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Page 17
वो कविताचोर है
वो कविताचोर है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
तूॅं कविता चोर हो जाओ
तूॅं कविता चोर हो जाओ
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
4464.*पूर्णिका*
4464.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जन्म जला सा हूँ शायद..!!
जन्म जला सा हूँ शायद..!!
पंकज परिंदा
इंसान को अपनी भाषा में रोना चाहिए, ताकि सामने वालों को हंसने
इंसान को अपनी भाषा में रोना चाहिए, ताकि सामने वालों को हंसने
*प्रणय प्रभात*
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
पंकज परिंदा
😢महाराज😢
😢महाराज😢
*प्रणय प्रभात*
जड़ों से कटना
जड़ों से कटना
मधुसूदन गौतम
श्रध्दा हो तुम ...
श्रध्दा हो तुम ...
Manisha Wandhare
ज़िंदगी के रास्ते सरल नहीं होते....!!!!
ज़िंदगी के रास्ते सरल नहीं होते....!!!!
Jyoti Khari
चिंतन
चिंतन
Dr.Pratibha Prakash
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
सुलगती भीड़
सुलगती भीड़
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आजाद हिंदुस्तान में
आजाद हिंदुस्तान में
gurudeenverma198
*बोलें सबसे प्रेम से, रखिए नम्र स्वभाव (कुंडलिया)*
*बोलें सबसे प्रेम से, रखिए नम्र स्वभाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खुद गुम हो गया हूँ मैं तुम्हे ढूँढते-ढूँढते
खुद गुम हो गया हूँ मैं तुम्हे ढूँढते-ढूँढते
VINOD CHAUHAN
जीवन जिज्ञासा
जीवन जिज्ञासा
Saraswati Bajpai
#स्मृति_के_गवाक्ष_से-
#स्मृति_के_गवाक्ष_से-
*प्रणय प्रभात*
सजल
सजल
Rambali Mishra
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
sushil sarna
सजल
सजल
Rambali Mishra
मां
मां
Dr. Shakreen Sageer
जूठी चाय ... (लघु रचना )
जूठी चाय ... (लघु रचना )
sushil sarna
प्रश्नों से प्रसन्न होते हो वो समझदार होते।
प्रश्नों से प्रसन्न होते हो वो समझदार होते।
Sanjay ' शून्य'
वस्त्र की चिंता नहीं थी शस्त्र होना चाहिए था।
वस्त्र की चिंता नहीं थी शस्त्र होना चाहिए था।
Sanjay ' शून्य'
4463.*पूर्णिका*
4463.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4462.*पूर्णिका*
4462.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4461.*पूर्णिका*
4461.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरे ना होने का,
तेरे ना होने का,
हिमांशु Kulshrestha
आखिर वो कितना प्यार करेगा?
आखिर वो कितना प्यार करेगा?
Ankita Patel
गुलाब हटाकर देखो
गुलाब हटाकर देखो
Jyoti Roshni
4460.*पूर्णिका*
4460.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझमें वो खास बात
तुझमें वो खास बात
Chitra Bisht
कुछ रिश्ते कांटों की तरह होते हैं
कुछ रिश्ते कांटों की तरह होते हैं
Chitra Bisht
4459.*पूर्णिका*
4459.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कभी राह में
कभी राह में
Chitra Bisht
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
Ravikesh Jha
4458.*पूर्णिका*
4458.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4457.*पूर्णिका*
4457.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4456.*पूर्णिका*
4456.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#रचनाकार:- राधेश्याम खटीक
#रचनाकार:- राधेश्याम खटीक
Radheshyam Khatik
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
Dr fauzia Naseem shad
हम भी तो गुज़रते हैं,
हम भी तो गुज़रते हैं,
Dr fauzia Naseem shad
दो पल की ज़िन्दगी में,
दो पल की ज़िन्दगी में,
Dr fauzia Naseem shad
इस दुनिया में सबसे बड़ा और अच्छा इंसान वही है जो गरीब को गरी
इस दुनिया में सबसे बड़ा और अच्छा इंसान वही है जो गरीब को गरी
Ranjeet kumar patre
बड़ा इंसान वो है।
बड़ा इंसान वो है।
Ranjeet kumar patre
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
मुझसे न पूछ दिल में तेरा क्या मुक़ाम है ,
Dr fauzia Naseem shad
द्वन्द युद्ध
द्वन्द युद्ध
Chitra Bisht
वक़्त दे रहा है उम्र की दस्तक ,
वक़्त दे रहा है उम्र की दस्तक ,
Dr fauzia Naseem shad
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
तुझसे उम्मीद की ज़रूरत में ,
Dr fauzia Naseem shad
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