सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2022 · 1 min read कोई नही किसी का मीत है कोई नहीं किसी का मीत है ********************** कोई नहीं किसी का मीत है, झूठे गाता शेखी के गीत है। दिखावे का चला ऐसा दौर है, झूठी चली जगत की रीत... Hindi · ग़ज़ल 123 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2022 · 1 min read तुम बिन हुम् नही तुम बिन हम नहीं ************* तुम बिन हम नहीं, कोई गम नहीं। दिल को दी खुशी, आँखें नम नहीं। टिक पाए यहाँ, दिखता दम नहीं। आये सामने, हम भी कम... Hindi · ग़ज़ल 80 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Sep 2022 · 1 min read प्रीत न कोई ****** प्रीत न कोई ****** *********************** मेरे मन मे मीत न कोई, जागी अब तक प्रीत न कोई। हर दम हारा जीत न पाया, मिलती हमको जीत न कोई। समझे... Hindi · ग़ज़ल 167 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Sep 2022 · 1 min read प्यार बन गया व्यापार ** प्यार बन गया व्यापार ** ********************** क्या बात करूं मैं प्यार की, प्यार बन गया है व्यापार। हर बात समझ से बाहर है, कैसे चल रहा है संसार। मानव... Hindi · कविता 107 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2022 · 1 min read मन बहुत उदास है मन बहुत उदास है *************** मन बहुत उदास हैं, जिंदगी निराश है। कुछ करो प्रयास तो, धुंधला प्रकाश है। प्यार से हरा - भरा, प्रेम का निवास है। खूब दागदार... Hindi · ग़ज़ल 93 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Sep 2022 · 1 min read तेरी तस्वीर ***** तेरी तस्वीर ***** ******************** दिल मे तेरी तस्वीर है, सुंदर मेरी तकदीर है। आदत हमको है आपकी, यह जीवनभर की पीर है। गिरते जब पत्ते शाख से, तरुवर की... Hindi 109 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2022 · 1 min read बिगड़े हालात आज है बिगड़े हालात आज है ****************** बिगड़े हालात आज हैं, खतरे में खूब ताज है। मौसम भी तो खराब है, नभ में उड़ते न बाज हैं। गाना गाते वो बेसुरा, सुर... Hindi · ग़ज़ल 127 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2022 · 1 min read चलता नही कोई ज़ोर है चलता नहीं कोई ज़ोर है ******************* चलता नहीं कोई जोर है, हर शाख पर बैठा चोर है। कोई नहीं सुनता बोलता, यह मच रहा कैसा शोर है। ख़ुश्बू भरी लगती... Hindi · ग़ज़ल 1 172 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Sep 2022 · 1 min read शिक्षक दिवस ***** शिक्षक-दिवस ***** ********************** शिक्षक राष्ट्र भाग्य विधाता। शिक्षा-शिक्षण के गीत गाता। भरता है गागर में सागर, ज्ञान बांटता जान लगा कर, शुभचिंतक भविष्य निर्माता। शिक्षक राष्ट्र भाग्य निर्माता। अध्यापक... Hindi · गीत 118 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Sep 2022 · 1 min read शराब एक बुराई ** शराब एक बुराई ** ****************** शराब एक बुराई है, छोड़ने में भलाई है। शराबी दोषी नहीं है, जरा उसे होश नहीं है, मद्य उसकी दवाई है। शराब एक बुराई... Hindi · गीत 181 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Sep 2022 · 1 min read सुंदर मायके का गाँव सबसे सुंदर मायके का गाँव है *********************** सबसे सुंदर मायके का गाँव है, माता-पिता की सघनी छांव है। मेरे भाई प्यार भरे सागर हैं, बहनें प्यारी अनुरागी गागर हैं, ईश्वर... Hindi · गीत 94 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2022 · 1 min read बेगाना शहर हो गया **** बेगाना शहर हो गया ***** ************************** बेगाना अपना शहर हो गया, मुश्किल हर पल हर पहर हो गया देखो तुम पीछे जरा ओ पथिक, छोटा सा नाला अब नहर... Hindi · ग़ज़ल 110 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Sep 2022 · 1 min read अपनों को अपनाया मैने अपनों को अपनाया मैंने ******************** अपनों को अपनाया मैंने, दिल से गले लगाया मैंने। अरमानों की भेंट चढ़ाकर, भावों को दफनाया मैंने। हाव-भाव बाज़ार देखकर, खुद का भाव गिराया