Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Page 123
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
Kumar Akhilesh
हर तरफ़ घना अँधेरा है।
हर तरफ़ घना अँधेरा है।
Manisha Manjari
3956.💐 *पूर्णिका* 💐
3956.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
उदास लम्हों में चाहत का ख्वाब देखा है ।
Phool gufran
हम क्या चाहते?
हम क्या चाहते?
Ankita Patel
3955.💐 *पूर्णिका* 💐
3955.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खुद को महसूस
खुद को महसूस
Dr fauzia Naseem shad
हार से हार
हार से हार
Dr fauzia Naseem shad
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
कृष्णकांत गुर्जर
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
उदासियां बेवजह लिपटी रहती है मेरी तन्हाइयों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सजदा
सजदा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फिर आसमां किसी ज़मीन पर ना होगी
फिर आसमां किसी ज़मीन पर ना होगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
शायद मेरी बातों पर तुझे इतनी यक़ीन ना होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी नज़र से बच के जाएं
तेरी नज़र से बच के जाएं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🍁तेरे मेरे सन्देश- 8🍁
🍁तेरे मेरे सन्देश- 8🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अगर सोच मक्कार
अगर सोच मक्कार
RAMESH SHARMA
3953.💐 *पूर्णिका* 💐
3953.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*भोगों में जीवन बीत गया, सोचो क्या खोया-पाया है (राधेश्यामी
*भोगों में जीवन बीत गया, सोचो क्या खोया-पाया है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
दीपक झा रुद्रा
#प्रसंगवश....
#प्रसंगवश....
*प्रणय प्रभात*
आँखों में नींदें थी, ज़हन में ख़्वाब था,
आँखों में नींदें थी, ज़हन में ख़्वाब था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
Shikha Mishra
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
सच,मैं यह सच कह रहा हूँ
gurudeenverma198
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
Neelofar Khan
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
Kalamkash
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिंदुत्व अभी तक सोया है
हिंदुत्व अभी तक सोया है
श्रीकृष्ण शुक्ल
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
ओसमणी साहू 'ओश'
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
तेरी कुर्बत में
तेरी कुर्बत में
हिमांशु Kulshrestha
एक बने सब लोग
एक बने सब लोग
अवध किशोर 'अवधू'
..
..
*प्रणय प्रभात*
अवधू का सपना
अवधू का सपना
अवध किशोर 'अवधू'
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
बस एक कहानी .....
बस एक कहानी .....
संजीवनी गुप्ता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
“सुकून”
“सुकून”
Neeraj kumar Soni
मुझ जैसे शख्स को दिल दे बैठी हो,
मुझ जैसे शख्स को दिल दे बैठी हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
चालाक क्रोध
चालाक क्रोध
अवध किशोर 'अवधू'
3952.💐 *पूर्णिका* 💐
3952.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
3951.💐 *पूर्णिका* 💐
3951.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मानव जीवन
मानव जीवन
*प्रणय प्रभात*
3950.💐 *पूर्णिका* 💐
3950.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Aaj 16 August ko likhane ka Ehsas Hua bite 2021 22 23 mein j
Aaj 16 August ko likhane ka Ehsas Hua bite 2021 22 23 mein j
Rituraj shivem verma
Page 123
Loading...