read नित लड़की नित आगे बढ़े , लड़के करें न काम । मान भंग हो कुल का , अपना डूबे नाम ।। सहज स्वभाव साथ ले , आगे बढ़ती नारि । साक्षी... Hindi · दोहा 69 600 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2016 · 1 min read अपने से होते है सारे बुजुर्ग अपने से ही होते है बस बच्चों के सहारे ही होते है सब है मन मरजी के मालिक आये न काम तो उनको खोते है मत करो तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 460 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2016 · 1 min read चले भी आओ प्रिय चले भी आओ बीत गया सावन भी पिया बूँद मिली ना जल की पिया एक ओर मौसम की ज्वाला दूसरा तेरा मुझसे दूर जाना आग मे घी सा दहकाता... Hindi · कविता 73 595 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2016 · 1 min read जुदाई तड़पा रही है है सावन जुदाई भी तड़पा रही है, ये बारिश भी बिजली सी चमका रही है तेरे जब भी आते हैं आगोश में हम ये दिल की तमन्ना बढ़ी जा रही... Hindi · कविता 73 426 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2016 · 1 min read दर्द से भरी जो बात मुझसे कही दर्द से जो भरी बात मुझसे कही छोड़ के जिन्दगी जब चली क्या करें मुस्कराहट हमेशा सजी होठ पर ले मजा जो इश्क का पली क्या करें साथ मेरा नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 71 301 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2016 · 1 min read रावण हर वर्ष जलाते है रावण फिर भी जिन्दा है रावण वो तो केवल एक रावण आज कल तो है अनगिनत छदम वेष आज में घूमता है जन -जन का त्रास... Hindi · कविता 73 389 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read कशमकश कशमकश है यह कैसी ना पता कया कशमकश थी... आज जो उनने कहा ठीक था.. सचताई तो दिल से निकल जाती है... बस बताने की तो बस जरूरत थी.. बातें... Hindi · कविता 72 2 325 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read छाया मत छूना छाया मत छूना मेरा मन मत जगाना बीती याद आकुलित करती याद छाया जो तुमने छुआ मेरा भूत वेदना तृष्णा मचलती रंगना मत मेरा तन मन छाया जो तुमने स्पर्श... Hindi · कविता 73 595 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read मुसाफिर हर एक व्यक्ति मुसाफिर यहाँ मंजिल मिलेगी उसे फिर कहाँ भटका हुआ चला जा रहा बनेगा कोन उसका पाथेय यहाँ पत्थर राह में पड़ें अब मिलेगें मार्ग बाधाओं का हल... Hindi · कविता 72 397 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read कान्हा तुम आ फिर से जाना कान्हा तुम आ फिर से जाना चित्त चुरा कर फिर ले जाना बाँसुरी बजा कर मधुर मधुर उर में आज समाते जाना बन राधा प्रीत तुझे करती लौं प्रेम की... Hindi · कविता 73 360 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read नींद नींद पलकों तक आ जाती तेरे दर निवास कोशिश करूँ सोने की खो जाती है किधर देख तेरी विरह व्यथा मैं शून्य में गुम हो जाती करने को बेबस बहुत... Hindi · कविता 73 365 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read गुरू चरण सीखें सभी बैठ कर हम गुरू चरण सीखे सभी मान दे कर गुरू को सदा पूजे सभी ज्ञान की नई विधा सीख लें रोज हम आज शिक्षक दिवस हम मनाये सभी हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 380 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read सुबह को आता है जगा देना हर सुबह को आता है नींद से जगा देना सत्य को भी आता इंसान को सजा देना जिन्दगी की बगियाँ को फूल से खिला देना बीज चाह के बो सरगम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 608 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read अहसास काफी नहीं बस तेरे होने का अहसास काफी नहीं मुझको छू लेने को क्षण खास काफी नहीं हद से मैं जाकर कुछ कर के गुजर जाऊँ केवल बात तेरी ही है तो... Hindi · मुक्तक 71 385 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read आसक्ति तुम जिसे आसक्ति कहते हो मैं उसे प्यार कहती न पता कोई कस्तूरी है या मरीचिका जो खीच लाई है तुम्हें पास मेरे शनै - शनै यहीं तो मारग है... Hindi · कविता 73 825 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read देख रहा होगा देख रहा होगा जहाँ के हालात कोई फरिश्ता जुल्म मिटाने को कभी उतरेगा कोई फरिश्ता बेशरमाई झूठ मक्कारी की हदों को रोकेगा जग का कल्याण करेगा फिर कोई फरिश्ता Hindi · मुक्तक 70 566 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ रात के अधेरों में कोई अपना आवाज लगाता है । शान्त चित्त से मेरे मन को बर बस लुभाता है।। शायद किसी सहायता की... Hindi · कविता 73 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read देख रहा होगा देख रहा होगा जहाँ के हालात कोई फरिश्ता जुल्म मिटाने को कभी उतरेगा कोई फरिश्ता बेशरमाई झूठ मक्कारी की हदों को रोकेगा जग का कल्याण करेगा फिर कोई फरिश्ता Hindi · कविता 72 510 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read चाँद यूँ कहने लगा देख चॉद गगन से मुझे यूँ कहने लगा इशारे इशारों में ही मुझे बुलाने लगा आ जाओ अब छोड़ कर धरती तुम कह कर चाँद इतना घूरने यूँ ही लगा... Hindi · कविता 73 543 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read तन्हा -तन्हा गजल तन्हा तन्हा क्यों है सोया चाँद रूठा-रूठा सा है सोया चाँद सूने आकाश में चाँद फिरता रहा खफा होकर जरूर है रोया चाँद गम के सागर में चाँद नहाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 313 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read भ्रम का तिलिस्म कैसी है मोहब्बत का जादू टौटका सी लगती है आ जाए जब गिरफ्त में तिलिस्म सा लगती है तिलिस्म कैसा अनुपम राह भटका देता है चढ़ सिर पर चैन छीन... Hindi · कविता 71 336 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read भारत भूमि के लाल जाया भारतभूमि ने दो लालों को वो गाँधी और लाल बहादुर कहलाये बन अलौकिक अनुपम विभूति भारत और विश्व की शान कहलाये दो अक्टूबर का यह शुभ दिन आया विश्व... Hindi · कविता 73 556 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read जवाँ हो जाये तन ये मेरा जवान हो जाये याद में ये मकान हो जाये प्यार तेरा मिला नहीं मुझको दिल जले तो मसान हो जाये प्यार में चोट मिली दिल को आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 501 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read किताबे किताबे सच्ची मित्र होती है सब कुछ मुझे सिखाती है सच्ची प्रीती को निभाती है अच्छी बात को समझाती है सुबह को जब आँखे खोलूँ अखवार के भावों को तौलूँ... Hindi · कविता 73 521 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2016 · 1 min read रावण हर वर्ष जलाते है रावण फिर भी जिन्दा है रावण वो तो केवल एक रावण आज कल तो है अनगिनत छदम वेष आज में घूमता है जन -जन का त्रास... Hindi · कविता 71 639 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read मेरे गीत मेरे गीत मेरे मन की सुकल्पना सुन्दर शब्दों की चंचल व्यंजना जीवन में रंग भरने की अल्पना मेरी मूक लेखनी की संकल्पना मेरे गीत------------------ मेरा प्यार कल्पना की है प्रेरणा... Hindi · कविता 73 300 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read पा चली ससुराल , पा को रूलाया याद कर , फोन भी मिलाया छोटी थी , ठनका ठनकी भी मुसीबत में पा को रोज हँसाया पा बेटी का चेहरा रोज खिला... Hindi · कविता 72 375 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read जलता हूँ फिर भी नहीं करता जल -जल उठता हूँ बार - बार जब से सँभाला होश मैने दावानल की तरह जल रहा हूँ कभी प्रेम की विरहाग्नि में स्पर्धा की आग में डाह की अग्नि... Hindi · कविता 73 483 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 3 min read बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक : दशहरा आज हर तरफ फैले भ्रष्टाचार और अन्याय रूपी अंधकार को देखकर मन में हमेशा उस उजाले को पाने की चाह रहती है जो इस अंधकार को मिटाए. कहीं से भी... Hindi · लेख 71 2 4k Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read खुद बोल उठे देखी जब इन्साँ की मौका परस्ती दरवाजे खुद ब खुद बोल उठे पहले दरवाजे इंसान बन्द करता था अब अपने आप ही बन्द हो जाते है Hindi · कविता 73 382 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read दुर्गा माँ हर बरस चली आती मेरी दुर्गा माँ कष्ट सभी हर के जाती है दुर्गा माँ जोड़े हाथ तुझे हर बार पुकारूँ मैं छोड़ सभी धाम चली आए दुर्गा माँ Hindi · मुक्तक 72 519 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read शक्ति तू है शत्रुओं का नाश करे दुर्गा माँ तू दुख सबके हरदम हर ले दुर्गा माँ शक्ति मुझे दे जब आऊँ द्वारे तेरी नवरात्रे में हर घर सज ले दुर्गा... Hindi · कविता 72 362 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read तुम जो मिलें पिया, तुम जो मुझे मिलें जिन्दगी की कश्तियाँ सज गई तुम जो मुझे मिले मेरी आँखो में मस्तियाँ खिल गई तुम जो मुझे मिलें----------- पिया, तुम जो मुझे मिलें भूली... Hindi · गीत 71 558 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read तकिया खूबसूरत दुनियाँ में आने से पहले माँ का गर्भ ही मेरा मात्र तकिया था किसी शहनशाह के तख्तेताऊस सा वो सर्वदा ऊँचा मुझे लगा करता था स्मृतियाँ अस्तित्व की बुलबुलों... Hindi · कविता 72 712 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read नींद हमारी ख्याव तुम्हारे अलसाई अलसाई नींद में जब ख्याव तुम्हारा आ जाता है केवल तुम ही तुम होते हो याद तुम्हारी जगा जाता है प्रिय प्रियतम जब साथ तुम मेरे नींद में होते... Hindi · कविता 71 433 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read आ जेहन में उतर जाओ एकटक ना देखो सच्चाई को आने दो. छोड इस जहां दूसरे जहां को जाने दो. कशिश इन आखों की कैसे भूला दे. याद आने वाले को कैसे झुठला दे. लम्हा... Hindi · कविता 72 394 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read अर्पित है मन समर्पित है मन अर्पित है . लिखने को एक नई मधुशाला. साकी कैसे कैसे लिखूं मै तू. बतलाना मुझको आज फिर तू. एक रहस्य नया उडेल दू मै. बनाने... Hindi · कविता 72 343 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Oct 2016 · 2 min read खुदा की अनुपम कृति स्त्री खुदा ने संसार में आकर्षण - विकर्षण का जो जाल रचा उसके पीछे प्रभु की इच्छा जीवन को सरल - सरस एवं जीने योग्य बना देना है यदि जीवन के... Hindi · लेख 67 543 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Oct 2016 · 1 min read कलम सूरज की पहली किरण के साथ कुछ कहने को कुछ लिखने को लालायित मैं उत्साहित हो उठी पर कलम चुप थी कुछ दुनियाँदारी के बोझ तले मैं कुछ अप्रकट अहसासों... Hindi · कविता 70 385 Share Previous Page 16 Next