मैंने।... Hindi · ग़ज़ल 88 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Sep 2022 · 1 min read नया स्कूल नया ठिकाना *नया स्कूल नया ठिकाना* ********************* नया स्कूल है नया ठिकाना, दुनियादारी आना - जाना। नए मिलेंगे साथी सारे, वो भी होंगे खास हमारे, उन से हो होगा बतियाना। नया स्कूल... Hindi · गीत 108 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Aug 2022 · 1 min read यारों ये कैसी विदाई * यारों ये कैसी विदाई * ******************* यारों है ये कैसी विदाई, आँखों मे आँसू ले आई। मन हुआ है भारी-भारी बहुत मुश्किल है जुदाई। आखिर वही घड़ी आई, जी... Hindi · ग़ज़ल 85 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Aug 2022 · 1 min read ईमान भी बिकता है **ईमान भी बिकता है** ******************* इंसान भी बिकता है, ईमान भी बिकता है। मंदिर-मस्ज़िद-गिरजा में, भगवान भी बिकता है। कलयुग ज़माने में अब, धनवान भी बिकता है। कमज़ोर को तो... Hindi · ग़ज़ल 101 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Aug 2022 · 1 min read बिछड़ेंगे सब बारी बारी बिछड़ेंगे सब बारी - बारी ********************* बिछड़ेंगे सब बारी - बारी। छोड़कर सभी यादें प्यारी। यार प्यारे हुए परदेशी, इक - दूसरे के थे हितैषी, बदली वाहक हम पर भारी।... Hindi 1 1 179 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Aug 2022 · 1 min read बदली ने बदल दिए साथी यार पुराने ****बदली ने बदल दिए साथी यार पुराने**** ************************************ इस बदली ने बदल दिए रे साथी यार पुराने। एक बटन से ही बदल दिए सारयां के ठिकाणे। सुख - दुख की... Hindi 201 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Aug 2022 · 1 min read बिछड़ेंगे सब बारी बारी बिछड़ेंगे सब बारी - बारी ********************* बिछड़ेंगे सब बारी - बारी। छोड़कर सभी यादें प्यारी। यार प्यारे हुए परदेशी, इक - दूसरे के थे हितैषी, बदली वाहक हम पर भारी।... Hindi 117 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Aug 2022 · 1 min read दीवानों के पीर ****** दीवानों के पीर ****** ************************* दीवानों के जैसे तुम पीर हो गए, राँझे की खोई जैसे हीर हो गए। नजरों में रहते - रहते दूर हो गए, कैदी के... Hindi · ग़ज़ल 101 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Aug 2022 · 1 min read क्या से क्या हो गया **** क्या से क्या हो गया **** ************************* इश्क में क्या से क्या है हो गया, ज़ुल्फ़ उसकी उड़ी मैं खो गया। आग ऐसी लगी बुझती नहीं, बीज अनुराग के... Hindi 160 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Aug 2022 · 1 min read ट्रांसफर ड्राइव ****ट्रांसफर-ड्राइव ट्रैन ***** ************************ आने वाली वो आखिर घड़ी है, ट्रांसफर ड्राइव की ट्रेन चली है। कौन कहाँ पर पटका जाएगा, गाड़ी स्टेशन की पथ पर खड़ी है। मनपसंद होगा... Hindi 95 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Aug 2022 · 1 min read अमीर गरीब अमीर - गरीब *********************** गरीबों पर अक्सर लिखते हैं, बेहद अमीर संजीदा लोग, मूल रूप से नही जानते हैं, रंक के गंभीर रोग, वाहवाही खूब लूटते रहतें हैं, पर नहीं... Hindi · कविता 256 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Aug 2022 · 1 min read घड़ी दो घड़ी ******** घड़ी दो घड़ी ********* **************************** आ बैठ मेरे पास घड़ी दो घड़ी, मन की बुझाओ प्यास घड़ी दो घड़ी। मैं ढूंढता हूँ प्यार गली दर गली, आ मिल करें... Hindi · ग़ज़ल 84 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Aug 2022 · 1 min read चंद आँसू बचा कर रख चंद आँसू बचा कर रख ********************** चंद आँसू बचा कर रख, राज सीने छिपा कर रख। देख कर हाल साजन का, हीर सा मुख सजा कर रख। राख हो तन-बदन... Hindi · ग़ज़ल 96 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Aug 2022 · 1 min read चलो साथियो मिलकर साथ हमारे। चलो साथियो मिल कर साथ हमारे, **************************** चलो