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चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
Sakshi Singh
आज का मुक्तक
आज का मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
जो जैसे होते हैं
जो जैसे होते हैं
Sonam Puneet Dubey
रिश्ते
रिश्ते
Shashi Mahajan
मुक्ममल हो नहीं पाईं
मुक्ममल हो नहीं पाईं
Dr fauzia Naseem shad
जैसे आप अपने मोबाइल फ़ोन में अनुपयोगी सामग्रियों को समय-समय
जैसे आप अपने मोबाइल फ़ोन में अनुपयोगी सामग्रियों को समय-समय
Anand Kumar
सच्चा शूरवीर
सच्चा शूरवीर
Sunny kumar kabira
*ईमानदार सच्चा सेवक, जनसेवा कर पछताता है (राधेश्यामी छंद)*
*ईमानदार सच्चा सेवक, जनसेवा कर पछताता है (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
..
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*प्रणय प्रभात*
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
RAMESH SHARMA
मूर्दों का देश
मूर्दों का देश
Shekhar Chandra Mitra
*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
बुंदेली दोहा-मटिया चूले
बुंदेली दोहा-मटिया चूले
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
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*प्रणय प्रभात*
सब्र या धैर्य,
सब्र या धैर्य,
नेताम आर सी
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
तलवारें निकली है तो फिर चल जाने दो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
तुम धूप में होंगी , मैं छाव बनूंगा !
The_dk_poetry
भीरू नही,वीर हूं।
भीरू नही,वीर हूं।
Sunny kumar kabira
हमारा सुकून:अपना गाँव
हमारा सुकून:अपना गाँव
Sunny kumar kabira
आपने जो इतने जख्म दिए हमको,
आपने जो इतने जख्म दिए हमको,
Jyoti Roshni
★किसान ए हिंदुस्तान★
★किसान ए हिंदुस्तान★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
योग्यताएं
योग्यताएं
उमेश बैरवा
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
Kavita Chouhan
पिता
पिता
GOVIND UIKEY
कुंडलिया
कुंडलिया
आर.एस. 'प्रीतम'
छम-छम वर्षा
छम-छम वर्षा
surenderpal vaidya
बन गई हो एक नगमा।
बन गई हो एक नगमा।
Kumar Kalhans
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
वक्त के संग हो बदलाव जरूरी तो नहीं।
Kumar Kalhans
मां।
मां।
Kumar Kalhans
मैं अंतिम स्नान में मेरे।
मैं अंतिम स्नान में मेरे।
Kumar Kalhans
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
Kumar Kalhans
दो जूते।
दो जूते।
Kumar Kalhans
स्काई लैब
स्काई लैब
Kumar Kalhans
"समय बहुत बलवान होता है"
Ajit Kumar "Karn"
*विश्वकप की जीत - भावनाओं की जीत*
*विश्वकप की जीत - भावनाओं की जीत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दोहा पंचक. . . . सावन
दोहा पंचक. . . . सावन
sushil sarna
नसीहत वो सत्य है, जिसे
नसीहत वो सत्य है, जिसे
Ranjeet kumar patre
"दिल की तस्वीर अब पसंद नहीं।
*प्रणय प्रभात*
क्यों नहीं लोग.....
क्यों नहीं लोग.....
Ajit Kumar "Karn"
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
Surinder blackpen
नई खिड़की
नई खिड़की
Saraswati Bajpai
प्रेम पत्र
प्रेम पत्र
Surinder blackpen
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*प्रणय प्रभात*
अच्छे
अच्छे
Santosh Shrivastava
नशा रहता है इस दर्द का।
नशा रहता है इस दर्द का।
Manisha Manjari
अंधेरे में
अंधेरे में
Santosh Shrivastava
गुमनाम
गुमनाम
Santosh Shrivastava
मेरे दोहे
मेरे दोहे
Rambali Mishra
Never worry about what you can’t control.
Never worry about what you can’t control.
पूर्वार्थ
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
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