अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Apr 2021 · 1 min read जीवन पथ का गीत , आओ गुनगुनाएं चलो जीवन पथ का गीत , आओ गुनगुनाएं चलो जीवन पथ का गीत , आओ गुनगुनाएं चलो किसी रोते हुए को , आओ हंसाएं चलो जीवन पथ का गीत , आओ... Hindi · कविता 2 1 319 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Apr 2021 · 1 min read कभी नहीं चढ़ा, शोहरत का नशा कभी नहीं चढ़ा, शोहरत का नशा कभी नहीं चढ़ा, शोहरत का नशा वो पढ़ते रहे, मैं लिखता रहा चिंतन का समंदर , रोशन होता रहा वो पढ़ते रहे, मैं लिखता... Hindi · कविता 3 1 288 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 4 Apr 2021 · 1 min read तेरी खामोश निगाहें - गीत तेरी खामोश निगाहें - गीत तेरी खामोश निगाहें , करतीं हैं बयाँ तुझे, मुझसे मुहब्बत हो गयी तेरे चहरे का ये नूर, करता है बयाँ तुझे, मुझसे मुहब्बत हो गयी... Hindi · गीत 2 275 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read जिए जा रहे हैं हम जिए जा रहे हैं हम कहानियां बनती जिन्दगी के पात्र हो जिए जा रहे हैं हम अपराधपूर्ण जिन्दगी के कथाकार हो जिए जा रहे हैं हम संस्कृति को दिया न... Hindi · कविता 2 1 491 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read प्यार के आईने में प्यार के आईने में प्यार के आईने में जिन्दगी गुजार ले हो सके तो दूसरों की जिन्दगी संवार दे वक़्त कम और काम बहुत हैं हो सके तो तूफ़ान में... Hindi · कविता 1 1 332 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read गीत गीत तेरी बातें मुझको प्यारी लगती हैं तेरी बातें मेरे दिल में यूं उतरती हैं कि मुझे तुझसे प्यार हो गया कि दिल बेकरार हो गया रातो में, अकेले में,... Hindi · गीत 1 418 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read उन वीरों की गाथा गाओ उन वीरों की गाथा गाओ जीवन सफल बनाना है तो उन वीरों की गाथा गाओ मंगल चरण पड़े थे जिनके इस धरा को पुण्य बनाओ जीवन सफल बनाना है तो... Hindi · कविता 1 1 534 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read पाश्चात्य से हमने क्या सीखा पाश्चात्य से हमने क्या सीखा हवा में अजीब सी गंदगी घुल गई है मानव मस्तिस्क पर विपरीत असर कर रही है बात मैं हवा की नहीं कर रहा हूँ मैं... Hindi · कविता 1 1 310 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read कवि कवि मैं कवियों को खेत की मेड़ पर खड़े वृक्षों की संज्ञा देता हूँ जो कि खेत का हिस्सा नहीं होते पर किसान को थकान के बाद विश्राम के लिए... Hindi · कविता 1 1 509 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read मजदूर मजदूर मैं एक मजदूर को कला का देवता मानता हूँ जो समाज के ठेकेदारों की रोजी – रोटी का आधार होता है उनकी विलासिता का विस्तार होता है इतिहास का... Hindi · कविता 1 2 255 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read संकल्प संकल्प संकल्प की डगर हो सके तो पकड़ रास्ते कठिन हों फिर भी मंजिल मिल जायेगी संकल्प एक विचार है सच्चाई की राह का चल सके तो तू चल तेरी... Hindi · कविता 1 1 353 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read दीप दीप दीप बनो तुम दीप बनो तुम चहुँ ओर उजियारा करो तुम दीप तले अंधियारा न देखो उजियारे का संकल्प बनो तुम चीर अँधेरा कर उजियारा जीवन का संघर्ष बनो... Hindi · कविता 1 1 609 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read मैं क्या बनूँ माँ ? मैं क्या बनूँ माँ ? बच्चे ने मासूमियत भरे अंदाज़ मे माँ से बोला मैं क्या बनूँ ? माँ ने