Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next Mugdha shiddharth 8 Sep 2019 · 1 min read और माँ सब कुछ-सब कुछ है नफ़रत, प्रेम और पौधे वहीं फिर अस्तित्व पाते हैं जहां वो अपना अस्तित्व खोते हैं नफ़रत और प्रेम मन की मिट्टी में जड़ अपना जमाये रखता हैं, तब तक, जब... Hindi · कविता 3 1 313 Share Mugdha shiddharth 7 Sep 2019 · 1 min read मिठास १. रिश्ते की मिठास ने मन ही मन आवाज लगाई थी इस लिए साहब मैंने रोटी सेकने को चूल्हा जलाई थी ! ...सिद्धार्थ २. क्या ही मांग लुंगी मैं दिल... Hindi · मुक्तक 2 1 291 Share Mugdha shiddharth 6 Sep 2019 · 1 min read नशा क्या ही मांग लुंगी मैं दिल के सिबा तुम से इश्क का सबूत भी तो न माँगा जायेगा दिल है एक मेरा जो तेरे आंगन में जा गिरा बस धडकनों... Hindi · मुक्तक 3 2 278 Share Mugdha shiddharth 6 Sep 2019 · 1 min read तलाश मेरे कांपते होठों ने बेख्याली में कई बार तेरा ही नाम लिया तू जुदा सा था इस लिए शायद दिल ने तुझे अपना मान लिया ! ...सिद्धार्थ २. औरतों का... Hindi · मुक्तक 1 1 227 Share Mugdha shiddharth 6 Sep 2019 · 1 min read चाय चाय और चाय के उबाल पे बहुत चर्चा हो चूकि ... अब इश्क़ के बवाल पे चर्चा बांकी है उसके इंकार मेरे इकरार पे चर्चा बांकी है दहकते ईंटों से... Hindi · कविता 1 1 539 Share Mugdha shiddharth 5 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक १. हमने तो कुछ भी कहा नही तुमने सुना कैसे वो तो महज़ एक राज़ था फूलों के दिल का ! ...सिद्धार्थ २. इंसान बने रहने की खूबी कुछ चंद... Hindi · मुक्तक 1 1 245 Share Mugdha shiddharth 5 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक 1. खुद को जला कर भी आग हो जाने का सोचा है हमने हर बुझती आवाज पर हुंकार भरने का सोचा है हमने ! ...सिद्धार्थ 2. ये इश्क चीज ही... Hindi · मुक्तक 2 2 444 Share Mugdha shiddharth 5 Sep 2019 · 1 min read मैं किस को देखूं ...? १. मैं किस को देखूं पाथर के मूक पीर को देखूँ या तेरे चलते हांथों को देखूँ या फिर तेरी आँखों के नीर को देखूं ...? बता न, मैं किस... Hindi · कविता 2 236 Share Mugdha shiddharth 4 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक 1. तुम ही मेरा इश्क तुम ही मेरा गुरुर हो तुम ही मेरी चाहत तुम ही तो सुरूर हो ... सिद्धार्थ 2. पागल हूँ क्या ? कि तुझ से और... Hindi · मुक्तक 1 1 241 Share Mugdha shiddharth 3 Sep 2019 · 1 min read कहना था तुम से १. बिना नून के सालन जैसे गुजर जाता है मौसम जब, गुफ़्तगू आप से होती नही बैठी रह जाती हूँ कुछ तकते, मगर मैं रोती नही ! ...सिद्धार्थ २. कहना... Hindi · मुक्तक 3 3 486 Share Mugdha shiddharth 3 Sep 2019 · 1 min read देखना किसी दिन खरच दूंगी तुम्हें ! बड़ी मंदी का दौर है देखना किसी दिन छुट्टा समझ के खरच दूंगी तुम्हें फिर हाय-हाय करते बैठना रोना या छाती पीटना कृष्ण तुम्हें खुद को सत्यभामा कर दूंगी किसी... Hindi · कविता 1 1 460 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read खुश रहा करो... १. खुश रहा करो... दिल में दबा के दर्द होठों से हहहहहा करो पलकों पे छुपा के आँसू अंग-अंग से ठठा करो मेरी जान तुम तो खुल के हंसा करो...... Hindi · मुक्तक 2 2 250 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read विघ्नहर्ता १. विघ्नहर्ता हैं अगर वो सब के दुखियों के विघ्न हर लें देकर सब को सुख समृद्धि का आशीर्वाद खुद के लिए सारे दुख रख लें ...