Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Page 11
4487.*पूर्णिका*
4487.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
D
D
*प्रणय प्रभात*
4486.*पूर्णिका*
4486.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खाए खून उबाल तब , आए निश्चित रोष
खाए खून उबाल तब , आए निश्चित रोष
RAMESH SHARMA
लोन के लिए इतने फोन आते है
लोन के लिए इतने फोन आते है
Ranjeet kumar patre
स्वयं का स्वयं पर
स्वयं का स्वयं पर
©️ दामिनी नारायण सिंह
दुनिया धूल भरी लगती है
दुनिया धूल भरी लगती है
Rambali Mishra
बहुत अरमान लिए अब तलक मैं बस यूँ ही जिया
बहुत अरमान लिए अब तलक मैं बस यूँ ही जिया
VINOD CHAUHAN
🙅आज का आह्वान🙅
🙅आज का आह्वान🙅
*प्रणय प्रभात*
शहर को मेरे अब शर्म सी आने लगी है
शहर को मेरे अब शर्म सी आने लगी है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मौन रहना भी एक कला है
मौन रहना भी एक कला है
Sonam Puneet Dubey
"तुम्हें आना होगा"
Lohit Tamta
कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा
कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा
©️ दामिनी नारायण सिंह
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
©️ दामिनी नारायण सिंह
कौन कहाँ कब
कौन कहाँ कब
©️ दामिनी नारायण सिंह
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
सु
सु
*प्रणय प्रभात*
इस धरती के आगे
इस धरती के आगे
Chitra Bisht
तुझमें क्या बात है
तुझमें क्या बात है
Chitra Bisht
शायरी की राह
शायरी की राह
Chitra Bisht
स्टेटस बड़ी चीज़ है
स्टेटस बड़ी चीज़ है
Chitra Bisht
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ना मुझे बिहारी कहना प्यारे,
ना मुझे बिहारी कहना प्यारे,
श्रीहर्ष आचार्य
प्रेमक धार
प्रेमक धार
श्रीहर्ष आचार्य
इ सभ संसार दे
इ सभ संसार दे
श्रीहर्ष आचार्य
बड़ि मुद्दति अरचन ते पाइयो
बड़ि मुद्दति अरचन ते पाइयो
श्रीहर्ष आचार्य
महात्मा गांधी– नज़्म।
महात्मा गांधी– नज़्म।
Abhishek Soni
अंतर्निहित भय
अंतर्निहित भय
Shashi Mahajan
टूटा दिल शायर तो ज़रूर बना,
टूटा दिल शायर तो ज़रूर बना,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
दर्द दिल का है बता नहीं सकते,
दर्द दिल का है बता नहीं सकते,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
खुद को खुदा न समझा,
खुद को खुदा न समझा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
2122 1212 22112
2122 1212 22112
SZUBAIR KHAN KHAN
यह रात का अंधेरा भी, हर एक  के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
यह रात का अंधेरा भी, हर एक के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
Annu Gurjar
हमारे जीवन में हर एक रंग का महत्व है।
हमारे जीवन में हर एक रंग का महत्व है।
Annu Gurjar
4485.*पूर्णिका*
4485.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
पंकज परिंदा
क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.!
क्यों मूँछों पर ताव परिंदे.!
पंकज परिंदा
4484.*पूर्णिका*
4484.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4483.*पूर्णिका*
4483.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
मनोज कर्ण
4482.*पूर्णिका*
4482.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
" वाकया "
Dr. Kishan tandon kranti
आत्मिक प्रेमतत्व …
आत्मिक प्रेमतत्व …
sushil sarna
मैं बहुत जीता हूँ, …….
मैं बहुत जीता हूँ, …….
sushil sarna
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
सब के सब ख़ुद को कहते हैं आला,
Dr fauzia Naseem shad
Page 11
Loading...