सरल भाव से कहा सबसे पहले तू आदमी बन माँ... Hindi · कविता 1 1 274 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 2 min read रंग रंग रंग ढूँढता हूँ मैं जिंदगी मे सबकी कुछ है काले तो कुछ हैं पीले जो पीला हो तो शुभ का प्रतीक होता है ये पीला रंग जीवन चरण मे... Hindi · कविता 1 1 283 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read हंसना भूल गया है मानव हंसना भूल गया है मानव हंसना भूल गया है मानव इस दुखी संसार मे जिन्द्गी की उलझन मे उलझा डूब रहा बीच मझधार मे हंसना भूल गया है मानव सामाजिकता... Hindi · कविता 1 1 281 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read रेत पर घर रेत पर घर रेत पर घर बनाता एक बच्चा घर के बार – बार गिर जाने से परेशान अपने पिता से प्रश्न करता है पिताजी रेत पर बना मकान बार... Hindi · कविता 1 1 381 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read काफिले रुकते नहीं काफिले रुकते नहीं काफिले रुकते नहीं आंधियां चलती रहें चीरकर तूफ़ान को काफिले बढ़ते रहें मंजिलों की चाह मे आये जो भी राह मे पत्थरों की ठोकर से काफिले रुकते... Hindi · कविता 2 3 391 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 31 Mar 2021 · 1 min read पत्नी पर व्यंग्य व्यंग्य मैं अपनी पत्नी ने बोलो तू कितनी शर्मीली है वो लपककर बोली तन्ने पता नी ये तार कितनी कटीली है ################################ मैं अपनी पत्नी ने बोल्यो तू मन्ने कोमल... Hindi · मुक्तक 2 2 605 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read पथिक पथिक पथिक तुम राह भूले कैसे हे पथिक तुम इतने विव्हल क्यों राह तुम्हें सूझती नहीं है क्यों हे पथिक मंजिल है क्या तुम्हारी हे पथिक अनुकरणीय बनो तुम हे... Hindi · कविता 2 1 532 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read अभिलाषा अभिलाषा आकांक्षा , अभिलाषा लगती चारु, मनोहर पूर्ण हो कामना , लालसा हो मंजुल और रुचिर सुरसरि , भागीरथी सी , पावन हो भावनायें नीरज , अरविन्द सी , कोमल... Hindi · कविता 1 1 272 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read शिवा वंदना शिवा वंदना हे जगजननी माँ जगदम्बे हे ब्रम्हाणी हे माँ अम्बे जीवन सार बनो माँ मेरी हे रुद्राणी हे अम्बिका हे वैष्णवी हे चंडिका जीवन उद्धार बनो माँ मेरी हे... Hindi · कविता 1 1 579 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read तेरी यादों के सहारे तेरी यादों के सहारे तेरी यादों के सहारे यूं ही जी रहा हूँ मैं तेरी यादों के सहारे यूं ही पी रहा हूँ मैं कि लोग कहते हैं मुझको तेरी... Hindi · कविता 1 287 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read मैं खुशनसीब हूँ मैं खुशनसीब हूँ मैं खुशनसीब हूँ कि तेरे काम आ गया जहां भागते फिरे हैं सब , तुझसे दूर- दूर मैं खुशनसीब हूँ कि तेरे करीब आ गया मैं खुशनसीब... Hindi · कविता 1 302 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 2 min read आज के सामाजिक परिदृश्य आज के सामाजिक परिदृश्य आज के सामाजिक परिदृश्य ने कुछ अपवाद किये हैं पेश नारी के अपमान ने किया घर – घर मे है क्लेश वस्तु समझा जिसको मानव ने... Hindi · कविता 1 268 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 2 min read सड़कों पर स्टंट सड़कों पर स्टंट सड़कों पर स्टंट आज की पीढ़ी का चार्म है लगता सड़कों पर कभी भी जाम है डर के बाद जीत ये स्लोगन लगता तो अच्छा है पर... Hindi · कविता 1 285 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read स्वप्न मेरे स्वप्न मेरे स्वप्न मेरे सच बनो तुम स्वप्न मेरे कब खिलोगे स्वप्न मेरे पूर्ण होकर स्वप्न की रागिनी बता दो स्वप्न मेरे सच होंगे कब स्वप्न मेरा पूर्ण कान्ति स्वप्न... Hindi · मुक्तक 2 1 288 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read आज के समय परिवर्तन आज के समय परिवर्तन आज के समय परिवर्तन को देखो बदलते मिजाज़ के इस चमन को देखो किशोर जवानी की देहलीज पर अपने आपको वृद्ध महसूस कर रहे हैं इंसान... Hindi · कविता 1 1 244 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read भारत- ऐ मेरे वतन भारत- ऐ मेरे वतन भारत ऐ मेरे वतन करूँ तुझको मैं नमन अनेकता मे एकता यही तेरी विशेषता खूबसूरती तेरी काश्मीर श्रृंगार तेरा पंजाब पलते तेरे आँचल मे तरह –... Hindi · कविता 1 1 492 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read हे भारत भारती हे भारत भारती पूज्य माँ तेरे चरण करते तुमको हम नमन तेरे आँचल की छाँव मे पला मेरा बचपन पूज्य माँ तेरे चरण करते तुमको हम नमन विस्तृत तेरा आँचल... Hindi · कविता 1 538 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 2 min read काश ये सब काश ये सब नदी झरनों का कल- कल करता मधुर संगीत मंद मंद बहती पवन नीले – नीले आसमां से परिपूर्ण जीवन दूर पर्वतों की तलहटी का शांत जीवन कहीं... Hindi · कविता 1 270 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read मेरे पिया मेरे पिया मेरे पिया तेरी इनायत हो तेरा करम तेरी इनायत हो जियूं तो लेकर सहारा तेरे नाम का हर सांस पर हो एतबार तेरा मेरे पिया तेरी इनायत हो... Hindi · कविता 1 1 292 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read कैसा ये समाज है ! कैसा ये समाज है ! कैसा ये समाज है मानवता तार – तार है बिखर रहे आँखों के मोती हर आँचल भी बेजार है कि पल रही कुरीतियाँ ये काम... Hindi · कविता 1 1 281 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read जीवन को तुम संजोये रखना जीवन को तुम संजोये रखना जीवन को तुम संजोये रखना जीवन को अपने तुम न खोना समय को बना आदर्श की पूँजी निर्विघ्न तुम बढते ही जाना खिलना धरा पर... Hindi · कविता 1 1 270 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 1 min read मेरी वीणा का आधार हो जाओ मेरी वीणा का आधार हो जाओ मेरी वीणा का आधार हो जाओ हे वीणाधारिणी मातु शारदे मेरे ज्ञान का विस्तार हो जाओ हे ज्ञानदायिनी मातु शारदे कविता मेरी तुमसे जीवन... Hindi · कविता 2 2 235 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 2 min read जन्मदिन की मंगल कामनायें जन्मदिन की मंगल कामनायें जन्मदिन की मंगल कामनायें इस दिन की आपको शुभकामनायें दे रहे हैं सब दुआयें आज तुमको आप जीवन में सदा ही मुस्करायें जन्मदिन की मंगल कामनायें... Hindi · कविता 1 376 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 Mar 2021 · 2 min read कचरा ! कचरा ! कचरा ! कचरा ! कचरा ! कचरा ! कचरा ! कचरा !कचरा ! चारों ओर कचरा यहाँ और वहाँ जहां और तहां फैला है केवल कचरा कचरा कचरा धरती में , पानी... Hindi · कविता 1 1 281 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 1 min read क्षणिकाएं 1. युवा पीढ़ी , सही हाथों में नहीं है तभी तो दंगे, लूट, बलात्कार करने लगे हैं लोग 2. अपने दिल का गम, सुना गया कोई खुद हँसकर, मुझे रुला... Hindi · मुक्तक 1 2 379 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 1 min read क्षणिकाएं 1. फूलों की खुशबू से , खिलता है सबका जीवन फिर भी साखों से फूल, क्यों तोड़ते हैं लोग 2. काम की कुंठा ने , लोगों को किया है पथभ्रष्ट... Hindi · मुक्तक 3 2 491 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 1 min read क्षणिकाएं 1. चारों ओर अपराध, पनपने लगे हैं घर के दरवाजे बंद कर , सोने लगे हैं लोग 2. ये जिन्दगी खुदा की , अनमोल नियामत है फिर भी अपनी जिन्दगी... Hindi · मुक्तक 3 2 399 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 2 min read जीने की कला जीने की कला जीने की कला मानव संस्कार अर्जन की प्रथम सीढ़ी जब बचपन अपने चरम पर हो अठखेलियाँ करता बचपन रूठने – मनाने की कला में निपुण बचपन इस... Hindi · कविता 1 1 517 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 1 min read हे युवा तुम अब तो जागो हे युवा तुम अब तो जागो हे युवा तुम अब तो जागो हे शक्तिपुंज अब तो जागो नवयुग का अब तो सृजन करो मनुष्यता का अब तो गठन करो करो... Hindi · कविता 1 315 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 1 min read नववर्ष मंगलमय हो नववर्ष मंगलमय हो नववर्ष मंगलमय हो हो कामना हमारी आती रहें बहारें ये चाह हो हमारी धरा पर खिलें पुष्प खिली रहे यह फुलवारी नववर्ष मंगलमय हो हो कामना हमारी... Hindi · कविता 1 667 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 2 min read चारों ओर धुंआ – धुंआ सा है चारों ओर धुंआ – धुंआ सा है चारों ओर धुंआ – दुआं सा है चारों ओर नशा – नशा सा है अनैतिक आचरण से प्रदूषित होता समाज आज भयावहता फैला... Hindi · कविता 2 1 234 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 2 min read प्रकृति की गोद में प्रकृति की गोद में प्रकृति की गोद में अपने आपको पाने के कई सुअवसर मेरे जीवन में आये बच्चों के साथ साइकिल पर चलते हुए मार्ग के दोनों ओर के... Hindi · कविता 2 1 823 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Mar 2021 · 2 min read वीरों की वीरता पर वीरों की वीरता पर वीरों की वीरता पर नाज़ है मुझे उनके समर्पण , त्याग का बलिदान का , राष्ट्रप्रेम का ऋणी है स्वतन्त्र भारत सदियाँ हमेशा से वीरों की... Hindi · कविता 1 300 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Mar 2021 · 1 min read तेरी कायनात तेरी कायनात जहां में तेरी कायनात के नज़ारे हज़ार हैं कुछ मुझसे दूर कुछ मेरे आसपास हैं उस आसमां में भी तेरे करतब हज़ार हैं करिश्मा तेरे दीदार इस धरा... Hindi · कविता 1 248 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Mar 2021 · 1 min read छटा तेरी निराली मेरे भारत छटा तेरी निराली मेरे भारत छटा तेरी निराली तू लाजबाब है गरिमा तेरी निराली तू दुनिया का ताज है कहते हैं तुझको भारत तू बेमिसाल है नदियों का देश है... Hindi · कविता 3 4 281 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Mar 2021 · 1 min read अभिशप्त समाज अभिशप्त समाज अभिशप्त समाज में रहने का गम है मुझको बिखरते समाज में रहने का गम है मुझको जी रहे कुछ तनहा – तनहा कर रहे कुछ पीछा जीवन का... Hindi · कविता 2 1 275 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Mar 2021 · 1 min read पैमाने पैमाने पैमाने पर पैमाने ख़त्म किये जा रहा है तू दूसरों को गम के आंसू रुला रहा है तू तू सोचता है कि पीने के बाद , ग़मों को भूल... Hindi · कविता 2 1 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Mar 2021 · 1 min read आज का मानव आज का मानव आज का मानव चिंताओं से घिर गया है आज का मानव समस्याओं से घिर गया है घर से बाहर निकलना लोगों का दूभर हो गया है प्रशासन... Hindi · कविता 2 2 289 Share Previous Page 13 Next