सिद्धार्थ २. चौठ का... Hindi · मुक्तक 1 1 475 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read तुम झूठे हो न ? १. सच-सच कहना तुम झूठे हो न ? कहते हो, अंदर से टूटे हो मगर खुद से ही रूठे हो न ? मुहब्बत का मुनाफा न मिला यही सोच गम... Hindi · मुक्तक 1 1 414 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read 'भूख' चौठ का चाँद आज गगन में आया है कुछ कहे दूषित हो तुम कुछ ने ढेला फेंक के मारा है मैं तो हूँ मिथिला की बेटी कैसे कहूँ, आज तू... Hindi · मुक्तक 2 1 449 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read मैं कुछ-कुछ तेरे जैसा हूँ तू मेरे जैसा नही पर, मैं कुछ-कुछ तेरे जैसा हूँ मैं तुझ में नही पर तू मुझ में फैले आसमां जैसा है मैं दर्द पे भी हंसता हूँ तू दर्द... Hindi · कविता 1 1 235 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read मैं तो कलम था कहीं बिक गया, कहीं डर गया, कहीं डराया गया कहीं घसीटा गया, मैं तो कलम था अजी हांथो को, तो कटा गया... मेरे हौसले में दम था मैं कुछ निर्भीक... Hindi · कविता 1 266 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read मैं शब्द हूँ ! मैं शब्द हूँ मुझे हर बार दफ़नाने की साज़िश होती है जब मैं चुभ जाता हूँ, भीतर तक फिर मैं बीज बन दबाया जाता हूँ समय के मिट्टी में, अंदर... Hindi · कविता 1 1 374 Share Mugdha shiddharth 1 Sep 2019 · 1 min read शब्द शब्द को पढ़ो शब्द को पढ़ते-पढ़ते शब्द को सुनो शब्द में शब्द मत ढूंढो शब्द में खो जाओ तब तुम समझ पाओगे शब्द वो भी बोलना जानतें हैं जिसे तुम... Hindi · कविता 1 1 347 Share Mugdha shiddharth 1 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक १. मैंने तो कुछ भी वैसा नही कहा था , बस फासले को तुमने ही तो पसंद किया हमने तो बस दिल की अपनी कही थी तुमने कान ही तो... Hindi · मुक्तक 1 1 414 Share Mugdha shiddharth 30 Aug 2019 · 1 min read मैं आग बो रही हूँ कितनी पुरानी दविश कितना पुराना है घाव उनका मैंने तो वो जिया ही नही जिसे भोगा है उन्होंने कभी किसी ने मुझे टूटे हुए बर्तन में जूठा खाना फेंक के... Hindi · कविता 1 1 198 Share Mugdha shiddharth 30 Aug 2019 · 1 min read खुद को कई टुकड़ों में बिखेर दूँ क्या ? खुद को कई टुकड़ों में बिखेर दूँ क्या ? तभी खुश होओगे, हमारे दुख को ढोओगे ? अभी जो जान बांकी है, उसे भी तुम्हें दे दूँ क्या ? साल... Hindi · कविता 2 2 213 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2019 · 1 min read चुप रहूंगा, माटी में गुरुर है तुम्हे, तुम इस दहर में आलिमों के हाथों से बचायेजाओगे। वो तो वक्त बताएगा, खुदगर्जी के हांथो माटी में कब दफ़नायेजाओगे! ************************************** सड़ी हुई, मवाद निकलती खोपड़ियों ने... Hindi · कविता 2 282 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2019 · 1 min read मैं नही जो दिल में रहता है मेरा उसके दिल में मैं नही। मैं तो फकीरी में ही थी बस मेरी झोली में वो नही। उसके हरअसरार में मैं हूँ बस उसके... Hindi · कविता 3 208 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2019 · 1 min read तुम्हारा हमारा रिश्ता १. तुम्हारा हमारा रिश्ता दिल की गली का मोड़ वो साबित हुआ है जो चंद कदमों पे टूट के अलग हो जाती है ...