साथियो मिल कर साथ हमारे, डूबता शिक्षा का जहाज को बचाने। बढ़ती जाती सरकारी तानाशाही, शिक्षा जगत में मची खूब त्राहि त्राहि,... Hindi · गीत 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2022 · 1 min read सुंदर मुखड़ा ताज है *सुंदर मुखड़ा ताज है* ****************** तू ही मन का राज है, सुंदर मुखड़ा ताज है। कैसे हासिल के सकूं, नभ में उड़ता बाज है। लटके-झटके देख कर, गिरती तन पर... Hindi · ग़ज़ल 103 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Aug 2022 · 1 min read श्री कृष्ण जन्माष्टमी **** श्री कृष्ण-जन्माष्टमी ****** *************************** देवकी नंदन श्री कृष्ण अवतार हैं, जगत के दुखों के वो तारणहार हैं। यशुमति मैया का था राजदुलारा, नंद बाबा की वो आँखों का तारा,... Hindi · गीत 157 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Aug 2022 · 1 min read यशप्रीत जन्मदिवस *** यशप्रीत जन्मदिवस *** *********************** जन्मदिवस की शुभाशीष हो, पुलकित सा खिला शीश हो। मिले खुशियों भरा खजाना, सारा जमाना हुआ दीवाना, तेरे दर पर सदा जगदीश हो। जन्मदिवस की... Hindi · कविता 102 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Aug 2022 · 1 min read समय गम की दवाई समय गम की दवाई है ****************** समय गम की दवाई है, खुदा ने ही बनाई है। बुझे मन से खिलाता है, बहुत कड़वी मिठाई है। परख लो जो बताया है,... Hindi · ग़ज़ल 93 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Aug 2022 · 1 min read कलम पकड़ लिखते रहो ******* कलम पकड़ लिखते रहो ********* ************************************ कलम पकड़ लिखते रहो,कभी ना रुको आप। नयन निंदिया हम भरे , शीतल होगा ताप।। वचन के तुम प्रहार से , करो बुराई... Hindi · दोहा 1 141 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Aug 2022 · 1 min read अगर रूठी हो तो सोने चांदी से सजा दूँ आगर रूठी हो तो सोने चाँदी से सजा दूँ ******************************** अगर रूठी हो तो सोने चाँदी से सजा दूँ, तनबदन कोई तकलीफ़ हाथ पैर दबा दूँ। जुल्फें बिखेर कर यूँ... Hindi · कविता 85 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Aug 2022 · 1 min read मेरा वतन मेरी जान मेरा वतन मेरी जान ******************* मेरा वतन मेरी जान है। वतन से मेरी पहचान है। घर-घर मे लहरा तिरंगा, बहती है घर-घर में गंगा, हर मुख आई मुस्कान है। मेरा... Hindi · कविता 73 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Aug 2022 · 1 min read रखी ************** राखी ************** ********************************* राखी मेरे हाथ मे , ढूंढू भाई हाथ। पिछले वर्ष शहीद हुआ,बहना हुई अनाथ।। आँखें आँसू से भरी, कर भाई को याद। सीमा पर मर जो... Hindi · दोहा 92 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Aug 2022 · 1 min read आज़ादी के मतवाले ** आजादी के मतवाले ** ********************* आज़ादी के वो मतवाले थे, हमारे देशभक्त निराले थे। याद रखो तुम कुर्बानी को, चढ़ती रवानी जवानी को, भारत के लाल दुलारे थे। हमारे... Hindi 1 1 88 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Aug 2022 · 1 min read हाल ए दिल बताना होगा ** हाल ए दिल बताना होगा ** ************************* फासला सरहद मिटाना होगा, दो कदम भी तो बढ़ाना होगा। सो रहें चिर काल से वो जो हैं, नींद से उनको भी... Hindi · ग़ज़ल 1 1 113 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Aug 2022 · 1 min read पायल की झंकार ******* पायल की झंकार ******* ***************************** पायल की झंकार बजती गली-गली। सीने पर करती वार गौरी खड़ी-खड़ी। रंग की गोरी चाँद-चकोरी क्या कहने, छैल-छबीली अलबेली दिल के गहने, फूलों की... Hindi · गीत 89 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Aug 2022 · 1 min read डूबते को सहारा ****** डूबते को सहारा ****** **** 2122 2122 212 ***** ************************** डूबते को बस किनारा चाहिए। बे - सहारों को सहारा चाहिए। लात-घुसें