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मन में उठे अरमानों को संजोएं !
Ajit Kumar "Karn"
सत्य का साथ कभी ना छोड़ें !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( तेरे दिल का राज़ )
Ajit Kumar "Karn"
विचारों में भिन्नता हो सकती है !
Ajit Kumar "Karn"
"वो मुलाक़ात थी बिल्कुल ही नई"
Ajit Kumar "Karn"
"शेर"- ( तुम मुझे छोड़कर.... )
Ajit Kumar "Karn"
"शेर"- ( तेरी तक़दीर अब.... )
Ajit Kumar "Karn"
ये आसमां ही झुक गया !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( अरमां जग रही.... )
Ajit Kumar "Karn"
"तेरे हाथ का भोजन"
Ajit Kumar "Karn"
तू कितना बदनाम निकला !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( आईना सच्ची तस्वीर.... )
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( देश तेज़ रफ़्तार से.... )
Ajit Kumar "Karn"
ये ज़िंदगी इक कड़ा इम्तिहान है !
Ajit Kumar "Karn"
ज़िंदगी यूॅं ही चलती जाती है !
Ajit Kumar "Karn"
अब मुझे जाने दो !
Ajit Kumar "Karn"
क्या कुछ आगे भी प्रयास किया जाये....
Ajit Kumar "Karn"
हम ग़लत को बर्दाश्त नहीं करते हैं !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"-- कितनी भोली प्यारी है....
Ajit Kumar "Karn"
वो तो सच में ही है एक फूल
Ajit Kumar "Karn"
पाठकों की कब क्या हो पसंद....
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"-- ( छात्र-जीवन )
Ajit Kumar "Karn"
कौन सही, कौन ग़लत !
Ajit Kumar "Karn"
कहाॅं गई बाज़ार की वो चमक धमक !
Ajit Kumar "Karn"
अपनों के करीब आ जाओ न !
Ajit Kumar "Karn"
कितना गुरूर है तेरे अबोध भक्तों को !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"-- एक ऐसा वक्त तो आएगा !
Ajit Kumar "Karn"
फ़र्क कथनी और करनी में
Ajit Kumar "Karn"
जंगल का दृश्य ही अलग था !
Ajit Kumar "Karn"
विषय कुछ ख़ास हो !
Ajit Kumar "Karn"
कैसे बताऊं पिता की मजबूरियाॅं
Ajit Kumar "Karn"
काश, जीवन का वो रहस्य....
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"-- चाॅंद पे जाऊॅंगा....
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"-- जीवन का संगीत....
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"-- ऐसी तेरी ज़िद है....
Ajit Kumar "Karn"
किसी से छुपी नहीं....
Ajit Kumar "Karn"
हमसे ना होगा !
Ajit Kumar "Karn"
दादा और नाना का दीवाना !
Ajit Kumar "Karn"
पहले इजाज़त तो मिले !
Ajit Kumar "Karn"
मन का "महल"
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- नमन इस अवनि को !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- योग, प्राणायाम....
Ajit Kumar "Karn"
पिता की यादें....
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- मैंने जो पूछा....
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- बचपन की याद....
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- अरमां संग ले गई !
Ajit Kumar "Karn"
जो गलतियाॅं हुईं सो हुई !
Ajit Kumar "Karn"
हाई स्कूल था मेरा गंगा किनारे !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( अल्हड़ बचपन )
Ajit Kumar "Karn"