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786 posts
Page 14
किसी ने आंखें बंद की,
किसी ने आंखें बंद की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वफ़ाओं की खुशबू मुझ तक यूं पहुंच जाती है,
वफ़ाओं की खुशबू मुझ तक यूं पहुंच जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आंखों में हया, होठों पर मुस्कान,
आंखों में हया, होठों पर मुस्कान,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कमबख़्त ये इश्क़ भी इक आदत हो गई है
कमबख़्त ये इश्क़ भी इक आदत हो गई है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उसके पलकों पे न जाने क्या जादू  हुआ,
उसके पलकों पे न जाने क्या जादू हुआ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये मतलबी ज़माना, इंसानियत का जमाना नहीं,
ये मतलबी ज़माना, इंसानियत का जमाना नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शबनम
शबनम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुमसे एक पुराना रिश्ता सा लगता है मेरा,
तुमसे एक पुराना रिश्ता सा लगता है मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
औरत अपनी दामन का दाग मिटाते मिटाते ख़ुद मिट जाती है,
औरत अपनी दामन का दाग मिटाते मिटाते ख़ुद मिट जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ में सरेराह चलो,
इश्क़ में सरेराह चलो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Nowadays doing nothing is doing everything.
Nowadays doing nothing is doing everything.
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज के जमाने में
आज के जमाने में
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
छिपी रहती है दिल की गहराइयों में ख़्वाहिशें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़-ए-क़िताब की ये बातें बहुत अज़ीज हैं,
इश्क़-ए-क़िताब की ये बातें बहुत अज़ीज हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुना है इश्क़ खेल होता है
सुना है इश्क़ खेल होता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वफ़ा का इनाम तेरे प्यार की तोहफ़े में है,
वफ़ा का इनाम तेरे प्यार की तोहफ़े में है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जागता हूँ मैं दीवाना, यादों के संग तेरे,
जागता हूँ मैं दीवाना, यादों के संग तेरे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी की राहों में, खुशियों की बारात हो,
जिंदगी की राहों में, खुशियों की बारात हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हँसते हैं, पर दिखाते नहीं हम,
हँसते हैं, पर दिखाते नहीं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,
धड़कन-धड़कन साँस-साँस कुछ कहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अजनबी सा सफ़र
अजनबी सा सफ़र
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी वफाएं जब मेरा दिल तोड़ जाती है
तेरी वफाएं जब मेरा दिल तोड़ जाती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं
बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी जानां
मेरी जानां
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये ज़िंदगी भी गरीबों को सताती है,
ये ज़िंदगी भी गरीबों को सताती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जादुई निगाहें
जादुई निगाहें
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उछल कूद खूब करता रहता हूं,
उछल कूद खूब करता रहता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पिता का यूं चले जाना,
पिता का यूं चले जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुरमई शाम का उजाला है
सुरमई शाम का उजाला है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुख पर जिसके खिला रहता शाम-ओ-सहर बस्सुम,
मुख पर जिसके खिला रहता शाम-ओ-सहर बस्सुम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चांद निकलता है चांदनी साए को तरसती है
चांद निकलता है चांदनी साए को तरसती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
हम भी बहुत अजीब हैं, अजीब थे, अजीब रहेंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वक्त
वक्त
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बालों की सफेदी देखी तो ख्याल आया,
बालों की सफेदी देखी तो ख्याल आया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
कच्चे मकानों में अब भी बसती है सुकून-ए-ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज गज़ल को दुल्हन बनाऊंगा
आज गज़ल को दुल्हन बनाऊंगा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
बिन बोले सब कुछ बोलती हैं आँखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
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