सिद्धार्थ २. बिछड़ के भी हम तेरे... Hindi · मुक्तक 4 2 285 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read बदलते हैं रिश्ते बदलते समय में, बदलते हैं रिश्ते किससे कहोगे दिल के किस्से कल मन में सूखा पड़ा था, आज भावनाओं का बारिस गिरा है किससे कहोगे दिल के किस्से कल जिस... Hindi · कविता 4 1 282 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read ये लो कलम, पकड़ो किताब ये लो कलम पकड़ो किताब छोड़ो ये काम करने के औजार छोड़ो-छोड़ो नन्हें हांथों से लेना श्रम का कारोबार किताबों के पन्ने पलटो उसमे मिलेंगे जीवन के सार राशन और... Hindi · कविता 3 1 598 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read तुम ने पढ़ा ही नही तुम ने पढ़ा ही नही आँखों को मेरी कितनी ख्वाहिशें, करवट बदल रही थी कुछ ख़ुश्क सी कुछ शुष्क सी मुश्क सी, इश्क की हजार आयतें लिख डाली थी दिल... Hindi · कविता 3 346 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read हिचकी १. रात से क्या शिकायत करुँ... कि क्यूँ वो सोने क्यूँ नही देता कसूर तो दिल का है जो याद को उसके भुलाने ही नही देता दिल को चैन आँखों... Hindi · मुक्तक 3 271 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक जिंदगी तो वैसे ही तबे पे चढ़ी है और चूल्हा आग के साथ ख़ामोश, ख्वाहिशों की हांड़ी-बटली करने में लगे हैं शोर अब तुम ही कहो पूर्दिल इस और देखूं... Hindi · मुक्तक 3 398 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read कई खत १. दूर भी रहते हैं वो पास भी रहते हैं वास्ता नही रखते हमसे बस छुप-छुप के तकते हैं इश्क सरेआम जाहिर न हो जाय बस इससे ही तो वो... Hindi · मुक्तक 3 536 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read जब भी बात मेरे अपनों पे आएगी जब भी बात मेरे अपनों पे आएगी भूल के अपनी औकात खाल उनकी भी उतारी जाएगी जो कहते हैं खुद को हम बुलंद है आसमां की तरह घसीट कर उनको... Hindi · कविता 2 607 Share Mugdha shiddharth 26 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक होता है सब का फितूर जुदा-जुदा किसी को बूत में किसी को आयतों में दिखे ख़ुदा। हमारी बात औरों से बिकुल है जुदा-जुदा हँसते खिलखिलाते बच्चों में दिखे ख़ुदा कुछ... Hindi · मुक्तक 3 580 Share Mugdha shiddharth 25 Aug 2019 · 1 min read मैं बादल का पांव धरूंगी उसने बादल को भेजा था आंगन मेरा तर कर जाने को मैं सूरज का पांव धरूंगी बादल की छाया हटाने को। मन तो यूँ ही भींगा है आंखों का पानी... Hindi · कविता 4 205 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2019 · 1 min read कॉमरेड आओ चाय पीते हैं कॉमरेड आओ चाय पीते हैं कुछ तेरी सुनते हैं कुछ मेरी कहते हैं कुछ कहते-कहते चुप भी रहते हैं कॉमरेड, आओ चाय पीते-पीते देश की सैकड़ों मांओं के घाव को... Hindi · कविता 2 1 355 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2019 · 1 min read आग अभी भी बाक़ी है हम ने खुद को सूली पे चढ़ाया, तुम्हारे लिए, तुम्हारे उज्ज्वल भविष्य के लिए, तुम्हारे बच्चों के लिए, तम्हारी आने वाली नस्लों के लिए, इन्कलाब कि एक चिंगारी फेंकी थी,... Hindi · कविता 3 1 335 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक आंखों के कोर से उतर कर कलम के छोड़ पे बैठ जाते हो तुम बड़े बेकार हो पुर्दिल कभी आँसू तो कभी स्याही बन जाते हो ...