उथलॎ स्थान
अवध किशोर 'अवधू'
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
" बदलाव "
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने चुना है केसरिया रंग मेरे तिरंगे का
Saraswati Bajpai
3962.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-177 के श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3961.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शांत नगरिया राम की, रामनगर है नाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
3960.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
3959.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
3958.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
3957.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"क्यों नहीं लिख रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
क्युँ हरबार ये होता है ,
Manisha Wandhare
"आवारा-मिजाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
कामुक वहशी आजकल,
sushil sarna
" तगादा "
Dr. Kishan tandon kranti
"ऑस्कर और रेजिस"
Dr. Kishan tandon kranti
"मुसाफिरखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
" हँसिए "
Dr. Kishan tandon kranti
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
Kumar Akhilesh
हर तरफ़ घना अँधेरा है।
Manisha Manjari
3956.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
हम क्या चाहते?
Ankita Patel
3955.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खुद को महसूस
Dr fauzia Naseem shad
हार से हार
Dr fauzia Naseem shad
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
कृष्णकांत गुर्जर
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सजदा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फिर आसमां किसी ज़मीन पर ना होगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी नज़र से बच के जाएं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🍁तेरे मेरे सन्देश- 8🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अगर सोच मक्कार
RAMESH SHARMA
3953.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*भोगों में जीवन बीत गया, सोचो क्या खोया-पाया है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
दीपक झा रुद्रा
#प्रसंगवश....
*प्रणय प्रभात*
आँखों में नींदें थी, ज़हन में ख़्वाब था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
Shikha Mishra
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
gurudeenverma198
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
Neelofar Khan
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
Kalamkash
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash