Santosh Shrivastava Language: Hindi 724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Santosh Shrivastava 12 Dec 2018 · 1 min read बड़ी वो हो मैंने हाथ जोड़ विनम्र भाव से पत्नी से निवेदन कर पूछा कैसी हो ? उसने हाथ मे बेलन लिया फिर दहाड़ लगाई क्या मतलब है ? मैंने कहा : कुछ... Hindi · कविता 243 Share Santosh Shrivastava 10 Dec 2018 · 1 min read पतवार जब हो पतवार ईश्वर के हाथ तब क्यो चाहिए किसी और का साथ जीवन नौका चलाती पतवार ईश्वर का विश्वास है लगातार जिसे नहीं है भरोसा ईश्वर के साथ का... Hindi · कविता 221 Share Santosh Shrivastava 9 Dec 2018 · 2 min read इन्तजार बाबूजी लगातार दरवाजे की चौखट को देख रहे थे दीपक की लो झपझपा रही थी । सुमन बडी उम्मीद से एकटक बरामदे में खड़े हो कर रास्ते मे आते जाते... Hindi · लघु कथा 1 1 241 Share Santosh Shrivastava 9 Dec 2018 · 2 min read इन्तजार बाबूजी लगातार दरवाजे की चौखट को देख रहे थे दीपक की लो झपझपा रही थी । सुमन बडी उम्मीद से एकटक बरामदे में खड़े हो कर रास्ते मे आते जाते... Hindi · कविता 221 Share Santosh Shrivastava 8 Dec 2018 · 1 min read प्रेरणा प्रेरणा जीवन है प्रेरणा का खजाना बचपन में माँ की प्रेरणा चलना सिखाया बोलना सिखाया हाथ पकड़ संभलना सिखाया किशोरावस्था में पिता की प्रेरणा पढना बढ़ना कमाना सिखाया प्रेमिका बन... Hindi · कविता 1 300 Share Santosh Shrivastava 7 Dec 2018 · 1 min read चंचल चंचल तरुणाई का चंचल सा सूरज पूरब के व्दारे से आतुर आंगना आने को चंचल सा चंदा बिखेर गया आशाओ की बाराते ले कर बैरागिन सी ठगी रह गयी चन्द्रकलाओं... Hindi · कविता 1 350 Share Santosh Shrivastava 6 Dec 2018 · 1 min read वेदना वेदना जब अपने अपने न रहे तब होती है वेदना जब समुन्दर की लहरों को ठुकरा दे किनारा तब होती है वेदना जब किसी पंछी के घरोंदे को उजाड़ दे... Hindi · मुक्तक 255 Share Santosh Shrivastava 5 Dec 2018 · 1 min read ज़िन्दगी की कहानी सूखे पेड की सूखी डाली पर लगा सूखा पत्ता जो कभी भी काल रूपी हवा के झोंके से टेट कर धरती पर गिर सकता है और जमीन में मिट जाने... Hindi · मुक्तक 236 Share Santosh Shrivastava 5 Dec 2018 · 1 min read सादगी मोहताज होती नहीं सादगी तारीफों की सादगी एक मिसाल है कर्मठ इन्सान की सादा जीवन जी कर इन्सान पहुँचता है बुलंदियों पर कलाम, शास्त्री जैसे इन्सान है एक मिसाल बिना... Hindi · कविता 229 Share Santosh Shrivastava 4 Dec 2018 · 1 min read साया एक मैं और दूजा मेरा साया था साया ने कहा तेरे बिना नही मेरी पहचान है जैसा भी हूँ जो भी हूँ मै ही तेरा साया हूँ मै ही तेरी... Hindi · कविता 396 Share Santosh Shrivastava 2 Dec 2018 · 1 min read कान्हा कान्हा ढ़ूढ़ता फिरता वृन्दावन की राहों गलियों में कान्हा , कुंजन के बीच दिखता नही शीतल नीर का कहीं पता नहीं यमुना गंदी मैली है । वीरान उजाड़ सा लगता... Hindi · कविता 368 Share Santosh Shrivastava 1 Dec 2018 · 1 min read दृष्टिकोण सच्चाई कटु सच्चाई यह है कि जब बेटे सेटल हो जाते है, प्रॉपर्टी पैसा हडप लेते है उसके बाद माँ बाप बोझ लगते है उपेक्षित करते है उनको अपनी पत्नी... Hindi · लेख 226 Share Santosh