भी मिलें चाहें ठोकरें, माँ-पिता को सुत... Hindi · ग़ज़ल 80 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Aug 2022 · 1 min read घर घर लहराए तिरंगा *********** घर - घर लहराए तिरंगा ********* *************************************** घर-घर लहराए तिरंगा सरकार का यह फरमान है, तिरंगा तो हर हाथ मे पर घर यही यही व्यवधान है। रहने को मजबूर... Hindi · कविता 203 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Aug 2022 · 1 min read रक्षाबंधन पर्व ******* रक्षाबंधन - पर्व ******* *************************** संस्कृति यही यही तो संस्कार है। रक्षाबंधन भाई-बहनों का प्यार है। सावन मास पुर्णिमा के दिन आये, भारतवर्ष में खुशी-खुशी से मनायें, आभा पर... Hindi · कविता 90 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Aug 2022 · 1 min read तिरंगा मेरे देश का *** तिरंगा मेरे देश का (दोहावली) **** ******************************** तिरंगा मिरे देश का,आन - बान है शान। तीन रंग से है बना,मध्य अशोक निशान।। घर - घर की मंडेर पर,बढ़ाता रहे... Hindi · दोहा 128 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Aug 2022 · 1 min read ख्वाब पयरे हमें आने लगे * ख्वाब प्यारे हमें आने लगे * *********************** ख्वाब प्यारे हमें आने लगे, चाँद - तारे सभी गाने लगे। क्या ख़ता है हुई हमको बता, पास से ही गुजर जाने... Hindi · ग़ज़ल 107 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Aug 2022 · 1 min read मनराज जन्मदिवस ** मनराज - जन्मदिवस ** ********************** मनराज बड़ा ही दिलदार है, कुदरत का प्यारा उपहार है। महके घर की क्यारी-क्यारी, ख़ुश्बू जिसकी लगती प्यारी, सुन्दर उपवन घर संसार है। बहुत... Hindi · गीत 95 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Aug 2022 · 1 min read मज़ा आता सुनाने में **मज़ा आता सुनाने में** *** 1222 - 1222 *** बहुत है गम ज़माने में, लगें हैं हम निशाने में। करो दिल खोलकर बातें, रखा ना कुछ बहाने में। सदा बांटों... Hindi · ग़ज़ल 1 1 147 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Aug 2022 · 1 min read ज़रा वो बात सुनो *** ज़रा वो बात सुनो *** ********************** जरा ध्यान से वो बात सुनो, हुआ जो मेरे साथ सुनो। जंगली सुनसान राह जटिल, संध्या से हुई प्रभात सुनो। सुंदर परी के... Hindi · गीत 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Aug 2022 · 1 min read आजादी की कीमत तुम क्या जानों आज़ादी की कीमत तुम क्या जानों **************************** आज़ादी की कीमत तुम क्या जानों, शहीदों की शहादत तुम क्या जानों। हँसते - हँसते पल में जान वार दी, निज खुशियाँ देश... Hindi 161 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Aug 2022 · 1 min read गली तेरी बना मेरा नगर होगा **गली तेरी बना मेरा नगर होगा** ************************** **** 1222 1221 1222 **** ख़ुदा का यार मुझ पर कहर होगा, सनम का घोंसला मेरा शहर होगा। अगर देखूँ कहीं भी गैर... Hindi · ग़ज़ल 1 1 124 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Aug 2022 · 1 min read दिल का हाल सुनाऊँ कैसे दिल का हाल सुनाऊँ कैसे ********************* दिल का हाल सुनाऊँ कैसे, अपनों को बहकाऊँ कैसे। मुख पर पल में आ जाते हैं, मन के भाव छुपाऊँ कैसे। जो - जो... Hindi · गीतिका 1 155 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Aug 2022 · 1 min read सात फेरों में हूँ बंध गया सात फेरों में हूँ बंध गया ********************* सात फेरों हूँ बंध गया। एक खूंटे संग हूँ जड़ गया। हुई सदा के लिए हमारी, सुंदरी कन्या वो कुंवारी, घर-आंगन में है... Hindi · गीत 160 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Aug 2022 · 1 min read दोनों हाथ लूटता माल है * दोनों हाथ लूटता माल है * *********************** मेरे देश का बुरा हाल है, दोनों हाथ लूटता माल है। बदली राजनीति के मायने, अब सेवा रही नहीं जाल है। सरकारी... Hindi · ग़ज़ल 77 Share Previous Page 11 Next