सिद्धार्थ जिंदगी मुझे बदलने... Hindi · मुक्तक 2 475 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2019 · 1 min read मेरा हिस्सा है मुझे में ही जो सांसे लेता है. मुझमे ही पलता और निखरता है वो यार है मेरा, वो प्यार है मेरा जो मुझ में ही निस दिन तांका झांकी करता... Hindi · कविता 5 2 294 Share Mugdha shiddharth 23 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. बिन मोहन राधा भी तो पुर्दिल बस आधा आधा है ! ...सिद्धार्थ २. 'माधव' धरु बांह तुम्हरी की तुम... सखियाँ के लाने नाही रहे एहि जुग में विस्वासा माधव... Hindi · मुक्तक 1 264 Share Mugdha shiddharth 23 Aug 2019 · 1 min read दीखता नही क्या... ? चुप रहो, जाल बिछाया है, दाना डाला है शिकार दाना चुगने आने वाला है शिकार आज फिर से फंसने वाला है , दीखता नही तुम्हें क्या… ? आज फिर शिकार... Hindi · कविता 4 1 292 Share Mugdha shiddharth 23 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. धरती का दिल जिगर जल रहा है लालच का साँप इस पे पल रहा है ! ...सिद्धार्थ २. एक हसरत है की बचपन मुझे फिर प्यार से देखे मेरे... Hindi · मुक्तक 1 279 Share Mugdha shiddharth 22 Aug 2019 · 1 min read कोई नही कोई नही, शब्द मेरे पानी हैं, बहता ही रहेगा, पाथर हो तुम, तो ये घिसता ही रहेगा तुम मत बदलो, ये तुम पे अपनी निशानी छोड़ता रहेगा तुम जैसे पाथर... Hindi · कविता 5 472 Share Mugdha shiddharth 22 Aug 2019 · 1 min read मेरे मुट्ठी में कुछ नही मेरे मुट्ठी में कुछ नही वो खाली है शब्दों के सुंदर सपने हैं जो ताली बजाने वाली है चार सुंदर पंक्तियाँ लिख कर सहेज कर मन के आले पे रखने... Hindi · कविता 2 215 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. इश्क में तो हम खुद ही गिरते संभलते दरिया पार कर लेंगे तुम कहो साथी, क्या इंकलाब में मेरा तुम सब साथ दोगे ? जो साथ हो तुम तो... Hindi · मुक्तक 1 432 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. जीत हार की सीमा से परे, दोस्ती अपनी निराली है मैं थोड़ी अख्खड सी हूँ पुर्दिल, तू तो थोड़ा बबाली है ! ...सिद्धार्थ २. सुनो न एक बार पूछो... Hindi · मुक्तक 1 205 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुस्कुराना और चहकते रहना दिल की गुबार को न आँखों से बहने देना इश्क का ये भी मुख़्तसर सा अन्दाज है न लब पे आहें ठहरे,न उतरे आँखों में लहू... Hindi · मुक्तक 2 449 Share Mugdha shiddharth 21 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक १. कहा था आओगे तुम मुलाकात के लिए मैंने दाँतों में दबा रखा था रात बस उसी एक छोटी सी बात के लिए ! ...सिद्धार्थ २. शिकायत क्या भला मैं... Hindi · मुक्तक 2 227 Share Mugdha shiddharth 20 Aug 2019 · 1 min read माचिस की तीली था मैं माचिस की तीली था मैं खोल में पड़ा रहा जलने से पहले आग अंदर था रगड़ने से पहले फिर मुझे निकला गया पहले सहलाया गया देखा गया, जाँचा गया फिर... Hindi · कविता 3 1 621 Share Mugdha shiddharth 20 Aug 2019 · 2 min read पुरुष से किस बिधि छल कर सकता हूँ... मैं ही कृष्ण, मैं ही केशव, मैं ही तो हूँ मधुसूदन मैं ही सहस्रजीत (हजारों को जीतने वाले), मैं ही सहस्रपात (जिनके हजारों पैर हों) मैं हर पुरुष के पुरुष्त्व... Hindi · कविता 5 701 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक मुख़्तसर सी बस एक बात है, दिल के जबां पे जो तेरा प्यार है। मरने नही देता, जीने नही देता जुदाई में भी तन्हा होने नही देता। खाबो-ख्यालों में बस... Hindi · मुक्तक 1 230 Share Previous Page 13 Next