Shrivastava 30 Nov 2018 · 1 min read नींव पहले मिट्टी के घरों की नींव भी मजबूत होती थी एक घर में दस बारह लोग रहते थे आज पक्के मकानों की नींव ही नही होती दो लोग (पति पत्नी)... Hindi · कविता 4 3 453 Share Santosh Shrivastava 30 Nov 2018 · 2 min read संवेदनहीनता हमारे पड़ोस में रामदीन शर्मा रहते हैं। उनके दो बेटे हैं। एक बैंगलोर में है और दूसरा हैदराबाद मे अपने अपने परिवार के साथ हैं । शर्मा जी और उनकी... Hindi · मुक्तक 2 247 Share Santosh Shrivastava 29 Nov 2018 · 1 min read शांति शांति न हो भ्रान्ति दुश्मन को है चेतावनी भारत चाहता शांति अगर न चाहा उसने सुधारना तो होगी युद्ध क्रान्ति लेखक संतोष श्रीवास्तव बी 33 रिषी नगर ई 8 एक्स... Hindi · कविता 3 1 492 Share Santosh Shrivastava 29 Nov 2018 · 1 min read अनुशासन अनुशासन आज देश में चाहिए अनुशासन संसद से सड़क तक घर परिवार से पाठशाला तक बच्चों से बुजुर्गों तक सास से बहू तक जब अनुशासित रहेंगे सब घर परिवार समाज... Hindi · कविता 2 387 Share Santosh Shrivastava 28 Nov 2018 · 1 min read दर्पण भावों के मोती दिनांक 28/11/2019 दर्पण मैंने हॄदय मे लगा रखा है दर्पण प्रिय तुम्हारी हर व्यथा हर दर्द का प्रतिबिम्ब है यह दर्पण प्रिय मन की बात चेहरे के... Hindi · कविता 3 1 313 Share Santosh Shrivastava 28 Nov 2018 · 1 min read शहीद अपील मै भारतीय सैनिक भगवान सिंह का बेटा हूँ मेरी अपील पडोसी देश से है आप आतंकवाद और सीमा पर फायरिंग बंद करें। आप नहीं जानते जब हमारे पिता शहीद... Hindi · कविता 3 1 573 Share Santosh Shrivastava 28 Nov 2018 · 1 min read कान्हा रे सखी आज कान्हा फिर इठलाये है सुबह से शाम तक वो छुपो छुपो हमें तडपाऐ है रे सखियो तू इते देख तू उतो देख श्याम को तो मै ही... Hindi · कविता 1 380 Share Santosh Shrivastava 27 Nov 2018 · 1 min read विदाई विदाई सभी दुःखद होती है गणपति बब्बा ,माँ दुर्गा के विसर्जन पर बेटी की ससुराल जाने पर बेटे के नौकरी तबादले पर घर से बाहर जाने पर बहनो के बिछुडने... Hindi · कविता 1 1 379 Share Santosh Shrivastava 26 Nov 2018 · 2 min read जीवन की सच्चाई जीवन की सच्चाई जब तक शरीर में आत्मा है यह चलती मशीन है जब हुई मशीन बंद यह नश्वर शरीर है अब चाहे इसे जलाओ गाडो या बहाओ नदी में... Hindi · कविता 3 1 363 Share Santosh Shrivastava 23 Nov 2018 · 1 min read नसीब (कविता) नसीब नसीब को मत कोसो दोस्तों घर बैठे नसीब बनता नही हथेलियों पर जब उभरते है छाले तब बनता है नसीब हर ठोकर सबक सिखाती है नसीब बनाने में बार... Hindi · कविता 2 1 732 Share Santosh Shrivastava 22 Nov 2018 · 1 min read लिखो नया इतिहास लिखो नये अनुबंध रचो नये तुम छंद नया इतिहास लिखेंगे जाने कितने लोग पढ़ेंगे नये नये विचार बनेंगे सब आपस में तकरार खत्म करेंगे दोहराएगा इतिहास स्वयं को सब अपनी... Hindi · कविता 1 215 Share Santosh Shrivastava 21 Nov 2018 · 1 min read माँ को नही चाहिए सहानुभूति मत करो माँ की पूजा मत ले जाओ माँ को तीर्थ यात्रा पर मत धोओ माँ के पैर मत रखो माँ से सहानुभूति माँ को तो बस अपने साथ रखो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 28 473 Share Previous Page 15